शार्ट पोजीशन

शार्ट पोजीशन
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ऐल्कोहॉल , फीनॉल तथा ईधर
निम्नलिखित ईथरों के नाम लिखिए .
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो सुरेंद्र छापर में कृष्ण के देने निम्नलिखित स्थानों के नाम लिखिए ठीक है यहां पर एक प्रकार का इधर है और इसका नाम लिखना ही था यह क्यों है क्योंकि जो वह है इसे कैंसल कर छोड़ा है और एक है लेकिन इससे जुड़ा है और हमें पता है कि जो इधर होते हैं उनकी प्रॉपर्टी क्या होती है उनका स्ट्रक्चर कुछ इस टाइप का होता है और वहां टाइप का ठीक है यहां पर दोनों आरसीबी हो सकते या फिर दोनों आर डिफरेंट हो सकते हैं क्या आप यहां पर यह आर डिफरेंट है और ये आर्डर डिफरेंट है तो हमेशा बताना है स्ट्रक्चर कैसा होगा इसका स्ट्रक्चर्स दिया है उसका नाम बताना है तो हमें एक बार का सबसे खुशियां बना लेते हैं na2 ca3 ठीक है तो अगर हम ध्यान से देखें तो यह जो कुछ स्ट्रक्चर पूरा दिया है यह अनीस और टाइप का है ठीक है और एनी साल का फार्मूला क्या होता है इसी सिक्स h5 शार्ट पोजीशन ch3 यह फार्मूला होता है यहां पर क्या किया कि कि 1h को रिप्लेस कर दिया
गया है no2 से तो यहां पर हम इसका नाम क्या लिखेंगे नाइट्रो ठीक है नाइट्रो करके लिखेंगे और क्योंकि यह जो है शार्ट पोजीशन पर जुड़ा हुआ है अगर इसका स्ट्रक्चर लिखे तो कुछ यहां पर एक बेंजीन दिन बनेगी इस टाइप की और यहां पर क्या आएगा c65 हमारा हो गया इसके साथ जुड़ा हुआ है no2 ठीक है और इसके साथ क्या जुड़ा हुआ है और तू भी जुड़ा हुआ है ठीक है अगर हम इसमें नंबरिंग करें तो यहां से होगी 1234 ठीक है 1:00 पर क्या है और cs3 क्या जाएगा वो शार्ट पोजीशन क्या है ऑक्सी ग्रुप है और यह जो है मैथ मैथिली यहां पर क्या हो जाएगा मैं टॉक्सिन क्या बोलेंगे मैं चौक c-1 पर मेथाक्सी जुड़ा हुआ है और फोन नंबर वाले कार्बन पर क्या जुड़ा हुआ है no2 ठीक है और यह क्या है यह एक प्रकार की कैसी है बेंजीन रंगे है ना
तो इसका नाम लिखेंगे वन में थोक सी वन मेथाक्सी 424 नंबर पर नाइट्रो समूह जुड़ा हुआ है और नाइट्रो और इसमें लास्ट में सफिक्स में क्या आएगा बेंजीन क्योंकि यह एक बेंजीन में जुड़ा हुआ है ठीक है इसका i-pac नेम क्या हो गया 134 नाइट्रो बेंजीन ठीक है थैंक यू
गिरते हुए बज़ार में 📉Short Selling से कमा सकते है बोहोत सारा पैसा।
शेयर बाजार में इसके आलावा और एक प्रकार हैं जिसे कहते हैं शार्ट पोजीशन या short selling.
इस में होता यह हैं की हम पहले शेयर्स को भेज देते हैं, इसमें आप को प्रश्न होगा की ,
हमने शेयर्स तो ख़रीदे ही नहीं तो हम बेच कैसे सकते हैं ?
