मॉडल ट्रेडिंग

ब्लैक बॉक्स मॉडल बिजनेस क्या है? क्यों इसके खिलाफ है सेबी?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरमैन माधवी पुरी बुच ने बुधवार को कहा कि कोई भी ऐसा तरीका जो ‘ब्लैक बॉक्स’ पर आधारित है और जिसका न तो लेखा परीक्षण किया जा सकता है और न ही सत्यापन किया जा सके, उसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरमैन माधवी पुरी बुच ने बुधवार को कहा कि कारोबार करने का कोई भी ऐसा तरीका जो ‘ब्लैक बॉक्स’ पर आधारित है और जिसका न तो लेखा परीक्षण किया जा सकता है और न ही सत्यापन किया जा सके, उसकी इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि ‘डेटा’ पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है और इसे अपने अधिकार में लेने का किसी भी निजी इकाई या व्यक्ति का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बुच ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम एल्गो (एल्गोरिदम) ट्रेडिंग के समर्थन में या विरोध में नहीं हैं, बशर्ते पर्याप्त पारदर्शिता और खुलासे हों. कारोबारी मॉडल ‘ब्लैक बॉक्स’ पर आधारित नहीं हो सकते हैं. इसलिए मॉडल ट्रेडिंग ऐसा कोई भी दावा जिसका लेखा परीक्षण या सत्यापन नहीं हो सके उसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.’’
ऐसी खबरें आई थीं कि सेबी एल्गो ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. वहीं, कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के शीर्ष अधिकारियों के साथ मिलीभगत में एल्गो ट्रेडिंग का दुरुपयोग भी किया था.
क्या है ‘ब्लैक बॉक्स’?
‘ब्लैक बॉक्स’ एक उपकरण या प्रणाली है, जो अपने आतंरिक कामकाज के बारे में कोई खुलासा किए बिना उपयोगी जानकारी देता है. इसके निष्कर्षों के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं रहता है.
एल्गो ट्रेडिंग में एल्गोरिद्म के आधार पर शेयरों की खरीद या बिक्री का ऑर्डर अपने-आप सक्रिय हो जाता है। इस प्रणाली में शेयरों के भाव पर स्वचालित ढंग से नजर रखी जाती है और पहले से तय मानक पूरा होने पर एक ऑर्डर सक्रिय हो जाता है। इस मॉडल ट्रेडिंग प्रणाली के होने पर शेयर कारोबारी चढ़ते-उतरते भाव पर लगातार नजर रखने से मुक्त रहता है.
सेबी ने जारी किए थे दिशानिर्देश
इस महीने की शुरुआत में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से संबंधित सेवाएं देने वाले ब्रोकरों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे. दरअसल, सेबी ने पाया था कि कुछ शेयर ब्रोकर नियमन के दायरे से बाहर मंचों के जरिये एल्गोरिदम (एल्गो) आधारित कारोबार की सुविधा निवेशकों को दे रहे हैं.
सेबी ने एक सर्कुलर में कहा था कि ये मंच निवेशकों को कारोबार के स्वचालित निष्पादन के लिए एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं या रणनीति उपलब्ध करा रहे हैं. ऐसी सेवाओं और रणनीतियों का निवेश पर उच्च रिटर्न के ‘दावों’ के साथ विपणन किया जा रहा है. इसको देखते हुए सेबी ने ऐसे शेयर ब्रोकरों के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है.
एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पूर्व के या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है. साथ ही ऐसे किसी भी मंच से संबद्ध होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है जो एल्गोरिदम के पहले के या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है.
इसमें कहा गया है, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे और इस तरह के संदर्भ प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे.
म्यूचुअल फंड के लिए अलग इनसाइडर ट्रेडिंग नियम की तैयारी, 30 सितंबर को सेबी बोर्ड बैठक में हो सकती है चर्चा
SEBI Board Meeting: सेबी की बोर्ड बैठक में PSU टेकओवर रेग्युलेशन में छूट पर चर्चा होगी. इसके अंतर्गत 60 दिन के औसत भाव के नियम में छूट दी जा सकती है.
