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फिक्स्ड कैपिटल

फिक्स्ड कैपिटल
अगर आप महीने का 1.86 लाख रुपये का वर्किंग कैपिटल के साथ काम शुरू करें तो आप एक साल में 20.38 का लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। जबकि कुल लागत 14.26 लाख रुपये का होगी।

अचल पूंजी

निश्चित पूंजी में संपत्ति और पूंजी निवेश, जैसे कि संपत्ति, संयंत्र और उपकरण (पीपी एंड ई) शामिल हैं, जिन्हें न्यूनतम स्तर पर भी कारोबार शुरू करने और संचालित करने की आवश्यकता होती है। इन परिसंपत्तियों को तय माना जाता है कि वे किसी अच्छे या सेवा के वास्तविक उत्पादन के दौरान खपत या नष्ट नहीं होते हैं, लेकिन एक पुन: प्रयोज्य मूल्य रखते हैं। फिक्स्ड-कैपिटल इन्वेस्टमेंट को आमतौर पर कंपनी के अकाउंटिंग स्टेटमेंट पर 20 साल या उससे अधिक की लंबी अवधि के लिए डिपॉजिट किया जाता है।

चाबी छीन लेना

  • निश्चित पूंजी में वे संपत्तियाँ शामिल होती हैं जो किसी अच्छी या सेवा के उत्पादन में उपभोग या नष्ट नहीं होती हैं और कई बार उपयोग की जा सकती हैं।
  • संपत्ति, संयंत्र और उपकरण मानक निश्चित पूंजीगत वस्तुएं हैं।
  • फिक्स्ड कैपिटल एसेट्स आमतौर पर अनलकी आइटम हैं और समय के साथ मूल्यह्रास हो जाते हैं।
  • स्थिर पूँजी के विपरीत परिवर्तनशील फिक्स्ड कैपिटल पूँजी होती है।

फिक्स्ड कैपिटल को समझना

स्थिर पूंजी की अवधारणा को पहली बार 18 वीं शताब्दी में राजनीतिक अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो ने पेश किया था । रिकार्डो के लिए, निश्चित पूंजी को किसी फिक्स्ड कैपिटल भी प्रकार की भौतिक संपत्ति के लिए संदर्भित किया जाता है जिसका उपयोग किसी उत्पाद के उत्पादन में नहीं किया जाता है। यह कंगारू पूंजी के कच्चे माल, परिचालन व्यय, और श्रम के विचार के विरोध में था । मार्क्सवादी अर्थशास्त्र में, स्थिर पूंजी निरंतर पूंजी की अवधारणा से निकटता से संबंधित है।

फिक्स्ड कैपिटल भौतिक संपत्तियों जैसे कारखानों, वाहनों, और मशीनरी में निवेश किए गए कुल पूंजी परिव्यय का हिस्सा है जो एक से अधिक लेखा अवधि के लिए लगभग स्थायी फिक्स्ड कैपिटल रूप से या अधिक तकनीकी रूप से व्यवसाय में रहते हैं। फिक्स्ड एसेट्स को एक व्यवसाय द्वारा खरीदा और स्वामित्व किया जा सकता है, या उन्हें दीर्घकालिक पट्टे के रूप में संरचित किया जा सकता है।

फिक्स्ड कैपिटल रिक्वायरमेंट्स

एक व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक निश्चित पूंजी की मात्रा प्रत्येक स्थिति के लिए विशेष रूप से उद्योग से उद्योग तक काफी होती है। व्यवसाय की कुछ पंक्तियों के लिए बड़ी संख्या में निश्चित-पूंजीगत संपत्ति की आवश्यकता होती है। सामान्य उदाहरणों में औद्योगिक निर्माता, दूरसंचार प्रदाता और तेल अन्वेषण फर्म शामिल हैं। सेवा-आधारित उद्योग, जैसे कि लेखांकन फर्मों की अधिक सीमित निश्चित पूंजीगत आवश्यकताएं हैं। इसमें कार्यालय भवन, कंप्यूटर, नेटवर्किंग उपकरण और अन्य मानक कार्यालय उपकरण शामिल हो सकते हैं।

