समर्थन मूल्य का विकल्प

पंजाब और उत्तरप्रदेश जैसे प्रदेशों में भूमिगत जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है और देश को गहरी भूमि से पानी निकालने में अतिरिक्त ऊर्जा का व्यय करना पड़ता है. इसलिए समर्थन मूल्य पर पुनर्विचार जरूरी है.
ब्लॉग: समर्थन मूल्य का विकल्प हैं उच्च मूल्य की फसलें
Highlights समर्थन मूल्य से किसान की आय में वृद्धि होगी परंतु उससे देश पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. किसान के हित और देश के हित को एक साथ हासिल करने का रास्ता हमें खोजना पड़ेगा. किसान अधिक पानी की खपत करने वाली फसल त्याग कीमती फसलों के उत्पादन की ओर बढ़ें.
किसान और सरकार दोनों ही चाहते हैं कि किसानों की आय में तीव्र समर्थन मूल्य का विकल्प वृद्धि हो. लेकिन इस वृद्धि को कैसे हासिल किया जाए इस पर दोनों में मतभेद है. किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से उन्हें अपने प्रमुख उत्पादों का उचित मूल्य मिल जाएगा और तद्नुसार उनकी आय भी बढ़ेगी.
युग जागरण
सरकार को चाहिए कि इन अनुसंधान शालाओं के कर्मियों को सुरक्षित वेतन देना बंद करके हर जिले की जलवायु के उपयुक्त रिसर्च के लिए खुले ठेके दे जिसमें निजी और सरकारी प्रयोग शालाएं आपस में प्रतिस्पर्धा में आयें। तब देश के हर जिले के अनुरूप उच्च कीमत की फसल का हम उत्पादन कर सकेंगे और किसान को सहज ही बाजार से ऊंची आय मिलेगी जैसा कि फ्रांस के कर्मी को 12 हजार रुपया प्रति दिन मिल जाता है। ऐसे में किसान को समर्थन मूल्य की आवश्यकता नहीं रह जायेगी। लेकिन इस वृद्धि को कैसे हासिल किया जाए इस पर दोनों में मतभेद है। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने से उन्हें अपने प्रमुख उत्पादों का उचित मूल्य मिल जाएगा और तदनुसार उनकी आय भी बढ़ेगी।
समर्थन मूल्य का विकल्प नहीं पतंजलि का क्रय मूल्य
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सरकार ने स्पष्ट किया है कि पतंजलि योगपीठ की ओर से किसानों से जड़ी-बूटी खरीदने के मद्देनजर किसानों के समर्थन मूल्य का विकल्प समक्ष अपना न्यूनतम क्रय मूल्य रखा जाएगा। यह सरकार की ओर से घोषित किए जाने वाले समर्थन मूल्य का विकल्प नहीं है और न यह किसी के लिए बाध्यकारी होगा।
पतंजलि योगपीठ के साथ सहयोग कार्यक्रम की शनिवार समर्थन मूल्य का विकल्प समर्थन मूल्य का विकल्प को हुई समीक्षा के दौरान कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी। इनमें एक बिंदु पतंजलि की ओर से किसानों के लिए क्रय मूल्य घोषित करने का भी था। सरकार की ओर से रविवार को स्पष्ट किया गया कि पतंजलि ने प्रस्ताव दिया था कि वह राज्य के किसानों से एक हजार करोड़ रुपये मूल्य तक के उत्पाद खरीद सकती है। इस पर पतंजलि से अनुरोध किया गया कि वह किसानों को भरोसा दिलाए कि वह जड़ी-बूटी को अच्छे दामों पर खरीदेगी। इसे देखते हुए पतंजलि ने किसानों के समक्ष न्यूनतम क्रय मूल्य रखने की बात कही गई, ताकि किसान अपने लाभ का अनुमान लगाते हुए निर्णय ले सकें कि उन्हें अपना उत्पाद कहां समर्थन मूल्य का विकल्प बेचना है। यह मूल्य पतंजलि की ओर से किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बताया जाएगा।
समर्थन मूल्य पर सरसों व चना बेचने के लिए पंजीयन
राजस्थान में सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 18 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू किया जाएगा। कोटा संभाग में 6 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुका है। सरकार की ओर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। किसान ई-मित्र केंद्र या खरीद केंद्र पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जो किसानर अपना समर्थन मूल्य का विकल्प रजिस्ट्रेशन करवा रहा है उसे स्वयं ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा और अपना बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होगा। उसके पश्चात ही किसान का रजिस्ट्रेशन संभव हो सकेगा।
समर्थन मूल्य पर सरसों व चने को बेचने के लिए पंजीकरण कराने पर किसान को नाममात्र का शुल्क भी चुकाना होगा। ई-मित्र से पंजीकरण कराने पर किसान को 21 रुपए तथा क्रय-विक्रय सहकारी समिति के खरीद केंद्र पर पंजीकरण कराने के लिए किसान को 10 रुपए का भुगतान करना होगा।
चना एवं सरसों फसल के पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज
समर्थन मूल्य पर चना व सरसों बेचने के लिए किसान को पंजीयन कराते समय कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। ये दस्तावेज इस प्रकार हैं :-
- आधार कार्ड/जन समर्थन मूल्य का विकल्प आधार कार्ड
- भामाशाह कार्ड
- फसल संबंधी दस्तावेज के लिए गिरदावरी
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
- गिरदावरी के पी-35 का क्रमांक व दिनांक
समर्थन मूल्य पर खरीद की खास बातें
समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किसान को अपना मोबाइल नंबर देना होगा। एक मोबाइल नंबर पर एक किसान का पंजीयन किया जाएगा।
- इस बार मोबाइल ओटीपी का विकल्प स्वीकार नहीं है।
- पंजीयन का कार्य सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक होगा।
- किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी, उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केंद्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा।
- किसान को पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई हेतु दिनांक तथा समर्थन मूल्य का विकल्प जिंस की मात्रा का आवंटन किया जाएगा। इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जाएगी।
- किसान को भामाशाह कार्ड से संबद्ध बैंक खाते का विवरण जांच लेना चाहिए। यदि कार्ड में बैंक खाते का गलत विवरण दर्ज है तो रजिस्ट्रेशन से पूर्व उसे दुरुस्त करवा लेना चाहिए।
- रजिस्ट्रेशन के समय बैंक खाता संख्या का विवरण सही ढंग से अपलोड करवाए ताकि भुगतान में किसान को परेशानी नहीं हो।
- तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय समर्थन मूल्य का विकल्प एफएक्यू मापदंडों से तैयार कराकर बेचने के लिए लानी चाहिए।
समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए हैल्पलाइन/टोल फ्री नंबर
किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, उपज के बेचाव व भुगतान आदि के संबंध में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए वे टोल फ्री नंबर 1800 1806 001 पर फोन कर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1