निवेश की रकम

PPF Account: रिटायरमेंट पर चाहिए सवा दो करोड़ की रकम, तो आज ही सरकार की इस स्कीम में करें निवेश
PPF Investemnt calculator: इस जगह पर अगर आपने सही समय पर निवेश किया तो जब आप 60 साल के होंगे, तब आपके पास कुल रकम करीब 2 करोड़ 27 लाख रुपये होगी. जबकि आपका निवेश कुल मात्र 52 लाख, 50 हजार रुपये होगा, जबकि ब्याज की रकम इसमें 1,74,47,857 रुपये होगी.
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PPF Investment: हाल ही में मिली सरकारी नौकरी (Government Job) हो या प्राइवेट जॉब (Private Service) दोनों में रिटायरमेंट (Retirement Plan) के बाद पेंशन नहीं (Pension Scheme) मिलती. ऐसे में आपको बताते हैं ऐसी स्कीम के बारे में, जो आपको इनकम टैक्स में बचत कराएगी वहीं रिटायरमेंट के बाद आपके हाथ में दो करोड़ से ज्यादा की रकम देगी. अगर आपने भी हाल ही में अपनी पहली नौकरी हासिल की है तो आज से ही इस PPF स्कीम (Public Provident Fund Scheme) में निवेश करना शुरू कर दें.
क्या है ये स्कीम
भारत जैसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाले देश में यह पीपीएफ स्कीम बीते कई दशकों में नौकरी पेशा लोगों के बीच एक लोकप्रिय बचत योजना है. जिसका नाम लोक भविष्य निधि है, इसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी PPF कहते हैं. इस योजना के तहत आप अपना अकाउंट किसी नजदीकी पोस्ट ऑफिस या किसी भी बैंक की शाखा में जाकर खोल सकते हैं. PPF खाते में हर साल (यहां हम फाइनेंशियल इयर, यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च की बात कर रहे हैं) आप मिनिमम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा करवा सकते हैं, जिसका ब्याज हर साल के आखिरी दिन आपके खाते में जोड़ दिया जाता है. इसलिए अब यदि आप हर साल की 1 अप्रैल को ही पूरे डेढ़ लाख रुपये जमा करवा देते हैं, तो साल के आखिर में आपके खाते में अधिकतम ब्याज जमा हो निवेश की रकम जाएगा. आज की तारीख में सरकार इस खाते पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज देती है. इस स्कीम में मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी के दौरान मिलने वाली पूरी रकम, टैक्स के दायरे से बाहर रहती है.
कैसे बनें करोड़पति?
आप 25 साल की उम्र में PPF खाता खोलें, और हर साल 1 अप्रैल को ही खाते में अधिकतम सीमा वाले डेढ़ लाख रुपये जमा करवा दें, तो मौजूदा दर से अगले साल 31 मार्च को आपके खाते में 10,650 रुपये जमा हो जाएंगे, जो अगले फाइनेंशियल इयर के पहले दिन आपके खाते की बाकी राशि, यानी बैलेंस को 1,60,650 रुपये बना देंगे, और यही रकम अगले साल के निवेश के लिए जमा कराए गए डेढ़ लाख रुपये जुड़ते ही 3,10,650 रुपये हो जाएंगे, और अगले साल आपको डेढ़ लाख की जगह 3,10,650 रुपये पर ब्याज मिलेगा, जो 22,056 रुपये होगा. इसी तरह हर साल पहली अप्रैल को आप डेढ़ लाख जमा रुपये करवाते रहें, और मैच्योरिटी के 15 साल पूरे होने पर आपके खाते में 40,68,209 रुपये जमा होंगे, जिनमें आपका निवेश 22,50,000 रुपये और ब्याज की रकम 18,18,209 रुपये होगी.
