उपलब्ध चार्ट के प्रकार

जब सभी मूल्य बिंदुओं को रेखांकित किया जाता है तो वह समय आधारित कीमतों की दिशा को प्रत्याषित करते हैं | पर इस चार्ट के सहायता से ट्रेडिंग करना मुश्किल व नुकसानदायक हो सकता है |
Excel Chart Kya Hota Hai in Hindi I एक्सेल में चार्ट को कैसे बनाते है
एक्सेल चार्ट क्या होता है - What is Excel Chart in Hindi
Excel me Chart Kya Hota Hai in Hindi - माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में चार्ट (Excel Chart Kaise Banate Hai) द्धारा डाटा का चित्रमय प्रदर्शन (Pictorial Presentation) किया जाता है. चार्ट की सहायता से आपकी ऑडियंस आपकी प्रेजेंटेशन में संख्याओं के पीछे छिपे हुए अर्थ को आसानी से समझ सकते है.
इसका अर्थ है की आप जो अपने श्रोताओं को अंकों या डाटा में तुलना करके उपलब्ध चार्ट के प्रकार या रुझान को दिखाना चाहते हो, वह Excel Chart की सहायता से बहोत ही आसान हो जाता है. चार्ट की मदद से आप किसी भी तुलना को चित्र के रूप में दिखा सकते हो.
साथियों आज हम इसी Excel Chart के बारे में मेरी इस पोस्ट में और ज्यादा जानेगे, पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े.
Excel Chart Kya Hai in उपलब्ध चार्ट के प्रकार Hindi |
चार्ट के मुख्य घटक - Main Components of the Chart
Excel Chart - एक्सेल में चार्ट को बनाने के लिए कुछ मुख्य घटक (Components) होते है. इन Components की सहायता से हम एक्सेल में चार्ट को बनाते है. एक्सेल चार्ट के मुख्य घटक निम्न प्रकार से है.
- Chart Title
- Data Points
- Data Series
- Legend
- Vertical Axis or Value Axis
- Horizontal Axis or Category Axis
- Data Labels
- Grid Lines
Excel Chart Components |
Chart Title - एक्सेल चार्ट में यह चार्ट का टाइटल विविरण प्रदर्शित करता है.
Data Points - चार्ट में यह हॉरिजॉन्टल बार (क्षैतिज उपलब्ध चार्ट के प्रकार बार), लाइन्स, कॉलम और अन्य डाटा मार्कर होते है.
Data Series - एक वर्कशीट में कुछ रो या कॉलम से सम्बन्धित डाटा पॉइंट को एक साथ डाटा सीरीज में ग्रुप किया जाता है.
Legend - चार्ट पर प्रत्येक डाटा सीरीज किस कलर में प्रदर्शित होगी, यह लीजेंड द्धारा निर्णय लिया जाता है. ज्यादा जटिल एक्सेल चार्ट के लिए ये एक महत्वपूर्ण घटक तत्व (Component Element) होता है.
Vertical Axis or Value Axis - वैल्यू एक्सिस संख्यात्मक पैमाना है, जो डाटा पॉइंट वैल्यू को दिखाता है. एक बार चार्ट (Bar Chart) में हॉरिजॉन्टल एक्सिस उपलब्ध चार्ट के प्रकार उपलब्ध चार्ट के प्रकार ही वैल्यू एक्सिस होती है.
Horizontal Axis or Category Axis - यह वह लाइन है जहाँ बहुत सी डाटा सीरीज व्यवस्थित की जाती है. यह एक्सेल चार्ट का हॉरिजॉन्टल भाग है. बार चार्ट वर्टीकल एक्सिस ही केटेगरी एक्सिस कहलाती है.
Data Labels - डाटा पॉइंट की वास्तविक वैल्यू, डाटा लेबल्स कहलाती है.
Grid Lines - प्लाट एरिया में दिखाई देने वाली हॉरिजॉन्टल लाइनग्रिड लाइन्स कहलाती है.
