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फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है

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डेली न्यूज़

सेबी द्वारा कृषि जिंसों में डेरिवेटिव व्यापार पर प्रतिबंध

  • 21 Dec 2021
  • 11 min read
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प्रिलिम्स के लिये:

कैपिटल मार्केट, डेरिवेटिव ट्रेडिंग, इन्फ्लेशन, ऑप्शंस, फ्यूचर्स, फॉरवर्ड्स, स्वैप्स

मेन्स के लिये:

डेरिवेटिव ट्रेडिंग निलंबन के कारण और इसके प्रभाव, महत्त्व और डेरिवेटिव ट्रेडिंग से संबंधित चिंताएँ।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नेशनल कमोडिटीज़ एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) के फ्यूचर प्लेटफॉर्म पर सात कृषि जिंसों के डेरिवेटिव व्यापार पर एक वर्ष के लिये प्रतिबंध लगा दिया है।

सलमान खुर्शीद और ओवैसी जैसे नफरती नेताओं के मुंह पर K. Rahman Khan का जोरदार तमाचा ‘इंडियन मुस्लिम्स: द वे फॉरवर्ड’

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कांग्रेस के दो सीनियर लीडर इस दिनों चर्चा में हैं। दोनों की अपनी-अपनी किताबें दुनिया के सामने आई हैं। इनमें से एक कांग्रेसी की किताब देश में सांप्रादायिकता आग भड़काने वाली और मुसलमानों को भड़काने वाली है तो दूसरे कांग्रेसी की किताब के सफों पर लिखा एक-एक हरफ हर हिन्दुस्तानी की आंखें खोलने वाला है। खास तौर पर भारत के मुसलमानों के दिमाग को झकझोर देने वाला है। जिन दो कांग्रेसी नेताओं की किताबें सामने आई हैं, इनमें से एक का नाम सलमान खुरशीद है और दूसरे का नाम रहमान खान है। दोनों की मुसलमान हैं। सलमान खुरशीद ने मुसलमानों को शोषित वर्ग की तरह पेश किया है। हिंदुत्व पर प्रहार तथा अयोध्या के बहाने मुसलमानों को भड़काने और भरमाने की कोशिश की है। दूसरे शब्दों में सलमान खुरशीद की किताब देश की एकता-अखण्डता के खिलाफ साजिश का एक हिस्सा भी हो सकती है। जो बीजेपी-मोदी के विरोध से शुरू हो कर देश विरोध की ओर घूम जाती है।

वहीं, रहमान खान की किताब मुसलमानों की राजनीति करे वाले नेताओं खास तौर पर सलमान खुरशीद और ओवैसी जैसे लोगों के मुंह पर तमाचा है। रहमान खान की किताब मुसलमानों की आंखें खोलने वाली किताब है। अपनी इस किताब के बारे में एक अंग्रेजी अखबार रहमान खान ने कहा है कि मुसलमानों को आत्मनिरीक्षण की जरूरत है। मुसलमानो ंको अल्पसंख्यक मानसिकता से बाहर आना चाहिए। भारतीय मुसलमानों को देश के बहुसंख्यक की दृष्टि से देखने और सोचने की जरूरत है। मुसलमानों इस देश के बहुसंख्यकों की तरह अखण्ड भारत का हिस्सा हैं। मुसलमानों को देश के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी होगी।

राज्यसभा के पूर्व उप सभापति रह चुके रहमान खान ने कहा क‍ि देश में करीब 20 से 22 करोड़ मुस्लिम हैं। मेरे हिसाब से वे अल्पसंख्यक नहीं हैं। 22 करोड़ अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं? मुसलमानों को अल्पसंख्यकों के रंग में रंगा जा रहा है। रहमान खान के तर्को ंको इसलिए भी बल मिलता है कि मुसलमानों ने कई सदियों तक भारत के बड़े भूभाग पर शासन किया है। अंग्रेजों की गुलामी से पहले भारतीय जनमानस मुसलमान शासकों के अधीन था। भारत के बहुसंख्यकों ने मन से या मजबूरी से त्याग और बलिदान ही किया है। आजाद भारत में अगर किसी को विशेष अधिकारों की जरूरत है तो वो हिंदु-सिख-जैन-बौद्ध अन्य भारतीय मत-संप्रदाय के लोग हैं। जिन्होंने भारतीय धर्म और संस्कृति को जीवित रखने के लिए अपने जीवन तक को बलिदान कर दिया है।