एक्सटेंड कराना जरूरी
बताते चलें कि PPF खाते को मैच्योर होने से पहले ही आवेदन कर 5 साल के लिए यानी आगे बढ़ाया जा सकता है, और यह एक्सटेंशन आप कितनी भी बार कर सकते हैं. इसलिए आपको अपने PPF खाते को पांच साल के लिए एक्सटेंड करना है, वहीं इसके साथ ही दूसरी ओर अपने निवेश का सालाना रूटीन भी बरकरार रखना है. अगली बार यह स्थिति (PPF खाते के 20 साल और आपकी उम्र के 45 साल) मैच्योरिटी पर पहुंचेगी, तो इसमें कुल रकम 66,58,288 रुपये होगी, जिसमें आपका निवेश 30,00,000 रुपये तथा मिला हुआ ब्याज 36,58,288 रुपये होगा. इसके बाद आप अपने PPF खाते को फिर एक्सटेंड कर दें, और निवेश करते रहें. फिर 50 साल की उम्र में आपके एकाउंट में कुल जमा राशि 1,03,08,014 रुपये होगी, जिसमें आपका निवेश 37,50,000 रुपये और ब्याज की रकम 65,58,015 रुपये होगी. अब PPF खाते को फिर एक्सटेंड कीजिए और पांच साल बाद जब आप 55 साल के होंगे, तब आपके खाते में कुल रकम 1,54,50,910 रुपये होगी, जिसमें निवेश की रकम 45,00,000 तथा ब्याज की रकम 1,09,50,911 रुपये होगी. अगली बार एक्सटेंड करने के पांच साल बाद, यानी जब आप करीब 55 या 60 साल के होंगे, तब आपके PPF खाते में कुल राशि 2,26,97,857 रुपये जमा होगी, जिसमें आपका निवेश कुल 52,50,000 रुपये होगा, जबकि ब्याज की रकम 1,74,47,857 रुपये होगी.
इस स्थिति में ही मैच्योरिटी की रकम होगी सवा दो करोड़ से ज्यादा
ध्यान दें कि आपको यह दो करोड़ 26 लाख रुपये की मैच्योरिटी रकम तभी मिलेगी जब आपका पीपीएफ खाता करीब 35 साल तक चलेगा यानी अगर खाता खोलते वक्त आपकी उम्र 25 साल से ज्यादा है और आप इसे चार बार एक्सटेंड नहीं करते हैं, तो आपको मिलने वाली रकम में अंतर हो सकता है. PPF खाते में निवेशक को हर साल निवेश की रकम को अप्रैल माह की शुरुआत में ही जमा करवाना चाहिए, ताकि अधिकतम ब्याज हासिल हो सके. वहीं ये भी ध्यान रखें कि PPF खाते पर मिलने वाला ब्याज सरकार हर तिमाही में संशोधित करती है, इसलिए ब्याज की दर घटने-बढ़ने की स्थिति में रिटायरमेंट पर हासिल होने वाली आपकी ये रकम थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है.
(डिस्क्लेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
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500 रुपये से करें निवेश की शुरुआत, देखते ही देखते बन जाएंगे करोड़पति!
निवेश की शुरुआत करने के लिए कोई मोटी रकम की जरूरत नहीं होती है. आप हर महीने नियमित तौर पर एक छोटी राशि निवेश कर बड़ा फंड बना सकते हैं. अगर आप घर, गाड़ी, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी या फिर अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान कर रहे हैं, तो इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए निवेश के रास्ते पर चलना होगा. (Photo: Aajtak)
निवेश को लेकर अक्सर लोग कहते हैं कि कुछ समय बाद शुरू करेंगे. लेकिन उनके लिए वो वक्त कभी नहीं आता. क्योंकि वो निवेश को गंभीरता से नहीं लेते. आज की तारीख में जितना जरूरी बचत पर फोकस करना है, उतना ही निवेश को लेकर भी गंभीर होने की जरूरत है. लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल ये होता है कि निवेश कहां करें.?