जबकि उत्पादन व्यवसायों में अक्सर उत्पादित माल बनाने के लिए आवश्यक इन्वेंट्री तक आसान पहुंच होती है, निश्चित पूंजी की खरीद लंबी हो सकती है। नई खरीद सुविधाओं जैसे बड़ी खरीद के लिए आवश्यक धनराशि उत्पन्न करने में किसी व्यवसाय को महत्वपूर्ण समय लग सकता है। यदि कोई कंपनी वित्तपोषण का उपयोग करती है, तो उचित ऋण प्राप्त करने में समय लग सकता है। यह कम उत्पादन से जुड़े वित्तीय नुकसान के जोखिम को बढ़ा सकता फिक्स्ड कैपिटल है यदि कोई कंपनी उपकरण विफलता का अनुभव करती है और इसमें अतिरेक नहीं होता है।

फिक्स्ड कैपिटल

साल 2008-09 की चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और पूरे साल के लिए इसके संशोधित आंकड़े पिछले शुक्रवार को जारी किए गए।

पूरे साल के लिए जारी आंकड़े फरवरी में जारी अग्रिम अनुमान से थोड़े नीचे रहे जो कि पहले से अनुमानित थे। हालांकि बड़ी राहत के तौर पर इसका स्वागत किया गया।

फरवरी के अनुमान साल 2008-09 में 7.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर का संकेत दे रहे थे, लेकिन शुक्रवार को जारी आंकड़े में इसे 6.7 फीसदी ही बताया गया। हालांकि तिमाही के आंकड़े आश्चर्यजनक रहे और इसके परिणामस्वरूप ही शेयर बाजारों में तेजी देखी गई।

चौथी तिमाही में बढ़ोतरी दर जहां 5.8 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया था, वहीं फिक्स्ड कैपिटल तीसरी तिमाही का अनुमान 5.3 फीसदी का था, जिसे बाद में संशोधित कर 5.8 फिक्स्ड कैपिटल फीसदी किया गया था। दूसरे शब्दों में साल की दूसरी छमाही पहली के मुकाबले विशेष रूप से कमजोर रही।

आंकड़े बताते हैं कि दूसरी छमाही में निचला स्तर पाया गया। स्थिति में और गिरावट की संभावना पीछे छूट गई है। ये आंकड़े उस मजबूत धारणा पर मुहर लगा रहे हैं कि खास तौर से तीसरी तिमाही के खराब रहने के बाद वास्तव में अब सुधार की फिक्स्ड कैपिटल शुरुआत हो चुकी है।

शुरू करना चाहते हैं अपना कारोबार, तो सरकार की इस योजना से आपको मिल सकती है आर्थिक मदद, जानिए कैसे

इस कारोबार में निवेश बेहद कम है और मुनाफा ज्यादा मिलेगा। अच्छी बात यह है की इस कारोबार को शुरू करने के लिए आपको अपने पास से सिर्फ 2 लाख रुपए लगाने हैं, बाकि पैसा आपको केंद्र सरकार देगी। सरकार की मुद्रा स्कीम के तहत आपको आसानी से लोन मिल जाएगा।

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अगर पैसे की तंगी है और कम निवेश में कारोबार शुरू करना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

इस कारोबार में निवेश बेहद कम है और मुनाफा ज्यादा मिलेगा। अच्छी बात यह है की इस कारोबार को शुरू करने के लिए आपको अपने पास से सिर्फ 2 लाख रुपए लगाने हैं, बाकि पैसा आपको केंद्र सरकार देगी। सरकार की मुद्रा स्कीम के तहत आपको आसानी से लोन मिल जाएगा।

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आमतौर पर टोमैटो सॉस या टोमैटो केचप की मांग ज्यादातर घरों या होटल और रेस्टोरेंट में रहती है। बाजार में इन दिनों कई बड़े व चर्चित ब्रांड के साथ कई तरह के लोकल ब्रांड भी मौजूद हैं। अगर लोकल ब्रांड की भी गुणवत्ता अच्छी है तो डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में यह कारोबार शुरू करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

7.82 लाख रुपये, फिक्स्‍ड कैपिटल 2 लाख रुपए, जिसमें हर तरह की मशीनरी और उपकरण का खर्च शामिल है, वर्किंग कैपिटल 5.82 लाख रुपए, जिसमें टमाटर, रॉ मटेरियल, इन्ग्रेडिएंट, कर्मचारियों का वेतन, पैंकिंग आदि का खर्च शामिल है।

