कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है?

चंपा षष्ठी व्रत का महत्व
IHM BHOPAL के HOD मोदी के खिलाफ FIR, असिस्टेंट लेक्चरर पर बिगड़ी नीयत
भोपाल। राजधानी भोपाल में स्थित आईएचएम कॉलेज के HOD प्रदीप कुमार मोदी पर केस दर्ज किया है। HOD मोदी पर कॉलेज की असिस्टेंट लेक्चरर ने बुरी नीयत से हाथ पकड़ने व साड़ी का पल्लू पकड़ने की शिकायत की है। तथा प्रोबेशन पीरियड बिगाड़ने और नौकरी में परमानेंट नहीं होने की भी धमकी देने का भी आरोप है।
हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि FIR के बाद HOD ने थाने से ही मुचलका जमानत ले ली। अब कोर्ट में चालान डायरी पेश की जाएगी। मेरी उम्र 27 साल है। रोहित नगर इलाके में रहती हूं। वर्तमान में आईएचएम काॅलेज में असिस्टेंट लेक्चरर हूं। काॅलेज के एचओडी प्रदीप कुमार मोदी मुझे काफी समय से परेशान कर रहे हैं। फरवरी 2020 के पहले सप्ताह की बात है। प्रदीप कुमार मोदी ने मेरी बाजू पकड़ कर अभद्रता की। मैं व मोदी सर उस समय काॅलेज के कॉरिडोर में खड़े थे। वह मुझसे कुछ बात कर रहे थे। कॉरिडोर से बच्चे निकल रहे थे। इसी दौरान मोदी सर ने बुरी नियत से मेरा बाजू पकड़ कर साइड में किया। जो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।
School Summer Vacation : स्कूलों में कब होंगी गर्मी कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? की छुट्टियां जानें
School Summer Vacation स्कूली बच्चों में यह उत्सुकता रहती है कि, स्कूली कब बंद होंगे। या गरर्मियों में स्कूली की छुट्टियां कब पड़ेंगी। तो जान लें कि, वर्ष 2022 में ग्रीष्मावकाश 21 मई से 30 जून तक रहेगा। मतलब पूरे 41 दिन स्कूल बंद रहेंगे। स्कूल कब खुलेंगे यह भी जान लें। स्कूल 1 जुलाई खुलेंगे। और फिर जमकर पढ़ाई होगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अब स्कूलों में गरमी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को इस बात का इंतजार है कि, गरमी की छुट्टियां कब से शुूर होने जा रही हैं। तो आज हम इस राज से पर्दाफाश करने जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, वर्ष 2022 में ग्रीष्मावकाश 21 मई से 30 जून तक रहेगा। मतलब गर्मियों की छुट्टियां 21 मई से शुरू हो जाएंगी। और पूरे 41 दिन स्कूल बंद रहेगा। 30 जून तक स्कूलों में छुट्टियां रहेंगी। फिर 1 जुलाई से स्कूल सुबह आठ बजे से खुल जाएगा। और दोपहर दो बजे तक शिक्षण कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? कार्य किया जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार, ग्रीष्मकाल में मध्यावकाश सुबह 10.30 बजे से 11.00 बजे तक रहेगा। अब तैयारी कर लें कि छुट्टियां में कहां जाना है।
School Holidays : अप्रैल से दिसम्बर तक कितने दिन बंद रहेंगे स्कूल जानें
पांच अप्रैल तक 20 दिन रहा अवकाश
मार्च तक 14 रविवार की छुट्टियां चली गईं हैं। इसके अलावा जनवरी में 14 को मकर संक्राति, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 16 फरवरी में गुरु रविदास और मार्च में होली से सम्बंधित तीन छुट्टियां मिल चुकी हैं। तो इस प्रकार पांच अप्रैल तक 20 दिन स्कूलों में अवकाश रहा है। अब एक अप्रैल से लेकर 31 दिसम्बर तक कुल 99 दिन स्कूलों में अवकाश रहेगा।