दरअलस, बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं. लेकिन कम उम्र में निवेश की शुरुआत करने पर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है. (Photo: Getty)
बैंक खातों पर लगातार घट रहे ब्याज से म्यूचुअल फंड निवेश का एक बेहतर माध्यम बनकर उभरा है. म्यूचुअल फंड में SIP तीन तरीके से शुरू किया जा सकता है. पहला- म्यूचुअल फंड एजेंट के जरिये. दूसरा- ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर SIP करें. इसके अलावा तीसरा तरीका है कि म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करें. इसके लिए म्यूचुअल फंड की कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर निवेश करना पड़ता है.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक तरीका है. इसके जरिये निवेश करने पर अच्छा रिटर्न पाना आसान हो जाता है. SIP के जरिए किसी भी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में 500 रुपये महीने से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. यानी म्यूचुअल फंड में निवेश के कोई बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है.
अगर आपको बड़ा फंड चाहिए तो निवेश को हर महीने जारी रखना पड़ेगा. इसके निवेश की रकम अलावा आमदनी बढ़ने के साथ निवेश की राशि को भी बढ़ाने की जरूरत होगी. उदाहरण के तौर के अगर कोई 25 साल का युवा 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करता है, तो उसे हर 6 महीने में कम से कम 500 रुपये का निवेश बढ़ाना चाहिए. इस तरह से 5 साल के बाद यानी 30 की उम्र में निवेश की राशि बढ़कर 5000 रुपये महीने हो जाएगी. यह बिल्कुल संभव है, क्योंकि लगभग हर साल नौकरी-पेशा लोगों की सैलरी बढ़ती है. यही नहीं, जब आप शुरुआती दो साल में अपने निवेश से रिटर्न को देखेंगे तो उससे आपका निवेश के प्रति उत्साह बढ़ेगा.
उदाहरण के लिए अगर कोई 30 की उम्र से म्यूचुअल फंड में अगले 30 साल तक हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है, तो उसे 60 साल की उम्र में 1,76,49,569 रुपये मिलेगा. यह आंकलन 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 12% ब्याज हिसाब से लगाया गया है. अगर उसपर 15 फीसदी का ब्याज मिलता है तो फिर कुल रिटर्न 3,50,49,103 रुपये मिलेगा. वहीं अगर ब्याज 10 फीसदी भी मिलता है तो 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 30 साल के बाद कुल 1,13,96,627 रुपये रिटर्न मिलेगा.
हालांकि कुछ म्यूचुअल फंड ने उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं दिए हैं. छोटे निवेशकों के लिए फंड का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि सही फंड का चयन करने के लिए काफी शोध की जरूरत होती है. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर लें, किसी वित्तीय जानकार से सलाह जरूर लें. क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है.
म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से चार्ज लेती हैं. खासकर जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपको चुनने की आजादी होती है.
60 के बाद ठाठ करना है तो अपनाइए निवेश के ये 7 फॉर्मूला, जाने कैसे चौगुनी होगी रकम
नई दिल्ली, हर्ष जैन। निवेश की रकम सही निवेश का चयन और मनचाहा रिटर्न देने वाली किसी निवेश योजना को तैयार करना कठिन काम हो सकता है। कुछ सामान्य नियम हैं जिनका इस्तेमाल निवेश में किया जाता है। ये सामान्य नियम काफी मदद कर सकते हैं, लेकिन ये नियम किसी उत्पाद में निवेश की रकम निवेश करने या नहीं करने के प्राथमिक आधार नहीं होने चाहिए। इसमें छिपी हुई बात ब्याज दर है। कोई भी निवेश उत्पाद आपको आने वाले वर्षों में ब्याज दर की शत-प्रतिशत गारंटी नहीं दे पाएगा। फिर भी, ये सामान्य नियम सूचनात्मक दिशानिर्देशों के रूप में काम कर सकते हैं। निवेश के लिए कुछ सामान्य नियमों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
सामान्य नियम सं. 1 : 72 का नियम
72 का नियम यह निर्धारित करता है कि हमारे पैसे को दोगुना होने में कितने साल लगेंगे।
मान लीजिए कि आप 10% प्रति वर्ष के अपेक्षित रिटर्न के साथ 1,00,000 रुपये का निवेश करते हैं। तो पैसा कितने साल में दोगुना हो जाएगा?