रहमान खान की किताब का शीर्षक 'इंडियन मुस्लिम्स: द वे फॉरवर्ड' है। इस किताब में भारतीय मुसलमानों की मौजूदा स्थिति को लेकर कई रोचक बातें लिखी हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्र-निर्माण के लिए आगे आएं। हमें समाज के लिए सहयोग करना है। हमें 'देने वाला' होना चाहिए और समाज को देना चाहिए। अच्छा नागरिक बनने के लिए हमें सरकार से मांगने के बजाए समाज को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के अनुसार यदि कोई तबका या समुदाय पिछड़ा है और उसे सहयोग की जरूरत है तो संविधान सरकार को सकारात्मक कार्रवाई का अधिकार देता है। उन्होंने कहा क‍ि इसलिए कोई पार्टी सत्ता में आकर किसी समुदाय को फायदा नहीं पहुंचा सकती।

शाह बानो केस, बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए रहमान खान का कहना है कि इन सारे मुद्दों से भारतीय मुसलमानों को क्या मिला? मुसलमानों को दूसरों पर दोष देना बंद करना चाहिए और खुद को आगे लेकर आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, भारत के मुसलमान आम तौर पर कांग्रेस को सपोर्ट करते आए हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी इस समुदाय के लिए ज्यादा कुछ कर नहीं पाई। कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय से कोई भी ऐसा नेता नहीं दिया जो इस समुदाय को अपनी ओर खींच सके। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस एक सेक्युलर पार्टी है। कांग्रेस पिछले 70 सालों से पार्टी धर्मनिरपेक्षता की रक्षा कर रही है। मुसलमान इसे सपोर्ट करते हैं। ऐसा नहीं है कि मुसलमान सिर्फ कांग्रेस को सपोर्ट करते हैं। अगर कल कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर खड़ी नहीं होती है, तो राष्ट्र को देने के लिए उनके पास कुछ नहीं है।

रहमान खान ने ओवैसी और सलमान खुर्शीद और असदउद्दीन ओवैसी जैसे नेता और सियासी पार्टियाों पर तंज करते हुए कहा है कि ये लोग और सियासी गुट मुसलमानों का इस्तेमाल करते हैं और उनकी बेइज्जती करते हैं। मुसलमानों को अधिकार है कि वो संविधान में अपने दिए गए अधिकारों के बारे में जानें। देश के विकास और निर्माण के लिए बढ़-चढ़ कर सहयोग करें।

रहमान खान कांग्रेस ही नहीं देश के भी वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, सलमान खु्र्शीद से भी 'वरिष्ठ'… मगर अफसोस इस बात का है नकारात्मक सोच वाले कांग्रेसी सलमान खुर्शीद और उनकी किताब सुर्खियों में है जबकि देश को एकता के तार में पिरोने का प्रयास करने वाले कांग्रेसी रहमान खान और उनकी किताब कहीं 'चर्चा' में भी नहीं।

LIC AAO Mains 2019- Financial and Insurance Market Questions | 25th June | In Hindi

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जैसा कि हम फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है जानते हैं, LIC ने AAO (सहायक प्रशासनिक अधिकारी) और ADO (अपरेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर) की दोनों रिक्तियों को जारी किया है। यह खंड इंश्योरेंस मार्केट एंड फाइनेंशियल अवेयरनेस में नया शुरू किया गया है, जो दोनों परीक्षाओं में पूछा जाएगा। LIC AAO मुख्य परीक्षा 28 जून 2019 को आयोजित होने वाली है। जबकि एलआईसी एडीओ प्रीलिम्स 6 और 13 जुलाई 2019 को आयोजित होने वाली है। यहाँ निश्चित रूप से चयन के लिए LIC परीक्षा के लिए नवीनतम पैटर्न प्रश्नों का सबसे अच्छा अभ्यास करने के लिए Adda247 द्वारा इंश्योरेंस मार्केट एंड फाइनेंशियल अवेयरनेस पर निःशुल्क प्रश्नोत्तरी दी जा रही है.

Prithvi, Agni, Jal, Akash, Sabki Suraksha Hamare Paas is the slogan of Oriental Insurance Company Limited (OICL).

The General Insurance Council has been constituted under section 64C of the Insurance Act, 1938 since 2001 by the Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI). The General Insurance Council is an important link between the Insurance Regulatory and Development Authority of India and the non-Life insurance industry. It also pushes for the Industry’s issues with the Government. While the Council plays the role envisaged for it by the Insurance Act, it also facilitates overall growth for the industry in a fair and equitable manner in the interest of all stake holders.