रविवार को पड़ने वाले पर्वों में सबसे पहले नौ जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जन्म तिथि पर अवकाश पड़ा, जिसका नुकसान बच्चों और स्कूली शिक्षकों को उठाना पड़ा। अब अगला रविवार को पड़ने वाला पर्व 10 अप्रैल को रामनवमी, 10 जुलाई को बकरीद, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती, 9 अक्टूबर को ईद-ए-मिलाद, बारावफात/ महर्षि बाल्मीकि जयंती, 23 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी, 30 अक्टूबर को छठ पूजा पर्व एवं 25 दिसंबर को क्रिसमस शामिल हैं।
School Holidays in April 2022 : अप्रैल में स्कूल में रहेगी कई दिन की छुट्टी, जानें पूरे साल कितने दिन बंद रहता है स्कूल
स्कूल में दो दिन का पांच बार होगा अवकाश
जहां एक तरफ नुकसान है तो एक तरफ फायदा भी होने वाला है। रविवार के आगे या पीछे पड़ रहे पर्व की वजह से लगातार दो दिन छुट्टी का लाभ भी मिलेगा। इन पर्वों में वसंत पंचमी पांच फरवरी शनिवार पड़ चुकी है, जिसका लाभ मिला। अब आगे बुद्ध पूर्णिमा 16 मई सोमवार, स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त सोमवार, चेहल्लुम व विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर शनिवार, दीपावली 24 अक्टूबर सोमवार, सरदार बल्लभ भाई पटेल जन्मतिथि/आचार्य नरेंद्र देव जयंती 31 अक्टूबर सोमवार शामिल है। अपरिहार्य परिस्थितियों में जिलाधिकारी की ओर से घोषित अवकाश देय होगा।
हरितालिका तीज अथवा हरियाली तीज, करवा चौथ, संकठा चतुर्थी एवं हलषष्ठी/ललई छठ, जीउतिया व्रत/अहोई अष्टमी का अवकाश सिर्फ शिक्षिकाओं एवं बालिकाओं के लिए स्वीकृत किया गया है।
Champa Shashti 2022 Date: कब है चंपा षष्ठी? जानें शुभ मुहूर्त
Champa Shashti 2022 Date: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपा षष्ठी का पर्व मनाया जाता है. इस खास दिन पर भगवान शिव के मार्कंडेय स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल चंपा षष्ठी (Champa Shashti 2022) 29 नवंबर को पड़ रही है. स्कंदपुराण के मुताबिक, यह पर्व भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय को समर्पित है. इस पर्व को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. हिन्दू मान्यता के अनुसार, चंपा षष्ठी का व्रत (Champa Shashti 2022 Vrat) करने से भक्त के कष्ट दूर होते हैं और साथ ही संकटों का नाश होता है. भगवान शिव भक्त की मनोकामना को पूरी करते हैं. इस लेख में हम आपको बताएंगे चंपा षष्ठी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में.
सेंसर बोर्ड कॉपी भी है एक जरिया
जब फिल्मों को सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेशन के लिए दिया जाता है तो वहां से भी ये लीक हो जाती हैं। आज की तारीख में कोई भी फिल्म एकसाथ कई देशों में रिलीज होती है। अब जिन देशों में भी निर्माताओं को फिल्म रिलीज करानी है, वहां के सेंसर बोर्ड से इसे पास करवाना होता है। इसके लिए प्रिव्यू की कॉपी हर देश में भेजी जाती है। ऐसे में विदेश से फिल्मों को लीक करने का काम आसान हो जाता है।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'मांझी: द माउंटेन मैन', 'बजरंगी भाईजान' और 'उड़ता पंजाब' जैसी कई फिल्मों की सेंसर बोर्ड कॉपी ऑनलाइन लीक हो चुकी है। 'मांझी: द माउंटेन मैन' तो अपने तय वक्त से करीब 20 दिन कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? पहले ही ऑनलाइन लीक हो गई थी।
भारत में कब शुरू हुई पायरेसी?