इस नियम के अनुसार, यदि आप 72 को रिटर्न की अपेक्षित दर से विभाजित करते हैं, तो आप अपने पैसे को दोगुना करने में लगने वाले वर्षों की संख्या का काफी सटीक अनुमान प्राप्त कर सकते हैं।
दोगुना होने का समय = 72/रिटर्न की दर
ऊपर के उदाहरण में अपेक्षित रिटर्न की दर 10% प्रति वर्ष है। इसलिए,
दोगुना होने में लगने वाला समय = 72/10 =7.2 वर्ष होगा।
इसलिए, आप उम्मीद कर सकते हैं कि आपका निवेश 7.2 वर्षों में दोगुना हो जाएगा। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह नियम उन निवेशों के मामले में लागू होता है जो चक्रवृद्धि ब्याज की पेशकश करते हैं।
आप एक तय समय सीमा में निवेश को दोगुना करने के लिए आवश्यक ब्याज दर की गणना के लिए 72 के नियम का भी उपयोग कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश 6 साल के भीतर दोगुना हो जाए तो दोगुना होने का समय = 72/रिटर्न की दर
रिटर्न की दर = 72/दोगुना होने का समय = 72/6 =12% प्रति वर्ष
सामान्य नियम सं. 2 : 114 का नियम
72 के नियम के समान तर्क का उपयोग करते हुए अगर आप यह तय करना चाहते हैं कि आपके निवेश को तिगुना होने में कितने वर्ष लगेंगे तो आप 114 के नियम का उपयोग कर सकते हैं। इस नियम के अनुसार, यदि आप 114 को रिटर्न की अपेक्षित दर से विभाजित करते हैं, तो आप अपने पैसे को तिगुना करने में लगने वाले वर्षों की संख्या का काफी सटीक अनुमान प्राप्त कर सकते हैं।
तिगुना होने में लगने वाला समय = 114/रिटर्न की दर
अगर आप 100,000 रुपये प्रति वर्ष 10% के रिटर्न की अपेक्षित दर के साथ निवेश करते हैं, तो
तिगुना होने में लगने वाला समय = 114/10 =11.4 वर्ष होगा।
अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश 6 साल में तीन गुना हो जाए :
तिगुना होने में लगने वाला समय = 114/रिटर्न की दर
रिटर्न की दर = 114/दोगुना होने में लगने वाला समय = 114/6 =19% प्रति वर्ष
सामान्य नियम सं. 3 : 144 का नियम
72 और 114 के नियम के समान तर्क का उपयोग करते हुए, यदि आप यह निर्धारित करना चाहते हैं कि आपका निवेश चौगुना होने में कितने वर्षों का समय लेगा, तो आप 144 के नियम का उपयोग कर सकते हैं। इस नियम के अनुसार, यदि आप 144 को अपेक्षित रिटर्न की दर से विभाजित करते हैं, तो आप अपने पैसे को चौगुना करने में लगने वाले वर्षों की संख्या का काफी सटीक अनुमान प्राप्त कर सकते हैं।
चौगुना होने में लगने वाला समय = 144/वापसी की दर
यदि आप प्रति वर्ष 10% की प्रत्याशित दर के साथ 1,00,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो
चौगुना होने में लगने वाला समय = 144/10 =14.4 वर्ष
इसलिए, आप उम्मीद कर सकते हैं कि आपका निवेश 14.4 वर्षों में तीन गुना हो जाएगा। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह नियम उन निवेशों के मामले में लागू होता है जो चक्रवृद्धि ब्याज की पेशकश करते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपका निवेश 6 साल में चौगुना हो जाए :
चौगुना होने में लगने वाला समय = 144/रिटर्न की दर
रिटर्न की दर = 144/दोगुना समय = 144/6 = 24% प्रति वर्ष
सामान्य नियम सं. 4 : न्यूनतम 10% निवेश का नियम