शार्ट सेल्लिंग लॉन्ग पोजीशन के बिलकुल उल्टा होता हैं। यहाँ पर हम उची कीमत में शेयर्स को बेचते हैं और जब शेयर्स की कीमत घट जाती हैं , तब उसे वापिस खरीद लेते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग को हम शार्ट सेल्लिंग कहते हैं।
लॉन्ग पोजीशन
पहले हम समझ लेते हैं लॉन्ग पोजीशन को।
मान लीजिये की आप गोल्ड में ट्रेडिंग करते हैं।
आप ने गोल्ड को ५०००० के भाव पर ख़रीदा और गोल्ड की कीमत ५०००० से बढ़ कर ५२००० पर पोहोच गयी तब आप ने इसे बेच दिया।
इस प्रकार से आप को २००० का मुनाफा हुआ। इस प्रकार की ट्रेडिंग को लॉन्ग पोजीशन कहते हैं।
इसमें आप कम कीमत पर खरेदी करते हैं और कीमत बढ़ जाती हैं तब आप इसे बेच देते है।
शार्ट पोजीशन
शार्ट पोजीशन में ठीक इसके उल्टा होता हैं।
पहले उची कीमत पर बिकवाली की जाती हैं और कीमत कम हो जाती हैं तब खरेदी की जाती हैं।
आप को टेक्निकल एनालिसिस की मदत से मालूम पड़ता हैं क गोल्ड की कीमत निचे जाने वाली हैं तो आप ५२००० पर गोल्ड को शार्ट सेल्ल करते हैं।
और गोल्ड की कीमत घटकर ५०००० पर पोहोच जाये तब आप गोल्ड को खरीद लेते हैं।
अब आप यहाँ पर देखेंगे की असल में आप ने गोल्ड को ५०००० में ख़रीदा और ५२००० में बेचा हैं इसमें भी आप को २००० का मुनाफा हुआ हैं।
इस प्रकार की ट्रेडिंग को शार्ट सेल्लिंग कहा जाता हैं।
इस प्रकार से आप गिरते हुए से मुनाफा कमा सकते हैं।
शार्ट सेल्लिंग में लोस्स कैसे होता हैं ?
जैसे की बाजार में हम लॉन्ग पोजीशन बनाते हैं तब अगर बाजार बढ़ता हैं तो हमें प्रॉफिट होता हैं। लेकिन अगर बाजार घटने लगता हैं तो हमें लोस्स होने लगता हैं।
इसके बिपरीत जब हम बाजार में शार्ट सेल्ल पोजीशन बनाते हैं तब अगर बाजार घटता हैं तब हमें प्रॉफिट होता हैं।
लेकिन अगर बाजार बढ़ने लगे तो हमें लोस्स होने लगता हैं।
तो यह बिलकुल सिधिसी बात हैं की अगर हम लॉन्ग पोजीशन लेते हैं तो बाजार बढ़ना चाहिए और अगर हम शार्ट पोजीशन लेते हैं तो बाजार घटना चाहिए जिससे की हमें प्रॉफिट हो।
शार्ट सेल्लिंग कैसे की जाती हैं ?