पायरेसी की शुरुआत 1980 के दशक में हुई, जब देश में वीडियो कैसेट रिकॉर्डर (VCR) आया। तब फिल्में देखने का एकमात्र जरिया सिनेमाघर थे। फिल्में रिलीज होते ही लोग सिनेमाघर पहुंचते थे, लेकिन फिर VCR की मदद से सिनेमाघरों में आईं फिल्मों की कॉपी बेची जाने लगी। खर्च और टिकट की लंबी लाइनों से बचने के लिए लोग घर पर बैठकर फिल्में देखने लगे। इसके बाद आई CD/DVD की वजह से इसको और बढ़ावा मिला।
डिजिटल इंडिया के इस दौर में मनोरंजन जगत में काम कर रहे लोगों की रफ्तार जितनी तेज है, उससे कहीं ज्यादा तेज मनोरंजन का अवैध धंधा करने वालों की रफ्तार है। पहले जहां सिनेमाघरों में चलती फिल्म का वीडियो बनाकर पायरेसी की जाती थी, वहीं अब फिल्मों के सीधे OTT पर आने के बाद पायरेसी के मामले बढ़े हैं। डिजिटल के दौर में फिल्मों की सेंधमारी आसान हो गई है, क्योंकि ऑनलाइन आसानी से फिल्में कॉपी पेस्ट हो जाती हैं।
सबसे बड़ा गिरोह है तमिलरॉकर्स
तमिलरॉकर्स पायरेटेड कंटेट का जाना-माना ठिकाना है, जो पिछले 10-12 सालों में तेजी से उभरा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 2011 के आसपास यह समूह सामने आया था। शुरुआत में यह इतना चर्चित नहीं था, क्योंकि यह सिर्फ तमिल फिल्में अपलोड करता था। इसकी लोकप्रियता तब चरम पर पहुंची, जब यह अन्य भाषाओं की फिल्मों की पायरेटेड कॉपी उपलब्ध कराने लगा। इस पायरेसी वेबसाइट पर एक वेब सीरीज 'तमिल रॉकर्स' भी आ चुकी है, जो सोनी लिव पर है।
पहले VCR/CD/DVD कॉपी खरीदनी पड़ती थी, लेकिन टेलीग्राम ने इस प्रक्रिया को सबसे ज्यादा आसान बना दिया है। यूं तो टेलीग्राम एक मैसेजिंग ऐप है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल पायरेटेड फिल्में देखने और प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है।
पायरेटेड वेबसाइटों की कमाई कैसे होती है?
पायरेटेड साइटों की असल कमाई विज्ञापनों से होती है। इनके पास ट्रैफिक इतना होता है कि हर दिन इनकी लाखों रुपये की कमाई होती है। ज्यादा कमाई के लिए इन पर ज्यादा विज्ञापनों का इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि पायरेटेड वेबसाइटों पर इतने विज्ञापन होते हैं कि फिल्म डाउनलोड करना मुश्किल हो जाता है। पिछले साल हुए एक अध्ययन में सामने आया कि पायरेटेड फिल्में दिखाने वाली वेबसाइटें हर साल विज्ञापन से लगभग 10,000 करोड़ रुपये कमाती हैं।
पायरेसी गंभीर अपराध है। कॉपीराइट एक्ट 1957 सेक्शन 63 के तहत पायरेसी करते पकड़े जाने पर 50,000 से 3 लाख रुपये तक का जुर्माना और तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है। पायरेटेड फिल्में देखने, डाउनलोड करने और बांटने पर भी जेल और जुर्मान की सजा है। पायरेटेड साइटों पर फिल्म देखना या डाउनलोड करना अपराध की श्रेणी में आता है। अगर आप पायरेटेड साइट का इस्तेमाल करते पकड़े जाते हैं तो पुलिस आपको गिरफ्तार कर सकती है।
Sukanya Samriddhi Yojana: सुकन्या समृद्धि योजना में सरकार ने कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? किये 5 बड़े बदलाव, नहीं जाना तो आपका होगा नुकसान
सरकार की तरफ से बेटियों के भविष्य के लिए चलाई जाने वाली सुकन्या समृद्धि योजना में फिलहाल 7.60 प्रतिशत की ब्याज दर कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? है. यहां निवेश करने पर आपको सेक्शन 80C के तहत आयकर भी से भी छूट मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के बदले हुए नियमों के तहत खाते में गलत ब्याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटा दिया गया है. साथ ही खाते का सालाना ब्याज हर वित्तीय वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा. पहले यह तिमाही के आधार पर खाते में जमा होता था.
पहले के नियमों के आधार पर जिस बेटी के नाम खाता कमाने के लिए कहां और कब तक जाना है? है वह 10 साल की उम्र में अनने खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन बदलाव के बाद 18 साल की उम्र से पहले बेटियों को खाता ऑपरेट करने की अनुमति नहीं है. 18 साल की उम्र पूरी नहीं होने तक बच्ची के अभिभावक ही खाते को ऑपरेट करेंगे.