बाजार का राज्य और विकास

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विकास के मॉडल - Development Model
यदि समाज का लक्ष्य विकास करना है तो निःसन्देह वह इसके लिए विकास बाजार का राज्य और विकास के किसी मॉडल को प्रयोग में लाएगा। यहाँ विकास के प्रमुख तीन मॉडलों की चर्चा की जा रही है.
1. पूँजीवादी मॉडल पूंजी और उत्पादन के साधनों के वैयक्तिक आधिपत्य की संकल्पना पर पूँजीवादी मॉडल काम करता है। यह बाजार में मूल्य निर्धारण और संसाधन के आवंटन पर राज्य के हस्तक्षेप को शिक्षित करता है। आर्थिक गतिविधियाँ बाजार की मांग व आपूर्ति के प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में तय होंगी और यह प्रक्रिया उत्पादन और वितरण में कुशलता के तत्व को समावेशित करेगी। यह अंतर्राष्ट्रीय जगत में वाणिज्य और बाजार का राज्य और विकास व्यापार की ओर उन्मुखी राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकता देता है। इस प्रकार के विकास में सकल राष्ट्रीय उत्पादन (GNP) और प्रति व्यक्ति बाजार का राज्य और विकास आय का विश्लेषण उच्च विकास के पैमाने के रूप में किया जाता है। यह मॉडल सबसे अधिक पश्चिमी देशों अमेरिका और जापान आदि विकसित देशों द्वारा अपनाया जाता है।
रायपुर में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार, सात राज्यों से सीधे व्यापार से बाजार का राज्य और विकास जुड़ेगा
शहर के लोगों को जल्द ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलने वाली है। यहां का पूरा थोक बाजार नवा रायपुर में शिफ्ट होने वाला है। बताया जा रहा है कि नवा रायपुर के सेक्टर-35 के अलावा आसपास के क्षेत्रों में होलसेल बाजार का निर्माण किया जा रहा है।
रायपुर। शहर के लोगों को जल्द ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलने वाली है। यहां का पूरा थोक बाजार नवा रायपुर में शिफ्ट होने वाला है। बताया जा रहा है कि नवा रायपुर के सेक्टर-35 के अलावा आसपास के क्षेत्रों में होलसेल बाजार का निर्माण किया जा रहा है, जो एशिया का सबसे बड़ा बाजार होगा। होलसेल कारीडोर बनने से प्रदेश में करीब डेढ़ लाख नए रोजगार मिलेंगे। होलसेल कारीडोर में विभिन्ना सेक्टर एक छत के नीचे आ जाएंगे और इसके चलते यहां सभी सेक्टरों में नए रोजगार पैदा होंगे।
Rajasthan News: RUDA राजस्थान में पहली बार लगाएगा क्राफ्ट मेला, अलवर में 26 सितंबर से शुरू होगा, इन राज्यों के शिपल्पकार आएंगे
Ajmer: राजस्थान में पहली बार ग्रामीण गैर-कृषि विकास संस्था की ओर से क्राफ्ट बाजार लगाया जाएगा.यह 26 सितंबर को शारदीय नवरात्रि के पहले दिन अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम में शिल्पांगन क्राफ्ट बाजार की शुरूआत होगी.राज्य की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत इसका शुभारंभ करेंगी.यहां एक ही स्थान पर विभिन्न राज्यों के बेजोड़ हस्तशिल्प की सामग्री उचित दाम पर मिलेगी.
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नई ऊंचाई पर बाजार: आप कभी मत करना 'बड़े निवेशकों' वाली गलती, फायदे में रहेंगे
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 28, 2022, 17:20 IST
हाइलाइट्स
बाजार से विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने का लाभ घरेलू निवेशकों ने उठाया.
घरेलू निवेशकों ने अक्टूबर 2021 से अब तक ₹3.25 लाख करोड़ के शेयर खरीदे.बाजार का राज्य और विकास
इसके अलावा छोटे खुदरा निवेशकों ने एसआईपी के जरिए बाजार को समर्थन दिया.
