क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है

What Is Bitcoin Mining: बिटकॉइन माइनिंग क्या है और ये कैसे काम करता है
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया हर दिन छलांग के साथ बढ़ रही है। मुद्रित होने वाली नियमित मुद्राओं के विपरीत, ये डिजिटल संपत्ति, बिटकॉइन सहित - दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी - का खनन(माइन)किया जाता है। यह एक विशाल कंप्यूटिंग सिस्टम, बिजली और महंगे सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके क्रिप्टोग्राफ़िक समीकरणों को हल करके एक क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने की प्रक्रिया है। इसलिए, यदि आप क्रिप्टोक्यूरेंसी और बिटकॉइन माइनिंग के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप यहां जान सकते है-
बिटकॉइन माइनिंग क्या है?
बिटकॉइन माइनिंग एक अत्यधिक जटिल कंप्यूटिंग प्रक्रिया है जो एक सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम बनाने के लिए जटिल कंप्यूटर कोड का उपयोग करती है। सरकारों और जासूसों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिक्रेट कोड के समान, माइनिंग के लिए जिस क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है उससे बिटकॉइन जनरेट होती है।बिटकॉइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है, और क्रिप्टोकुरेंसी के संपत्ति स्वामित्व को ट्रैक करती है। बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन डेटाबेस को सपोर्ट करता है, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।
बिटकॉइन खनिक(माइनर) लेनदेन से संबंधित एल्गोरिदम को हल करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं जो बिटकॉइन लेनदेन की जांच करते हैं। बदले में, खनिकों को प्रति ब्लॉक पर बिटकॉइन की एक निश्चित संख्या से सम्मानित किया जाता है। यह उन्हें लेन-देन से संबंधित एल्गोरिदम को हल करने के लिए प्रेरित करता है, जो ओवरऑल सिस्टम को सपोर्ट करता है।
यदि कोई खनिक(माइनर) सफलतापूर्वक ब्लॉकचैन में ब्लॉक जोड़ने में सक्षम है, तो उन्हें इनाम के रूप में 6.25 बिटकॉइन प्राप्त होंगे। इनाम की राशि लगभग हर चार साल या हर 210,000 ब्लॉक में आधी कर दी जाती है। नवंबर 2021 तक, बिटकॉइन का कारोबार लगभग $66,000 पर हुआ, जिससे 6.25 बिटकॉइन की कीमत $400,000 से अधिक हो गई।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे काम करता है?
आपको बता दें कि बिटकॉइन माइनिंग को कई मायनों में सोने की माइनिंग के समान बनाया गया है। यह "डिजिटल माइनिंग" एक कंप्यूटर प्रक्रिया है जो बिटकॉइन लेनदेन और स्वामित्व को ट्रैक करने के अलावा, नया बिटकॉइन बनाता है। बिटकॉइन माइनिंग और गोल्ड माइनिंग दोनों ऊर्जा गहन हैं, और दोनों में एक सुंदर मौद्रिक इनाम उत्पन्न करने की क्षमता है।
- बिटकॉइन माइनर को उनका ट्रांजैक्शन शुल्क और नव निर्मित डिजिटल मुद्रा के साथ भुगतान किया जाता है।
- बिटकॉइन माइनिंग नए बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को वेरिफ़ाई और रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है।
- कई बिटकॉइन माइनर विशेष माइनिंग हार्डवेयर का उपयोग करते हैं और माइनिंग पूल में भाग लेते हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग अत्यधिक ऊर्जा गहन हो सकता है, जिसके लिए लाभदायक होने के लिए कम लागत वाले ऊर्जा स्रोत क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है तक पहुंच की आवश्यकता होती है।
बिटकॉइन माइन करने के दो मुख्य कारण हैं। पहला कारण है बिटकॉइन माइनिंग से मुनाफा कमाना, जो सही परिस्थितियों में संभव है। दूसरा कारण यह जानने के लिए है कि क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है और बिटकॉइन नेटवर्क के चल रहे काम का किस तरह सपोर्ट करती है। आइए बिटकॉइन को माइन करने के इन कारणों में से प्रत्येक पर एक नज़र डालें:
लाभ के लिए बिटकॉइन माइनिंग-
