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एक प्लेटफार्म चुनना

एक प्लेटफार्म चुनना
कोरोना होने के बाद डिप्रेशन में थे

Firebase के पांच सबसे अच्छे विकल्प

पॉडकास्टिंग क्या है पॉडकास्टिंग कैसे करें

हिंदी में पॉडकास्टिंग कैसे करें अगर आप एक स्मार्टफोन यूजर है तो आपने पॉडकास्ट का नाम देखा या सुना जरुर होगा। क्योंकि इंडिया में अब कई प्लेटफार्म में इसका प्रयोग किया जा रहा है। हालाकि अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित देशों में यह बहुत पॉपुलर है लेकिन इंडिया में आप अभी इसकी शुरुआत मान सकते है। ऐसे में बहुत से लोग इससे अनजान है अगर आपको भी इसके बारे में पता नहीं है तो यहाँ हम आपको सबसे आसान भाषा में एक प्लेटफार्म चुनना समझाने की कोशिश करेंगे।

इंटरनेट को कई चीजे मिलकर बनाती है जैसे टेक्स्ट आर्टिकल, वीडियो, फोटो और ऑडियो इन सभी का उपयोग इंटरनेट में काफी किया जाता है या यूँ कहे कि इनके बिना इंटरनेट की कल्पना नहीं की जा सकती है। इन सबके अलावा आज के डिजिटल युग एक प्लेटफार्म चुनना एक प्लेटफार्म चुनना में कई नई चीजे उभर कर आ रही है जिनमे से Podcast भी एक है। अगर आप भी जानना चाहते है कि Podcast क्या होता है तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े। आज के समय लोग किसी चीज को पढ़ने की बजाय उसे सुनना पसंद करते है जिसमें पॉडकास्ट अहम रोल निभाता है।

आपको भारत में आईवीएफ क्यों एक प्लेटफार्म चुनना चुनना चाहिए?

इंट्रा-विट्रो निषेचन या आईवीएफ वह प्रक्रिया है जिसमें शरीर के बाहर शुक्राणु के साथ अंडा निषेचित होता है। निषेचित अंडे या ज़ीगोट को कुछ दिनों के लिए अनुकूल परिस्थितियों में निगरानी में रखा जाता है और फिर महिला के शरीर में स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह भारत में सबसे आम प्रक्रियाओं में से एक बन गया है। आईवीएफ भारत में पिछले 40 वर्षों से किया जा रहा है। उपलब्ध उन्नत तकनीकों और चिकित्सा सुविधाओं के कारण उच्च सफलता दर है। इसके अलावा, भारत में आईवीएफ के लिए लागत अन्य देशों की तुलना में अत्यधिक सस्ती है।

इंट्रा-विट्रो निषेचन

निम्नलिखित कुछ नवीनतम यांत्रिकी का उपयोग किया जाता है इंट्रा-विट्रो निषेचन भारत में:

Parse

Parse सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ओपन-सोर्स फ्रेमवर्क है जो कि बैकेंड ऐप्लिकेशंस डेवेलप करने के लिए। यह डेवेलपर्स को ऐपडेवलपमेंट ऐसेलेरेट करने और ऐप को बनाने में पूरा एफर्ट लगाने में मदद करता है। इसमें लगे हुए डेवेलपर्स की एक कम्युनिटी इस प्लेटफार्म को सपोर्टकरती है और इसको 2016 से और भी अच्छा बनती आ रही है। यह ऐप्स को जल्दी डेवेलप करने के लिए काम दाम में मौजूद एक बहुत ही अच्छा टूलहै।

कोर फीचर्स इस प्रकार हैं-

• ग्राफक्यूएल और रेस्ट एपीआईज़

Kinvey

Kinvey को बनाया गया है एक प्लेटफार्म चुनना ताकि वह डेवेलपर्स और स्थापित एंटरप्राइजेस को अलग-अलग मोबाईल, वेबसाइट और चैट ऍप्लिकेशन्स तेज़ी से और आरामसे कस्टमर्स तक एक प्लेटफार्म चुनना डिलीवर क्र सकें। किंवेय नो कोड या लौ कोड माईक्रोसर्विसेज ऑफर करता है, जो कि एंटरप्राइजेस टू ऍप्लिकेशन्स का एक काम्प्लेक्ससिस्टम दर्शाता है, जैसे कि स्टैण्डर्ड कलेक्शंस और ओऑथ2। किंवेय के पास हर फील्ड सर्विसेज़ के यूज़र्स हैं जिनमें इन्शुरैंस, हेल्थ केयर इत्यादि आतेहैं।