SEBI बोर्ड मीटिंग में एक्सिस म्यूचुअल फंड मॉडल ट्रेडिंग और NSE के मामले पर चर्चा संभव है. (File Image)
SEBI Board Meeting: म्यूचुअल फंड के लिए अलग इनसाइडर ट्रेडिंग नियम आ सकता है. मार्केट रेग्युलेटर सेबी की 30 सितंबर को होने वाली बैठक में इस मसले पर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा, सेबी बोर्ड बैठक में इक्विटी मार्केट, म्यूचुअल फंड, स्टार्टअप, PSU और लिस्टेड कंपनियों को लेकर बड़ी चर्चा हो सकती है. वहीं, OFS कॉल ऑक्शन समय बढ़ाने, एम्प्लॉई के एप्लीकेशन, कूलिंग ऑफ पीरियड में बदलाव के मसले पर भी बातचीत होगी.
PSU टेकओवर रेग्युलेशन में मिल सकती है छूट
सेबी की बोर्ड बैठक में PSU टेकओवर रेग्युलेशन में छूट पर चर्चा होगी. इसके अंतर्गत 60 दिन के औसत भाव के नियम में छूट दी जा सकती है. कंपनियों के स्पेशल में मैज्योरिटी इन मायनॉरिटी का नियम लाया जा सकता है. कंपनियों के बिजनेस मॉडल की हिफाजत के लिए प्री-फ़ाइलिंग DRHP का नियम लाया जा सकता है. रेगुलेटर की बोर्ड मीटिंग में इन प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है.
ICDR डिस्क्लोजर पर नई शर्तें संभव
न्यू एज टेक कंपनियों के लिए ICDR में डिस्क्लोजर की और नई शर्तें लाई जा सकती है. बिजनेस प्लान को दिखाकर PE, फंडिंग लेने वाली कंपनियों के लिए डिस्क्लोजर जरूरी हो सकता है. PE, VC को किस कीमत पर शेयर दिए हैं, डिस्क्लोजर में इसका भी जिक्र करना पड सकता है. इसके अलावा, एक्सिस म्यूचुअल फंड और NSE के मामले पर चर्चा संभव है.
जल्द ही अलग हो सकती है जडेजा और सीएसके की राह, जड्डू की ट्रेडिंग में यह है सबसे बड़ी मुश्किल, डिटेल से जानें सब
चेन्नई की टीम की कार्य प्रणाली एक परिवार की तरह रही. और खिलाड़ी साल भर मॉडल ट्रेडिंग फ्रेंचाइजी के संपर्क में रहते हैं. लेकिन टीम इंडिया से जुड़ने से पहले पुनर्वास (रिहैबिलेशन) के लिए एनसीए में जाने वाले जडेजा ने चेन्नई मैनेजमेंट से कोई संपर्क नहीं साधा है और न ही उसके किसी कार्यक्रम में ही हिस्सा लिया है.
इस साल आईपीएल में जडेजा का सीएसके से विवाद हो गया था
खास बातें
- मई के बाद से चेन्नई मैनेजमेंट से कोई संपर्क नहीं-रिपोर्ट
- कई फ्रेंचाइजी हैं जडेजा के संपर्क में
- अब किसके पाले में जाएंगे जडेजा, नवंबर में पता चलेगा
अब यह तो आप जानते ही हैं कि इस साल आईपीएल के समय से सीएसके फ्रेंचाइजी और रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) के बीच रिश्ते किस कदर बिगड़ गए हैं. लेकिन अब एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों के बीच अलगाव का समय नजदीक है. और अगले कुछ महीनों के भीचर कुछ चमत्कारिक नहीं मॉडल ट्रेडिंग होता, तो सीएसके और जडेजा दोनों अपनी राह अलग कर लेंगे. मई के महीने में आईपीएल खत्म होने के बाद से रवींद्र जडेजा और सीएसके के मैनेजमेंट के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ है. चेन्नई की टीम की कार्य प्रणाली एक परिवार की तरह रही. और खिलाड़ी साल भर फ्रेंचाइजी के संपर्क में रहते हैं. लेकिन टीम इंडिया से जुड़ने से पहले पुनर्वास (रिहैबिलेशन) के लिए एनसीए में जाने वाले जडेजा ने चेन्नई मैनेजमेंट से कोई संपर्क नहीं साधा है और न ही उसके किसी कार्यक्रम में ही हिस्सा लिया है.