Intraday Short selling – शार्ट पोजीशन Equity Market
- अगर आप इक्विटी मार्किट में शार्ट सेल्लिंग करते हैं तो आप को इसे आज ही बेच कर आज ही खरीदना पड़ता हैं।
- क्योकि इक्विटी मार्किट में केवल इंट्राडे में ही आप शार्ट सेल्लिंग कर सकते हैं।
- इक्विटी मार्किट में शार्ट सेल्लिंग करने के बाद उस ही दिन वापिस से खरीदारी नहीं करते हैं और आप की शार्ट सेल्ल की पोजीशन पेंडिंग रह जाती हैं।
- तो इसमें स्टॉक एक्सचेंजर इस सौदे में आप को शार्ट सेल्लिंग में defaulter मानते हैं और इस सौदे में आप को बोहोत बड़ी रक्कम फाइन या पेनलटी के रूप में वसूल की जाती हैं।
- इसलिए जब आप इक्विटी मार्किट में शार्ट सेल्लिंग करे तो आप इस बात का ध्यान रखे की शार्ट सेल्लिंग की पोजीशन को आज ही क्लोज करदे।
Intraday and Positional Short Selling – Future and Option (Derivatives) Commodity Market
- F&O और Commodity Market में Short selling बोहोत ही पॉपुलर होती हैं।
- या ऐसा भी कह सकते हैं की शार्ट सेल्लिंग F&O मार्किट के लिए ही होती हैं।
- क्योकि इसमें आप इंट्राडे के साथ-साथ अपनी शार्ट सेल्लिंग पोजीशन को अपने expiry date तक carry कर सकते हैं।
- future मार्किट में आप इंट्राडे और पोसिशनल दोनोही तरह से शार्ट सेल्लिंग कर सकते शार्ट पोजीशन है।
निष्कर्ष
अगर आप शार्ट सेल्लिंग सिख जाते है तो आप गिरते हुए बाजार में भी कम अवधि में बोहोत ज्यादा पैसे कमा सकते हैं।
लेकिन ध्यान रहे जब बाजार ऊपर जाता हैं वह धीरे – धीरे जाता हैं और जब बाजार निचे आता हैं तब वह बड़ी तेज़ीसे आता है।
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शॉर्ट सेलिंग कैसे करते हैं?
गिरते हुए मार्किट में उची कीमत में शेयर्स को बेचते हैं और जब शेयर्स की कीमत बढ़ने लगती हैं , तब उसे वापिस खरीद लेते हैं।
इस प्रकार की शार्ट सेल्लिंग करते हैं।
शेयर मार्केट में शॉर्ट सेलिंग क्या है?
शेयर मार्केट में उची कीमत में शेयर्स को बेचते हैं और जब शेयर्स की कीमत घट जाती हैं , तब उसे वापिस खरीद लेते हैं।
इस प्रकार की ट्रेडिंग को हम शार्ट सेल्लिंग कहते हैं।
शॉर्ट सेलिंग से आपको कैसे फायदा होता है?
शार्ट सेल्लिंग से यह फायदा होता हैं की, हम गिरते हुए मार्किट में भी पैसे कमा सकते हैं।
आप कब तक शॉर्ट पोजीशन रख सकते हैं?
अगर आप इक्विटी में ट्रेडिंग करते हैं तो आप सिर्फ इंट्राडे में शार्ट सेल्लिंग कर सकते हैं १ दिन के लिए।
और अगर आप F&O और Commodity Market में Short selling करते हो तो आप इंट्राडे के साथ-साथ अपनी शार्ट सेल्लिंग पोजीशन को अपने expiry date तक carry कर सकते हैं।
Elon Musk News: बिल गेट्स के पास टेस्ला के खिलाफ $2 अरब की शॉर्ट पोजीशन, एलन मस्क ने क्यों किया है यह दावा?
Elon Musk News: एलन मस्क ने दावा किया है कि बिल गेट्स ने अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के खिलाफ करीब $2 अरब का दांव लगाया हुआ है. अपने फैन के साथ बातचीत में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर यह दावा किया है.
Elon Musk News Hindi: Elon Musk के ट्वीट को 53,000 लोगों ने पसंद किया, उसे 12,000 रिट्वीट किए गए, जबकि पोल शुरू करने के 3 घंटे के अंदर उस पर 10 लाख वोट मिले हैं.
Elon Musk ने कहा कि बिल गेट्स दावा करते हैं कि वह ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद कर रहे हैं. मुझे ऐसा लगता है कि बिल गेट्स के साथ मेरा भी भरोसे का कुछ मसला है.
ब्रिगेट ने Elon Musk के टि्वटर पोल पर जवाब दिया था. एलन मस्क ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया था जिसमें टेस्ला के सीईओ Elon Musk ने अपने फॉलोवर शार्ट पोजीशन से पूछा था कि वह किस पर अधिक भरोसा करते हैं- अरबपति या राजनेता.
