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मुद्रा का दबाव

मुद्रा का दबाव

घर से काम करते समय बैठने की सही मुद्रा के 8 टिप्स

सामाजिक डिस्टेंसिंग मानदंडों के नई सामान्य स्थिति का एक अभिन्न अंग बन जाने के कारण, बड़ी और छोटी दोनों प्रकार की कंपनियों द्वारा डब्ल्यूएफएच (घर से काम) मॉडल को व्यापक रूप से अपनाया गया है। हालांकि, घर से काम में वृद्धि के साथ, कई लोगों को अब खुद को अपने कंप्यूटर से दूर करना कठिन लगता है। इसके परिणामस्वरूप उन्हें कंप्यूटर स्क्रीन के सामने घंटों बैठ कर, असाइनमेंट मुद्रा का दबाव को पूरा करने की कोशिश करना, वीडियो कॉल करना और प्रोजेक्ट प्रबंधन और उनके ऑनलाइन टूल पर काम को अपडेट करना पड़ता है।

इस पृष्ठभूमि में, काम करते समय हमारी मुद्रा के बारे में मुद्रा का दबाव सचेत रहना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। लंबे समय में शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से एक अच्छी मुद्रा बहुत अधिक महत्व रखती है। इससे पीठ दर्द के जोखिम में कमी आ सकती है, रीढ़ की हड्डी के स्नायुबंधन पर दबाव में कमी आ सकती है और मांसपेशियों की थकान को रोका जा सकता है। वास्तव में, शरीर का एक स्वस्थ संरेखण आपकी मानसिक सतर्कता बढ़ाने के साथ-साथ बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है, जिससे उत्पादकता बढ़ती है। इसलिए रीढ़ की हड्डी की एक सहज स्थिति में बैठने की एक अच्छी मुद्रा के लिए यहां 8 सुझाव दिए गए हैं।

1. कमर पर झुकाव (लो बैक मुद्रा का दबाव कर्व) कम रखें

अपने डेस्क पर बैठे हुए, निचली पीठ निचले भाग में वक्रता कम होना सुनिश्चित करें। इसके लिए यह एक छोटा तकिया या तौलिया को बेलनाकार लपेट कर लगाया जा सकता है। इससे सीधे होकर बैठने और पीठ में कूबड़ उभरने से बचने में मदद मिलेगी। जब आप मुद्रा का दबाव अपने सहकर्मियों या क्लाइंट के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हैं तो यह मुद्रा अधिक पेशेवर भी लगती है।

2. अपने कंधों को रिलैक्स रखें

लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से आपके कंधे और गर्दन के निचले हिस्से में खिंचाव पैदा हो सकता है। बैठने की सही मुद्रा के लिए अपने कूल्हों, कंधे और कानों को एक सीध में संरेखित रखने का प्रयास करें।

3. L-आकार का शरीर संरेखण

यह मांसपेशियों का खिंचाव और तनाव को रोकने की सबसे प्रभावी स्थितियों में से एक है। कोहनियों को बगल में और सीधा रखें। जब आप काम कर रहे हों तो उनका 'L' आकार की स्थिति में बना रहना सुनिश्चित करें। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने हाथों को कुर्सी के हत्थे पर रखें।

4. अपने घुटनों और कुर्सी के बीच थोड़ा स अंतराल रखें

अपने घुटनों को कुर्सी की सीट से कुछ दूरी पर रखें और पैर फुटरेस्ट पर रखें। आगे की तरफ झुकने से बचने के लिए अपने घुटनों को अपने कूल्हों से 90 डिग्री के कोण पर रखें। कूल्हे और पीठ में खिंचाव को रोकने के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

5. एक न्यूट्रल पेल्विक पोजीशन बनाने की कोशिश करें

आगे की तरफ झुकाने या अपनी पीठ के मुड़ने से बचने के लिए, अपने नितंबों को अपनी कुर्सी में पीछे की तरफ रखें।

6. शरीर का भार दोनों कूल्हों पर एक समान होना सुनिश्चित करें

जब लंबे समय तक बैठना होता है, तो एक आरामदायक स्थिति पाने का एक स्वाभाविक तरफ झुकाव हो जाता है। फिरभी, एक सही मुद्रा के लिए अपने शरीर का वजन दोनों कूल्हों पर समान तरीके से वितरित करने का प्रयास करें।

7. सिर की मुद्रा सीधी बनाए रखें

स्क्रीन पर (चाहे कंप्यूटर हो या मोबाइल) ध्यान केंद्रित करते समय, हम स्वाभाविक रूप से अपना सिर आगे की ओर झुका देते हैं। इससे माइग्रेन, अनिद्रा और जीर्ण थकान पैदा हो सकती है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि जब आप किसी महत्वपूर्ण चीज़ पर काम कर रहे हों, तब भी आपका सिर सामने की ओर झुका न हो।

8. बटरफ्लाई मुद्रा से बचें

यदि काम करने के लिए सोफे या फर्श पर बैठे हों, मुद्रा का दबाव तो आपके दोनों पैर सामने की तरफ हों और एक-दूसरे को स्पर्श करें। इससे तनाव से राहत मिलती है और जांघों के आंतरिक भाग और कमर को फैलाव मिलता है। यह आपके पैर को एक दूसरे के उपर रखने (बटरफ्लाई या क्रॉस-लेग्ड पोजीशन) की तुलना में एक बेहतर स्थिति है। क्रॉस्ड नी से आपके घुटने के पीछे स्थित पेरोनियल नर्व पर दबाव पड़ता है। मुद्रा का दबाव आप थोड़ी देर के लिए सुन्न भी हो सकते हैं, जो आपके शरीर में रक्त के प्रवाह में बाधा को इंगित करता है।

आप अपने बैठने के तरीके के प्रति सावधान रहें। यह आपको भविष्य की बीमारियों से बचा सकता है और दर्द से मुक्त जीवन जीने में मदद कर सकता है।

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रुपए के 2023 में भी दबाव में रहने का अनुमान: अर्थशास्त्री

मुंबईः अर्थशास्त्रियों का मानना ​​है कि रुपए पर अगले मुद्रा का दबाव साल दबाव बना रह सकता है और यह अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 85 प्रति डॉलर के स्तर तक भी जा सकता है। इस साल फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर मुद्रा का दबाव हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने से घरेलू मुद्रा पर भारी दबाव पड़ा है। रुपया 19 अक्टूबर को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 83 प्रति डीलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया था। वहीं, बृहस्पतिवार को डॉलर की तुलना में मुद्रा का दबाव रुपया 23 चढ़कर 81.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बैंकिंग और आर्थिक सम्मेलन में चर्चा के दौरान कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि चालू खाते के बढ़ते घाटे को देखते हुए रुपये पर दबाव बना रहेगा, जिसके इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद के चार प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, पिछले महीने से निर्यात में गिरावट के बाद विदेशी मुद्रा आय पर भी दबाव है। वर्ष 2023 में रुपए के 82 के उच्चस्तर और 85 के निचले स्तर के बीच रहने का अनुमान है।

आर्थिक शोध संस्थान इक्रियर के मुख्य मुद्रा का दबाव कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपक मिश्रा और जेपी मॉर्गन इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद चिनॉय ने अगले साल रुपये के 85 के निचले और 83 के उच्चस्तर पर रहने का अनुमान लगाया है। एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने डॉलर के मुकाबले रुपए के 80 से 82 के बीच रहने के सबसे सकरात्मक अनुमान लगाया है। यह अनुमान रुपए और डॉलर का मौजूदा स्तर है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि अगले साल की दूसरी छमाही में रुपया बेहतर प्रदर्शन करना शुरू कर सकता है।

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दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत का सूचक डॉलर इंडेक्स में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले देसी मुद्रा पर दबाव बना हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को सात पैसे की कमजोरी के साथ 70.95 रुपये प्रति डॉलर पर खुलने के बाद रिकवरी के मूड में आया, लेकिन डॉलर की मजबूती के दबाव में रुपये की चाल कमजोर बनी रही। डॉलर के मुकाबले देसी मुद्रा 70.93 रुपये प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही थी।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनजीर् व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि यूरो में आई कमजोरी के कारण डॉलर इंडेक्स लगातार मजबूत हो रहा है और उसे अमेरिका-चीन व्यापारिक टकराव व भूराजनीतिक तनाव से सपोर्ट मिल रहा है।

हालांकि बीते कुछ दिनों से अंतरार्ष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से भारतीय मुद्रा को सपोर्ट मिला है। पिछले सत्र में रुपया 16 पैसे की बढ़त के साथ 70.88 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मजबूती के साथ 98.80 के स्तर पर बना हुआ था।

अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से रुपये पर दबाव रहा। विश्लेषकों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी पूंजी निवेश ने रुपये की गिरावट को सीमित करने का प्रयास किया। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 737.17 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की।

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