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इसमें आपको 1.95 लाख रुपए अपने पास से लगाना होगा। टर्म लोन 1.50 लाख रुपए होगा। वर्किंग कैपिटल लोन 4.36 लाख रुपए होगा। यह लोन मुद्रा योजना के तहत किसी भी बैंक से आसानी से हो जाएगा।

7.82 लाख रुपए के निवेश में जो अनुमानित लागत फिक्स्ड कैपिटल है, उस लिहाज से सालाना टर्नओवर 28.80 लाख रुपए हो सकता है। कास्ट ऑफ प्रोडक्शन के तहत 24.22 लाख रुपये सालाना, नेट प्रॉफिट 4.58 लाख रुपये सालाना, महीने का प्रॉफिट करीब 40 हजार रुपये तक है।

मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना होगा। अगर आप खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आपको मकान के मालिकाना हक या किराये के दस्तावेज, काम से जुड़ी जानकारी, आधार, पैन नंबर सहित कई अन्य दस्तावेज देने होंगे। वेरिफिकेशन के बाद बैंक मैनेजर लोन मंजूर करता है।

इसके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आप किसी भी बैंक में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें ये डिटेल देनी होंगी। नाम, पता, बिजनेस एड्रेस, एजुकेशन, मौजूदा इनकम और कि‍तना लोन चाहिए. इसमें किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस या गारंटी फीस भी नहीं देनी होती।

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Highlights बिजनेस के लिए आपको महज 1.86 लाख रुपये तक का वर्किंग कैपिटल होगा। इसमें आपके प्रोडक्ट को बनाने वाले कारीगर की सैलरी के साथ, पैकिंग और उसका किराया के साथ और भी छोटे-मोटे खर्चे है।

आज के दौर में जहां सभी पैसों के पीछे भाग रहा है। बावजूद इसके पैसा हाथ नहीं आ रहा। हम सभी यही चाहते हैं कि मेरे पास ज्यादा से ज्यादा पैसा हो ताकि वो अपनी हर ख्वाहिशें पूरी कर सकें। अगर आपके दिमाग में भी फिक्स्ड कैपिटल ऐसे ही कुछ ख्याल आटे हैं तो टेंशन नॉट। क्योंकि यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे आप खर्चे कम कर ज्यादा मुनाफा कर सकते हैं। इसके लिए आपको बस एक लाख रुपये तक का निवेश कर कारोबार शुरू करना होगा, इसके लिए सरकार भी आपको लोन दे सकती है। बिजनेस का पहला ऑप्शन है बेकारी स्टोर। इसके लिए आपको बस ब्रेड, चिप्स, केक, बिस्किट बनाने की एक मैन्युफैक्चिरिंग यूनिट तैयार करना होगा।

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यह बात आप भली-भांति जानते हैं कि पर्सनल लोन हर तरह के लोन से महंगा होता है। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि पर्सनल लोन 1 से 5 साल तक के लिए लिया जाता है। इसके अलावा ये कोलेटरल फ्री लोन होता है यानी इसके लिए आपको किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है और न ही कोई गारंटी देनी होती है। यही कारण है कि बैंक पर्सलन लोन में ज्यादा ब्याज वसूलते हैं।

2023 में 80,000 तक पहुंच सकता है सेंसेक्सः Morgan Stanley

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विदेशी ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने कहा है अगर भारत को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो, सेंसेक्स अगले एक साल में यानी 2023 के अंत तक 80,000 के स्तर को छू सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होने से भारतीय शेयर बाजार में अगले एक साल में 20 अरब पूंजी आ सकती है, जो सेंसेक्स को नई ऊंचाई पर लेकर जा सकता है।

इंफ्रा और कैपिटल गुड्स सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके: नीरज दीवान

इंफ्रा और कैपिटल गुड्स सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके: नीरज दीवान

शेयर मार्केट में इस समय काफी स्मार्ट निवेशक आ रहे हैं। क्योंकि वह इस समय एसआईपी के जरिये बाजार में आ रहे हैं। इसके साथ ही ये बाजार में सीधे भी निवेश कर रहे हैं। दीवान का कहना है कि इस समय इंफ्रा, इंजीनियरिंग, कैपिटल गुड्स सेक्टर के अच्छे शेयरों में निवेश करें। एलएंडटी (L&T) इस सेक्टर में लीड करता दिखेगा।

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