Elon Musk के पास ट्विटर पर 95 मिलियन से अधिक फॉलोअर हैं. Elon Musk के ट्वीट को 53,000 लोगों ने पसंद किया, उसे 12,000 रिट्वीट किए गए, जबकि पोल शुरू करने के 3 घंटे के अंदर उस पर 10 लाख वोट मिले हैं.
एलन मस्क (Elon Musk) का माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के साथ पुराना विवाद रहा है. उन्होंने पहले भी एक बार कहा था कि टेस्ला के खिलाफ बिल गेट्स ने शार्ट पोजीशन लिया हुआ है. इससे पहले एलन मस्क ने कहा था कि वह बिल गेट्स के फिलैंथरोफी के ऑफर को स्वीकार नहीं करते.
एलन मस्क (Elon Musk) ने बिल गेट्स पर आरोप लगाया था कि माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक Bill Gates क्लाइमेट चेंज से मुकाबला करने के लिए गंभीर नहीं हैं. साल 2022 में एक इंटरव्यू में बिल गेट्स ने संकेत दिए थे कि उन्होंने Elon Musk की टेस्ला के खिलाफ दांव लगाया हुआ है, उन्होंने इस बारे में हालांकि खुले तौर पर कुछ नहीं कहा था.
क्या हम फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट रोलओवर कर सकते हैं?
इस आर्टिकल में बताया गया है कि फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट का रोलओवर कैसे और कब करें? फ्यूचर एंड ऑप्शन में रोलओवर का सीधा सा मतलब वर्तमान महीने की पोजीशन (जो समाप्त हो रहा है) को अगले महीने के लिए आगे बढ़ाना। इसमें आपको वर्तमान महीने की पोजीशन काटनी पड़ती है और अगले महीने की पोजीशन जोड़नी है। चलिए जानते हैं- क्या हम फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट रोलओवर कर सकते हैं? Can we rollover futures contract in Hindi?
Future Rollover क्या है?
रोलओवर का अर्थ है-अपनी फ्यूचर की पोजीशन को एक महीने से दूसरे महीने तक आगे ले जाने की प्रक्रिया को रोलओवर कहा जाता है। मान लीजिये यदि आपके पास निफ़्टी फ्यूचर का जनवरी का एक लॉट है और आप उसे फरवरी के लिए आगे बढ़ाते हैं, यही रोलओवर है। यानि अपनी ली हुई पोजीशन को एक्सपायरी के पास बंद करके, बिल्कुल ऐसी ही अगले महीने की पोजीशन लेना ही rollover कहलाता है। बैंक निफ्टी की सबसे बढ़िया ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
rollover futures contract कब किया जाता है?
रोलओवर दो तरह से किया जाता है, पहला- जब आप की पोजीशन प्रॉफिट में हो तो प्रॉफिट का रोलओवर किया जाता है। दूसरा- अगर आप की पोजीशन लॉस में है तो लॉस बुक किया जाता है। यदि आप सोचते हैं कि आप की पोजीशन प्रॉफिट में आ सकती है। तो आप अपना लॉस बुक करके अगले महीने, प्रॉफिट के लिए रोलओवर कर सकते हैं। इस पोजीशन में निम्नलिखित दो तरह से रोलओवर हो सकता है-
लॉस वाली पोजीशन का रोल ओवर