यदि आप अकेले बिटकॉइन माइनिंग में रुचि रखते हैं,तो आपको बता दूं कि इसे सोलो माइनिंगके रूप में जाना जाता है, और लाभ अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको विशेष माइनिंग हार्डवेयर की आवश्यकता पडेगी। ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) या एप्लिकेशन विशिष्ट इंटीग्रेटेड सर्किट (एएसआईसी) के साथ माइनिंग सबसे प्रभावी मानी जाती है। हालांकि आपके लैपटॉप या डेस्कटॉप जैसे कंप्यूटर का भी उपयोग किया जा सकता है।
महंगे हार्डवेयर के अलावा, आपको इंटरनेट बैंडविड्थ उपलब्धता और अपनी स्थानीय बिजली लागत पर भी विचार करना होगा। बिटकॉइन माइनिंग में बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होती है। लाभ के लिए, आपको अपनी छत पर कम लागत वाली बिजली या शायद सौर पैनलों की आवश्यकता पड़ सकती है। आपको एक इंटरनेट सेवा प्रदाता की भी आवश्यकता होगी।
बिटकॉइन माइनिंग में फन के साथ-साथ एजुकेशन भी-
यदि आप कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ करना और उभरती हुई तकनीकों के बारे में सीखना पसंद करते हैं, तो आप पैसे कमाने के बावजूद भी बिटकॉइन को माइन करना चाह सकते हैं। अपना खुद का बिटकॉइन माइनिंग कॉन्फ़िगरेशन सेट करना आपको अपने कंप्यूटर के आंतरिक कामकाज के साथ-साथ बिटकॉइन नेटवर्क के बारे में भी सिखा सकता है।
क्या बिटकॉइन माइनिंग लाभदायक है?
निर्भर करता है कि भले ही बिटकॉइन खनिक सफल हों, यह स्पष्ट नहीं है कि उपकरणों की उच्च अग्रिम लागत और चल रही बिजली की लागत के कारण उनके प्रयास लाभदायक होंगे। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, एक ASIC के लिए बिजली आधे मिलियन PlayStation 3 उपकरणों के समान बिजली का उपयोग कर सकती है।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे शुरू करें-
बिटकॉइन माइनिंग शुरू करने के लिए निम्न की आवश्यकता होती है-
वॉलेट: वॉलेट में आपके द्वारा कमाए गए बिटकॉइन स्टोर किये जाते है। वॉलेट एक प्रकार का एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन खाता है जो आपको बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर, ट्रांसफर और स्वीकार करने की अनुमति देता है। Coinbase, Trezor और Exodus जैसी कंपनियाँ सभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए वॉलेट विकल्प प्रदान करती हैं।
माइनिंग सॉफ्टवेयर: माइनिंग सॉफ्टवेयर के कई अलग-अलग कंपनियों का हो सकता है। जिनमें से कई विंडोज और मैक कंप्यूटर के लिए डाउनलोड करने के लिए फ्री हो सकते हैं। जब एक बार सॉफ़्टवेयर आवश्यक हार्डवेयर से कनेक्ट हो जाएगा तब आप बिटकॉइन को माइन करने में सक्षम होंगे।
कंप्यूटर उपकरण: बिटकॉइन माइनिंग के सबसे अधिक लागत वाला पहलू हार्डवेयर है। बिटकॉइन को सफलतापूर्वक माइन करने के लिए आपको एक शक्तिशाली कंप्यूटर की आवश्यकता होगी जो बहुत अधिक मात्रा में बिजली का उपयोग करता हो। हार्डवेयर की लागत लगभग $ 10,000 या उससे अधिक हो सकती है।
बिटकॉइन माइनिंग के जोखिम-
कीमतो में अस्थिरता-
बिटकॉइन की कीमत 2009 में पेश होने के बाद से व्यापक रूप से भिन्न है। पिछले एक साल में, बिटकॉइन ने $ 10,000 से कम और लगभग $ 67,000 का कारोबार किया है। इस तरह की अस्थिरता से माइनर के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि क्या उनका इनाम माइनिंग की उच्च लागत से अधिक होगा।
रेग्युलेशन-
बहुत कम सरकारों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकाउंक्शंस को अपनाया है, और कई लोगों को उन्हें संदेह से देखने की संभावना है क्योंकि मुद्राएं सरकारी नियंत्रण से बाहर काम करती हैं।
वित्तीय जोखिमों और सट्टा व्यापार में वृद्धि का हवाला देते हुए, हमेशा जोखिम होता है कि सरकारें बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी के खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर सकती हैं, जैसा कि चीन ने इस साल की शुरुआत में किया था।
Crypto Mining in Hindi: क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है, Bitcoin Mining कैसे होती है?
