डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है

संकल्प सवेरा,सूरत: दुबई की प्राइवेट ऑफिस के माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने के लिए विश्व के सबसे पहले ब्लॉकचेन आधारित डिसेंट्रलाइज डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो टैक्स (CTEX) टोकन के साथ पार्टनरशिप की।
CTEX उभरते बाजारो का लाभ उठाने के लिए विश्व की अन्य तको के लिए माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम द्वारा स्थापित की गई प्राइवेट ऑफिस से निवेश प्रतिबद्धता हासिल की है। उन्नत क्रिप्टोग्राफिक तकनीक का उपयोग करते हुए क्रिप्टो टैक्स ने एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया है जहां खरीदार और विक्रेता शांति से लेनदेन कर सकते हैं। डिजिटल आर्बिट्रेज सिस्टम की संभावनाओं के अलावा एसेट प्लेटफार्म सबसे तेज और सबसे अनुकूलनीय प्लेटफार्म में से एक है। तमाम कंपनी के कर्मचारियों की व्यक्तिगत और व्यवसाय सेट को एक ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में एकीकृत करना अंतिम लक्ष्य है। या कंपनी को अधिक पारदर्शक कार्य सक्षम और विश्वास पात्र बनाते हैं।CRYPTO TEX उपयोगकर्ता उन्मुख, सुरक्षित और कुशल ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टो समाधान प्रदान करता है।
क्रिप्टो टैक्स ने ब्लॉकचेन CTEX CFAN लॉन्च किया है। जो डिसेंट्रलाइज्ड और सेंट्रलाइज्ड (विकेंद्रीकृत और केंद्रीकृत) समाधानों के बीच अंतर संबंध को धीरे-धीरे लागू करके आर्थिक और तकनीकी चिंताओं को संबोधित करता है। CTEX स्कैन समाधान लागत प्रभावी और समझने में आसान हैं। सरल और उन जोखिमों से बचते हुए डिजिटल संपत्ति के मालिकों के एक बड़े और विस्तारित पुल के लक्ष्य निष्क्रिय लाभ को पूरा करने में सक्षम। आर्थिक या तकनीकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हर कोई डिजिटल परिसंपत्ति बाजारों की भावी पीढ़ी में भाग ले सकता है।
सीटेक्स स्कैन इनोवेशन सबसे सुरक्षित स्केलेबल और लागत प्रभावी ब्लॉकचेन और क्रिप्टो परियोजनाओं का उपयोग करके एक अद्वितीय इकोसिस्टम के निर्माण से प्राप्त होता है।CTEX स्कैन एक ब्लॉकचेन है जो लेनदेन की गति और सुरक्षा साथ ही महत्वपूर्ण मापनीयता प्रदान करके ब्लॉकचेन पहेली को हल कर सकता है।
अधिक जानकारी के लिए :
आप www.ctextoken.io पर हमसे मिल सकते हैं या हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं
deepwifi
क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी? क्यों माना जाता है इस सुरक्षित?कैसे काम करती है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी?ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है हिंदी?
ब्लॉकचैन का उपयोग किस लिए किया जाता है? कैसे काम करती है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी? आइए जानते हैं
भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी ने अपने डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है बजट भाषण में देश में डिजिटल करेंसी लाने की बात कही है. आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की यह डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी.भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इससे डिजिटल इकॉनमी पर काफी बल पड़ेगा.अब जब देश के बड़े बड़े नेता ब्लॉकचेन की बात कर रहे हैं तो अब जानते है कि क्या है ब्लॉक्चेन टेक्नोलॉजी?
क्या है ब्लॉकचेन?
सिर्फ डिजिटल करेंसी ही नहीं बल्कि किसी और अन्य करेंसी को भी डिजिटल कर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वो हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है और सभी कंप्यूटर पर दिखाई देता है जो चेन से जुड़े हुए हैं. यानी कि आपका कोई भी ट्रांजैक्शन जो ब्लॉकचेन पर होता है, तो उसका रिकॉर्ड हमेशा के लिए कंप्यूटर पर दर्ज हो जाता है.यही कारण है कि इसे डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी कहा गया.