मान लेते हैं आपने 18090 में निफ़्टी फ्यूचर (Nifty Future) का जनवरी का एक लॉट खरीदा है। निफ्टी का वर्तमान बाजार भाव (स्ट्राइक प्राइस) 18000 चल रहा है। अगर आपको लगता है कि इस महीने तो मेरा भाव नहीं आ पाएगा लेकिन अगले महीने मेरा भाव आ सकता है। इस स्थिति में आप इस महीने की पोजीशन को लॉस में काटकर, अगले महीने (फरवरी) की निफ्टी फ्यूचर की पोजीशन ले सकते हैं। इस तरह आप की जनवरी की पोजीशन कटकर फरवरी के लिए रोलओवर हो जाएगी। ऑप्शन ट्रेडिंग
प्रॉफिट वाली पोजीशन का Rollover
मान लीजिये आपके पास 18090 में निफ़्टी फ्यूचर का जनवरी का एक लॉट खरीदा है। निफ़्टी का वर्तमान बाजार भाव (स्ट्राइक प्राइस) 18400 चल रहा है, इस पोजीशन में आप प्रॉफिट में चल रहे हैं। अगर आपको लगता है कि निफ़्टी अगले महीने और भी ऊपर जायेगा, आपको और भी ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है। इस स्थिति में आप इस महीने की पोजीशन के प्रॉफिट को बुक करके, अगले महीने (फरवरी) की निफ्टी फ्यूचर की पोजीशन ले सकते हैं।
Future contract rollover में प्रॉफिट एंड लॉस
रोलओवर में घाटा और मुनाफा दोनों ही हो सकते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है, अगर आप फ्यूचर खरीद कर रोलओवर कर रहे हैं। तो आपको प्रत्येक महीने प्रीमियम का लॉस देखने को मिलेगा। आप यह तो जानते होंगे कि यदि निफ्टी का स्ट्राइक प्राइस 18000 है तो इसके इस महीने future contract की प्राइस 18150 अंक के आस-पास होगी। Price Action क्या है?
मान लेते हैं अगर जनवरी महीने में निफ़्टी का स्ट्राइक प्राइस 18000 पर चल रहा है तो इसके फ्यूचर का प्राइस 18090 के आसपास होगा। इस प्राइस के अनुसार निफ़्टी फ्यूचर फरवरी का प्राइस 18150 अंक के करीब होगा। इस स्थिति में अगर आप जनवरी का फ्यूचर बेचकर फरवरी का फ्यूचर खरीदेंगे तब आपको प्रीमियम 50/60 रूपये ज्यादा देनी पड़ेगे जो कि आपका लॉस होगा।
आप यह तो जानते ही होंगे कि जब एक्सपायरी के दिन फ्यूचर सेटल होते हैं, तब निफ्टी की एक्सपायरी का प्राइस और स्पॉट प्राइस एक समान हो जाते हैं। जब यह दोनों प्राइस एक समान हो जाते हैं, तब आपकी पोजीशन का प्रीमियम कम हो जाता है। लेकिन निफ़्टी का स्पॉट प्राइस अपनी जगह पर रहता है। इस तरह आपको नुकसान हो जाता है क्योंकि आप अपनी वर्तमान महीनें की पोजीशन को नुकसान में काटना पड़ता है। SIP
इस तरह आप को वर्तमान महीनें के प्रीमियम का लॉस होता है। आपको अगले महीनें के लिए निफ़्टी फ्यूचर का ज्यादा प्रीमियम पर रोलओवर करना पड़ता है। यानी आपको अगले महीनें के लिए अलग से प्रीमियम देना पड़ता है। कहने शार्ट पोजीशन का मतलब यह है कि यदि आप फ्यूचर खरीद रहे हैं तो इसे नुकसान में रोलओवर करने पर प्रीमियम का नुकसान भी होता है।
फ्यूचर की शार्ट-सेल पोजीशन का रोलओवर ( Future ki short sell position ka rollover)
यदि आप निफ्टी की शार्ट-सेल पोजीशन का रोल ओवर करते हैं तो आपका प्रॉफिट और लॉस किस तरह रोल ओवर होगा? मान लीजिए अभी निफ्टी का सपोर्ट प्राइस 18000 अंक पर चल रहा है आपने 18090 में Nifty future का एक लॉट शार्ट-सेल किया। अगर इस महीने में निफ्टी 18090 पर ही रहता है तो भी आपको तो निफ्टी 18000 में बेचने को मिला। नैस्डेक कम्पोजिट
