विदेशी विनिमय बाजार

क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं

क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं

स्वर्ण निवेश: एक सिंहावलोकन

सोनानिवेश या सोना धारण करना कुछ ऐसा है जो सदियों से किया जाता रहा है। पुराने समय में, दुनिया भर में मुद्रा के लिए सोने का इस्तेमाल किया जाता था। इसके अलावा, सोने का निवेश एक ठोस दीर्घकालिक निवेश और किसी के पोर्टफोलियो के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त साबित हुआ है, विशेष रूप से एक भालू मेंमंडी. सदियों से, पारंपरिक तरीका गहने या सिक्कों के रूप में भौतिक सोना खरीदना था। लेकिन समय के साथ, सोने का निवेश कई अन्य रूपों में विकसित हुआ है जैसे कि सोनाम्यूचुअल फंड्स और गोल्ड ईटीएफ।

गोल्ड म्यूचुअल फंड नहीं करते हैंसोना खरीदें सीधे लेकिन सोने के खनन और उत्पादन में लगी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) एक ऐसा उपकरण है जो सोने की कीमत पर आधारित होता है या सोने में निवेश क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं करता हैबुलियन. इसका प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार होता है और गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं।

सोने में निवेश: जानिए कब करें निवेश

सोने में निवेश के लिए सबसे अच्छे हेजेज में से एक माना जाता हैमुद्रास्फीति (संपत्ति भी)। इसलिए जब मुद्रास्फीति बढ़ने की उम्मीद है, तो ब्याज दरों में वृद्धि देखने को मिलेगीअर्थव्यवस्था और यह सोने में निवेश करने का एक अच्छा समय होगा, चाहे भौतिक सोना हो यागोल्ड ईटीएफ. सोने की कीमतों को ट्रॉय औंस (~ 31.103 ग्राम) में मापा जाता है और यह कीमत अमेरिकी डॉलर में दी जाती है।

सोने की भारतीय कीमत प्राप्त करने के लिए, प्रचलित विनिमय दर (यूएसडी-आईएनआर) का उपयोग करने और भारतीय रुपये में कीमत प्राप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए भारत में सोने की कीमत 2 कारकों का एक कार्य है, यानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत और वर्तमान यूएसडी-आईएनआर विनिमय दर। इसलिए जब उम्मीद की जाती है कि अमेरिकी डॉलर रुपये के मुकाबले लाभ उठाएगा तो सोने की कीमत बढ़ जाएगी (मुद्रा के कारण)। इस प्रकार, निवेशक ऐसे बाजार परिदृश्यों के तहत सोने में निवेश करने की योजना बना सकते हैं।

सोना कैसे खरीदें?

निवेशक सोने की छड़ों या सिक्कों के माध्यम से भौतिक सोना खरीद सकते हैं; वे भौतिक सोने (जैसे गोल्ड ईटीएफ) द्वारा समर्थित उत्पादों को खरीद सकते हैं, जो सोने की कीमत के सीधे संपर्क की पेशकश करते हैं। वे सोने से जुड़े अन्य उत्पाद भी खरीद सकते हैं, जिनमें सोने का स्वामित्व शामिल नहीं हो सकता है, लेकिन वे सीधे सोने की कीमत से संबंधित हैं।

साथ ही गोल्ड ईटीएफ के आने से निवेशकों के लिए सोना खरीदना और भी आसान हो गया है। निवेशक गोल्ड ईटीएफ ऑनलाइन खरीद सकते हैं और यूनिट्स को अपने में रख सकते हैंडीमैट खाता. एकइन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंज पर गोल्ड ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने के बदले इकाइयाँ हैं, जो डीमैट रूप या कागज़ के रूप में हो सकते हैं।

सोने से संबंधित विभिन्न निवेश उत्पादों में अलग-अलग जोखिम मीट्रिक, रिटर्न प्रोफाइल औरलिक्विडिटी. इस प्रकार, सोने से संबंधित विकल्पों में निवेश करने से पहले, प्रत्येक निवेश साधन के साथ आने वाले जोखिमों और रिटर्न के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

स्वर्ण निवेश के लाभ

कुछ महत्वपूर्णनिवेश के लाभ एक सोने में हैं:

लिक्विडिटी

स्वर्ण निवेश निवेशकों को आपात स्थिति में या जब उन्हें नकदी की आवश्यकता होती है, इसे व्यापार करने का अवसर प्रदान करता है। चूंकि यह प्रकृति में काफी तरल है, इसलिए यह सुनिश्चित करता है कि इसे बेचना आसान हो। विभिन्न उपकरण तरलता के विभिन्न स्तरों की पेशकश करते हैं, गोल्ड ईटीएफ सभी विकल्पों में सबसे अधिक तरल हो सकता है।

Gold-Investment

मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव

सोना महंगाई के खिलाफ बचाव का काम करता है। महंगाई बढ़ने पर सोने की कीमत बढ़ती है। मुद्रास्फीति के समय में, सोना नकदी की तुलना में अधिक स्थिर निवेश है।

विविधीकरण प्रदान करता है

सोने का निवेश बाजार की अस्थिरता के खिलाफ सुरक्षा जाल के रूप में कार्य कर सकता है। एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोने के निवेश या सोने का इक्विटी या शेयर बाजारों के साथ कम संबंध है। इसलिए जब इक्विटी बाजार में गिरावट होती है, तो आपका सोने का निवेश बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

मूल्यवान संपत्ति

सोना कई वर्षों से समय के साथ अपने मूल्य को बनाए रखने में कामयाब रहा है। इसे बहुत स्थिर रिटर्न के साथ एक स्थिर निवेश के रूप में जाना जाता है। सोने में निवेश करके लंबी अवधि में बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती है लेकिन मध्यम रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है। कुछ छोटी अवधि में उत्कृष्ट रिटर्न भी प्राप्त किया जा सकता है।

भारत बॉन्डः कम रिस्क-अच्छा मुनाफा, स्कीम से जुड़ने क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं को बचे सिर्फ 2 दिन

भारत बॉन्ड ईटीएफ के जरिए आप निवेश कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि इसके लिए सिर्फ 2 दिन का समय बचा है.

1000 रुपये से भी करें निवेश

दीपक कुमार

  • नई दिल्‍ली,
  • 18 दिसंबर 2019,
  • (अपडेटेड 18 दिसंबर 2019, 4:06 PM IST)
  • भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश की डेडलाइन 20 दिसंबर है
  • इसके जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है

हर कोई भविष्‍य सुरक्षित करने के लिए निवेश करता है. कुछ लोग अलग-अलग बैंकों में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के जरिए निवेश करते हैं तो वहीं कुछ लोग म्‍युचुअल फंड्स सेलेक्‍ट करते हैं. लेकिन कहीं रिस्‍क ज्‍यादा है तो कहीं मुनाफा क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं कम है. हालांकि सरकार की ओर से भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) के तौर पर ऐसी भी पहल की गई है जिसमें निवेश कर आप अच्‍छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. अहम बात ये है कि इस स्‍कीम में जुड़ने के लिए सिर्फ दो दिन का समय बचा है. आइए इस स्‍कीम के बारे में विस्‍तार से समझते हैं..

सवाल- आखिर क्‍या है भारत बॉन्ड ईटीएफ?

जवाब- सरकार की ओर से जारी भारत बॉन्ड ईटीएफ निवेश का एक नया विकल्‍प है. इसमें बॉन्‍ड खरीद कर निवेश किया जाता है.

सवाल- क्‍यों जारी हुआ है भारत बॉन्ड ईटीएफ?

आमतौर पर सरकारें राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार बॉन्ड जारी करती हैं. पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) के लिए पैसा जुटाने को सरकार ने निवेशकों के सामने यह विकल्प रखा है. पहले सरकारें सिर्फ बड़े निवेशकों के लिए बॉन्‍ड लॉन्‍च क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं करती थीं लेकिन अब छोटे निवेशक भी जुड़ सकते हैं. इस पहल के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.

सवाल- क्‍या मैं भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता हूं?

अगर आप भारतीय या एनआरआई हैं तो बिल्‍कुल भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं. दरअसल, सरकार ने रिटेल निवेशकों के लिए प्रत्येक बॉन्ड की कीमत 1000 रुपये रखी है. जाहिर सी बात है, 1000 रुपये कीमत होने की वजह से छोटे रिटेल निवेशक भी इसमें पैसा लगा सकेंगे.

सवाल- इस बॉन्‍ड में निवेश का तरीका क्‍या है?