Backendless

बैकेण्डलेंस एक शानदार, और प्रभावशाली एप्लीकेशन डेवलपमेंट प्लेटफार्म है जो कि इंडिविजुअल एप्लीकेशन डेवेलपर्स और एजेंसीज को सर्व करने केलिए डिज़ाइन किया गया है। इस सोल्यूशन के पास आपको अपने एप्लीकेशन्स को उम्दा बनाने की क्षमता देता है। यह एन्ड टू एन्ड सोल्यूशंस देता हैजो कि मोबाइल और वेब डेवलपमेंट के लिए डिज़ाइन किये गए हैं।

AWS Amplify

AWS Amplify एक बहुत एक प्लेटफार्म चुनना ही प्रभावी और शानदार क्लाउड-बेस्ड डेवलपमेंट प्लेटफार्म सोलूशन्स है जो कि सबसे तेज़ तरीका ऑफर करता हैजिससे मोबाईल और एक प्लेटफार्म चुनना वेब ऐप्लिकेशंस बनकर डेवेलपर्स के लिए तैयार हो सके। यह एक बहुत ही लाजवाब डेवेलपमेंट प्लेटफार्म सोल्यूशन है जिससेआप एक अत्यंत सुरक्षित, लचीला और स्केलेबल मोबाईल और वेब ऐप्लिकेशंस बहुत ही अच्छे तरीके से प्रदान करता है।

यह प्लेटफार्म आपको ऑफर करता है एक पूरा लाइब्रेरी का सेट, यूआई कंपोनेंट्स, और एक आसान तरीका इंटरफ़ेस को इस्तेमाल करने के लिए, जिससेकि डेवेलपर्स बैकेंड को डेवेलप कर सकें और इस बैकेंड को एंड्राइड, एंगुलर, आईओएस, रीएक्ट, नेटिव, आयनिक और ऐंगुलर पर बेस्ड ऐप्लिकेशंस केसाथ इंटेग्रेट कर सकें।

• ग्राफक्यूएल और एपीआईज़

अब स्टेशन के प्रीपेड बूथ से नहीं मिलती टैक्सी, पंछी भी नहीं चुनने आते दाना

अब स्टेशन के प्रीपेड बूथ से नहीं मिलती टैक्सी, पंछी भी नहीं चुनने आते दाना

कोरोना संक्रमण काल में विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म की न सिर्फ तस्वीर बदल कर रख दी है। बल्कि 24 घंटे चहल पहल रहने वाले रेलवे स्टेशन की रौनक ही समाप्त हो गई है। विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर उतरने वाली चुनिंदा यात्री भी रेलवे स्टेशन परिसर के आगे छोटे पड़ते जा रहे हैं। रेलवे परिसर में मौजूद जहां प्री-पेड बूथ एक प्लेटफार्म चुनना पर सवारियों की भीड़ इकट्ठा होती थी। वहीं आज पांच महीने से एक भी टैक्सी का संचालन नहीं हो रहा है। टैक्सी तो दूर आटो रिक्शा भी अब स्टेशन परिसर में नहीं मिलता। ट्रेन से उतरने वाले मुसाफिर भी सीधे ट्रेन से उतरने के बाद स्टेशन के बाहर खड़ी गाडि़यों को ही अपना साधन बनाने को मजबूर हैं।

शॉर्टकट के चक्कर में टीचर की जान जाते-जाते बची: झांसी में शॉर्टकट रास्ते से स्टेशन जा रहे थे, ट्रेन की चपेट में आने से एक पैर कटा, दूसरा डमैज

झांसी में रेलवे स्टेशन पर जल्दी पहुंचने के लिए शॉर्टकट रास्ता चुनना एक टीचर को भारी पड़ गया। प्लेटफार्म पर पहुंचने से पहले ही ट्रेन आ गई और वे कई पटरियों के जाल में उलझकर ट्रेन की चपेट में आ गए। इससे उनका एक पैर कट गया, जबकि दूसरा पैर बुरी तरह डैमेज हो गया। उनको मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। हालत स्थिर बनी हुई है।

ट्रेन आई तो समझ में नहीं आया

पत्नी ने बताया कि पति आरएस सक्सेना पिछले दो साल से डिप्रेशन में चल रहे हैं।

हरदोई के सिमरा गांव निवासी आरएस सक्सेना (45) पुत्र सियाराम पिछले 18 सालों से एक प्लेटफार्म चुनना महानगर के नगरा स्थित हीरापुरा में परिवार सहित रहते हैं। सक्सेना ने बताया कि शुक्रवार को ट्रेन से कानपुर रिश्तेदारी में जाना था। घर से पैदल स्टेशन के लिए रवाना हुआ। मैन सड़क से न जाकर शॉर्टकट रास्ते से स्टेशन पर जा रहा था। काठ पुल और प्लेटफार्म नंबर 6 के बीच कई पटरियां थी। ट्रेन आई तो समझ नहीं पाया और हड़बड़ाहट में ट्रेन की चपेट में आ गया। भगवान का शुक्रगुजार हूं कि जिंदा बच गया।

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