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इस फैसले से नाराज हो गए गए जडेजा.
आईपीएल में जब कप्तानी से जडेजा के खेल पर इसका असर पड़ा था, तो मैनेजमेंट ने उन्हें प्रतियोगिता के बीच में ही कप्तानी वापस लेकर धोनी को फिर से सौंप दी थी. ऐसे में राष्ट्रीय टीम की कप्तानी का सपना संजोए जडेजा ने इस फैसले को खुद के अपमान के रूप में लिया. और जब वह पसलियों की चोट के कारण मैचों से बाहर हुए, तो उसके बाद से उन्होंने सीएसके से रिश्ता ही तोड़ लिया. जानकारी के अनुसार मई में टीम होटल छोड़ने के बाद से फ्रेंचाइसी उनके साथ सुलह करने में नाकाम रहा है. इसी बीच मॉडल ट्रेडिंग जडेजा ने सीएसके से जुड़ीं अपनी तमाम सोशल मीडिया पोस्ट को डिलीट कर दिया. और सीएसके मैनेजमेंट द्वारा धोनी के जन्मदिन पर पोस्ट किए वीडियो में जडेजा इकलौते खिलाड़ी थे, जो वीडियो का हिस्सा नहीं थे.
सीएसके के पास मनाने का आखिरी मौका
अब जबकि एमएस पहले ही कह चुके हैं कि वह अगले आईपीएल में खेलेंगे, तो जाहिर है कि कप्तानी वही करेंगे. ऐसे में पैदा हुए हालात के बाद जडेजा की वापसी मुश्किल है. अब जडेजा के पूरी तरह "बाहर" होने के बार में तब स्थिति स्पष्ट होगी, जब किसी दूसरी फ्रेंचाइजी से ट्रेडिंग का प्रस्ताव आएगा. उस समय जडेजा को सीएसके मैनेजमेंट के साथ बैठना होगा. और यह ऐसा समय होगा, जब धोनी और बाकी लोग उन्हें टीम में बने रहने के लिए आखिरी प्रयास करेंगे. खबरें ऐसी भी हैं कि ऐसी देर सबेर खुद के लिए एक भारतीय कप्तान की तलाश कर रहीं फ्रेंचाइजी जडेजा के संपर्क में हैं, लेकिन कुछ भी साफ नहीं है. खिलाड़ियों की ट्रेडिंग विंडो इस साल नवंबर में खुलेगी.
आईपीएल में खिलाड़ियों की ट्रेडिंग के नियम
खिलाड़ी विशेष की खरीद-फरोख्त के लिए उसकी सहमति जरूरी होती है. साथ ही इसमें पिछले सीजन में खेले खिलाड़ियों की ही ट्रेडिंग हो सकती है. जब दो फ्रेंचाइजी बैठते हैं, तो खिलाड़ी की सिर्फ फीस को लेकर बात होती है. बाकी अनुबंध की शर्तें वही रहती हैं. ट्रेडिंग विंडो में यदि एक से ज्यादा फ्रैंचाइज़ी एक ही खिलाड़ी को खरीदने में रुचि दिखाएं तो बेचने वाली फ्रैंचाइज़ी ये तय करेगी कि खिलाड़ी किसे देना है. इसके अलावा कुल चार (विदेशी और टीम इंडिया के खिलाड़ियों को मिलाकर) खिलाड़ी ही एक टीम खरीद या बेच सकती है. अंदाजा लगाने के लिए पिछले तीन साल का रिकॉर्ड देखते हैं.