जवाब- भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपका डीमैट अकाउंट जरूरी है. जिन निवेशकों के पास डीमैट नहीं है, वे फंड्स ऑफ फंड्स (FoF) स्कीम के जरिये निवेश कर सकते हैं. फंड ऑफ फंड्स म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीमें हैं जो दूसरी स्कीमों में निवेश करती हैं. उदाहरण से समझें तो पेटीएम मनी का ऐप डाउनलोड कर आप भारत बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. वहीं https://www.bharatbond.in/ लिंक पर आपको फंड्स ऑफ फंड्स और ईटीएफ का ऑप्‍शन मिलेगा. ईटीएफ वही लोग सेलेक्‍ट करें जिनका डीमैट अकाउंट है.

सवाल- कब तक है डेडलाइन ?

जवाब- भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश की डेडलाइन 20 दिसंबर है. हालांकि सरकार की ओर से निवेश के लिए समय-समय पर मौके दिए जा सकते हैं. लेकिन अभी ऐसे कोई संकेत नहीं हैं. ऐसे में अपनी समझदारी से अभी निवेश करना बेहतर है.

सवाल: कितने साल लिए निवेश करना होगा पैसा?

जवाब: कोई भी निवेशक शॉर्ट टर्म में 3 साल और लॉन्‍ग टर्म में 10 साल के लिए निवेश कर सकता है. शॉर्ट टर्म में 6.69 फीसदी जबकि लॉन्‍ग टर्म में 7.58 फीसदी सालाना रिटर्न मिलने का दावा किया जा रहा है.

सवाल- इसमें निवेश के क्‍या फायदे हैं?

इस निवेश का सबसे बड़ा फैक्‍टर रिस्‍क और रिटर्न है. सरकार के मुताबिक इसमें रिस्‍क बेहद कम है तो वहीं रिटर्न फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के मुकाबले कहीं ज्‍यादा है. जहां एक ओर बैंक एफडी से ब्‍याज दर लगातार कम कर रहे हैं वहीं भारत बॉन्ड ईटीएफ में उम्‍मीद से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. यही नहीं, एसेट मैनेजमेंट कंपनी मैनेजमेंट फीस के तौर पर महज 0.0005 फीसदी चार्ज वसूलेगा.

अगर आसान भाषा में समझें तो 2 लाख रुपये के निवेश पर सिर्फ 1 रुपये की फीस होगी. इसमें कोई लॉकिंग सिस्‍टम नहीं है. यानी आप कभी भी खरीद या बेच सकते हैं. एलॉटमेंट की तारीख से 30 दिन पूरा होने पर या इससे पहले निवेश को भुनाने पर 0.10 फीसदी एक्जिट लोड लगेगा. लेकिन 30 दिन पूरा होने जाने पर रिडेम्प्शन/स्विच करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा.

सवाल: क्‍या इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा ?

जवाब: इससे होने वाली कमाई टैक्स-फ्री नहीं होगी. लेकिन, इसमें इंडेक्सेशन का बेनिफिट मिलेगा. मतलब ये कि तीन साल से अधिक समय तक होल्ड रखने की स्थिति में 20 फीसदी का टैक्‍स लगेगा.

क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं

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गोल्ड ईटीएफ क्या है? गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे?

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ में निवेश उन निवेशकों के लिए उचित है जो गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं परंतु उनके चोरी होने के जोखिम, बैंक लॉकर में रखे जाने पर लगने वाले भंडारण शुल्क, सोने के गहने के रूप में परिवर्तित करने पर लगने वाले मेकिंग चार्ज एवं वेस्टेज चार्ज से बचना चाहते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश उन निवेशकों के लिए भी उचित है जो अपनी निवेश सूची को विविधीकरण प्रदान करना चाहते हैं एवं इसके द्वारा स्टॉक मार्केट से संबंधित जोखिम को सीमित करना चाहते हैं।

गोल्ड ईटीएफ में निवेश पर लगभग 1% ब्रोकरेज शुल्क लागू होता है जो परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले शुल्कों के सामने तुच्छ है।

उपरोक्त विवरण द्वारा यह समझा जा सकता है कि गोल्ड ईटीएफ को अपनी निवेश सूची का अभिन्न अंग बनाना चाहिए एवं इसमें न्यूनतम 10% का निवेश करना चाहिए।

गोल्ड ईटीएफ किस प्रकार कार्य करता है?

गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित है एवं स्टॉक मार्केट में डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध है। गोल्ड ईटीएफ एनएसई एवं बीएसई में अन्य स्टॉक की भांति सूचीबद्ध है।

गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग एनएसई एवं बीएसई में डिमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट के द्वारा की जाती क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं है। इनकी ट्रेडिंग के लिए निवेशक द्वारा ब्रोकरेज शुल्क एवं नाम मात्र फंड मैनेजमेंट शुल्क का भुगतान किया जाता है।

गोल्ड ईटीएफ जोखिम के अधीन है। 99.5% सोने के में होने में आने वाले उतार-चढ़ाव निवेशक को अनुकूल या प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

पैन इंडिया के परिणाम स्वरूप गोल्ड ईटीएफ के मूल्य परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत एक समान होते हैं।

गोल्ड ईटीएफ कैसे खरीदे?

मैं व्यक्तिगत रूप से आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए निम्नलिखित प्लेटफार्मों में खाता खोलने की सलाह देता हूं: (इनमें से किसी भी प्लेटफार्म में खाता खोलने के साथ आप गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के साथ-साथ स्टॉक क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं मार्केट में भी निवेश कर सकते हैं और अच्छे से शेयर में निवेश कर धन अर्जित कर सकते हैं)

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के निम्न कदम शामिल है:

  • सर्वप्रथम निवेशक द्वारा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट ओपन किया जाता है।
  • अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन किया जाता है।
  • गोल्ड ईटीएफ विकल्पों को ब्राउज़ किया जाता है एवं वांछित विकल्प का चुनाव किया जाता है।
  • ब्रोकर के पोर्टल के माध्यम से वांछित इकाइयों के लिए आर्डर किया जाता है।
  • ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक बैंक अकाउंट द्वारा खरीदी गई इकाइयों से संबंधित राशि का भुगतान किया जाता है।
  • ऑर्डर से संबंधित कंफर्मेशन मेल निवेशक के फोन नंबर एवं ईमेल एड्रेस पर भेजी जाती है।
  • खरीदी गई यूनिट निवेशक से संबंधित डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।
  • ऑर्डर से संबंधित कंफर्मेशन मेल निवेशक के फोन नंबर एवं ईमेल एड्रेस पर भेजी जाती है।

गोल्ड ईटीएफ पर किस प्रकार कर लागू होता है?

गोल्ड ईटीएफ पर परंपरागत गोल्ड की भांति ही कर लागू होता है।

यदि निवेशक द्वारा गोल्ड ईटीएफ की खरीद के 36 महीनों से पूर्व रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन का जाता है। इससे प्राप्त आय को निवेशक की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाता है एवं निवेशक पर लागू होने वाले कर इनकम टैक्स स्लैब दर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

यदि निवेशक द्वारा गोल्ड ईटीएफ की खरीद के 36 महीनों के पश्चात रिटर्न प्राप्त किए जाते हैं तो इसे लोंग टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है। इससे प्राप्त आय पर कर (20%), सर चार्ज (यदि कोई हो) एवं सेस (4%) इंडेक्सेशन लाभ सहित लागू होता है।

गोल्ड ईटीएफ को किस प्रकार बेचा एवं रिडीम किया जाता है?

गोल्ड ईटीएफ को निवेशक के द्वारा अपने डीमैट अकाउंट एवं ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा बेचा जाता है।

गोल्ड ईटीएफ के रिडीम होने की स्थिति में निवेशक को परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत 99.5% शुद्ध सोने के समतुल्य नगद भुगतान किया जाता है।

गोल्ड ईटीएफ के फायदे

गोल्ड ईटीएफ में निवेश निवेशकों के लिए अनेकों प्रकार से फायदेमंद है:

  • अतिरिक्त शुल्क: गोल्ड ईटीएफ में निवेश पर लगभग 1% ब्रोकरेज शुल्क लागू होता है एवं किसी अन्य प्रकार का अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं होता है। यह परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले शुल्कों के सामने नाम मात्र है।
  • कॉलेटरल सिक्योरिटी: गोल्ड ईटीएफ का उपयोग कॉलेटरल सिक्योरिटी के रूप में भी किया जा सकता है। ऋण उपलब्ध करवाने के लिए गोल्ड ईटीएफ का कॉलेटरल सिक्योरिटी (जमानत) के रूप में उपयोग अति सरल है।
  • छोटी इकाइयां: गोल्ड ईटीएफ का छोटी इकाइयों (1 ग्राम) में मौजूद होना निवेशक को लाभान्वित करता है। निवेशक अपनी क्षमता के अनुसार इकाइयां खरीद सकता है एवं अपनी जरूरत के अनुसार इकाइयां बेच सकता है।
  • जोखिम: गोल्ड ईटीएफ अन्य स्टॉक की तुलना में कम जोखिम पूर्ण है क्योंकि इनके मूल्यों में अपेक्षाकृत बहुत कम परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
  • टैक्स: गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होते हैं एवं किसी अन्य प्रकार के अतिरिक्त टैक्स लागू नहीं होते हैं। यह क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले टैक्स के सामने नाम मात्र है
  • सहज खरीद-फरोख्त :गोल्ड ईटीएफ डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण अन्य स्टॉक की भांति स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से सरलता क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं पूर्वक की जा सकती है।
  • लचीलापन: डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होने के कारण गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग अन्य स्टॉक की भांति ही की जा सकती है। इनकी ट्रेडिंग में पारंपरिक गोल्ड की भांति कभी भी एंटर एवं एग्जिट किया जा सकता है।
  • शुद्ध गोल्ड: गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित है।
  • पारदर्शिता: गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की प्रत्येक यूनिट 1 ग्राम 99.5% शुद्ध सोने द्वारा समर्थित होने के कारण यह पूर्णरूप से पारदर्शी है।
  • टैक्स: गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर कैपिटल गेन टैक्स लागू होते हैं एवं किसी अन्य प्रकार के अतिरिक्त टैक्स (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स, वैल्यू ऐडेड टैक्स एवं वेल्थ टैक्स) लागू नहीं होते हैं। यह परंपरागत गोल्ड की खरीद में लागू होने वाले टैक्स के सामने नाम मात्र है।
  • लिक्विडिटी: डिमैटेरियलाइज फॉर्म में उपलब्ध होना गोल्ड ईटीएफ को अत्यधिक लिक्विडिटी प्रदान करता है एवं इनकी ट्रेडिंग अन्य स्टॉक की भांति एक ही दैनिक सत्र ही की जा सकती है। इनकी ट्रेडिंग के लिए निवेशक द्वारा ब्रोकरेज शुल्क एवं नाम मात्र फंड मैनेजमेंट शुल्क का भुगतान किया जाता है।

निष्कर्ष: गोल्ड ईटीएफ परंपरागत गोल्ड की अपेक्षाकृत अत्यधिक फायदेमंद है। गोल्ड ईटीएफ का उपयोग कॉलेटरल सिक्योरिटी के रूप में किया जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशक को 99.5% शुद्ध सोने के आधार पर रिटर्न प्रदान करता है। गोल्ड ईटीएफ निवेशकों को पारदर्शिता,ट्रेडिंग की सुविधा एवं स्थिरता प्रदान करता है क्योंकि गोल्ड के मूल्यों में बहुत कम उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इस प्रकार गोल्ड ईटीएफ में स्टॉक मार्केट एवं गोल्ड दोनों की विशेषताएं सम्मिलित हैं जो इसे निवेश के सभी श्रेष्ठ विकल्पों की श्रेणी में सूचीबद्ध करती हैं।

सिल्वर ETF की शुरुआत फीकी: देश के सभी 6 सिल्वर ETF से अब तक निवेशकों को नुकसान, पहले पांच महीने घाटे में रहे

इस साल जोर-शोर से शुरू हुए सिल्वर ETF ने निवेशकों को निराश किया है। अभी देश में उपलब्ध सभी 6 सिल्वर ETF की लॉन्चिंग जनवरी और फरवरी में हुई थी। निवेशकों को अब तक सभी से नुकसान हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बीते एक साल से सिल्वर सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला मेटल रहा है।

साल की शुरुआत में सिल्वर ETF का प्रति यूनिट औसत भाव 61.50 रुपए था, जो 22 जून को घटकर 60.30 रुपए से नीचे आ गया। इस हिसाब से 2022 में अब तक सिल्वर ETF के निवेशक करीब 2% घाटे में हैं। दूसरी तरफ इस दौरान गोल्ड ETF के निवेशक 5% से ज्यादा फायदे में हैं। हालांकि शुरुआती तीन महीनों में सिल्वर ETF के निवेशक औसतन 4.56% घाटे में थे। इसका मतलब है कि बीते दो महीनों में प्रदर्शन सुधरा है। अभी सिल्वर ETF का कुल एयूएम 850 करोड़ रुपए से ऊपर है।