आसानी से इसे ऐसे समझा जा सकता है -
हिसाब किताब रखने वाली बही खाता की बुक तो आपने देखी ही होगी जिसमें सब हिसाब नोट होता है, तो इसे एक वाक्य में कहे तो इस तरह से कहेंगे कि ब्लॉकचेन भी एक डिजिटल सार्वजनिक बही खाता है और इसी डिजिटल बही खाते के जरिए ही क्रिप्टो करेंसी का संचालन होता है. सभी प्रकार लेनदेन को एक सार्वजनिक बही खाते में रिकॉर्ड तथा आवंटित किया जाता है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कभी बदला नहीं जा सकता अगर इसमें कोई लेनदेन सेव हो गया तो उसमे अब बदलाव नहीं होगा और न ही मिटेगा.
क्यों हैकिंग नहीं हो सकती ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में?
हैकिंग नहीं की जा सकती है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में क्योंकि ये डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी पर आधारित है. ये इतना सिक्योर है कि इसकी खासियत की वजह से एक विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे-बैंक आदि की जरूरत नहीं होती है उस समय पर जिस समय क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन किया जाता है. आने वाले समय में भारत में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आ सकती है क्योंकि भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीताराम ने कहा है कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका फायदा वित्तीय क्षेत्र में आने वाले कुछ सालो में देखने को मिल सकता है. इससे वित्तीय पारदर्शिता तो बढ़ती है और लेन-देन में होने वाली वाले धोखे से भी छुटकारा मिलेगा.
क्यों ‘ब्लॉकचेन’ टेक्नोलॉजी को माना जाता है सुरक्षित?
क्यू माना जाता है इस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को इतना सुरक्षित क्योंकि ये डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी पर आधारित है.यही कारण है कि इसमें हैकिंग मुमकिन नहीं है,सभी प्रकार लेनदेन को एक सार्वजनिक बही खाते में रिकॉर्ड तथा आवंटित किया जाता है. Blockchain technology की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कभी बदला नहीं जा सकता अगर इसमें कोई लेनदेन सेव हो गया तो डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है उसमे अब बदलाव नहीं होगा और न ही मिटेगा.भारत की वित्तमंत्री निर्मला सीताराम ने कहा है कि ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी है जिसका फायदा वित्तीय क्षेत्र में आने वाले कुछ सालो में देखने को मिल सकता है. इससे वित्तीय पारदर्शिता तो बढ़ती है और लेन-देन में होने वाली वाले धोखे से भी छुटकारा मिलेगा.
•जन हित में जारी - हमारा उद्देश्य आपको क्रिप्टो के बारे में जानकारी देने का था। हम किसी भी प्रकार से इस में निवेश करने के लिए बाध्य नहीं करते है अगर आप क्रिप्टो में निवेश करते है तो आप की जिम्मेदारी होगी. निवेश से पहले रिसर्च जरूर करें.
उम्मीद 2021 - तकनीक-विज्ञान से आगे बढ़ेगा डिजिटल ईन्सानी युग
बीते दो दशकों में टेक्नोलॉजी ने अभूतपूर्व उन्नति की है। 40 साल पहले मोबाइल नेटवर्क का विचार आया था और आज हम 5जी नेटवर्किंग से जुडऩे जा रहे हैं। 2017 में चीन के वैज्ञानिकों ने फोटॉन कण को अंतरिक्ष में टेलीपोर्ट कर टेलीपोर्टेशन (डिजिटल यात्रा) को भी सच कर दिखाया है। यानी हम आज तकनीक के उस युग में जी रहे हैं, जहां विज्ञान से जुड़ा हर सपना सच हो सकता है। नए दशक में तकनीक की उंगली थामकर हम नए आयाम हासिल करेंगे। आइए नजर डालते हैं, भविष्य की ऐसे ही खास इनोवेशंस पर.
