व्यापार श्रेणी

मैं हमेशा भारत से जुड़ा हुआ महसूस करता हूं : सुंदर पिचाई
वाशिंगटन, तीन दिसंबर (भाषा) गूगल और अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने कहा है कि वह हमेशा खुद को भारत से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और जहां कहीं भी जाते हैं अपनी भारतीय पहचान को साथ लेकर जाते हैं।
पिचाई ने यह बात भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजे जाने के अवसर पर कही।
पिचाई ने कहा, ‘‘भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां कहीं भी जाता हूं इसे अपने साथ लेकर जाता हूं।’’
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक पिचाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में वर्ष 2022 के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने प्रदान किया।
पिचाई को शुक्रवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में उनके परिवार के करीबी सदस्यों की उपस्थिति में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पिचाई ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से यह सम्मान स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मैं इस सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का हृदय व्यापार श्रेणी व्यापार श्रेणी से आभारी हूं। भारत मेरा एक हिस्सा है, और मैं गूगल तथा भारत के बीच महान साझेदारी को जारी रखने की आशा करता हूं, क्योंकि हम अधिक लोगों तक प्रौद्योगिकी के लाभ पहुंचाने के लिए मिलकर काम करते हैं।’’
गूगल के सीईओ ने कहा, ‘‘भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं इसे अपने साथ ले जाता हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं एक ऐसे परिवार में पला-बढ़ा, जहां सीखने और ज्ञान प्राप्त करने की इच्छाशक्ति को महत्व देकर इसे संजोया गया।’’
भाषा रवि कांत नेत्रपाल
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लातेहार: बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरूष युगल श्रेणी में हुए आठ मैच
Latehar: इंडोर स्टेडियम में सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप कम सेलेक्शन ट्रायल- 2022 हो रहा है. इसका आयोजन जिला बैडमिंटन संघ द्वारा किया गया है. टूर्नामेंट के दूसरे दिन शनिवार को कुल 38 मैच खेले गये. पुरूष युगल श्रेणी में कुल आठ मैच खेले गये. जिसमें अनुराग कुमार, लोहरदगा और सक्षम कुमार, सरायकेला की जोड़ी ने लोहरदगा टीम की जोड़ी पीयुष साहू और ऋषभ उरांव को हराया. अभिषेक सिन्हा और शांतु कुमार शर्मा, पूर्वी सिंहभूम की जोड़ी ने लातेहार के अहमद रजा और मो सरफराज आलम को हराया. हर्षित राज, गुमला और नीरज केसरी, रांची की जोड़ी ने बोकारो टीम के अनिकेत कुमार और ऋषभ राज की जोड़ी को हराया.
वहीं अजीत कुमार महतो और साजन कुमार की जोड़ी ने पश्चिम सिंहभूम के आकाश प्रसाद और संजय हेमरोम को हराया. आकाश पंडित, गिरिडीह और अनीस मिश्रा, पूर्वी सिंहभूम की जोड़ी ने रामगढ़ के बिट्टू कुमार और पवन गोपाल की जोड़ी को हराया. अखिलेश और राहुल साहू, लोहरदगा की टीम ने पश्चिम सिंहभूम के इनामुल कुजूर और प्रियांशी तिर्की, गुमला की जोड़ी को हराया. वीणा महतो और मनीषा रानी तिर्की, रांची की जोड़ी ने लातेहार के वाहिद अंसारी और तरन्नुम परवीन की जोड़ी को हराया. मौके पर मुख्य रेफरी आलोक कुमार सिंह, मैच नियंत्रक वसीम अकरम, अंपायर मधुसूदन मुर्मू, वाहिद अंसारी, सौविक पुटाटुंडा और संघ के सचिव अजीत कुमार राणा मौजूद थे. इस चैंपिनशिप में झारखंड के 12 जिलों के बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं.
व्यापार मेला 2021: झारखंड आकर्षण का प्रमुख केंद्र, इस बार फोकस स्टेट की श्रेणी में है शामिल
दिल्ली के प्रगति मैदान में व्यापाल मेला-2021 आयोजित किया गया है. इस मेले में झारखंड आकर्षण का केंद्र है, जिसे झारखंड फोकस स्टेट की श्रेणी में है.
नई दिल्लीः प्रगति मैदान में चल रहे इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में झारखंड आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना है. इस बार झारखंड फोकस स्टेट की श्रेणी में है. झारखंड पवेलियन प्रगति मैदान व्यापार श्रेणी व्यापार श्रेणी के गेट नंबर पांच बी के ठीक सामने में है. 19 नवंबर से व्यापार मेला को आम लोगों के लिये खोला जायेगा. 27 नवंबर तक आम लोग जा सकेंगे.