जब हम कमाई करना शुरू करते हैं, तब बचत और निवेश शायद हमारे दिमाग में पहली बात नहीं होती है। हालांकि, अगर आप चक्रवृद्धि की शक्ति से लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्दी बचत करना शुरू करना महत्वपूर्ण है। यह निवेश नियम कहता है कि निवेशकों को मौजूदा वेतन का कम से कम 10% निवेश करके शुरू करना चाहिए और इसे हर साल 10% तक बढ़ाना चाहिए।
सामान्य नियम सं. 5 : 100 और उम्र का नियम
100 में से आयु को घटाए जाने का नियम को इक्विटी और डेट के बीच परिसंपत्ति आवंटन को निर्धारित करने में आपकी सहायता के लिए तैयार किया गया है। इस नियम के अनुसार, आपको अपनी उम्र को 100 की संख्या से घटाना होगा। परिणाम इक्विटी में निवेश का प्रतिशत है जो आपके अनुरूप हो सकता है। शेष राशि को डेट में निवेश किया जा सकता है।
यह सामान्य नियम इस धारणा के तहत काम करता है कि सेवानिवृत्ति तक पहुंचने के बाद किसी व्यक्ति का इक्विटी आवंटन कम होते जाना चाहिए।
मान लीजिए कि आपकी उम्र 30 साल है और आप निवेश शुरू करने की योजना बना रहे हैं। 100 माइनस आयु नियम का उपयोग करते हुए, आपके पोर्टफोलियो का परिसंपत्ति आवंटन इस तरह दिखेगा :
इक्विटी = [100 - 30] = 70%
हालांकि, इस या किसी अन्य नियम को आंख मूँद कर स्वीकार करने से पहले अपना यथोचित परिश्रम और शोध जरूर करें।
सामान्य नियम सं. 6 : आपातकालीन निधि का नियम
जीवन अनिश्चित है और ऐसे में आपको आर्थिक मुश्किलों के लिए तैयार रहने की जरूरत है। इसलिए, अधिकांश वित्तीय विशेषज्ञ, युवा निवेशकों को निवेश शुरू करने से पहले एक आपातकालीन फंड बनाने की सलाह देते हैं। इस नियम के अनुसार, आपको कम से कम 3-6 महीने के अपने संचयी मासिक खर्च के बराबर धनराशि अलग रखनी चाहिए। यह आपात स्थिति के दौरान दुर्घटना होने पर पैसों के संकट से बचने में मदद कर सकता है। ऐसी आपात स्थितियों के दौरान आपातकालीन निधि को तरल और आसानी से सुलभ रखा जाना चाहिए।
सामान्य नियम सं. 7 : 4% निकासी का नियम
यह निवेश नियम से अधिक एक वित्तीय अनुशासन नियम है, लेकिन इसका उल्लेख किया जाना जरूरी है। अधिकांश लोग अपनी सेवानिवृत्ति के वर्षों के लिए बचत करने की कोशिश करते हैं और एक ऐसा कोष बनाते हैं जो उनके बाद भी बचा रहता है। हालाँकि, महंगाई की दर अप्रत्याशित होने के कारण, समय से पहले इस कोष के समाप्त होने का जोखिम है। 4% निकासी नियम सेवानिवृत्त लोगों के लिए उनकी बचत को तेज गति से खर्च किए बिना एक स्थिर आय प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
इस नियम के मुताबिक, अगर आप हर साल अपने रिटायरमेंट पूंजी का 4% निकाल लेते हैं, तो आप अपने रहन-सहन की लागत का प्रबंधन करने में सक्षम होंगे।
नियम के अनुसार, यदि आपके पास 1 करोड़ रुपये का सेवानिवृत्ति कोष है, तो अपने रहने के खर्च का प्रबंधन करने के लिए, आपको प्रति वर्ष 4 लाख रुपये से अधिक की रकम नहीं निकालनी चाहिए।
प्रमुख बातें
नियम 72, नियम 114 और नियम 144 का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जा सकता है कि आपका निवेश क्रमशः दोगुना, तिगुना और चौगुना हो सकता है।
निवेश के साथ शुरुआत करने के लिए न्यूनतम 10% नियम का पालन करें।
इसके अलावा, यदि आप अपनी निवेश यात्रा शुरू कर रहे हैं, तो आप आपातकालीन निधि नियम पर विचार कर सकते हैं।
100 माइनस उम्र का नियम आपके निवेश पोर्टफोलियो में संपत्ति आवंटित करने का एक तरीका है।