Cryptocurrency आज के समय में एक बहुत ही पॉपुलर शब्द है. काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा निवेश कर रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी से संबन्धित कई सवाल इन्टरनेट पर पूछे जाते हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण सवाल ‘क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है?’ (What is Cryptocurrency mining?) ये पूछा जाता है. काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी माईनिंग क्या है और कैसे होती है? इस बारे में नहीं जानते हैं.
Cryptocurrency mining एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लोग काफी सारा पैसा कमा रहे हैं. लेकिन इसके लिए आपको क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग आनी चाहिए. अमेरिका और कजाख्स्तान जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से काफी सारा पैसा कमाया जा रहा है. असल में इन देशों में ये एक इंडस्ट्री बनकर उभरी है जिससे काफी सारे लोग रातोंरात करोड़पति बने है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?)
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के बारे में जानने से पहले हम ये जानते हैं कि Cryptocurrency Kya hai?
क्रिप्टो एक लैटिन भाषा का शब्द है जो Cryptography से मिलकर बना है. इसका मतलब होता है ‘छिपा हुआ’. क्रिप्टोकरेंसी का मतलब होता है एक ऐसी करेंसी जो छुपी हुई है. क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की ऑनलाइन करेंसी है जो किसी सरकार के द्वारा नियंत्रित नहीं हो रही है. इसका नियंत्रण कंप्यूटर पर है. बिटकॉइन और डॉगकॉइन इसके प्रमुख उदाहरण हैं.
हम सभी जानते हैं कि हर देश की अपनी मुद्रा होती है. जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और रूस में रूबल. ये सभी मुद्रा ऐसी हैं जो किसी देश की हैं और उन्हें उस देश के द्वारा नियंत्रित किया जाता है. हर मुद्रा को डॉलर को साथ भी आँका जाता है जिससे ये पता लगाया जाता है कि कोई देश कितना समृद्ध है.
इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक मुद्रा है. लेकिन ये एक डिजिटल मुद्रा है, जिसके अंदर कई सारी मुद्रा है जैसे बिटकॉइन, इथेरियम, टीथर आदि. इनकी खास बात ये है कि इस पर किसी देश की सरकार का हक नहीं है और न ही इन्हें किसी देश की केन्द्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में आज के समय में सबसी महंगी और मूल्यवान करेंसी बिटकॉइन है. एक बिटकॉइन की कीमत 50 लाख रुपये से भी ज्यादा है.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास (History of Cryptocurrency)
साल 2009 से पहले तक किसी ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना भी नहीं था. साल 2009 में सातोषी नाकामोतो ने Bitcoin जारी किया. शुरुआत में इसकी कीमत काफी कम थी. एक डॉलर से भी कम. तब लोगों ने मज़ाक-मज़ाक में इसमें कई सारे बिटकॉइन खरीद लिए.
उस समय ये बिलकुल बच्चों के खेल की तरह थी. इसलिए लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू किया. धीरे-धीरे इसकी कीमत बढ़ी और पैसा लगाने वालों को अच्छे रिटर्न मिलना शुरू हुए. तब लोगों का रुझान इसमें बड़ा और ये पॉपुलर हुई. आज आप देख सकते हैं कि बिटकॉइन कितनी पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बन गई है. आज के समय पर करीब 1800 क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं.
ब्लॉकचैन क्या है? (What is Blockchain Technology?)
आज के समय में एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में है तो आप समझ सकते हैं कि इसके पीछे जो तकनीक काम कर रही होगी वो कितनी सुरक्षित और अपडेट होनी चाहिए. किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को चलाने के पीछे जो तकनीक काम करती है उसे ब्लॉकचैन (Blockchain Kya hai?) कहा जाता है.
ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी को मेनेज करने के लिए किया जाता है. ये एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिये क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन को सुरक्षित रखा जाता है. आसान भाषा में कहे तो ये एक तरह का Digital Ledger है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के Transaction की पूरी जानकारी होती है.
