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डिजिटल करेंसी क्या होती है

डिजिटल करेंसी क्या होती है

Digital Currency Vs Cryptocurrency: डिजिटल करेंसी के क्या हैं फायदे? जानें क्रिप्टो करेंसी से कैसे अलग

नई दिल्ली: क्रिप्टो या डिजिटल मुद्राओं को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देसी संस्करण पेश किया जाएगा, जो भौतिक रूप से प्रचलित मुद्रा के डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक ‘डिजिटल रुपया’ नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाएगा और इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा.

वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं. लेकिन कई लोग कंफ्यूज हैं कि अभी डिजिटल करेंसी को सरकार हां कर रही है लेकिन बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना क्यों कह रही है. इस अंतर को समझ कर ही हम डिजिटल करेंसी को समझते हैं.

डिजिटल और क्रिप्टो करेंसी में अंतर
विशेषज्ञों के मुताबिक डिजिटल रुपये की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है, लेकिन केंद्रीय बैंक के नियमों के साथ. यानी बिटक्वाइन अनियंत्रित होती है जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की ओर से जारी की जाती है. क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है. वहीं डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी को अथारिटी द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

डिजिटल रुपये को सरकार की मान्यता मिली होती है. इसके साथ ही डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है. प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट डिजिटल करेंसी क्या होती है की परिभाषा में रखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है.

डिजिटल करेंसी के फायदे

  • तेज लेन-देन और नोट छापने की तुलना में कम खर्चीला
  • बाजार में करेंसी को सरकार सही से नियंत्रित कर पाएगी
  • बैंक खाते की जरूरत नहीं
  • ऑफलाइन लेन-देन संभव होगा.
  • हर डिजिटल रुपये पर सरकार की नजर होगी
  • कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं हो पाएगा

इसी के साथ आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों पर लेन-देन को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का फैसला लिया गया है. अपने बजट भाषण में सीतारमण ने ऐसी संपत्तियों को कर के दायरे में लाने के लिये इस संपत्ति की श्रेणी में एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया.

'Digital currency'

RBI ने 'डिजिटल मुद्रा' के बारे में पेश अपनी एक टिप्पणी में कहा कि पायलट आधार पर इस तरह की पेशकश की सीमा और दायरे का विस्तार होने के साथ ही समय-समय पर ई-रुपये की विशिष्ट विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

यूएन एजेंसी ने कहा कि एक ओर जहां इन डिजिटल करेंसी से कुछ को फायदा हुआ है, वहीं, दूसरी ओर यह अस्थिर वित्तीय संपत्ति मानी जा सकती हैं, जो लागत और सामाजिक खतरा भी पैदा करती हैं. एजेंसी ने हाल ही में विकासशील देशों में क्रिप्टो के इस्तेमाल में आई तेजी और इससे होने वाले लाभ के कारणों की जांच की है.

CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो सेक्टर का कुल मार्केट कैप 1.23 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 96,32,959 करोड़ रुपये) है

CoinMarketCap के अनुसार, क्रिप्टो सेक्टर का कुल मार्केट कैप 1.23 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 96,32,959 करोड़ रुपये) है

रूस के सेंट्रल बैंक की मंशा है कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाए, जबकि देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इस पर रेगुलेशन की नकेल डाली जानी चाहिए

रूस के सेंट्रल बैंक की मंशा है कि क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल एसेट्स से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया जाए, जबकि देश की फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इस पर रेगुलेशन की नकेल डाली जानी चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 6 जून को वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यहां पर पीएम एक, दो, पांच, 10 और 20 रुपयों के सिक्कों की नई श्रृंखला जारी करेंगे.

Digital RMB ऐप का चेंजलॉग कहता है कि अब ऐप के साइज को पहले से छोटा कर दिया गया है। इसके अलावा, अब ऐप में स्टार्टअप टाइम कम लगेगा। इसके लोड टाइम को भी पहले से तेज बनाया गया है।

Digital RMB ऐप का चेंजलॉग कहता है कि अब ऐप के साइज को पहले से छोटा कर दिया गया है. इसके अलावा, अब ऐप में स्टार्टअप टाइम कम लगेगा

चल रही मंदी के बीच क्रिप्टो से जुड़ी फर्में लगातार अपनी सर्विसेज के दायरे को बढ़ाने के लिए फंड जुटा रही हैं।

RBI Digital Currency: आरबीआई डिजिटल करेंसी क्या है और यह कैसे संचालित होती है?

1.डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम, कार्डेनो, बिनेनस कॉइन, टीथर आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं।
2.इस रुपये के जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी।
3.यह डिजिटल रुपया साल 2023 तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है।

RBI Digital Currency: इस साल के बजट में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लॉन्च करने की बात कही है। इससे केंद्रीय बैंक के करेंसी नोट पर ऑपरेशनल कॉस्ट पर बड़ी बचत होगी। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी क्या होती है को करेंसी नोटों की प्रिंटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज पर बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। डिजिटल करेंसी के लॉन्च होने के बाद सरकार को करेंसी निर्माण में होने वाले अतिरिक्त खर्च में काफी बड़ी बचत होगी। वित्त मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही सरकार आगे इस डिजिटल करेंसी को लीगल टेंडर में बदलने की कोशिश करेंगी, जिससे देश के अर्थव्यवस्था में काफी मुनाफा होगा।
आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) में भी रेगुलर करेंसी की तरह एक यूनिक नंबर होगा। जिसके बाद एक करेंसी दूसरी करेंसी से एकदम अलग होगी। यह एक सरकार गारंटी वॉलेट होगा। सरकार जिसे नॉर्मल करेंसी के साथ शामिल करने के बारे में सोच रही है।
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नोट की छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को करने पड़ते हैं इतने खर्च?


इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स के अनुसार एक 100 रुपये के नोट को छापने में सरकार को 15 से 17 रुपये का खर्च आता है। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पुराने नोटों को वापस लेकर बाद में नए नोटों की छपाई करते हैं। इसके साथ ही नोटों के मेनटेनेंस पर भी पैसे खर्च होते हैं। आजकल सरकार ज्यादा वैल्यू वाले नोटों की छपाई करने लगी है। ऐसे में छोटे नोट जैसे, 10.20. 50 आदी के छपाई और मेनटेनेंस में सरकार को अब कम खर्च होगें।

डिजिटल रुपये क्या है?


1.डिजिटल रुपये ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होता है, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथीरियम, कार्डेनो, बिनेनस कॉइन, टीथर आदि इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं।
2.इस रुपये के डिजिटल करेंसी क्या होती है जरिए सरकार किसी भी तरह का लेन देन का रिकार्ड अपने पास रख पाएंगी।
3.यह डिजिटल रुपया साल 2023 तक तैयार कर लेने की प्लानिंग है।
4.यह पैसे आपके मुद्रा फोन में रहेगी जिसका कंट्रोल आरबीआई के पास होगा।
5. इसे एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर किया डिजिटल करेंसी क्या होती है जा सकेगा।
6 डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात ये है कि इसे जरूरत के अनुसार सॉवरेन करेंसी यानी देश की मुद्रा (रुपये) में बदला जा सकेगा।
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जानें क्रिप्टो करेंसी क्या होती है और इसकी मार्केट ग्रोथ का मुख्य कारण क्या है?

क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल मुद्रा है इसे कई देशों में मान्यता प्राप्त है जबकि कई अन्य में नहीं. आइये जानें आखिर किस आधार पर इसकी मार्केट वैल्यू डिसाइड होती है.

cryptocurrency

हाल ही में क्रिप्टो करेंसी विश्व स्तर पर एक आम चर्चा का विषय बन गई है. विश्व के कई देशों में इसे क़ानूनी मान्यता प्राप्त है जबकि भारत सहित कुछ अन्य देश ऐसे हैं जहाँ इसे क़ानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है. आइये जानें क्या है क्रिप्टो करेंसी और कैसे निर्धारित होती है इसकी मार्केट ग्रोथ?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है. हाल के वर्षों में, क्रिप्टोकरेंसी, जिसमें विशेष रूप से बिटकॉइन शामिल है विश्व स्तर पर सबसे व्यापक डिजिटल मुद्रा बन कर उभरी है. इसके सबसे अधिक फेमस होने के बहुत से कारण हैं जैसे ये बिना किसी केंद्रीय बैंक के संचालित होती है. आज कल विभिन्न देशों के लोग इसे सरकार के विभिन्न करों से बचने के लिए और इससे मिलने वाले अधिक लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं.

क्रिप्टोकरेंसी और पारंपरिक मुद्रा यानी डॉलर में कुछ समानताएं होती हैं. जैस आप दोनों ही मुद्राओं से वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकते हैं. आइये जानें इसके बारे में कुछ बातें -

पारंपरिक मुद्रा के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष रूप से नहीं रखा डिजिटल करेंसी क्या होती है जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होती है.
वे वैश्विक होती है अर्थात एक देश की क्रिप्टो करेंसी किसी भी अन्य देश में प्रयोग हो सकती है. इसमें किये गए लेन-देन काफी हद तक गुमनाम होते हैं, हालांकि सब कुछ ट्रैक किया जाता है, और रिकॉर्ड विशाल डेटाबेस में रखे जाते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी का बाजार

विश्व में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 7.2% की वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2021 में 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2026 तक 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बहुत बड़ा है और ये बहुत तेजी से बढ़ रहा है. क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में दो मुख्य मुद्राएँ हैं -बिटकॉइन और एथेरियम. लेकिन इसके अतिरिक्त 1,000 प्रकार की कुछ अन्य मुद्राएँ भी हैं. इन्हें alt-सिक्के कहा जाता है. इनमें से कुछ अत्यधिक मूल्यवान सिक्के होते हैं. बिटकॉइन या एथेरियम जैसी एकल क्रिप्टोकरेंसी की कीमत कुल मार्केट कैप से बहुत कम है.

क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विकास के मुख्य कारण-

क्रिप्टोकरेंसी बाजार तेजी से बढ़ रहे हैं, और इसके विस्तार के 3मुख्य कारण हैं:

डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी की पारदर्शिता

जब हितधारक लेन-देन के बारे में नहीं जानते हैं, तो पारदर्शिता की कमी समस्या पैदा कर सकती है विशेष रूप से एशियाई देशों में जहां अक्सर कई धोखाधड़ी के मामले या अवांछित लेनदेन होते हैं, जैसे निर्धारित शुल्क के लिए कटौती।

अनिश्चित नियामक स्थिति

क्रिप्टोकरेंसी बाजार अभी भी ज्यादातर अनियमित है। स्पष्ट नियमों की कमी और उनके आस-पास अनिश्चितता जैसे कुछ मुख्य कारण हैं जिससे क्रिप्टोकरेंसी को अधिक व्यापक रूप से नहीं अपनाया गया है।

सुरक्षा, गोपनीयता और नियंत्रण के बारे में चिंता

क्रिप्टोकरेंसी में अनुपालन-मुक्त पीयर-टू-पीयर और प्रेषण लेनदेन को बदलने और सुधारने की क्षमता है। हालाँकि, उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी से लाभ उठाने के लिए, उन्हें कुछ सुरक्षा, गोपनीयता और नियंत्रण चुनौतियों से पार पाना होगा।

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