मुंबई. कहते हैं न ज्यादा समझदार आदमी बड़ा नुकसान खाता है. यह कहावत भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में सच होती नजर आ रही है. निफ्टी (Nifty), सेंसेक्स (Sensex) नई ऊंचाई पर हैं, लेकिन बाजार में ऐसे भी निवेशक हैं, जिनकी एक गलती आज उन पर भारी पड़ रही है. ये “ज्यादा समझदार” निवेशक इस तेजी का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे, जबकि इन निवेशकों में बाजार को अपने इशारों पर नचाने की ताकत होती है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं विदेशी निवेशकों की, जिनके पास बड़ी पूंजी होती है. इनको हम बाजार में FIIs के नाम से भी जानते हैं. ये विदेशी संस्थागत निवेशक वो निवेशक होते हैं जो भारत में बैठकर नहीं, बल्कि किसी दूसरे देश से निवेश करते हैं. ऐसे निवेशक ज्यादातर अमेरिका, यूरोप, मॉरिशस, सिंगापुर जैसे देशों से पैसा लगाते हैं.
GST से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा, आर्थिक विकास दर बढ़ेगीः वित्त मंत्री
नई दिल्लीः संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रात 11 बजे जीएसटी लॉन्च कार्यक्रम को शुरू बाजार का राज्य और विकास करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में नया इतिहास बनाने की शुरुआत हो चुकी है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि आज आधी रात से बाजार का राज्य और विकास हम देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म लॉन्च कर रहे हैं. जीएसटी ऐसे दौर में आ रहा है जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है. जीएसटी से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा और देश की आर्थिक विकास दर में बढ़त होगी. जीएसटी की विशेषता है कि अलग-अलग टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा. जीएसटी काउंसिल की तारीफ की वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से जिस नई यात्रा की शुरुआत हुई है उसमें कई लोगों का योगदान रहा है. जीएसटी काउंसिल के सदस्य जो अलग-अलग राज्यों के वित्तमंत्री हैं उन्होंने रात-दिन इसके लिए मेहनत की है. 1 जुलाई के तय समय पर जीएसटी लागू करने में सफल रहने के लिए उनका बहुत धन्यवाद है. जीएसटी काउंसिल की जिम्मेदारी थी कि केंद्र और राज्य के लिए नियम बनाए. काउंसिल 18 बार मिल चुकी हैं लेकिन वोट कराने की स्थिति नहीं आई जो ये साफ दिखाता है कि सदस्यों के बीच देश को नए टैक्स सुधार देने के लिए कितनी ज्यादा प्रतिबद्धता थी. अब तक काउंसिल के 24 फैसलों के तहत 1211 सामानों पर टैक्स तय हुआ है. सरकार का एक ही लक्ष्य था कि आम आदमी पर ज्यादा बोझ ना दिया जाए और साथ ही राज्य-केंद्र सरकार के टैक्स कलेक्शन से आने वाले रेवेन्यू पर भी कोई नकारात्मक असर ना आए. प्रणब मुखर्जी से जीएसटी का गहरा नाता अरुण जेटली ने इस बात की तरफ इशारा किया कि 15 साल पहले जीएसटी की प्रक्रिया शुरु होने से लेकर इसके आज लागू होने तक के सफर को राष्ट्रपति महोदय ने देखा है. आज इस एतिहासिक दिन राष्ट्रपति खुद इसे लॉन्च कर रहे हैं जो हम सबके लिए गौरव का क्षण है. देश की संघीय एकता का उदाहरण जीएसटी की परिकल्पना 'एक देश, एक टैक्स' के जरिए राष्ट्र के हित में पूरा देश एक साथ आया है. इस सिस्टम को पास करने में जिस तरह केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर काम किया है वो हमारे महान देश के संघीय ढांचे का उदाहरण है. एनडीए 1 ने 2003 में जीएसटी की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि 2010 में इसे लागू किया जाएगा. उस दौरान वित्तमंत्री ने इसे सबके सामने रखा था, और संविधान में संशोधन हुआ था.