झारखंड पवेलियन में कला, संस्कृति, पर्यटन, खान व भूतत्व विभाग, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड रिन्यूवल एनर्जी, झारखंड माटीकला बोर्ड, झारखंड खादी ग्रामोद्योग, मुख्यमंत्री लघु व्यापार श्रेणी उद्योग, झारक्राफ्ट, झारखंड इंडस्ट्री, सूचना एंव जनसंपर्क विभाग जैसे विभागों और परियोजनाओं की प्रदर्शनी लगायी गयी है और राज्य की खनिज की जानकारियां प्रदर्शित की गयी हैं.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लघु उद्योगों के तहत बनी वस्तुओं को पहली बार प्रदर्शित किया जा रहा है. खूंटी जिले में बनने वाले लाह की चुड़ी, कानों के कुंडल, सरायकेला की प्राकृतिक हल्दी को पवेलियन में सजाया गया है. सोहराय की मिट्टी से की जाने वाली पेंटिंग भी प्रदर्शित की जा रही है. बांस, मक्के के छिलके से डिजाइनर ज्वेलरी व्यापार मेले में लाई गयी है. अलईडी चूड़ियां भी हैं.
झारखंड पवेलियन में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को जगह दी गयी है. इमर्जिंग झारखंड 20 की थीम पर पवेलियन को सजाया गया है. इसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है. पवेलियन में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखेगी. इसके साथ ही प्रदेश की तमाम प्रेरणा स्रोतों को प्रदर्शित किया जा रहा है.
भारत का ऑस्ट्रेलिया से व्यापार समझौता अत्यंत लाभकारी
2 अप्रैल को हस्ताक्षरित भारत-ऑस्ट्रेलिया आॢथक सहयोग और व्यापार समझौता (ई.सी.टी.ए.) कई पहलुओं में दोनों देशों के लिए एक पथ-प्रदर्शक व्यापार समझौता है। भारत के लिए, ऑस्ट्रेलिया के साथ ई.सी.टी.ए. एक दशक से अधिक समय के बाद दुनिया की एक बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था के साथ पहला समझौता है। जापान और कोरिया के बाद ऑस्ट्रेलिया तीसरा ओ.ई.सी.डी. देश है, जिसके साथ भारत ने एक मुक्त व्यापार समझौते (एफ.टी.ए.) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का रणनीतिक महत्व भी है, क्योंकि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही क्वाड का हिस्सा हैं और आपूर्ति शृंखला लचीलापन पहल (एस.सी.आर.आई.) में भागीदार हैं।
भारत ने अतीत में कुछ महत्वपूर्ण व्यापार समझौतों पर बातचीत की, जिनमें दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान), जापान, कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया व्यापार श्रेणी जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल थीं। हालांकि भारतीय उद्योग ने पहले यू.ए.ई. और अब ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल के व्यापार सौदों के लिए उस तरह का उत्साह नहीं दिखाया था। भारतीय उद्योग द्वारा इस नए एफ.व्यापार श्रेणी व्यापार श्रेणी टी.ए. में दिखाए गए विश्वास और समर्थन के पीछे प्रमुख कारकों में से एक यह है कि सरकार ने इस तरह के व्यापार के लिए देशों के सही समूह की पहचान की है और आक्रामक रूप व्यापार श्रेणी से भारतीय निर्यात के लिए सार्थक बाजार पहुंच सुनिश्चित की है।
वार्ता के हर चरण में उद्योग से परामर्श किया गया, जिससे उद्योग के सदस्यों को अपने विदेशी बाजार-पहुंच हितों को स्पष्ट करने में मदद मिली है। पिछले एफ.टी.ए. में भारत ने मुख्य रूप से मोड 4 (प्राकृतिक व्यक्तियों की आवाजाही) के तहत व्यावसायिक पेशेवरों के लिए बाजार पहुंच के लिए सौदेबाजी की, लेकिन अब हमारे सभी व्यापारिक निर्यात के लिए विदेशी बाजार पहुंच पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पिछले डेढ़ दशक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार व्यापार श्रेणी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। माल और सेवाओं में दोतरफा व्यापार 2007 में 13.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 में 24.3 अरब डॉलर हो गया। अब, एक व्यापार समझौते के साथ दोनों देशों के लिए वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 5 वर्षों में 45 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। भारतीय उत्पादों और सेवाओं की बाजार हिस्सेदारी में दृढि़करण और वृद्धि होगी तथा भारत का माल और सेवाओं का निर्यात 2021 में 10.5 बिलियन डॉलर से बढ़ कर 2026-27 तक 20 बिलियन डॉलर और फिर 2035 तक 35 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद है।