Q4. वह बीमा जो दायित्व बीमा को संदर्भित करता है, अन्य नीतियों से अधिक होता है और संभावित रूप से प्राथमिक बीमा को अन्य नीतियों द्वारा कवर नहीं किए जाने वाले नुकसान के लिए होता है, उसका नाम बताएं।

Umbrella insurance refers to liability insurance that is in excess of specified other policies and also potentially primary insurance for losses not covered by the other policies.

Q6. एक फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट दो पक्षों के बीच एक अनुकूलित अनुबंध है, जहां आज की सहमति में भविष्य में एक निश्चित तारीख पर निपटान होता है। अग्रिम अनुबंध की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

प्रत्येक अनुबंध कस्टम डिज़ाइन किया गया है, और इसलिए अनुबंध आकार, समाप्ति तिथि और संपत्ति प्रकार और गुणवत्ता के मामले में अद्वितीय है.

A forward contract is a customized contract between two parties, where settlement takes place on a specific date in future at a price agreed today. The main features of forward contracts are:-

Each contract is custom designed, and hence is unique in terms of contract size, expiration date and the asset type and quality.
The फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है contract price is generally not available in public domain.

In case the party wishes to reverse the contract, it has to compulsorily go to the same counter party, which being in a monopoly situation can command the price it wants.

Q7. एक _________________________ दो पक्षों के बीच एक निर्धारित तिथि पर या कई मामलों में कई तारीखों में नकदी प्रवाह का आदान-प्रदान करने के लिए एक समझौता है

A swap is an agreement between two parties to exchange cash flows on a determined date or in many cases multiple dates. Typically, one party agrees to pay a fixed rate while the other party pays a floating rate. For example, when trading commodities the first party, an airline company relying of kerosene, agrees to pay a fixed price for a pre-determined quantity of this commodity. The other party, a bank, agrees to pay the sport price for the commodity. Hereby the airline company is insured of a price it will pay for its commodity. A rise in the price of the commodity is in this case paid by the bank. Should the price fall the difference will be paid to the bank.

Q8. वैश्विक स्तर पर, ब्रेटन वुड्स प्रणाली के टूटने के बाद किस वर्ष में विदेशी मुद्रा बाजार में परिचालन एक प्रमुख तरीके से शुरू हुआ था।

Globally, operations in the foreign exchange market started in a major way after the breakdown of the Bretton Woods system in 1971, which also marked the beginning of floating exchange rate regimes in several countries. Over the years, the foreign exchange market has emerged as the largest market in the world.

Q9. सेबी एक नियामक प्राधिकरण है जो प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए और प्रतिभूतियों के बाजार को विनियमित करने और उनके साथ जुड़े मामलों के लिए सेबी अधिनियम 1992 की धारा ___________________ के तहत स्थापित किया गया है।

The SEBI is the regulatory authority established under Section 3 of SEBI Act फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है 1992 to protect the interests of the investors in securities and to promote the development of, and to regulate, the securities market and for matters connected therewith and incidental thereto.

The primary market is where securities are created. It’s in this market that firms float new stocks and bonds to the public for the first time. An initial public offering (IPO) is an example of a primary market.

An IPO occurs when a private company issues stock to the public for the first time. Various types of issues made by the Indian companies/corporation are a Public issue, Offer for Sale, Right Issue, Bonus Issue, Issue of IDR, etc.

Q12. आईडीआर एक वित्तीय साधन है जिसे डिपॉजिटरी रसीद के रूप में भारतीय रुपए में दर्शाया जाता है। IDR का पूर्ण रूप क्या है?

Indian Depository Receipt (IDR) is a financial instrument denominated in Indian Rupees in the form of a depository receipt. The IDR is a specific Indian version of the similar global depository receipts.

Unit Trust of India was the first mutual fund set up in India in the year 1963. In late 1980s, Government allowed public sector banks and institutions to set up mutual funds. In the year 1992, Securities and Exchange Board of India (SEBI) Act was passed. The objectives of SEBI are– to protect the interest of investors in securities and to फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है promote the development of and to regulate the securities market.

Q14. मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स के लिए बढ़ी हुई तरलता प्रदान करने के लिए एक संस्था की स्थापना के लिए वाघुल वर्किंग ग्रुप की सिफारिश के अनुसार, RBI ने DFHI, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के साथ संयुक्त रूप से स्थापित किया। DFHI का पूर्ण रूप क्या है?

Pursuant to the Vaghul Working Group recommendation for setting up an institution to provide enhanced liquidity to the money market instruments, the RBI set up the Dis­count and Finance House of India (DFHI) jointly with public sector banks and the all-India financial institutions.

Q15. ______________________ निवेशकों को इकाइयां जारी करने और ऑफर डॉक्यूमेंट में बताए उद्देश्यों के अनुसार प्रतिभूतियों में धन निवेश करने के लिए धन जमा करने का एक तंत्र है।

Mutual fund is a mechanism for pooling money by issuing units to the investors and investing funds in securities in accordance with objectives as disclosed in offer document. Investments in securities are spread across a wide cross-section of industries and sectors and thus the risk is diversified because all stocks may not move in the same direction in the same proportion at the same time.

RBI Repo Rate क्या है और इससे आपके जेब पर क्या फर्क पड़ता है?

RBI Repo Rate

Reserve Bank देश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों को रेगुलेट करना और इससे जुडी कई सारी पॉलिसी पर फैसला लेना होता है| उन कई पॉलिसीयों में से एक जिसे Monetary Policy कहते है इसमें RBI को अपने और अन्य बैंकों के बीच में होने वाले लेनदेन के लिए एक Rate तय करनी होती है|

मतलब अन्य बैंक सरकारी सिक्योरिटीज या बांड्स को RBI के पास गिरवी रखकर एक फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट माध्यम से लोन प्राप्त कर सकते है और इसके बदले में RBI एक निश्चित दर पर ब्याज वसूल करती है और उसे ही Repo Rate कहा जाता है|

यह Repurchase Option की तरह काम करता है जहाँ बैंक आगे चलर अपनी गिरवी एसेट्स को वापस खरीद लेता है और अगर ब्याज चुकाने में कोई डिफ़ॉल्ट होता है तो ऐसे में RBI उन सिक्योरिटीज और बांड्स ओपन मार्केट में बेच भी सकता है|

अभी के लिए RBI ने रेट्स में कोई बदलाव ना करते हुए उसे 4% ही रखा है| जबकि पिछली रेट्स कुछ इस तरह है –

यह असल में रेप्पो रेट से उल्टा है| मतलब जब भी Commercial Bank अपना पैसा RBI में जमा रखते है तो इसके बदले में RBI अपनी सिक्योरिटीज गिरवी रखता है| जिसके बाद Repo Period खत्म होने पर RBI एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करके Securities वापस ले लेता है और उस इंटरेस्ट को Reverse Repo Rate कहते है|

Repo और Reverse Repo का Period सामान्य तौर पर एक दिन होता है जबकि टर्म रेपो में यह 7 दिन तक भी हो सकता है|

CRR और SLR क्या है?

सरल भाषा में समझे तो बैंक का व्यापार कम दर पर सामान्य जनता और संस्थाओं से डिपाजिट लेकर उसे ज्यादा रेट्स पर अपने कस्टमर को देना होता है ताकि वह प्रॉफिट कमा सके|

अब बैंक के पास जमा इस डिपाजिट को Net Demand and Time Liabilities (NDTL) कहते है जो की कई तरह से प्राप्त होती है, जैसे Saving Account, Current Account और Fixed Deposit.

लेकिन बैंक इस पुरे NDTL Deposit को एक साथ लोन देने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता| इसका कुछ हिस्सा फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है उसे RBI के पास रखना पड़ता है ताकि किसी भी आपदा के समय वह अपने Liabilities के लिए Minimum liquidity Level बनाये रख सके| इस रिज़र्व के लिए जो रेट तय की जाती है उसे ही Cash Reserve Rate (CRR) कहते है जो की अभी 4% है|

इसके साथ RBI कहता है की बैंक के पास अपनी Daily liquidity Requirment को पूरा करने के लिए भी Cash, Gold, PSU Bonds आदि का एक अच्छा खासा रिज़र्व होना चाहिए| इसी Reserve Fund को SLR (Statutory Liquidity Ratio) कहते है जो अभी 18% है|

Example के लिए –

एक बैंक के पास ₹200 करोड़ का NDTL है तो उसे लोन देने से पहले CRR (4%) और SLR (18%) की Requirment को पूरा करना होगा| इसके लिए बैंक ₹8 करोड़ (₹200×4%) RBI में जमा करेगा और ₹36 करोड़ (₹200×18%) का फण्ड अपने पास रखेगा| इस सब के बाद ही अपना व्यापार कर सकता है|

Repo Rate से क्या असर पड़ता है?

Repo Rate देश की अर्थव्यवस्था, बाजार और आम आदमी को कई तरह से प्रभावित करते है –

A. रेपो रेट कम होने पर –

  1. बैंकों को कम दर पर ब्याज मिलेगा और उनको लागत कम आयेगी|
  2. ऐसे में सामान्य व्यक्ति को मिलने वाले लोन और EMI भी सस्से होंगे|
  3. बैंक कई तरह की अच्छी स्कीम प्रदान करेगा|
  4. बाजार में Cash Flow ज्यादा होगा और डिमांड बढेगी|
  5. जिससे सर्विस & मैनुफक्टिरिंग सेक्टर की सप्लाई में भी उछाल आएगा|
  6. जो देश में रोजगार के अवसर बढ़ाएगा| और
  7. यह सब देश की Economy & GDP को बेहतर बनायेगा|

B. रेपो रेट ज्यादा होने पर –

  1. इसे बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण Inflation को Control में रखना होता है|
  2. इससे बैंकों को लोन पर लागत ज्यादा आयेगी| और
  3. वह सामान्य व्यक्ति को भी महंगे ब्याज दरो पर लोन देगा|
  4. जो मार्केट में Investment और कैश के सप्लाई को धीमा करेगा|
  5. और इस सब की वजह से Economy की Growth पर नेगेटिव इम्पैक्ट होगा|
  6. लेकिन महंगाई को नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी|

तो जैसा आपने देखा की Repo Rate किस तरह से आपको प्रभावित करता है और इसका बैलेंस बनाना कितना जरुरी है| अगर यह बहुत कम या बहुत बढ़ जाए तो कई तरह फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है के आर्थिक संकट भी आ सकते है|

Posted by Abhishek

अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|

फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट क्या है

मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ किया तीन साल का अनुबंध विस्तार

इंडियन सुपर फुटबॉल लीग (आईएसएल) क्लब मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ है

इंडियन सुपर फुटबॉल लीग (आईएसएल) क्लब मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ है

मुंबई। इंडियन सुपर फुटबॉल लीग (आईएसएल) क्लब मुंबई सिटी एफसी ने फॉरवर्ड प्रांजल भूमिज के साथ है। प्रांजल मई 2024 तक क्लब में बने रहेंगे। असम में जन्मे, प्रांजल ने गुवाहाटी में विभिन्न क्लबों के लिए खेलते हुए अपनी फुटबॉल यात्रा शुरू की और फिर अंडर-18 से पहली टीम में आई लीग में डीएसके शिवाजीयंस में रैंक के माध्यम से आगे बढ़े। उन्होंने भूटान में 2017 अंडर-18 सैफ चैंपियनशिप में युवा स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया और टूर्नामेंट में चार में से तीन मैच खेले। 18 साल की उम्र में, प्रांजल को 2017 के आईएसएल ड्राफ्ट में मुंबई द्वारा चुना गया था, जो एक विकासात्मक खिलाड़ी के रूप में क्लब में शामिल हुए। प्रांजल ने चार वर्षों में मुंबई के साथ अपना विकास जारी रखा है। उन्होंने मुंबई के लिए 25 मैच खेले और क्लब के लिए एक गोल किया। यह गोल उन्होंने आईएसएल में 2018 में केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ किया था और वह गोल उन्होंने 30 गज की दूरी से दागा था। प्रांजल ने हाल ही में समाप्त हुए 2020-21 सीजन में कोच सर्जियो लोबेरा के तहत चार मैच खेला और विशेष रूप से एटीके मोहन बागान के खिलाफ लीग चरण के अंतिम मैच में सीजन की पहली शुरुआत की।

क्लब के साथ करार विस्तार पर प्रांजल ने कहा, "पिछले चार वर्षों से, मुंबई सिटी मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा रहा है। मैंने वर्षों से जिन विभिन्न कोचों के साथ काम किया है, उनसे मैं मैंने अमूल्य अनुभव प्राप्त किया है। इसके अलावा, क्लब ने मुझ पर विश्वास किया है और मैं यह व्यक्त नहीं कर सकता कि मैं उनका कितना आभारी हूं। मैं केवल 22 वर्ष का हूं, मुझे सीखने और हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। मुझे उम्मीद है कि मैं प्रबंधन, कोच सर्जियो लोबेरा, अपने साथियों और अपने प्रशंसकों के भरोसे पर खरा उतरूंगा।"

वहीं, करार विस्तार पर मुख्य कोच सर्जियो लोबेरा ने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रांजल भारत के सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिभाओं में से एक हैं। हम उसे हर दिन प्रशिक्षण में देखते हैं और वह जो गुणवत्ता और क्षमता दिखाता है वह वास्तव में हमें भविष्य के लिए उत्साहित करता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह एक अद्भुत व्यक्तित्व वाला है। वह एक उत्कृष्ट पेशेवर है जो सीखने के लिए दृढ़ है। उनके रवैये से उन्हें उनके करियर में काफी मदद मिली। हमें खुशी है कि वह मुंबई सिटी के साथ बने रहेंगे और मैं उनके साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।"

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