जडेजा की ट्रेडिंग में सबसे बड़ा रोड़ा
जडेजा की ट्रेडिंग से पहले उन्हें चेन्नई के साथ मिलकर सहमति बनानी होगी, लेकिन उनकी राह में मुश्किल बात यह है कि चेन्नई मॉडल ट्रेडिंग ने इस साल जडेजा को सीजन के लिए सबसे ज्यादा 16 करोड़ रुपये चुकाए. ऐसे में सवाल यही है कि इतनी रकम पर जडेजा को कौन खरीदेगा? न केवल फ्रेंचाइजी कों संतुलन देखना होगा, बल्कि पैसा चुकाते हुए बाकी खिलाड़ियों का पेमेंट भी ध्यान में रखना होगा. वहीं, यह भी देखने वाली बात होगी कि कौन सी टीम जडेजा को बतौर कप्तान के रूप में देख रही है. कुल मिलाकर पेंच कई जगह फंसा है
Rajasthan News: पीएम मोदी और शाह हॉर्स ट्रेडिंग का नया मॉडल देश में ला रहे, सीएम गहलोत का तंज
Rajasthan News: गहलोत ने कहा, विधायक भेड़ बकरियों की तरह बिकने के लिए तैयार खड़े रहते हैं। दुख की बात है कि विधायक बिक रहे हैं और उन्हें खरीदा जा रहा है। कांग्रेस और अन्य पार्टियाों के नेताओं पर ईडी और सीबीआई मॉडल ट्रेडिंग का दबाव डाल कर उद्योगपतियों से पैसा लेकर इन नेताओं को खरीदा जाता है।
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक फिर भाजपा पर हमला बोला। गहलोत कहा, भाजपा जो देश में खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है, वह आने वाले समय में देश के लिए बहुत बड़ा घातक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हॉर्स ट्रेडिंग का नया मॉडल देश में ला रहे हैं। खरीद-फरोख्त की राजनीति अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुई बाद में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, अब गोवा में हो रही है। राजस्थान में इन्होंने कोशिश की पर मुंह की खानी पड़ी थी। यह खतरनाक खेल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को राजीव गांधी ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता के समापन पर भीलवाड़ा जिले के बीगोद उपखंड पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कोई जाती दुश्मनी नहीं है। मैं दिल से कह रहा हूं कि यह हॉर्स ट्रेडिंग का जो खेल खेला जा रहा है यह बड़ा खतरनाक साबित होगा। अगर आप खरीद मॉडल ट्रेडिंग के राजनीति कर रहे हैं तो फिर देश में चुनाव कराए क्यों जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा, विधायक भेड़ बकरियों की तरह बिकने के लिए तैयार खड़े रहते हैं। दुख की बात है कि विधायक बिक रहे हैं और लोग खरीद रहे हैं। कांग्रेस हो या अन्य पार्टियां सभी पर ईडी और सीबीआई का दबाव डाल कर उद्योगपतियों से पैसा लेकर इन नेताओं को खरीदा जाता है। खरीद कर अगर सरकारें, बदलेंगे तो देश में लोकतंत्र कहां रहा। सीएम गहलोत ने कहा, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे भाजपा घबरा गई है और अब राहुल गांधी पर अटैक कर रही है।
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Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक फिर भाजपा पर हमला बोला। गहलोत कहा, भाजपा जो देश में खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है, वह आने वाले समय में देश के लिए बहुत बड़ा घातक होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह हॉर्स ट्रेडिंग का नया मॉडल देश में ला रहे हैं। खरीद-फरोख्त की राजनीति अरुणाचल प्रदेश से शुरू हुई बाद में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, अब गोवा में हो रही है। राजस्थान में इन्होंने कोशिश की पर मुंह की खानी पड़ी थी। यह खतरनाक खेल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को राजीव गांधी ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता के समापन पर भीलवाड़ा जिले के बीगोद उपखंड पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से कोई जाती दुश्मनी नहीं है। मैं दिल से कह रहा हूं कि यह हॉर्स ट्रेडिंग का जो खेल खेला जा रहा है यह बड़ा खतरनाक साबित होगा। अगर आप खरीद के राजनीति कर रहे हैं तो फिर देश में चुनाव कराए क्यों जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा, विधायक मॉडल ट्रेडिंग भेड़ बकरियों की तरह बिकने के लिए तैयार खड़े रहते हैं। दुख की बात है कि विधायक बिक रहे हैं और लोग खरीद रहे हैं। कांग्रेस हो या अन्य पार्टियां सभी पर ईडी और सीबीआई का दबाव डाल कर उद्योगपतियों से पैसा लेकर इन मॉडल ट्रेडिंग नेताओं को खरीदा जाता है। खरीद कर अगर सरकारें, बदलेंगे तो देश में लोकतंत्र कहां रहा। सीएम गहलोत ने कहा, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इससे भाजपा घबरा गई है और अब राहुल गांधी पर अटैक कर रही है।