वर्तमान में भारतीय निर्यात ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कई श्रम-केंद्रित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धियों, जैसे कि चीन, थाईलैंड, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान, इंडोनेशिया और मलेशिया के मुकाबले 4.5 प्रतिशत के टैरिफ नुक्सान का सामना करते हैं। ई.सी.टी.ए. के तहत इन बाधाओं को दूर करने से हमारे व्यापारिक निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया भारत से 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर जीरो-ड्यूटी एक्सैस की पेशकश कर रहा है।
भारतीय निर्यात के 96.4 प्रतिशत मूल्य पर तुरंत शून्य शुल्क होगा (टैरिफ लाइनों का 98 प्रतिशत), यानी इन वस्तुओं के लिए भारतीय निर्यात को सौदे के लागू होने के पहले दिन से शून्य शुल्क पर तत्काल बाजार पहुंच प्राप्त होगी। सभी प्रमुख पारंपरिक भारतीय निर्यात, जैसे कपड़ा और परिधान, चुनिंदा कृषि और समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, रत्न और आभूषण, फार्मा और इंजीनियरिंग उत्पाद आदि अत्यधिक लाभ प्राप्त करने के लिए खड़े हैं।
इसके अंत में, भारत अपनी टैरिफ लाइनों के 40 प्रतिशत पर टैरिफ को तुरंत समाप्त कर देगा, जिसमें भारत को मूल्य के संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया के निर्यात का 85 प्रतिशत शामिल है और फिर 3/5/7/10 वर्ष के समय के साथ टैरिफ के उन्मूलन या उसमें कमी के लिए अपनी टैरिफ लाइनों का एक और 30.3 प्रतिशत की योजना बनाएगा। भारतीय उद्योग को इस व्यवस्था का चतुराई से उपयोग करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत को ऑस्ट्रेलियाई निर्यात कच्चे माल और मध्यवर्ती उत्पादों पर अधिक केंद्रित है। भारत में कई उद्योगों को सस्ता कच्चा माल मिलेगा और इस तरह वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे, खासकर स्टील, एल्यूमीनियम, बिजली, इंजीनियरिंग आदि जैसे क्षेत्रों में।
हम जानते हैं कि हमारे विविध औद्योगिक आधार के कारण, जिसमें सभी आकार और कई क्षेत्रों/उत्पादों के व्यवसाय शामिल हैं, भारतीय उद्योग में कुछ संवेदनशीलता है। हम सरकार के आभारी हैं कि उसने बिना किसी रियायत के कई संवेदनशील उत्पादों को बहिष्करण श्रेणी (टैरिफ लाइनों का 29.8 प्रतिशत) में रखा। इन उत्पादों में दूध और डेयरी, छोले, अखरोट, पिस्ता नट्स, गेहूं, चावल, बाजरा, सेब, सूरजमुखी के बीज का तेल, चीनी, खली, सोना, चांदी, प्लैटिनम, आभूषण, लौह अयस्क और अधिकांश चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। यह ई.सी.टी.ए. के तहत भारत के लिए एक बड़ा लाभ है।
माल क्षेत्र में सार्थक लाभ सुनिश्चित करने के अलावा भारत कई सेवा क्षेत्रों में भी ऑस्ट्रेलिया से व्यावसायिक रूप से सार्थक प्रस्ताव प्राप्त करने में सफल रहा। अनुबंधित सेवा आपूर्तिकत्र्ताओं के रूप में ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने वाले 1,800 भारतीय पारंपरिक रसोइयों और योग शिक्षकों का वाॢषक कोटा, भारतीय छात्रों के लिए अध्ययन के बाद का कार्य वीजा, पेशेवर योग्यता पर आपसी मान्यता समझौते की खोज, और इंट्रा-कॉर्पोरेट ट्रांसफरीज के रूप में पेशेवरों के आवागमन पर एक बढ़ी हुई प्रतिबद्धता भारतीय सेवा क्षेत्रों के लिए कुछ प्रमुख लाभ हैं।
ई.सी.टी.ए. के तहत हासिल की गई सफलताओं में से एक यह है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ऑस्ट्रेलिया को तकनीकी सेवाएं प्रदान करने वाली भारतीय फर्मों की अपतटीय आय पर कराधान को रोकने के लिए अपने घरेलू कर कानून में संशोधन करने के लिए सहमत हो गई है। यह भारतीय आई.टी. उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग थी। एक बार संशोधन किए जाने के बाद, भारतीय तकनीकी कंपनियों को ऑस्ट्रेलिया में अपतटीय राजस्व पर करों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
अंत में, उद्योग सहयोगियों के लिए ध्यान देने योग्य बात। जबकि सरकार ने व्यवसायों के लिए एक उत्कृष्ट व्यापार सौदे पर सफलतापूर्वक बातचीत की है, इस तथ्य को देखते हुए कि ऑस्ट्रेलिया व्यापार श्रेणी में वर्तमान में 16 एफ.टी.ए. चल रहे हैं, ऑस्ट्रेलियाई बाजार तक पहुंच आसान नहीं होगी। हमें अभी भी अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार पर काम करना होगा, क्योंकि अधिकांश व्यापार क्षेत्रों में भारत चीन, आसियान, चिली, व्यापार श्रेणी जापान, कोरिया और न्यूजीलैंड के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा, जिनका पहले से ही ऑस्ट्रेलिया के साथ एफ.टी.ए. है।-चंद्र्रजीत बनर्जी