बढ़ रही 'मांग' कि. तय हो नैतिक जवाबदेही -
टेक्नोलॉजी के सही उपयोग को लेकर वैज्ञानिकों की ओर से हमेशा मांग उठती रही है। बिना नैतिक जिम्मेदारी के तकनीक विनाशकारी हो सकती है। यही वजह है कि बुद्धिमान मशीनों के उदय, बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के साथ ही इन पर नियंत्रण बनाए रखना भी जरूरी है। इन तीन प्रयासों से समझिए वर्तमान में क्या कदम उठा रहे हैं।
एथिकल एआइ- डेटा चोरी और डीप वेब के दौर में एथिकल एआइ की मांग तेजी से बढ़ी है। अब उन्हीं कंपनियों को प्रमुखता मिल रही है जो नैतिक मूल्यों को तकनीक से जोड़ रहे हैं।
प्लास्टिक रिसाइकलिंग-
2021 प्लास्टिक कचरे के रिसाइकलिंग के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। यूरोपियन काउंसिल और २५० बड़े संगठनों ने २०२५ तक 50 फीसदी और 2030 तक 55 फीसदी प्लास्टिक रिसाइकल का लक्ष्य रखा है।
साइबर सुरक्षा- इस दशक की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। यही वजह है कि 2026 तक साइबर सिक्योरिटी का बाजार 270 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
2021 नेटवर्क सर्विस प्रदाता टेलीकॉम कंपनियां नए साल से दुनियाभर में 5जी नेटवर्क की शुरुआत करेंगी। 50 ऑपरेटर्स, 30 से ज्यादा देशों में साल के आखिर तक सेवाएं दे रहे होंगे। वहीं 60 फीसदी स्मार्टफोन 5जी होंगे, जो 2024 तक बढ़कर 85 फीसदी हो जाएंगे।
बदलाव: ब्लॉकचेन स्मार्टफोन का आया दौर -
नए जमाने का बहीखाता है ब्लॉकचेन, एक ऐसा डिजिटल हिसाब-किताब जो इकोनॉमिक डेटा को रिकॉर्ड करता है।
क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों के लिए अब ब्लॉकचेन स्मार्टफोन भी उपलब्ध हैं। यह 'हार्डवेयर वॉलेट' के साथ आता है जो क्रिप्टोकरेंसी धारकों के लिए एक ऑफलाइन डिजिटल तिजोरी के रूप में काम करता है।
यह निजी जानकारी के अलावा क्रिप्टोकरेंसी कोड्स की सुरक्षा करता है। ब्लॉकचेन डिवाइस में डिसेंट्रलाइज्ड ऐप (डीऐप) और प्लेटफॉर्म पहले से इंस्टॉल होते हैं।
बुढ़ापे को हराने से बस एक कदम दूर वैज्ञानिक - कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने शरीर के बूढ़ा होने की प्रक्रिया को धीमा करने की विधि विकसित की है। शोधकर्ताओं ने उन जीन कोशिकाओं की पहचान कर ली है, जो उम्र बढ़ाती हैं। इनकी गति को धीमा कर देने से उम्र बढऩे की गति को भी कम किया जा सकेगा। नए दशक में यह संभव हो सकता है।
'आनंद' उपग्रह स्टार्टअप के लिए खुले अंतरिक्ष द्वार -
भारतीय अंतरिक्ष एंजेसी इसरो 'इन-स्पेस' इनिशिएटिव के तहत 2020 में पहली बार किसी स्वदेशी स्टार्टअप (बैंगलूरु की पिक्सल कंपनी) द्वारा बनाए पहले सैटेलाइट 'आनंद' को पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च करेगा। इसरो, दिसंबर 2021-2022 तक स्वदेशी अंतरिक्ष यान 'गगनयान' से अपना पहला मानव मिशन भी भेजेगा।
चिप पर लैब खतरनाक वायरस की होगी पहचान -
जीन एडिटिंग तकनीक का उपयोग ऐसी चिप बनाने के लिए भी किया जा रहा है जिसे भविष्य में कोरोनो जैसे खतरनाक वायरस से संक्रमित लोगों को पहचानने में मदद मिलेगी। यह चिप अपने आप में एक लैब जितनी सक्षम होगी। यह सामान्य लक्षणों के न दिखाई देने पर भी संक्रमण की पुष्टि कर सकेगी।