अंत में, 4% निकासी नियम सेवानिवृत्त लोगों के लिए उनकी वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।
ऊपर बताए गए निवेश के सामान्य नियम ऐसे दिशानिर्देश हैं, जिनका उपयोग कोई भी निवेशक कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन नियमों का आंख मूंदकर पालन नहीं किया जाना चाहिए। विवेक का इस्तेमाल एक सफल निवेशक की पहचान है और आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने विकल्पों पर शोध करें और निवेश शुरू करने से पहले एक निवेश सलाहकार से बात करें। याद रखें, एक अच्छा निवेश पोर्टफोलियो वह है जो आपकी जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि को ध्यान में रखते हुए आपके वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में काम करता है।
(लेखक ग्रो इंडिया के सह-संस्थापक और सीओओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
केवल 250 महीने में बनें करोड़पति, हर दिन 100 रुपये बचाने से हो जाएगा काम!
SIP Calculator: अधिकतर लोग बहाने बनाते हैं कि सैलरी (Salary) कम है, इसलिए सेविंग (Saving) नहीं कर पाते हैं, थोड़ी कमाई बढ़ जाए फिर हर महीने कुछ पैसे बचाकर निवेश करेंगे. लेकिन ऐसे लोग केवल इंतजार करते रह जाते हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 13 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 13 सितंबर 2022, 6:00 PM IST)
एक करोड़ चाहिए, दो करोड़ चाहिए या 10 करोड़ रुपये चाहिए. लेकिन केवल चाहने से ये रकम आपके बैंक अकाउंट (Bank Account) में नहीं पहुंच जाएगा. इसके लिए आपको नियमिततौर पर निवेश करना होगा. अब मध्यवर्गीय परिवार के साथ ये समस्या है कि वे एक साथ मोटी राशि जमा नहीं कर पाते हैं, केवल इंतजार करते हैं कि जब थोड़ी आमदनी बढ़ जाएगी तो फिर निवेश की शुरुआत कर देंगे.
दरअसल, आज के दौर में हर किसी को पैसा चाहिए. हर आदमी करोड़पति (Crorepati) बनना चाहता है. लेकिन निवेश से बचते दिखेंगे. ऐसे में करोड़पति बनने का कोई शॉर्टकट तरीका नहीं है. ये भी सत्य है कि पैसे से पैसा बनता है. अधिकतर लोग बहाने बनाते हैं कि सैलरी (Salary) कम है, इसलिए सेविंग (Saving) नहीं कर पाते हैं, थोड़ी कमाई बढ़ जाए निवेश की रकम फिर हर महीने कुछ पैसे बचाकर निवेश करेंगे. लेकिन ऐसे लोग केवल इंतजार करते रह जाते हैं. निवेश की शुरुआत (How to Start Investment) करने के लिए पैसों से ज्यादा इच्छाशक्ति चाहिए.
छोटी राशि से करें निवेश की शुरुआत
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यह जरूरी नहीं है कि निवेश की शुरुआत मोटी रकम से ही करें. आप हर दिन या फिर हर महीने एक छोटी सी राशि निवेश (Invest) कर बड़ा फंड जुटा सकते हैं. म्यूचुअल फंड के इस दौर में आप छोटी-छोटी राशि जोड़कर बड़ा फंड जुटा सकते हैं. SIP में ये ताकत है कि आप केवल 100 रुपये रोजाना बचाकर 1 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं. फॉर्मूला बेहद आसान है.
बता दें, आज की तारीख में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में हर कोई जानता है. इसमें हर महीने निवेश की सुविधा मिलती है. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये हर महीने म्यूचुअल फंड में 3000 रुपये यानी रोजाना 100 रुपये निवेश कर करोड़पति बन सकते हैं. इसके लिए आपको करीब 21 साल यानी 250 महीने निवेश करना होगा.
