शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल

शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल
Kewada Swami Bhairavnath Temple
केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर
वर्ग ऐतिहासिक
आगर के प्रसिद्ध मोटासागर तालाब पर सरकारी पशु प्रजनन फार्म आगर के पास केवड़ा स्वामी भैरवनाथ मंदिर है।
मंशापूर्ण गणपति चिपिया गोशारी (आगर)
वर्ग प्राकृतिक / दर्शनीय सौंदर्य
आगर से 8 शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल किलोमीटर की दूरी पर बडोद रोड पर श्री गणेश गोशी चीपा वही है, वह है सुंदर मंदिर
बैजनाथ महादेव मंदिर, आगर मालवा
वर्ग ऐतिहासिक
बैजनाथ महादेव मंदिर आगर-मालवा जिले के सुसनेर रोड (उज्जैन-कोटा रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 27) पर स्थित है। बैजनाथ महादेव।
बगलामुखी माता मंदिर, नलखेड़ा
वर्ग ऐतिहासिक
मध्य प्रदेश में यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के तट पर स्थित है..
मोतीसागर तालाब (बड़ा तालाब)
वर्ग ऐतिहासिक, प्राकृतिक / दर्शनीय सौंदर्य
आगर के मोतीसागर शिखर की खुदाई 1052 में अभय राम बंजारा ने की थी।
सोमेश्वर महादेव मंदिर
वर्ग ऐतिहासिक
आगर जिले के उज्जैन रोड पर गांव तानोदिया से गुंडाकलां रोड पर गोकुल गांव गांव के पास है
माँ तुलजा भवानी
वर्ग ऐतिहासिक
आगर शहर से 2 किमी पूर्व की दूरी पर स्थित माँ तुलजा भवानी का प्राचीन मंदिर।
पचेती माता मंदिर
वर्ग ऐतिहासिक
प्राचीन काल में ये प्राचीन मूर्तियां घने जंगल में अमर थीं, धीरे-धीरे लोग यहां आने लगे।
चौसठ योगिनी माता मंदिर
वर्ग प्राकृतिक / दर्शनीय सौंदर्य
आगर नगर से नलखेड़ा रोड पर गांव सुइगांव से 1 किमी और मुख्य सड़क से 1 किमी
शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड में से किसमें इनवेस्ट करना है बेहतर? जानिए
कई बार शेयर बाजार आपकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न्स नहीं दे पाता है इसलिए सही रिटर्न पाने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त, समय पर ध्यान देना जरूरी है। सामान्य नियम यही है कि ‘दाम घटने पर खरीदें और दाम बढ़ने पर बेच दें’।
आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार
अगर अपने इनवेस्टमेंट पर ज्यादा रिटर्न्स लेने हैं तो उसके लिए ज्यादा रिस्क भी लेना पड़ेगा। रिटर्न और रिस्क में संतुलन बनाए रखना बहुत मुश्किल काम है। इसके चक्कर में कई लोग कम जाने माने निवेश उत्पादों में इनवेंस्ट करने से रह जाते हैं। ज्यादातर लोग मुख्य रूप से शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल दो तरीके से शेयर मार्केट में इनवेस्ट करते हैं, एक तो सीधे शेयर में निवेश करके और दूसरा इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के माध्यम से निवेश करके।
शेयर मार्केट में सीधे इनवेस्टमेंट
शेयर मार्केट, बिना कुछ काम किए केवल अपना पैसा इनवेस्ट करके पैसे कमाने का एक अच्छा विकल्प है, जिसे कुल रिटर्न को बढ़ाने के लिए अक्सर एक साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आपको इसकी समझ होनी बहुत जरूरी है। अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक चले तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करने पर बहुत अधिक रिटर्न मिल सकता है। यदि यह आपकी उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाया तो आपका पूरा पैसा डूब भी सकता है। इसलिए आपको अपने स्टॉक निवेश पोर्टफोलियो पर लगातार नजर रखनी चाहिए और शेयर बाजार को प्रभावित करने वाली खबरों की जानकारी भी रखनी चाहिए। कई बार शेयर बाजार आपकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न्स नहीं दे पाता है इसलिए सही रिटर्न पाने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।
साल के आखिरी 25 दिनों में इन 4 राशियों के लोगों की बदल सकती है किस्मत, जानिये कहीं आपकी राशि तो नहीं शामिल
‘मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनने वाली हूं…’ नीना गुप्ता ने जब प्रेगनेंसी में Vivian Richards को किया फोन तो मिला था ऐसा जवाब
Horoscope 2022: नवंबर माह के बचे हुए 13 दिनों में कुछ खास हो सकता है घटित, जानिए क्या कहता है आपका राशिफल
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त, समय पर ध्यान देना जरूरी है। सामान्य नियम यही है कि ‘दाम घटने पर खरीदें और दाम बढ़ने पर बेच दें’। अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए सही समय पर खरीद-बिक्री करके अपना फायदा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। नहीं तो शेयर के दाम, अपने टॉप पॉइंट से नीच आ गए तो अच्छे रिटर्न पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यदि आप सीधे शेयरों में इनवेस्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके पास पर्याप्त पैसा, समझ और बहुत ज्यादा धैर्य होना बहुत जरूरी है।