Blockchain technology में डाटा को ब्लॉक के रूप में सेव किया जाता है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले यूजर को एक Key दी जाती है जिसकी मदद से वो अपने account को operate करता है. वो व्यक्ति जब भी किसी Cryptocurrency को खरीदेगा उसका डाटा Blockchain technology पर सेव हो जाएगा. इसके बाद उसके डाटा को बदला नहीं जा सकता. Blockchain technology काफी सेफ होती है क्योंकि इसमें सेव डाटा को बदला नहीं जा सकता. इससे Crypto Currency खरीदने वाला यूजर निश्चिंत रहता है और उसे अपना पैसा डूबने की चिंता भी नहीं रहती है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है? (What is Cryptocurrency mining?)
माइनिंग शब्द सुनकर आपके दिमाग में आ रहा होगा कि ये क्रिप्टोकरेंसी को बनाने की प्रक्रिया होगी. या फिर किसी सिक्के जैसे Bitcoin को बनाने की प्रक्रिया होगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग इन सभी बातों से बिलकुल अलग है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर पावर का इस्तेमाल करके क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले ट्रैंज़ैक्शन को प्रोसेस किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी में हर सेकंड पर काफी सारे ट्रैंज़ैक्शन होते हैं. इनका हिसाब-किताब रखना भी काफी मुश्किल होता है. इस मुश्किल को काम को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में किया जाता है. इस काम को करने वाले व्यक्ति को माइनर कहा जाता है.
दुनियाभर में काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी पर अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं और ये पूरा सिस्टम ब्लॉकचैन पर आधारित है. इसमें हर लेनदेन ब्लॉक के रूप में सर्वर पर सेव होता रहता है. ये एक बार सेव हो जाता है तो इसे बदला भी नहीं जा सकता. जब तक इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता तब तक ये सब अच्छे से चलता रहता है.
लेकिन जब कोई व्यक्ति नए तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगाता है या फिर अपनी कोई क्रिप्टोकरेंसी बेचता है तो उसका सारा हिसाब करना पड़ता है. इस काम में ब्लॉक ज्यादा होते हैं या कम होते हैं. यहीं से क्रिप्टोकरेंसी माइनर्स का काम शुरू होता है. जब इसमें नए ब्लॉक की जरूरत पड़ती है तो इन ब्लॉक को माइनर्स द्वारा जल्दी से डेवलप किया जाता है. उसके अकाउंट की सारी जानकारी सही से अपलोड की जाती है.
ये सारा काम कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से किया जाता है. इस काम के लिए काफी सारी बिजली, इन्टरनेट और अच्छे कंप्यूटर की जरूरत होती है. जो सारी गणना कर सके. जो लोग इसे इंडस्ट्री के रूप में चला रहे हैं वो काफी बड़े डाटा सेंटर बना चुके हैं. जिस तरह लोग कंपनियों में मशीन लगवाते हैं ठीक उसी तरह माइनिंग में कई सारे कंप्यूटर और सीपीयू की जरूरत पड़ती है और इन्हें चलाने के लिए तेज इन्टरनेट और बिजली की आवश्यकता होती है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक बहुत तेजी के साथ किया जाने वाला काम है. भारत में भी ये काफी पॉपुलर हो रहा है. इसमें जो सबसे पहले इनके अलगोरिथम को सॉल्व कर देता है, उसे इनाम के रूप में बिटकॉइन मिलता है.
बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है
बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।
बिटकॉइन क्या है ?
Table of Contents
बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।
आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?
बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग की प्रोसेस क्या है ?
- बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
- अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
- उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
- बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है का भी कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?
- पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
- आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
- बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक कंपनी है।
- इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे क्या है?
बिटकॉइन के फायदे निम्नलिखित हैं –
- बिटकॉइन में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने की संभावनाएं अपार होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24/7 खुला रहता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने पर पूरा कंट्रोल व्यक्ति के हाथ में होता है।
- बिटकॉइन में निवेश करके आप ग्रो कर रही कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं।
बिटकॉइन के नुकसान क्या है?