लिविंग पॉड्स चलता-फिरता घर व ऑफिस-
साल 2030 तक अंडेनुमा कोकून जैसे वॉकिंग और लिविंग पॉड्स का दौर शुरू हो जाएगा। 2025 तक दुनिया में करीब 75 अरब आइओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरण घरों व पॉड्स में होंगे। कार्बन फुटप्रिंट भी घटेगा।
‘डाओ’ एप बनाकर मधुबनी के सुंदरम झा ने जीता 12 लाख का पुरस्कार
सुंदरम की हमेशा से तकनीक की और रुचि रही है। 12 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने कोडिंग सीखना शुरू कर दिया। सबकुछ खुद से ऑनलाइन सीखा। धीरे-धीरे उनका रुझान स्टार्टअप्स एवं बिजनेस की और काफी बढ़ गया।
मधुबनी के बेनीपट्टी प्रखंड के ढंगा पश्चिमी निवासी सुंदरम झा ने ‘डाओ’ (डिसेंट्रलाइज्ड ऑटोनोमस आर्गेनाइजेशन) एप्लीकेशन बनाकर 15 हजार डॉलर (12 लाख रुपए) का प्रथम पुरस्कार जीता है। पुरस्कार वेब थ्री कंपनी पॉलीगन की ओर से दिया जाएगा। पॉलीगन हर वर्ष नवाचार के लिए पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करता है। यह एप्लीकेशन हैकथॉन की क्रिप्टोकरेंसी के लिए तैयार किया गया है। 13 सितंबर को पुरस्कार की घोषणा हुई। इसमें विजेता के अलावा रनर अप प्रथम एवं रनर अप दूसरे को भी क्रमश: 12 हजार एवं 8 हजार डॉलर बतौर पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
प्रतियोगिता में 117 देशों के करीब 65 सौ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। प्रतियोगिता पांच जून से 21 अगस्त तक चली। इसमें प्रतिभागियों ने एप बनाकर सौंपा। सुंदरम ने इस वर्ष 12वीं की परीक्षा पास की है। सुंदरम बताते हैं कि उन्होंने सोशल मीडिया से बिल्डइट हैकथॉन डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है के 2022 संस्करण के बारे में जाना। उन्होंने इसी हैकाथॉन के 2021 संस्करण में एनएफटी-टिकटिंग प्लेटफॉर्म के लिए कम्युनिटी पुरस्कार जीता था। इस साल सुंदरम ने डिजाइनथॉन श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीता है। ऋतु एवं रमन जी झा के पुत्र सुंदरम के दादा महारुद्र झा रक्षा लेखा नियंत्रक कार्यालय, पटना में ऑडिटर थे।
सुंदरम की हमेशा से तकनीक की और रुचि रही है। 12 वर्ष की उम्र से ही उन्होंने कोडिंग सीखना शुरू कर दिया। सबकुछ खुद से ऑनलाइन सीखा। धीरे-धीरे उनका रुझान स्टार्टअप्स एवं बिजनेस की और काफी बढ़ गया। उन्हें 2020 में वेब-3 के बारे में पता चला। इस टेक्नोलॉजी और सिद्धांतों से काफी प्रभावित हुए। वेब-3 को वर्ल्ड-वाइड-वेब का तीसरा संस्करण और इंटरनेट की नयी पीढ़ी कहा जाता है। यह तकनीक उपयोगकर्ता को अत्यधिक गोपनीयता प्रदान करती है।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? | What Is Bitcoin In Hindi
दोस्तों आज का समय इंटरनेट का समय है। हम अपने हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े काम जो इंटरनेट के माध्यम से हो सकता है उसे करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। पैसों का लेनदेन हमारे जीवन में हमेशा से ही होता है, हमें कुछ खरीदने के लिए पैसा देना होता है एवं हमसे कुछ खरीदे जाने पर हमें पैसा मिलता है। डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है दोस्तों पैसों के रूप में हम दुनिया भर के विभिन्न देशों में उपयोग होने वाले मुद्राएं जैसे रुपया, डॉलर, पाउंड, आदि को जानते हैं। हम मुद्राओं का लेन देन इन्हीं के रूप में करते हैं।