देश में उपलब्ध सारे सिल्वर ETF में से किसी ने भी शुरुआती तीन महीनों में पॉजिटिव रिटर्न नहीं दिया।

कुछ माह बाद मुनाफे में आ सकते हैं निवेशक
सिल्वर का 65-70% इस्तेमाल औद्योगिक जरूरतों में होता है। यही कारण है कि जब कभी इंडस्ट्री प्रभावित होते हैं, इसके दाम गिरने लगते हैं। केडिया एडवाइजरी के MD अजय केडिया ने कहा कि तीन साल में गोल्ड के 48% के मुकाबले सिल्वर ने 58% रिटर्न दिया। लेकिन, बीते एक साल में सोने का रिटर्न जहां 8% रहा, वहीं चांदी के दाम 11% घटे हैं। इसका सीधा असर ETF पर हुआ, पर कुछ माह बाद उछाल आ सकता है।

क्या है ETF?ETF एक प्रकार का निवेश है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं और बेचा जाता है। ईटीएफ व्यापार शेयरों में व्यापार के समान है। ETF में बांड, या स्टॉक खरीदे बेचे जाते हैं। एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है।

ETF के प्रकार

गोल्ड ETF
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर लाभ) ले सकते हैं। भारत में गोल्ड ETF 2007 से चल रहे हैं और NSE और BSE में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। गोल्ड ETF स्टॉक एक्सचेंज में पर एक ग्राम के यूनिट आकार में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है।

इंडेक्स ETF
इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं और उनकी कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव उसके अन्तर्निहित इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के समान होता है। उदाहरण के लिए एक बैंकिंग ETF, एक बैंकिंग इंडेक्स के अनुसार काम क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं करता है और उसकी कीमत उस बैंकिंग इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के अनुसार घटेगी या बढ़ेगी।

बॉन्ड ETF
एक बॉन्ड ETF के पैसे को उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो उसके अन्तर्निहित इंडेक्स के घटकों से जुड़े होते हैं। यह एक ऐसा बॉन्ड ETF हो सकता है, जो किसी खास मैच्योरिटी होराइजन पर आधारित हो जैसे- शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म इत्यादि। भारत बॉन्ड ETF एक निर्धारित मेच्योरिटी पीरियड के साथ इस कैटेगरी के अंतर्गत आता है।

करेंसी ETF
करेंसी ETF मुद्रा विनिमय कारोबार वाले फंड निवेशक को एक विशिष्ट मुद्रा खरीदे बिना मुद्रा बाजारों में भाग लेने की अनुमति देते हैं। यह एकल मुद्रा में या मुद्राओं के पूल में निवेश किया जाता है। इस निवेश के पीछे एक मुद्रा या मुद्राओं की एक टोकरी के मूल्य आंदोलनों को ट्रैक करना है।

सेक्टर ETF
सेक्टर ETF केवल एक विशिष्ट क्षेत्र या उद्योग के शेयरों और सिक्युरिटीज में निवेश करता है। कुछ सेक्टर-विशिष्ट ETF जैसे फार्मा फंड्स, टेक्नोलॉजी फंड्स हैं, जो इन विशिष्ट क्षेत्रों में आते हैं।

ETF से जुड़ी खास बातें
ETF के पोर्टफोलियो में कई तरह की सिक्योरिटीज (प्रतिभूतियां) होती हैं। इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है। ये शेयर बाजार पर लिस्ट होते हैं। वहां इन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है। यानी ETF का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। ETF के मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाते हैं। यानी लेनदेन के समय ही इनके दामों का भी पता लग जाता है। जबकि म्यूचुअल फंडों के एनएवी के साथ यह नहीं होता है। NV का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है। ETF पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का किफायती और कारगर विकल्प हैं। कारण है कि ये तमाम इंडेक्स, सेक्टर, देश और एसेट क्लास को कवर करते हैं।

ETF की सबसे बड़ी खूबी है
उसका लिक्विड होना। शेयर बाजार में ट्रेडिंग के चलते इसे खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है। इसमें निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों में अपनी यूनिट्स बेचने के लिए भी आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है। शेयर बाजार में खरीद-फरीख्त होने से इसकी कीमत क्या मैं कभी भी बॉन्ड ईटीएफ बेच सकता हूं रियल टाइम होती है। ईटीएफ खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसके माध्यम से आप खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम में लागू नहीं होती।

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