म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट
म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में निवेश करना थोड़ा आसान बना देता है, क्योंकि यह एक प्रोफेशनल स्टाइल से आपके फंड का ख्याल रखता है। आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से जो पैसा निवेश करते हैं उसे फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज किया जाता है, जिन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव की अच्छी समझ होती है। जिसके लिए वे ऐसे-ऐसे साधनों का इस्तेमाल करते हैं जो सामान्य शेयर निवेशकों के पास नहीं होते हैं। म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी में निवेश करते समय, आपको सभी शेयरों और उनके प्रदर्शनों का अध्ययन करने की जरूरत नहीं है। फंड मैनेजर, पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने के लिए आपके पैसे को अलग-अलग जगह निवेश करके आपके पैसे का ख्याल रखते हैं। आपको बस निर्धारित समय सीमा के अनुसार उम्मीद के मुताबिक रिटर्न पाने के लिए सही म्यूचुअल फंड स्कीम का चयन करना होता है।
म्यूचुअल फंड में आपको अपनी जोखिम क्षमता, रिटर्न सम्बन्धी आवश्यकता, निवेश समय सीमा, इत्यादि के अनुसार निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मिलते हैं। म्यूचुअल फंड आपको एकमुश्त राशि के रूप में निवेश करने के साथ-साथ सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत किस्तों के माध्यम से निवेश करने का भी विकल्प देता है। एसआईपी के माध्यम से आप हर महीने या तय अवधि के मुताबिक कुछ पैसे देते हैं।
म्यूचुअल फंड बनाम शेयर
यदि आप अपने शेयर पोर्टफोलियो का ख्याल रखने के लिए पर्याप्त समय देने के लिए तैयार हैं, तो आप थोड़ा सा पैसा सीधे शेयर में डाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको समझ होनी भी जरूरी है। इक्विटी म्यूचुअल फंड, आपको अपने उद्देश्य के मुताबिक इनवेस्ट करने का विकल्प देता है। आप अपने फाइनैंशल उद्देश्यों के मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल स्कीमों में इनवेस्ट कर सकते हैं। यदि आप डबल फायदा, मतलब टैक्स बचाना और निवेश लाभ दोनों, चाहते हैं तो प्रत्यक्ष शेयर निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है। निवेश की लागत की दृष्टि से, म्यूचुअल फंड, प्रत्यक्ष शेयर लेनदेन की तुलना में बहुत कम चार्ज लेता है। यदि आप अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला निवेश करना चाहते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए।
क्या यह, इक्विटी में निवेश करना का सही समय है?
इस साल शेयर बाजार नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बावजूद, अब तक ठीक रहा है। बढ़ोतरी का रुझान बने रहने की उम्मीद है लेकिन इसका अनुमान लगाना मुश्किल है कि शेयर बाजार कब पलटी मारेगा। इसलिए, यदि आप वर्तमान परिस्थिति में शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो एक सुरक्षित रिटर्न को सुनिश्चित करने के लिए, आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश के साथ शुरुआत करनी चाहिए,अगर यह आपकी उम्मीद के मुताबिक नहीं चल रहा है तब भी शुरुआत इसकी के साथ करनी चाहिए।
पढें व्यापार (Business News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.
सेबी के नए मार्जिन नियम
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
*रिटेल निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में जोखिम कम करने के लिए सेबी ने मार्जिन के नए नियमों का एलान किया है.*
ये नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. शेयर बाजार से जुड़े पक्ष नए नियमों को लागू करने के लिए कुछ वक्त चाहते थे. लेकिन, सेबी ने उनकी मांग ठुकरा दी.
*आइए शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल मार्जिन के नए नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.*
*मार्जिन के नए नियम क्या है?*
सेबी मार्जिन के दो तरह के शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है. कैश मार्केट का मतलब ऐसे ट्रांजेक्शन से है, जिनमें शेयरों की डिलीवरी होती है. ये नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. दूसरा नियम पीक मार्जिन रिपोर्टिंग के लिए है. इसका संबंध डेरिवेटिव ट्रेडिंग से है. ये नियम 1 दिसंबर से लागू होंगे.
*मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?*
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
*फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?*
पहले हम यह समझते शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
*शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?*
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
*यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?*
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
*इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?*
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
मधुमक्खियों से संबंधित प्रश्न और उत्तर
यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: English Español ( Spanish ) Français ( French ) Deutsch ( German ) Nederlands ( Dutch ) العربية ( Arabic ) Türkçe ( Turkish ) 简体中文 ( Chinese (Simplified) ) Русский ( Russian ) Italiano ( Italian ) Ελληνικά ( Greek ) Português ( Portuguese, Brazil ) Tiếng Việt ( Vietnamese ) Indonesia ( Indonesian ) 한국어 ( Korean )
डंक मारने के बाद मधुमक्खियां क्यों मर जाती हैं?
क्योंकि मधुमक्खी का डंक उनके आंतरिक अंगों, नसों, मांसपेशियों और आंत से जुड़ा होता है। जब (कर्मचारी) मधुमक्खी किसी मनुष्य को काटती है तो उनका डंक मनुष्य की त्वचा में फंस जाता है। इसके बाद, मधुमक्खी उड़ने का प्रयास करती है, जिसके कारण इसके आंतरिक अंगों का कुछ हिस्सा पीछे छूट जाता है, जिसकी वजह से मधुमक्खी तुरंत मर जाती है। लेकिन, ऐसा केवल कर्मचारी मधुमक्खियों के मामले में होता है। रानी मधुमक्खी अपने डंक की अलग विशेषता की वजह से मरे बिना कई बार काट सकती है। फिर भी, रानी मधुमक्खी का डंक बहुत दुर्लभ है। ज्यादातर मामलों में मनुष्यों को केवल कर्मचारी मधुमक्खियां काटती हैं। नर मधुमक्खियों के पास डंक नहीं होता शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल है।
मधुमक्खियां कितने समय तक जीवित रहती हैं?
कर्मचारी मधुमक्खियां: बसंत, ग्रीष्म और शरद ऋतु के दौरान 6 सप्ताह और सर्दियों में 4-5 महीने तक।
नर मधुमक्खियां: संभोग के कुछ समय बाद ये मर जाते हैं। अधिकतम जीवनकाल 4 महीने।
क्या मधुमक्खियों के संबंध में आपका कोई प्रश्न है? कृपया नीचे टिप्पणियों में अपना प्रश्न साझा करें।
हम जल्दी से जल्दी इनका जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे।
मधुमक्खियों से संबंधित प्रश्न और उत्तर
क्या आपके पास मधुमक्खी पालन का अनुभव है? यदि हाँ तो कृपया नीचे टिप्पणियों में अपने अनुभव, विधियों और कार्यप्रणालियों के बारे में बताएं।
आपके द्वारा जोड़ी गयी सभी सामग्रियों को जल्दी से जल्दी हमारे कृषि विशेषज्ञों द्वारा जांचा जायेगा। और स्वीकृत होने के बाद, उन्हें Wikifarmer.com पर डाल दिया जायेगा, जिससे दुनिया भर के हज़ारों नए और अनुभवी किसान सकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे।
यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में शेयर मार्केट से जुड़े सामान्य सवाल भी उपलब्ध है: English Español Français Deutsch Nederlands العربية Türkçe 简体中文 Русский Italiano Ελληνικά Português Tiếng Việt Indonesia 한국어
Wikifarmer की संपादकीय टीम
Wikifarmer एक वैश्विक मंच है जिसका मिशन किसानों को शिक्षा प्रदान करना और मुक्त बाजार में अपने उत्पाद उचित दामों पर बेचने का अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाना है।
हमारी संपादकीय टीम में शामिल हों
हमारे समुदाय का हिस्सा बनें और Wikifarmer में योगदान दें, जो कृषि उद्योग में काम करने वाले दुनिया भर के लोगों और किसानों के विभिन्न समुदाय के ज्ञान पर आधारित प्लेटफॉर्म है।
Latest Articles
प्रासंगिक लेख
हमारे साझेदार
हमने दुनिया भर के गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों और अन्य संगठनों के साथ मिलकर हमारे आम लक्ष्य - संधारणीयता और मानव कल्याण - को पूरा करने की ठानी है।
Wikifarmer एक वैश्विक मंच है जिसका मिशन किसानों को शिक्षा प्रदान करना और मुक्त बाजार में अपने उत्पाद उचित दामों पर बेचने का अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाना है।