केवल 100 रुपये बचाकर बनें करोड़पति
गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) ने लंबी अवधि में जोरदार रिटर्न दिया है. कुछ फंड्स ने तो 20 फीसदी तक रिटर्न दिया है. अब आपको बताते हैं कैसे 250 महीने में 100 रुपये के निवेश से 1 करोड़ रुपये पा सकते हैं. हिसाब ये है कि अगर आप हर रोज 100 रुपये बचाते हैं तो महीने में ये राशि 3000 रुपये हो जाती है. इसे म्यूचुअल फंड में लगाने से 20% सालाना रिटर्न के हिसाब से 21 साल में यानी (252 महीने) 1,16,05,388 रुपये (एक करोड़ से ज्यादा) रुपये हो जाएगा. जबकि इस 21 साल के दौरान आपको केवल 7,56,000 रुपये जमा करने होंगे.
वहीं अगर 15 फीसदी ही रिटर्न मिलता है तो भी 53 लाख रुपये मिलेंगे. ऐसे में आप हर दिन 100 रुपये आसानी से बचा सकते हैं. अगर आप 21 साल तक निवेश नहीं करना चाहते हैं तो फिर आपको निवेश की राशि बढ़ानी होगी.
गौरतलब है कि म्यूचुअल फंड में चक्रवृद्धि ब्याज मिलने से छोटा निवेश भी लॉन्ग टर्म बड़ा फंड बन जाता है. हालांकि म्यूचुअल फंड में निवेश पर जोखिम होता है. इसलिए कहीं भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.
छोटी रकम से मोटी कमाई, जानिए कहां पा सकते हैं निवेश पर ऊंचे रिटर्न
अगर आप भी एफएंडओ में माहिर होना चाहते हैं और तेजी के साथ कमाई करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में अच्छी तरह से समझना होगा। आज हम आपको एफएंडओ की शुरुआती जानकारी देते हैं जिसके बाद आप इस मार्केट में आगे के लिए कदम बढ़ा सकते हैं।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार में कारोबार करने वाले शुरुआती निवेशकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण F&O का होता है। दरअसल बाजार में कई निवेशक F&O के जरिए कम रकम से ऊंचा मुनाफा पाने की कोशिश करते निवेश की रकम हैं और उसमें सफल भी होते हैं और ऊंचे रिटर्न की ये कहानियां आम निवेशकों को आसानी से प्रभावित भी करती हैं। हालांकि शेयर बाजार को समझने वाले जानते हैं कि एफएंडओ यानि Future and Option का फायदा तभी मिलता है जब आपको अच्छी तरह से जानकारी हो। अगर आप भी एफएंडओ में माहिर होना चाहते हैं और तेजी के साथ कमाई करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में अच्छी तरह से समझना होगा। आज हम आपको एफएंडओ की शुरुआती जानकारी देते हैं। जिसके बाद आप इस मार्केट में आगे के लिए कदम बढ़ा सकते हैं।
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क्या होता है फ्यूचर और ऑप्शन?
फ्यूचर और ऑप्शन Derivative Market का हिस्सा होते हैं। आपको बता दें कि डेरिवेटिव ऐसे financial investments होते हैं जिनकी वैल्यू किसी अन्य एसेट से तय होती है जैसे शेयर, कमोडिटी या इंडेक्स। डेरिवेटिव 4 तरह के होते हैं फारवर्ड, फ्यूचर , ऑप्शन और स्वै प। हालांकि अगर स्टॉक मार्केट में कारोबार की बात करें तो वहां दो तरह के ही डेरिवेटिव होते हैं जिन्हें हम फ्यूचर और ऑप्शन कहते हैं, बाकी को आप मार्केट में ट्रेड नहीं कर सकते। सीधे शब्दों में कहें तो फ्यूचर और ऑप्शन एक डेरिवेटिव होते हैं जिनको बाजार में ट्रेड कर सकते हैं।
क्या होता है फ्यूचर?
Future एक डेरिवेटिव फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होता हैं, जिसमें भविष्य के लिए पहले से तय समय और कीमतों पर किसी एसेट की खरीद और बिक्री का कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है, फ्यूचर की सबसे बड़ी खासियत कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को पूरा करने की बाध्यता होती है। यानि अगर आपने फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट किया है, तो भले ही आप फ्यूचर के खरीदार है या विक्रेता है तो आपको तय समय और तय तारीख पर एसेट से जुड़ी खरीद या बिक्री की शर्त पूरी करनी होगी, भले ही आपको उसमें नुकसान क्यो न हो रहा हो। हालांकि आप इस कॉन्ट्रैक्ट को इस अवधि में ट्रेड कर सकते हैं, यानि किसी तीसरे को बेच सकते हैं, जिससे आप शर्त पूरी करने की बाध्यता से बच सकें। इसे ही फ्यूचर ट्रेडिंग कहते हैं।
क्या होता है ऑप्शन?
Option भी फ्यूचर की तरह ही होतें हैं लेकिन फ्यूचर की तरह इसमें शर्त पूरी करने की बाध्यता नहीं होती. यानि आप चाहें तों एसेट की खरीद या बिक्री जो भी आपने शर्त रखी हो उससे पीछे हट सकते हैं. यानि इस डेरिवेटिव फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट में ऑप्शन दिया जाता है। हालांकि इस ऑप्शन की एक कीमत होती है जिसे प्रीमियम कहा जाता है। यानि अगर आप एसेट की खरीद या बिक्री की शर्त से पीछे हटते हैं तो आपको ये प्रीमियम रकम छोड़नी होगी। बाजार के निवेशक घाटे का बड़ा सौदा करने की जगह प्रीमियम छोड़ना ज्यादा बेहतर समझते हैं. इसलिए ये रणनीति छोटे नुकसान की मदद से बड़ा नुकसान बचाने में मदद करती है। ऑप्शन दो तरह के होतें हैं कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। कॉल ऑप्शन में ऑप्शन खरीदार के पास एसेट की खरीद का ऑप्शन मिलता है, वहीं पुट ऑप्शन में ऑप्शन खरीदार के पास एसेट बेचने का ऑप्शन होता है।
क्या है फ्यूचर और ऑप्शन का फायदा?
Future & Option एक रणनीति होती है जिसमें आप पहले ही भविष्य में किए जाने वाले सौदे को तय कर सकते हैं। अधिकांश निवेशक इस रणनीति की मदद से कम पैसों के साथ ज्यादा कमाई की उम्मीद करते हैं क्योंकि इन कॉन्ट्रैक्ट के लिए आपको सौदे की तिथि से पहले पूरी रकम नहीं देनी होती। ऐसे में अगर बाजार को लेकर निवेशक की सोच भविष्य के लिए सही रहती है तो वो कम पैसा लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। वहीं कई निवेशक इन सौदों की मदद से अपना नुकसान भी सीमित करते हैं। दरअसल बाजार की चाल समझने में निवेशकों को गलती हो सकती है, ऐसे में निवेशक एफएंडओ की मदद से नुकसान कम करने की भी कोशिश करते हैं। यानि फ्यूचर और निवेश की रकम ऑप्शन बाजार के निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त विकल्प मुहैया कराता है जिससे एक तरफ वो सही फैसला लेकर फायदा कई गुना कर सकते हैं।
वहीं, दूसरी तरफ वो नुकसान की स्थिति में अपना घाटा कम कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए बाजार के किसी जानकार की मदद एफएंडओ की जानकारी पाना बेहद जरूरी है। 5paisa आपको बाजार के इस बेहद जटिल लेकिन बेहद फायदेमंद मार्केट की पूरी जानकारी देता है। इन जानकारियों की मदद से आप एफएंडओ में बेहद कम रकम से साथ ऊंचे फायदे उठाने में सफल रह सकते हैं।