जहां बिटकॉइन के बहुत से फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, तो चलिए एक नजर इसके नुकसान पर डाल लेते हैं।
नींबू-केले के खेत में बन रही क्रिप्टो करेंसी: छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में क्रिप्टो माइनिंग, 10 हजार से ज्यादा लोगों के पास बिटकॉइन-एथिरियम
दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाली क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी अब छत्तीसगढ़ में भी जनरेट की जा रही है, यानी राज्य में इसकी माइनिंग शुरू हो गई है। यहां इसे कई ताकतवर कम्प्यूटरों के जरिए खास तरह के पजल्स को सॉल्व करके बनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य में लोगों के पास 75 से अधिक बिटकॉइन हैं। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
भास्कर की दो महीने की पड़ताल में यह बात सामने आई कि प्रदेश के 12 जिलों में क्रिप्टो माइनिंग हो रही है। इनमें रायपुर, राजनांदगांव, भिलाई, दुर्ग, अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़ और जगदलपुर प्रमुख हैं। प्रदेश के 20 युवा 30000 मेगा हैश पॉवर जेनरेट कर रहे हैं और 10-12 तरह की क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग की जा रही है। इसके लिए इनोवेटिव सोच वाले युवाओं ने तगड़ा खर्च कर सेटअप स्थापित कर रखा है।
12वीं ड्रॉपआउट प्रकाश कर रहे 1200 GPU से माइनिंग
भास्कर टीम क्रिप्टो की माइनिंग करने वालों की तलाश में 2 माह से जुटी थी। रायपुर के छोटे-बड़े कंप्यूटर दुकानदार, ग्राफिक्स कार्ड सेलर से लेकर कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से बात की। इनसे मिली जानकारियों के आधार पर 28 मई, शनिवार को भास्कर टीम राजनांदगांव जिले के अर्जुनी से लगे सुखरी गांव में प्रकाश टांक से मिली, जो नीबू-केले की खेतों के बीच 600 GPU का सेटअप लगाकर क्रिप्टो माइनिंग कर रहे हैं।
12 वीं की पढ़ाई के बाद प्रकाश ने 6 साल पहले 1 GPU के साथ माइनिंग शुरू की थी। आज उनकी 2 साइट में 1,200 GPU लगे हैं। एक की कीमत 1 से 1.50 लाख रुपए है। प्रकाश के अनुसार 600 GPU से प्रतिमाह 4000 मेगा हैश पावर जनरेट होती है। यह एशिया के नैनो पूल और माइनिंग पूल में जाती है। वहां से माइनिंग के रिवार्ड के तौर पर इथेरियम मिलता है। इसे भारत के किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज में बेचकर 10 मिनट में पैसे आपके बैंक एकाउंट में आ जाते हैं।
600 GPU से महीने में 2 इथेरियम बनते हैं। एक की कीमत 1.5 से 2 लाख रुपए है। यह रूस-यूक्रेन युद्ध के पहले इसकी कीमत 4 लाख से अधिक थी। प्रकाश कहते हैं कि भविष्य डिजिटल करेंसी का ही है। छत्तीसगढ़ सरकार मदद करे तो रायपुर में ही ब्लॉकचेन डाटा एंड एजुकेशन सेंटर और क्रिप्टो एक्सचेंज भी ला सकते हैं। इससे युवाओं को ब्लॉकचेन की शिक्षा मिलेगी, रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और युवा बाहर नहीं जाएंगे।
राज्य में 10 हजार से ज्यादा इनवेस्टर्स
प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन का अपडेट रिकार्ड नहीं है, लेकिन इससे जुड़े लोगों के अनुसार प्रदेश में 2016 से 2020 के बीच 70 हजार बिटकाॅइन का लेनदेन हो चुका है। पिछले डेढ़ साल का रिकार्ड अभी उपलब्ध नहीं है। अब यहां इनवेस्टर्स की संख्या बढ़कर 10 हजार से अधिक हो गई है।
जानकारों के मुताबिक प्रदेश में क्रिप्टो का चलन बढ़ रहा है और अब तक ठगी के मामले सामने नहीं आए हैं। केंद्र सरकार ने इसे नियमों में बांधने की घोषणा की है, लेकिन अब तक नियम जारी नहीं हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के बजट भाषण में कहा था कि रिजर्व बैंक जल्दी ही डिजिटल रुपया लांच करेगा, लेकिन अभी यह भी नहीं आया।