आज के ऐसे इंटरनेट के समय में हम ऑनलाइन खरीदी, ऑनलाइन पेमेंट, आदि जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के मुद्राओं का लेनदेन करने के लिए हमें Bank जैसी संस्थाओं के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। परंतु आज के समय में इसका एक दूसरा विकल्प भी है जिसमें नाम आता है क्रिप्टोकरंसी (crypoto currency) का।
आसान नाम में इसे डिजिटल करेंसी (digital currency) या वर्चुअल करेंसी (virtual currency) भी कहा जाता है। और डिजिटल या वर्चुअल करेंसी में सबसे लोकप्रिय नाम है बिटकॉइन (Bitcoin)।
दोस्तों हर वह शख्स जो टेक्नोलॉजी रुचि रखता है एवं इंटरनेट से जुड़ा है उसने बिटकॉइन का नाम जरूर सुना होगा। अगर आप से कहा जाए कि अगर आपने आज से 10 साल पहले ₹10000 कहीं इन्वेस्ट किए होते और आज वही 10000, करोड़ों बन जाते हैं तो शायद आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे लेकिन बिटकॉइन से यह संभव हुआ है। आज के समय में बिटकॉइन बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। बहुत से लोगों को यह जानने इच्छा होती है कि बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करता है? आदि।
दोस्तों आज इस लेख में हम मुख्यत: इसी से संबंधित सवालों पर चर्चा करेंगे।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है? (Bitcoin kya hai)
दोस्तों अगर सीधे-सीधे कहें की बिटकॉइन क्या है तो Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इसका मतलब है की अन्य मुद्राओं की तरह आप इसे छू या पकड़ नहीं सकते यह मुद्रा केवल इंटरनेट पर ही रहती है एवं वही से इसे प्राप्त व इसका भुगतान किया जा सकता है। इंटरनेट की भाषा में इसे क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है।
Bitcoin एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, इसे अंग्रेजी मे इसे डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी (decentrilised currency) कहा जाता है जिसका मतलब है किस मुद्रा का संचालन मुद्राओं की तरह कोई केंद्रीय बैंक या सरकार नहीं कर सकती है। हम जिस दिन मुद्रा का इस्तेमाल किसी प्रकार की खरीद बिक्री के लिए करते हैं उसका संचालन किसी ना किसी बैंक द्वारा किया जाता है मतलब भुगतान करने या पेमेंट लेने के लिए आपको बैंक की आवश्यकता पढ़ती ही पढ़ती है।
परंतु विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर किसी की केंद्रीय बैंक का संचालन नहीं होता, अगर आप कंप्यूटर नेटवर्किंग पर कुछ खरीदने या बेचने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप सीधा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बिना किसी संस्था के बीच में आए भुगतान कर सकते हैं या भुगतान ले सकते हैं।
Bitcoin का इस्तेमाल इंटरनेट पर कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जिस प्रकार इंटरनेट का एक्सेस हर किसी के पास है उसी प्रकार बिटकॉन को भी कोई भी व्यक्ति इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं होता।
बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया?
