चलती औसत ट्रेडिंग रणनीति

ट्रेडिंग में ट्रू स्ट्रेंथ इंडेक्स क्या है

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जे वेल्स वाइल्डर जूनियर

जे. वेलेस वाइल्डर जूनियर (11 जून, 1935-अप्रैल 18, 2021) एक अमेरिकी मैकेनिकल इंजीनियर थे, जो रियल एस्टेट डेवलपर बने। हालाँकि, वह तकनीकी विश्लेषण में अपने काम के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं । वाइल्डर कई तकनीकी संकेतकों के जनक हैं जिन्हें अब तकनीकी विश्लेषण सॉफ्टवेयर का मुख्य सिद्धांत माना जाता है । इनमें एवरेज ट्रू रेंज , रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई), एवरेज डायरेक्शनल ट्रेडिंग में ट्रू स्ट्रेंथ इंडेक्स क्या है इंडेक्स और पैराबोलिक एसएआर शामिल हैं । [1]

जॉन वेल्स वाइल्डर का जन्म 11 जून, 1935 को नॉरिस, TN में हुआ था। जॉन वेल्स "जैक" वाइल्डर, सीनियर और फ्रांसेस ग्रीन वाइल्डर के चार बच्चों में सबसे पुराने, उनके भाई पूर्व एनएफएल डिफेंसिव टैकल और डिफेंसिव एंड अल्बर्ट ग्रीन "बर्ट" वाइल्डर (14 अप्रैल, 1939 - 5 दिसंबर, 2012) थे।

अमेरिकी नौसेना में कोरियाई युद्ध में सेवा देने के बाद, वाइल्डर ने रालेघ में उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी में भाग लिया, 1962 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 6 जुलाई, 1958 को एलेनोर डॉन बेयरफुट से शादी की। उनके तीन बच्चे थे: जॉन वेल्स "जॉनी "वाइल्डर III (22 अप्रैल, 1959-मार्च 25, 2020), कैथरीन कूपर, और डेविड वाइल्डर, ग्रीन्सबोरो, नेकां में बस रहे हैं। एक सफल रियल एस्टेट अभ्यास के बाद, उन्होंने ट्रेंड रिसर्च लिमिटेड और इसकी प्राथमिक सहायक कंपनी द डेल्टा सोसाइटी की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने 1978 में टेक्निकल ट्रेडिंग सिस्टम्स में न्यू कॉन्सेप्ट्स प्रकाशित किया ।

वाइल्डर और उनकी पत्नी डॉन अक्टूबर 1999 में सेवानिवृत्त हुए और क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड में स्थानांतरित हो गए, इसके तुरंत बाद दोहरे नागरिक बन गए। सेवानिवृत्ति के दौरान, उन्होंने 2008 तक सिस्टम डेवलपमेंट जारी रखा।

2020 में, वाइल्डर को संवहनी मनोभ्रंश और अल्जाइमर रोग का पता चला था, जिसमें 2010 के बेहतर हिस्से के लक्षण दिखाई दिए थे।

जॉन वेल्स वाइल्डर जूनियर का 85 वर्ष की आयु में 18 अप्रैल, 2021 को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में निधन हो गया।

  • तकनीकी व्यापार प्रणालियों में नई अवधारणाएँ, 1978
  • बाजार का एडम थ्योरी या लाभ क्या मायने रखता है, 1987
  • धन प्राप्ति में युगों की बुद्धि, १९८९
  • द डेल्टा फेनोमेनन, या, द हिडन ऑर्डर इन ऑल मार्केट्स, 1991
  • फोर्ब्स पत्रिका (अक्टूबर 1980) ने मिस्टर वाइल्डर को "आज अपना काम प्रकाशित करने वाला प्रमुख तकनीकी व्यापारी" बताया।
  • बैरोन (जुलाई 1984) ने कहा कि: "1978 में, गणितीय विश्लेषण के आधार का विस्तार तब हुआ जब जे. वेलेस वाइल्डर, जूनियर ने टेक्निकल ट्रेडिंग सिस्टम्स में न्यू कॉन्सेप्ट्स प्रकाशित किया।
  • फाइनेंशियल वर्ल्ड (जुलाई 1985) ने कहा कि, "पिछले कुछ वर्षों में, वाइल्डर ने किसी भी अन्य विशेषज्ञ की तुलना में अधिक सटीक कमोडिटी ट्रेडिंग सिस्टम और अवधारणाएं विकसित की हैं।"
  1. "अपनी भावनाओं को अपनी योजना या प्रणाली पर हावी होने देना विफलता का सबसे बड़ा कारण है।"
  2. "कुछ व्यापारी जन्मजात अनुशासन के साथ पैदा होते हैं। अधिकांश को इसे कठिन तरीके से सीखना पड़ता है।"
  3. "यदि आप भावनाओं से नहीं निपट सकते हैं, तो व्यापार से बाहर निकलें।"
  1. ^ वाइल्डर, जे. वेलेस (जून 1978)। तकनीकी ट्रेडिंग सिस्टम में नई अवधारणाएं । रुझान अनुसंधान। आईएसबीएन 978-0-89459-027-6 .
  • विश्व में सर्वश्रेष्ठ व्यवसाय: वेलेस वाइल्डर - RSI और SAR . के पिता
  • समय की कसौटी पर खरा उतरना : जे. वेल्स वाइल्डर

एक अमेरिकी यांत्रिक इंजीनियर के बारे में यह लेख एक आधार है । आप विकिपीडिया का विस्तार करके उसकी मदद कर सकते हैं ।

BEST EIGLE STOCKS कैसे FIND करे

अधिकांश लोग PENNY STOCKS में अपना पैसा निवेश कर देते है क्यूंकि उनका भाव सस्ता होता है और एक व्यक्ति उसमे अधिक शेयर की मात्रा भी खरीद सकता है लेकिन अधिकांश लोगो को PENNY STOCKS में मुनाफे की जगह नुकसान ही हुआ है । कुछ लोग BLUECHIP STOCKSGROWTH STOCKS में भी निवेश करते है हालाँकि इन स्टॉक्स में निवेश करने से नुकसान बहुत ही कम होता है लेकिन इनमे हमे लम्बी अवधि के लिए निवेश करना पड़ता है।

आखिरकार प्रश्न ये उठता है की किन शेयर में निवेश करे ताकि कम समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सके इसके लिए लोग विभ्भिन प्रश्न पूछते है जैसे शेयर बाजार में किस स्टॉक में ट्रेड करे शेयर बाजार में मुनाफा कमाने की रणनीति क्या है आदि

शेयर बाजार में EIGLE STOCKS FIND करने की प्रकिया

1. PRICE ACTION

किसी भी शेयर में PRICE ACTION देखना बहुत ही जरूरी है। एक शेयर में होने वाली मंदी और तेजी को PRICE के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है शेयर बाजार में अधिकांश लोग प्राइस एक्शन के माध्यम से ही शेयर में ट्रेड लेते है PRICE ACTION शेयर बाजार का एक बहुत ही बड़ा विषय है

एक शेयर में हम निम्न तरीको से प्राइस एक्शन को देख सकते है

1. PREVIOUS DAY BREAKOUT

प्रीवियस डे ब्रेकआउट इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत ही उपयोगी है अगर कोई शेयर अपने प्रीवियस डे के प्राइस को ब्रेक आउट कर नए प्राइस पर क्लोजिंग करता है तो हम इस क्लोजिंग की गतिविधि के आधार पर ट्रेड ले सकते है

2. WEEKLY / MONTHLY BREAKOUT

शार्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए वीकली व मंथली प्राइस ब्रेक आउट बहुत ही महत्वपूर्ण है वीकली ब्रेक आउट में शेयर अपने पिछले पिछले सप्ताह के प्राइस को ब्रेक आउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है जबकि मंथली ब्रेकऑउट में शेयर अपने पिछले महीने के प्राइस को ब्रेकऑउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है।

3. 52 WEEK BREAKOUT

प्राइस एक्शन में 52 WEEK ब्रेक आउट एक महत्वपूर्ण ब्रेक आउट है ये दो प्रकार का होता है 52 WEEK HIGH ब्रेक आउट और दूसरा 52 WEEK LOW ब्रेकआउट। अगर एक शेयर 52 WEEK HIGH से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में तेजी आने के संकेत है लेकिन अगर शेयर 52 WEEK LOW से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में मंदी आने के संकेत है।

4. 2 YEARS AND 5 YEAR BREAKOUT

अगर एक शेयर 2 YEARS HIGH या 5 YEARS HIGH से ब्रेक आउट दे रहा है तो शेयर में लम्बी अवधि तक तेजी आने के संकेत है 2 YEARS HIGH5 YEARS HIGH ब्रेकआउट प्राइस एक्शन में सबसे अधिक महत्व पूर्ण है।

2. VOLUME AND ट्रेडिंग में ट्रू स्ट्रेंथ इंडेक्स क्या है DELIVERY

VOLUME AND DELIVERY के आधार पर किसी भी शेयर में ट्रेड लिया जा सकता है एक शेयर में किसी बड़े निवेशक के प्रवेश को केवल वॉल्यूम के माध्यम से ही देखा जा सकता है अगर लगातार किसी शेयर में वॉल्यूम और डेलिवेरी बढ़ रही है तो शेयर शेयर में तेजी आने के संकेत है।

जब भी किसी शेयर में ब्रेकआउट होता है व ब्रेकआउट वॉल्यूम और डिलीवरी के साथ होता है तो ऐसा ब्रेकआउट ट्रू ब्रेकआउट माना जाता है।

अगर शेयर के प्राइस को वॉल्यूम व डिलीवरी के साथ देखा जाये तो शेयर के चलन को आसानी से समझा जा सकता है।

3. MOMENTUM INDICATORS

मोमेंटम इंडियकटर्स के माध्यम से शेयर में होने वाले मोमेंट पता लगाया जा सकता है शेयर बाजार में मुनाफा कमाने के लिए ऐसा ही शेयर निवेश करना आव्सय्क है जिनमे मोमेंट हो। अगर किसी शेयर में मोमेंट नहीं है तो उसमे समय और पैसा निवेश करने का कोई अर्थ नहीं है।

मोमेंटम इंडीकेटर्स के दो प्रकार है -

1. RELATIVE STRENGTH INDEX ( RSI )

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इंडिकेटर का उपयोग टेक्निकल एनालिसिस में अधिक किया जाता है RSI किसी भी शेयर की प्राइस मॉवेन्ट के आधार पर शेयर शेयर की गति और परिवतर्न को दर्शाता है शेयर की स्ट्रेंथ को दर्शाने के लिए RSI 0 -100 की रेंज के मध्य औसीलेट करता है। अगर RSI 70 से ऊपर है तो शेयर को ओवरबॉट माना जाएगा और अगर 30 के नीचे है तो शेयर में ओवरसोल्ड की स्थिति मानी जाएगी।

RSI अगर लंबे समय से 70 से ऊपर है तो ये शेयर में खरीदारी की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 70 तक आता है एवम पुने ऊपर चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बुलिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 70 क्रॉस करके लगातार नीचे आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

जबकि RSI अगर लंबे समय से 30 के नीचे है तो ये शेयर में बिकवाली की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 30 तक आता है एवम पुने निचे चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बेयरिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 30 क्रॉस करके लगातार ऊपर आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

अलग अलग टाइम फ्रेम के अनुसार RSI भी अलग अलग होता है RSI को किसी भी टाइम फ्रेम मे देखा जा सकता है अगर RSI दीर्घकालीन स्तिथि में 70 से ऊपर है तो ये शेयर के लम्बी समय तक बुलिश रहने की स्तिथि को दर्शाता है।

2. MACD ( MOVING AVERAGE CONVERGENCE DIVERGENCE )

MACD ( एमएसीडी ) इंडिकेटर एक ट्रेंडफोलोविंग और मोमेंटम इंडिकेटर है जिसका इन्वेंशन 1979 में Gerald Appel ने किया था, MACD ( एमएसीडी ) का फुल फॉर्म Moving Average Convergence Divergence है। MACD ( एमएसीडी ) आज भी एक विश्वशनीय इंडिकेटर है जो इंट्राडे ट्रेडर्स को ट्रडिंगे डिसीजन लेने में काफी मदद करता है।

MACD ( एमएसीडी ) एक प्राइस बेस्ड इंडिकेटर है। जो शेयर की कीमतों में हुए परिवर्तन को मूविंग एवरेज की सहायता से प्रदर्शित करता है।

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