बिटकॉइन पहली करेंसी जिसकी माइनिंग 140 साल चलेगी
जापान के सातोशी नकामोटो क्रिप्टो के जनक हैं। शुरुआत 9 जनवरी 2009 को डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के रूप में की थी। इसमें ऐसी प्रोग्रामिंग की गई है कि माइनिंग 140 साल तक चलेगी। इसमें 2.10 करोड़ बिटकॉइन हैं। प्रकाश टांक के मुताबिक हर 10 मिनट में एक ब्लॉक बनता है। 1 ब्लॉक में 50 बिटकॉइन निकलते थे, हर 4 साल में इसकी माइनिंग आधी हो जाती है।
जैसे 2009 में हर 10 मिनट में 50 बिटकॉइन माइनिंग से निकाल कर दुनिया में आते थे। आज 10 मिनट में सिर्फ 6.25 बिटकॉइन ही निकल रहे हैं, क्योंकि पजल्स कठिन होती जा रही हैं। इसे टेक्निकल भाषा में माइनिंग डिफिकल्टी बढ़ना भी कहते हैं।
दरअसल बिटकाॅइन ही दुनिया की सबसे पसंदीदा क्रिप्टो करेंसी है। इसके बाद इथेरियम, बी न बी, सोलाना, गाला, तिथर, क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है लाइटक्वाइन और डॉजक्वाइन का नंबर आता है। छत्तीसगढ़ में आज 75 हजार से ज्यादा क्रिप्टो होल्टर हैं, जिनके पास यह करेंसी है। एक बिटकॉइन की वर्तमान कीमत लगभग 24 लाख रुपए तथा इसके बाद एथिरियम का रेट 1.50 लाख रुपए है।
माइनिंग सेटअप का तगड़ा खर्च
केवल GPU में ही 6 करोड़ का इन्वेस्टमेंट है। अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का खर्च अलग से। इसमें हर महीने 30-40 किलो वाट बिजली की खपत होती है, यानी 1 लाख रुपए महीने का बिजली बिल। 24 घंटे सातों दिन हाई स्पीड इंटरनेट जरूरी है। प्रदेश में जो सिस्टम लगा है, उस पर नजर रखने के लिए 3 युवा ITI डिप्लोमा होल्डर ड्यूटी पर लगे हैं। इन पर होने वाला खर्च भी इसी में शामिल क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है है।
ऐसी है क्रिप्टो की दुनिया
1. क्रिप्टो करेंसी क्या है ?
यह एक डिजिटल करेंसी है। न हम इसे छू सकते हैं, न ये दिखाई देती है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन होता है। क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन पूरी दुनिया में हो रहा है, हालांकि इसमें शामिल होने वाले अभी सीमित हैं। इसे जानने के लिए क्रिप्टो माइनिंग को समझना होगा।
2. क्या है क्रिप्टो माइनिंग ?
बड़े कंप्यूटर, एसिक मशीन, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) से कनेक्ट होते हैं और खास फॉर्मूले यानी एल्गोरिथम, प्रॉब्लम और सरल भाषा में कहें तो पहेली को हल करते हैं और काॅइन जनरेट करते हैं। इसे ही माइनिंग कहते हैं। क्रिप्टो करेंसी इसी से बनती है।
3. कहां है इसका बाजार ?
क्रिप्टो करेंसी से आज दुनियाभर में लेन-देन हो रहा है। इसे दो तरह से खरीद सकते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण है क्रिप्टो एक्सचेंज। दुनियाभर इसके एक्सचेंज हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर प्रमुख एक्सचेंज है, ये 24 घंटे चलते हैं।
इकानॉमी की क्रांतिकारी तकनीक: एक्सपर्ट
ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है। इसके ट्रांजैक्शन चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देते हैं। यह क्रिप्टोकरेंसीज की बैकबोन है। ब्लॉकचेन को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है। इसमें इंटरनेट, पर्सनल ‘की’ की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है। क्रिप्टो-करेंसियों के अलावा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा प्रबंधन और सरकारी योजनाओं का लेखा-जोखा, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में होता है।
-डॉ. पद्मावती श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग, BIT, रायपुर