दोस्त अगर बात करें बिटकॉइन के आविष्कार की तो रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोतो ने वर्ष 2009 में किया था और उस समय 1 बिटकॉइन की जो वैल्यू थी वह आज के समय में काफी ज्यादा बढ़ चुकी है।
भारत में 1 बिटकॉइन का मूल्य कितना है?
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 में एक बिट कॉइन की वैल्यू 0.008 डॉलर्स थी, वही आज के समय में अगर आप गूगल पर जाकर 1 बिटकॉइन की वैल्यू चेक करें तो यह 37476. 60 यूएस dollars है जो की इंडियन रुपीस में 27 लाख 47 हजार 700 रुपए के आसपास की हो जाती है।
विकेंद्रीकृत मुद्रा होने के कारण बिटकॉइन को किसी बैंक में जमा नहीं कराया जा सकता बिटकॉइन को हम सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट (online wallet) में ही रख सकते हैं।
बिटकॉइन कैसे खरीदें?
अगर आप भी बिटकॉइन खरीद कर रखना चाहते हैं तो आप इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं। जेबपे (zebpay), Unocoin, आदि जैसी अन्य और कई ऐसी वेबसाइट पर जाकर आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
इसमें आपको पहले कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं जिनमें आपका वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड आदि एवं बैंक डिटेल्स लिया जाता है। उसके बाद आप अपनी इच्छा अनुसार जितनी भी रुपए जैसे हजार, 10 हज़ार, के बिटकॉइन खरीद सकते हैं एवं उनका इस्तेमाल इंटरनेट पर लेन देन में कर सकते हैं।
अगर बात करें बिटकॉइन कमाने की तो आप पैसे देकर उसके बदले बिटकॉइन खरीद सकते हैं या फिर अगर आपने किसी को कुछ बेचा है तो आप पैसों के बदले उससे बिटकॉइन के रूप में पेमेंट ले लेकर उसे अपने वॉलेट में रख सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे और नुकसान? (Bitcoin ke fayde aur nuksaan)
दोस्तों बिटकॉइन पर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण ना होने के कारण बहुत से लोग इंटरनेट पर लेनदेन के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। परंतु कोई नियंत्रण ना होने के कारण बिटकॉइन में होने वाले फ्रॉड के भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
पेमेंट करने के लिए बिटकॉइन peer to peer नेटवर्क पर काम करता है मतलब लोग एक दूसरे के साथ सीधा सीधा बिना किसी भी बैंक या क्रेडिट कार्ड या किसी भी अन्य कंपनी के ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
बिटकॉइन को अन्य मुद्राओं की तरह ट्रैक नहीं किया जा सकता अर्थात इसका भुगतान कब,कहां,किसको किया गया है इसका पता लगाना संभव नहीं होता इसी कारण ज्यादातर ऐसे लोग जो इन जानकारियों को गुप्त रखना चाहते हैं पेमेंट करने या पेमेंट रिसीव करने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हैं।
बिटकॉइन का ट्रांजैक्शन एक पब्लिक लेजर (ledger) यानी खाते में रिकॉर्ड होकर रहता है जिससे बिटकॉइन ब्लॉकचेन (blockchain) कहते हैं।
इंटरनेट में आज के समय में 21 मिलीयन बिटकॉइन ही है जिनमें से लगभग 25% खो चुके हैं जिसका मतलब है कि यह किसी के पास भी नहीं है। बिटकॉइन को एक्सेस करने के लिए एक पब्लिक की (key) होती है, एवं उस की के खो जाने पर आप उस बिटकॉइन को एक्सेस नहीं कर सकते।
क्या हमें बिटकॉइन खरीदना चाहिए?