एक्सपायरी के दिन फ्यूचर सेटल होगा तो वह 18000 पर ही सेटल होगा लेकिन आपको तो निफ्टी 18090 पर बेचने के लिए मिला था। अब निफ्टी आपको 18000 पर ही खरीदने के लिए मिल रहा है, इस स्थिति में 90 रूपये की प्रीमियम का आपको प्रॉफिट हो जाएगा। शॉर्ट्से-ल पोजीशन का रोलओवर करने पर आपको इस चीज का फायदा मिल जाता है।
Option Position का रोलओवर
ऑप्शन में रोलओवर नहीं होता है क्योंकि ऑप्शन की वैल्यू एक्सपायरी के दिन जीरो हो जाती हैं। वैसे ऑप्शन की भी फ्यूचर की तरह साप्ताहिक और मासिक एक्सपायरी होती है। अगले कई महीने तक के ऑप्शन शेयर मार्केट में उपलब्ध होते हैं लेकिन प्रत्येक महीने की प्रीमियम अलग-अलग होती है। एल्गो ट्रेडिंग
आने वाले महीनें के ऑप्शन्स महंगे होते हैं क्योंकि ऑप्शन में जो टाइम डिके होता है उसकी वैल्यू ऑप्शन के प्रीमियम में होती है। ऑप्शन प्रीमियम की कोई रियल वैल्यू नहीं होती है, वैल्यू केवल एट द मनी ऑप्शन की होती है। इन द मनी और ऑफ ऑफ द मनी ऑप्शन कि कोई रियल वैल्यू नहीं होती है।
उदाहरण के लिए निफ्टी का स्पॉट प्राइस 18100 है और आप निफ्टी का 18000 की जनवरी महीने की ऑप्शन की कॉल का प्रीमियम 50 रूपये है। लेकिन निफ्टी की 18000 की फरवरी की कॉल का प्रीमियम 150 रूपये होगा। अगर आप जनवरी की 50 की कॉल को बेचकर फरवरी की 150 की कॉल खरीदते हैं। यह भी In the money कॉल है, लेकिन इसके एक्सपायर होने में अभी काफी समय है। इसलिए इसका प्रीमियम भी ज्यादा है। स्टॉक चार्ट को कैसे समझें?
जनवरी की निफ़्टी ऑप्शन की कॉल के एक्सपायर होने में पांच दिन बचे हैं तो फरवरी की कॉल के एक्सपायर होने में अभी 35/36 दिन बचे हैं। इसलिए इस कॉल ऑप्शन का प्रीमियम ज्यादा है। ज्यादा प्रीमियम पर तभी प्रॉफिट कमा सकते हैं जब निफ्टी भी ज्यादा ऊपर जाए, तभी आप इस पोजीशन में प्रॉफिट कमा पाएंगे।
यदि आपको लगता है कि मार्केट में बड़ा उतार-चढ़ाव आने वाला है। तभी आप आने वाले महीने के ऑप्शन को खरीदें अन्यथा आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। शेयर मार्केट ऑप्शन में कोई रोलओवर नहीं होता है। इस आर्टिकल को पढ़कर अब आप समझ गए होंगे कि Rollover क्या होता है और रोलओवर कैसे किया जाता है? फ्यूचर और ऑप्शन की पहचान
दोस्तों आज की जानकारी काफी महत्वा पूर्ण है. हर किसी के मन में यही सवाल था। क्या हम फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट रोलओवर कर सकते हैं? ये तो जान ही गए होंगे. इन सभी के साथ-साथ कुछ और सीखना है तो हमें बताए। उम्मीद है, आपको यह क्या हम फ्यूचर कॉन्ट्रेक्ट रोलओवर कर सकते हैं? Can we rollover futures contract in Hindi? आर्टिकल पसंद आया होगा शार्ट पोजीशन यदि आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं या आपके मन में कोई सुझाव है तो कमेंट करके बता सकते हैं। आप मुझे Facebook पर भी फॉलो कर सकते हैं।