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चार्ट कितने प्रकार के होते है - Types of Excel Chart
दोस्तों, विभिन्न उद्देश्यों के लिए Excel Chart का प्रयोग किया जाता है. एक्सेल में विभिन्न प्रकार के चार्ट के खाके (Excel Chart T emplate ) उपलब्ध है और हमारे द्वारा बनाए जाते है. अनेको बार हमें हमारे डाटा को दीखते हुए उपलब्ध चार्ट के प्रकार चित्र या आकृति में प्रदर्शित करना होता है. जिसके लिए Excel Chart का उपयोग किया जाता है.
सबसे महत्वपूर्ण यह है की हमें हमारे डाटा या सुचना को विज़ुअल प्रदर्शन के लिए सही चार्ट के प्रकार का इस्तेमाल करना होता है. हम हमारी आवश्यकता अनुसार या कहे जैसी हमारे डाटा की मांग होगी वैसे Excel Chart का इस्तेमाल कर सकते है.
एक्सेल चार्ट के विभिन्न प्रकार (Types of Excel Chart) निम्नानुसार है.
साथियों अब मुझे लगता है कि आप अच्छे से समझ गए होंगे की Excel Chart Kya Hota Hai और एक्सेल चार्ट को कैसे बनाते है एवं यह कितने प्रकार के होते है (Types of Excel Chart in Hindi). मेरी पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेंट जरूर करे.
एमएस एक्सेल में चार्ट कैसे बनाएं? उनके प्रकार और प्रयोग
एमएस वर्ड में चार्ट बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
- सबसे पहले अपने एक्सेल डॉक्यूमेंट में Insert टैब पर क्लीक करें।
- अब रिबन के अंदर चार्ट वाले सेक्शन में Chart Type पर क्लीक करें जिसके बाद इसके अंदर चार्ट के टाइप वाले मेनू खुल जाएँगे। इनके अंदर किसी एक पर क्लीक करते ही आपके सामने तरह-तरह के चार्ट के प्रकार खुल जाएंगे।
- चार्ट को डिलीट करने के लिए उसपे माउस द्वारा राईट क्लीक करें और Delete या Cut पर क्लीक करें।
- अगर आप चार्ट का आकार बदलना चाहते हैं तो माउस के तीर को उसके किसी कोने या बॉर्डर पर स्थिर रखें और खीचें। इसके बाद आप जिस तरफ चाहें उधर से चार्ट को बड़ा या छोटा कर सकते हैं।
एमएस एक्सेल में चार्ट के प्रकार (types of carts in ms excel in hindi)
एमएस एक्सेल आपको कई तरह के चार्ट अपने डॉक्यूमेंट में प्रयोग करने की सुविधा देता है जिसमे से प्रमुख के बारे में हम आगे जानेंगे। हम ये भी समझेंगे कि उनका क्या प्रयोग है।
1. पाई चार्ट (pie chart)
पाई चार्ट का प्रयोग केवल एक डाटा सीरीज को दिखाने के लये करते हैं। अगर आप एक से ज्यादा डाटा सीरीज डालेंगे तो एमएस एक्सेल अपने-आप पहले वाले को पाई चार्ट के द्वारा दिखाएगा।
जैसा कि आप देख सकते हैं पाई चार्ट एक वृत्त या गोले के टुकड़ों के रूप में डाटा को दिखाता है। इसी तरह इसे 3D में भी बनाया जा सकता है।
2. कॉलम चार्ट (column chart)
कॉलम चार्ट का प्रयोग बहुत सामान्य है और अधिकतर डाटा की तुलना करने के लिए इसी चार्ट का प्रयोग करते हैं।
अगर आप एक से ज्यादा डाटा सीरीज की आपस में तुलना करना छह रहे हैं तो एमएस एक्सेल में कॉलम चार्ट इसी चीज को स्तम्भों के रूप में दिखाता है।
3. लाइन चार्ट (line chart)
लाइन चार्ट का प्रयोग आम तौर पर समय के साथ हुए बदलावों या एनी चीजों की तुलना में हुए बदलावों को दिखने के लिए करते हैं। यह ये दिखाता है कि कोई चीज का मान कब कितना था।
ये बांकी चार्ट की तरह रंगीन नही होता लेकिन ये एक लाइन में इतनी सारी चीजों को दिखा देता है जिसे अन्य चार्ट के मुकाबले दर्शाना मुश्किल है।
4. एरिया चार्ट (area chart)
एरिया चार्ट एक अनोखा चार्ट है जो विभिन्न्ज्यमितिया आकारों के क्षेत्रों के रूप में किसी डाटा को दिखाने में मदद करता है। एमएस एक्सेल में एरिया चार्ट बहुत सारे डाटा सीरीज को भी दिखा सकता है।
एरिया चार्ट सभी डाटा को लम्बाई, उंचाई या चौड़ाई के माप में बदल देता है और इसी तरीके से 3D में डाटा दिखाने में भी मददगार साबित होता है।
5. स्कैटर चार्ट (scatter chart)
ये बहुत सारे बिखड़े हुई बिन्दुओं की मदद से दो से अधिक डाटा सीरीज की आपस में तुलना करने की क्षमता रखता है।
इसमें ऋणात्मक डाटा को भी आसानी से दिखाया जा सकता है। इसके अलावा एमएस एक्सेल आपको कुछ और भी चार्ट के प्रयोग की सुविधा देता है जिसे की बार चार्ट, सरफेस चार्ट इत्यादि।
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By अनुपम कुमार सिंह
बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।
चार्ट के प्रकार (हिंदी)
चार्ट कीमतों को निर्घारित समय सीमा के तहत प्रदर्शित करते है | चार्ट्स मिनटों से लेकर सालो की समय सीमा तक रेखांकित किये जा सकते हैं |
चार्टो के कहीं प्रकार हैं, और साधारणत कीमते y-एक्सिस (खड़ी उपलब्ध चार्ट के प्रकार रेखा) पर रची जाती हैं और समय x-एक्सिस (समांतर रेखा ) पर दिखाया जाता है | तकनीकी संकेतो को कीमत चार्ट के निचे दिखाया जाता हैं |
समयावधि के आधार पर चार्ट समान्यत: ५ मिनिट , १० मिनिट , १५ मिनिट, आधा घंटा , १ घंटा , ४ घंटे , दिवसीय, साप्ताहिक और मासिक इस प्रकार के होते हैं |
सामान्य रूप से, दिवसीय और इंट्रा डे चार्टो का उपयोग छोटी अवधि के मूल्य गति जाचने के लिए होता हैं, बल्कि दीर्घकालिक मूल्याकन के लिए साप्ताहिक व मासिक चार्टो का प्रयोग किया जाता हैं | ५ और १० मिनिट के चार्ट मार्केट स्कैल्पर उपयोग में लाते है , १५ मिनिट के चार्ट डे ट्रेडर और छोटी अवधि के महत्वपूर्ण होते हैं | साप्ताहिक व मासिक चार्ट्स स्विंग ट्रेडर्स और निवेशको के काम आते हैं |
कीमत रचने की शैली के आधार पर चार्टो को लाइन चार्ट, बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट और पॉइंट व फिगर चार्ट प्रकार में वर्गीकृत किया जाता हैं | ये मुख्य चार्ट प्रकार है, इसके बावजूत और भी चार्टो के कीमत रेखांकन आधार पर कई प्रकार होते है पर वह कदाचित इस्तेमाल होते है और वो भी विशेषज्ञ ही इस्तेमाल व उपयोग करते हैं | उदारणार्थ रेनको चार्ट, हेइकिन-अशी चार्ट, एकवि-वॉल्यूम चार्ट , कैंडल-वॉल्यूम चार्ट, कागी चार्ट , थ्री लाइन ब्रेक चार्ट, इत्यादी.
लाइन चार्ट ये चार्ट प्रकारों में सबसे सरलतम प्रकार है | लाइन चार्ट में कीमतों को रेखावोसे जोड़कर बनाया जाता है | समान्यतः शेयरों के बंद भाव को इस तरह के चार्ट के रेखाटन के लिए उपयोग में लाया जाता हैं | कभी-कभार शेयरों के उच्तम भाव , निम्नतम भाव और प्रथम भाव ( ओपनिंग प्राइस ) का भी इस्तेमाल किया जाता हैं |
जब सभी मूल्य बिंदुओं को रेखांकित किया जाता है तो वह समय आधारित कीमतों की दिशा को प्रत्याषित करते हैं | पर इस चार्ट के सहायता से ट्रेडिंग करना मुश्किल व नुकसानदायक हो सकता है |
बार चार्ट शुरुवाती दिनों में बहुत प्रचलित और आम थे | इस चार्ट में एक बार एक समय की मूल्य विस्तार दिखता है | बार चार्ट सामान्यतः दिन, सप्ताह व मासिक कीमतों को समजने के उपयोग में लाये जाते हैं |
बार चार्ट में प्रत्येक बार निर्धारित चार्ट समयानुसार कीमतों की प्रथम (ओपन) , उचतम ,निन्म्तम और बंद भाव दिखाता है | बार का उपरी सीमा शेयरों का दिन का उच्तम भाव प्रदर्शित करती है, निचली सीमा निम्नतम भाव सांकेतिक करती है. शेयर का बंद भाव दायिने और होता है व बाए बाजु ओपनिंग भाव होता है | बार चार्ट पैटर्न के उपयोग से व्यापारी और तांत्रिक विश्लेषक बाज़ार में मुनाफा कमाते है |
आजकल कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोऊ बहोत आम हो गया है व अधिकतम ट्रेडर्स इसी चार्ट प्रकार का उपयोग व्यापर में करते हैं | कैंडलस्टिक चार्ट मुफ्त में अधिकतर चार्टिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध रहते है | कैंडलस्टिक चार्ट बार चार्ट के तरह ही दिखते है फर्क सिर्फ बार की चौड़ाई में होता है | कैंडलस्टिक चार्ट ओपन, उचतम ,निम्नतम , व बंद भाव एक मोमबती के स्वरुप में चार्ट पे दिखता हैं |
कैंडल का कलर उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग पैर निर्भर करता है | बंद भाव ओपनिंग के उप्पर है तो उसे पॉजिटिव क्लोसिंग कहते हैं और ये कैंडल हरी या फिर सफ़ेद रंग की दिखाई जाती हैं | इसके उपरांत अगर बंद भाव ओपनिंग के निचे है तो उसे नेगेटिव क्लोजिंग कहते है , इसमें कैंडल लाल या काले रंग में दिखाई जाती है |
इस चार्ट में कीमते मोमबती की तरह दिखती है जिसमे दोनो तरफ बाती रहती है उसे अक्सर कैंडलस्टिक शैडो कहा जाता है | वह कीमतों की चरम गतिविधि ( एक्सट्रीम प्राइस एक्शन ) प्रत्याषित करती है | दोनों शैडो के बिच के भाग को “बॉडी” कहा जाता हैं |
कैंडलस्टिक चार्ट, बार चार्ट के तरह विविध चार्ट पैटर्न निर्माण करते हैं | यह पैटर्न कैंडल के बॉडी और शैडो को मिलकर बनाते हैं | छोटी अवधि के ट्रेडिंग में यह कैंडलस्टिक पैटर्न बहुत लाभदायी होते है | ये पैटर्न अपट्रेंड के ख़त्म होने व डाउन ट्रेंड की समाप्ति की सूचना ट्रेडर्स को देते है और व्यापर को सफल बनाने के बहुत उपयोगी आते है |
पॉइंट व फिगर चार्ट्स एक अद्वितीय प्रकार की चार्टिंग प्रणाली है | क्योकि ये चार्ट, अन्य चार्ट के समान कीमतों को समयानुसार रचित उपलब्ध चार्ट के प्रकार नहीं करता है | बल्कि ये चार्ट कीमतों की दिशानुसार कीमते चार्ट पर X व O के रूप में दिखता है | जहा X मतलब कीमतों में वृद्धि और O मतलब उपलब्ध चार्ट के प्रकार कीमतों में गिरावट | नविन X या फिर O कीमतों में ठराविक समय में बदल आने पर ही रचे जाते है | कीमते जब लगातार उपर की और बढाती जाती है तो X अक्षर एक के उपर एक इस तरह से रचा जाता है | गिरती कीमतों में O अक्षर एक के निचे एक इस तरह से रचा जाता है | सामान्यतः ठराविक समय चार्ट में ३ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है | यह चार्ट कीमतों की सही दिशा अचूकता से जाचता है और बाज़ार शोर को नज़र अंदाज़ करता हैं |
चार्ट का अर्थ | चार्ट के प्रकार | चार्टो का प्रभावपूर्ण उपयोग | Charts in Hindi
चार्ट का अर्थ
चार्ट का अर्थ (Charts in Hindi)
चित्र या ग्राफो के रूप में जो कुछ अलग-अलग प्रदर्शित किया जा सकता है उन सभी को सुविधापूर्वक अलग-अलग या इक्ट्ठे रूप में प्रदर्शित करने का कार्य चाटों द्वारा अच्छी तरह किया जा सकता है। डेल के अनुसार, “चार्ट एक दृश्य सामग्री चिन्ह ” है जो विषय-वस्तु के सार, तुलना या किसी दूसरी क्रिया की व्याख्या करने में सहायता देता है” चार्ट की सहायता से संख्यात्मक और गुणात्मक दोनो ही प्रकार की सूचनाओं व तथ्यों को प्रदर्शित किया जा सकता है। कक्षा शिक्षण के प्रत्येक स्तर पर चाहे वह पूर्व ज्ञान परीक्षा या प्रस्तावना से सम्बन्धित हो या विषय वस्तु के क्रमबद्ध प्रस्तुतीकरण, पुनरावृति, अभ्यास अथवा गृहकार्य प्रदान करने से, चार्ट सभी स्तर पर अध्यापक को उसके कार्य में सहायता प्रदान करते है। यही कारण है कि सभी विषयों से सम्बन्धित पाठ्य सामग्री के शिक्षण-अधिगम कार्यो में वार्टो से पूरी सहायता लेने का प्रयास किया जाता है। तथ्यो या विचारो को एक क्रमबद्ध लड़ी में प्रस्तुत करने के लिए चार्ट अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध होते है। उदाहरण के लिए इतिहास शिक्षण में महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को स्पष्ट किया जा सकता है।
चार्टी के प्रकार (Types of Chart )
चार्ट कई प्रकार के होते है अध्यापक पाठ के अनुसार चार्ट तैयार करवाकर शिक्षण उपागम के रूप में प्रयोग कर सकता है। कुछ चार्ट इस प्रकार है-
(1) समय चार्ट (Time Chart ) :- इसे समय सारणी भी कहते है। इनके प्रयोग से अधिकतर ऐतिहासिक तिथियों, घटनाओं, कालक्रमानुसार विभिन्न शासको व युद्धों का वर्णन क्रम के अनुसार प्रस्तुत किया जाता है।
(2) तालिका चार्ट (Table Chart ) :- इनमें कई प्रकार के खाने बनाकर विचारो, घटनाओं तथा विवरणो को क्रमानुसार व्यवस्थित किया जाता है। ऐतिहासिक घटनाओं का क्रम, शासको का क्रम, युद्धों आदि की सूची भी समयानुसार इन चार्टो द्वारा दी जाती है।
( 3 ) उपलब्ध चार्ट के प्रकार धारा चार्ट (Flow Chart ):- इसके द्वारा किसी वस्तु का क्रमिक विकास तथा राजे- महाराजाओं का उत्थान व पतन दर्शाया जाता है। कानून की रचना का चार्ट बनाया जाता है।
(4) चित्र सम्बन्धी चार्ट ( Picture Chart ) :- इसमें विभिन्न चित्रों को इक्ट्ठा करके दर्शाया जा सकता है, जैसे- यातायात के साधन, सिंचाई के साधन, डाक के साधन आदि।
(5) संगठन चार्ट (Organisation Chart ):- इसका प्रयोग सामाजिक अध्ययन में विशेषकर किया जाता है। विभिन्न शासन प्रबन्धो का केन्द्र राज्य, संसद, न्यायालय, कार्यपालिका, पंचायत आदि के संगठन रूप चार्ट पर दिखाया जाता है।
(6) वृक्षाकृति चार्ट (Tree Chart):- किसी भी वस्तु के क्रमिक विकास को इस चार्ट द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। वृक्ष का तना मुख्य रूप होता है, उसकी टहनियाँ उसके विकास को दर्शाती है। वनस्पति विज्ञान में पेड़-पौधों का विकास तथा जीव-विज्ञान में जीव जन्तुओं का क्रमिक विकास इसके अच्छे उदाहरण है। जिस प्रकार से तने से डालियाँ पत्तियाँ निकलकर विकास करती है, उसी उपलब्ध चार्ट के प्रकार प्रकार चार्ट का विकास होता है।
( 7 ) ग्राफ चार्ट ( Graph Chart ) :- ऐसे चार्ट अधिकतर भूगोल एंव सामाजिक अध्ययन में प्रयोग होते हैं इन चारों द्वारा आँकडों का प्रदर्शन किया जाता है जैसे वर्षा तथा तापक्रम, वर्षा तथा जनसंख्या आदि। ये पाँच प्रकार के होते है- क्षेत्रफल, पाई, चित्र, लाइन एंव लम्बा ग्राफ ।
चार्टो का प्रभावपूर्ण उपयोग ( Effective Use of Charts )
चार्टो का दृश्य साधन के रूप में अच्छी तरह प्रयोग करने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए-
(i) चार्टो के द्वारा निश्चित शैक्षिक उद्देश्यो की प्राप्ति में सहायता मिलनी चाहिए।
(ii) यद्यपि विभिन्न प्रकार के चार्ट पुस्तकालय तथा बाजार में उपलब्ध हो सके परन्तु जहाँ तक संभव हो सके इनका निर्माण अध्यापक की देख-रेख में छात्रों द्वारा किया जाना चाहिये।
(iii) जिस विचार, तथ्य, सूचना अथवा प्रक्रिया को चार्ट द्वारा प्रदर्शित करना हो उसके ऊपर भली-भाँति विचार कर चार्ट की दृश्य सामग्री को इस प्रकार दिखाया जाना चाहिए कि उससे प्रस्तुत विषय को स्पष्ट एंव प्रभावपूर्ण ढंग से अभिव्यक्त किया जा सके।
(iv) विषय वस्तु, छात्रों स्तर, उपलब्ध शिक्षण-अधिगम परिस्थितियों आदि बातों को ध्यान में रखकर ही उपयुक्त प्रकार के चार्टो का चयन किया जाना चाहिये।
(v) एक चार्ट का केवल एक ही उद्देश्य होना चाहिये। एक ही चार्ट में बहुत सी बातों को शामिल कर लेने से उसकी स्पष्टता पर असर पड़ता है।
(vi) जिस उद्देश्य से चार्ट को प्रदर्शित किया जा रहा है उसी को स्पष्ट करने से सम्बन्धित आवश्यक सामग्री ही उसमें होनी चाहिए। अनावश्यक उपलब्ध चार्ट के प्रकार व्यर्थ की बातें नही।
(vii) चार्टो में दृश्य सामग्री की उत्तमता एंव प्रभावपूर्णता पर पूरा-पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दृष्टि से रंगो, अक्षरो, आकृतियों के आकर्षण तथा आकार आदि पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए।
(viii) कक्षा में जिस चार्ट की जिस समय आवश्यकता हो उसको उसी समय प्रदर्शित किया जाना चाहिये। चार्ट को इस तरह प्रदर्शित किया जाना चाहिये कि उसका सम्पूर्ण भाग विद्यार्थियों को अच्छी तरह दिखाई दे सके।
चाटों का प्रयोग कुशल अध्यापक द्वारा ही सम्भव है। अध्यापकों को उचित समय पर ही प्रदर्शन करना चाहिए। जैसे-जैसे विषय बढ़ता जाए तभी अध्यापक को एक-एक कागज हटाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों की रूची बनी रहे। चार्ट का प्रयोग अन्य दृश्य-श्रव्य सामग्री की बजाय अधिक प्रभावशाली है।
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