Bitcoin की वैल्यू इंटरनेट पर हमेशा एक समान नहीं रहती वह घटती और बढ़ती रहती है। इसलिए अगर आपने कभी कम कीमत पर बिटकॉइन खरीदी और कुछ समय बाद उसकी कीमत बढ़ने पर अगर आपको लगता है कि आपको उस बिटकॉइन को बेचकर बहुत फायदा होगा तो आप उसे उस समय की कीमत के अनुसार बेचकर मुद्राएं ले सकते हैं। बिटकॉइन का लेनदेन आप पूरे दुनिया भर में किसी से भी और कहीं भी कर सकते हैं।
डिसेंट्रलाइज्ड डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की हुई स्थापना
Setting up of a decentralized data management platform
दुबई की इन्वेस्टमेंट ऑफिस के शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम और CTEX ने सबसे पहले ब्लॉक चैन आधारित डिसेंट्रलाइज्ड डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की स्थापना की
क्रिप्टो टैक्स ने विश्व में सबसे पहले ब्लॉकचेन डिसेंट्रलाइज डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म की स्थापना करने के लिए दुबई के शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम के साथ भागीदारी की
विश्व के सबसे पहले डिसेंट्रलाइज्ड डाटा प्लेटफार्म को लांच करने के लिए दुबई के शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम ने CTEX में इन्वेस्टमेंट करने का निश्चय किया
संकल्प सवेरा,सूरत: दुबई की प्राइवेट ऑफिस के माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है प्रोत्साहन देने के लिए विश्व के सबसे पहले ब्लॉकचेन आधारित डिसेंट्रलाइज डाटा मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो टैक्स (CTEX) टोकन के साथ पार्टनरशिप की।
CTEX उभरते बाजारो का लाभ उठाने के लिए विश्व की अन्य तको के लिए माननीय शेख हमदन बिन अहमद अल मकतूम द्वारा स्थापित की गई प्राइवेट ऑफिस से निवेश प्रतिबद्धता हासिल की है। उन्नत क्रिप्टोग्राफिक तकनीक का उपयोग करते हुए क्रिप्टो टैक्स ने एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बनाया है जहां खरीदार और विक्रेता शांति से लेनदेन कर सकते हैं। डिजिटल आर्बिट्रेज सिस्टम की संभावनाओं के अलावा एसेट प्लेटफार्म सबसे तेज और सबसे अनुकूलनीय प्लेटफार्म में से एक है। तमाम कंपनी के कर्मचारियों की व्यक्तिगत और व्यवसाय सेट को एक ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में एकीकृत करना अंतिम लक्ष्य है। या कंपनी को अधिक पारदर्शक कार्य सक्षम और विश्वास पात्र बनाते हैं।CRYPTO TEX उपयोगकर्ता उन्मुख, सुरक्षित और कुशल ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टो समाधान प्रदान करता है।
क्रिप्टो टैक्स ने ब्लॉकचेन CTEX CFAN लॉन्च किया है। जो डिसेंट्रलाइज्ड और सेंट्रलाइज्ड (विकेंद्रीकृत और केंद्रीकृत) समाधानों के बीच अंतर संबंध को धीरे-धीरे लागू करके आर्थिक और तकनीकी चिंताओं को संबोधित करता है। CTEX स्कैन समाधान लागत प्रभावी और समझने में आसान हैं। सरल और उन जोखिमों से बचते हुए डिजिटल संपत्ति के मालिकों के एक बड़े और विस्तारित पुल के लक्ष्य निष्क्रिय लाभ को पूरा करने में सक्षम। आर्थिक या तकनीकी पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हर कोई डिजिटल परिसंपत्ति बाजारों की भावी पीढ़ी में भाग ले सकता है।
सीटेक्स स्कैन इनोवेशन सबसे सुरक्षित स्केलेबल और लागत प्रभावी ब्लॉकचेन और क्रिप्टो परियोजनाओं का उपयोग करके एक अद्वितीय इकोसिस्टम के निर्माण से प्राप्त होता है।CTEX स्कैन एक ब्लॉकचेन है जो लेनदेन की गति और सुरक्षा डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है साथ ही महत्वपूर्ण मापनीयता प्रदान करके ब्लॉकचेन पहेली को हल कर सकता है।
अधिक जानकारी के लिए :
आप www.ctextoken.io पर हमसे मिल सकते हैं या हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं