पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें

सबसे पहले ये ध्यान दें कि जिस बेवसाइट पर आप जा रहे हैं वो कोई अनोखी डील तो नहीं दे रही? गूगल पर पहले बिटक्वाइन का रेट और उससे जुड़ी ताजा रिपोर्ट्स जरूर देख लें.
क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने से पहले अपने काम की ये बातें जान लें!
बिटक्वाइन, इथेरियम , IOTA.. जिन्हें आज के समय में ये नाम नहीं पता हैं उन्हें यकीनन थोड़ा अपडेट होने की जरूरत है. क्रिप्टोकरंसी के जमाने में आज गूगल का ट्रेंडिंग सवाल ये बन चुका है कि आखिर कैसे इसमें निवेश किया जाए. कुछ सालों पहले 1000 रुपए का निवेश करने वाले लोग भी अब करोड़पति बन गए हैं. लोग लगातार इस बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इस तरह की क्रिप्टो करंसी में निवेश कैसे किया जाता है.
जितने लोग इसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं उतने ही लोग इससे जुड़े स्कैम के खतरे में हैं. हाल ही में दिल्ली में एक स्कैमर का पता चला है. दिल्ली में एक 32 साल के इंसान नरेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तारी का कारण ये था कि नरेंद्र ने लोगों को कहा कि वो नई बनी क्रिप्टोकरंसी कैश क्वाइन (Kashh coin) में निवेश करें और जल्द ही ये बिटक्वाइन से ज्यादा तरक्की कर लेगा. पुलिस के अनुसार आरोपी लोगों को लालच देता था. पूरे भारत में इस गैंग ने कई लोगों से पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें करोड़ों रुपए इकट्ठे किए थे.
Zomato में निवेश की है योजना, जान लें IPO से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
ऑनलाइन पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें फूड डिलिवरी कंपनी Zomato के 9375 करोड़ के आईपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन की शुरुआत 14 जुलाई से होगी. इस आईपीओ को लेकर निवेशकों में गजब की दिलचस्पी है. अगर आप भी जोमैटो आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो पेटीएम आपके लिए यह मौका लेकर आया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी Zomato के 9375 करोड़ के आईपीओ के लिए सब्सक्रिप्शन की शुरुआत 14 जुलाई से होगी. इस आईपीओ को लेकर निवेशकों में गजब पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें की दिलचस्पी है. अगर आप भी जोमैटो आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो पेटीएम आपके लिए यह मौका लेकर आया है. निवेशक Paytm Money की मदद से इस आईपीओ के लिए 24 घंटे सातों दिन अप्लाई कर सकते हैं.
Paytm Money पेटीएम की ब्रोकिंग एंड फाइनेंशियल असेट डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है. इसके यूजर्स इस ऐप की मदद से 14 तारीख से पहले जोमैटो आईपीओ के लिए आवेदन डाल सकते हैं. वर्तमान नियम के मुताबिक अगर कोई आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसके पास डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. साथ ही एप्लिकेशन तब तक ही डाला जा सकता है जब तक सब्सक्रिप्शन की तारीख रहती है और मार्केट ओपनिंग की टाइमिंग रहती है.
1 जनवरी से पहले कर लें ये 5 काम, नहीं तो होगी परेशानी; जाने क्या करना है
अब नए साल की शुरुआत यानी 2022 में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में लोग इसे लेकर काफी उत्साहित हैं. इन बचे हुए दिनों में 31 दिसंबर तक जरूरी है कि आप कोई जरूरी काम पूरा कर लें, नहीं तो नए साल में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि 1 जनवरी से देश में कुछ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। तुमसे। अगर इन्हें समय पर पूरा नहीं किया गया तो आपको बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
यहां हम आपको 1 जनवरी से हो रहे 5 बड़े बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आप पर पड़ता है।
1. आयकर रिटर्न 31 दिसंबर से पहले जमा करना होगा
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी है। नए आयकर पोर्टल पर समस्या और कोरोना वायरस के चलते सरकार ने समय सीमा बढ़ा दी है। इनकम टैक्स फाइल करने वाले 31 दिसंबर तक अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं। ऐसा नहीं करने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है।
31 दिसंबर (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) से पहले EPFO के सदस्यों को UAN नंबर को आधार नंबर से जोड़ना जरूरी है. अगर EPFO सदस्य ऐसा नहीं करते हैं तो उनका PF खाता बंद किया जा सकता है।
3. डीमैट ट्रेडिंग खातों की करानी होगी KYC
बाजार नियामक सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने डीमैट ट्रेडिंग खातों के केवाईसी की समय सीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दी है। KYC के तहत, नाम, पता, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, उम्र, ईमेल आईडी जैसे कई विवरण हैं। डीमैट ट्रेडिंग खाते में अपडेट करना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के ग्राहक हैं तो 31 दिसंबर तक सस्ते होम लोन का फायदा उठा सकते हैं। BOB ने त्योहारी सीजन में 31 दिसंबर तक होम लोन की दर घटाकर 6.50 फीसदी कर दी है। यह छूट नए साल से यानी 1 जनवरी से खत्म हो जाएगी।
5.ऑनलाइन मर्चेंट को 40% तक राजस्व गंवाना पड़ सकता है
उद्योग मंडल फिक्की के मुताबिक टोकन नंबर जारी करने की नई व्यवस्था लागू होने से ग्राहकों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी जमा करने की बजाय ऑनलाइन व्यापारियों को 20 से 40 फीसदी राजस्व का नुकसान हो सकता है।
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No-Cost EMI: शॉपिंग को आसान बनाती है नो कॉस्ट ईएमआई, लेकिन खरीदारी से पहले समझ लें तमाम शर्तें और चार्जेज़
नो-कॉस्ट ईएमआई (No-cost EMI) ग्राहकों के बीच काफी पापुलर है.
नो-कॉस्ट ईएमआई (No-cost EMI) ग्राहकों के बीच काफी पापुलर है. महंगे सामानों की ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त बहुत से लोग इस विकल्प को चुनना पसंद करते हैं, क्योंकि उन्हें पूरी पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें कीमत एक साथ नहीं चुकानी पड़ती. जाहिर है उन्हें बड़ी रकम को किस्तों में बांटकर EMI के रूप में चुकाना ज्यादा आसान लगता है. त्योहारी सीजन में अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान नो-कॉस्ट ईएमआई की मदद से रेफ्रिजरेटर, टीवी या वॉशिंग मशीन जैसी चीजें खरीदने का मन बना रहे हैं, तो पहले इससे जुड़ी अहम पहले ट्रेडिंग से जुड़ी बातें जान लें बातों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए.
नो-कॉस्ट ईएमआई क्यों?
नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो किसी महंगे सामान को खरीदने के लिए एक साथ पूरी कीमत नहीं चुकाना चाहते. अगर आप नो-कॉस्ट EMI विकल्प के जरिए कोई सामान ऑनलाइन खरीदते हैं, और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उसकी किस्त चुकाते हैं, इस दौरान मर्चेंट्स आपके द्वारा किए गए कार्ड पेमेंट पर डिस्काउंट या कैशबैक का ऑफर दिया जाता है. बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी (Adhil Shetty) कहते हैं कि नो-कॉस्ट EMI आपको क्रेडिट कार्ड के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य सामानों की खरीदारी करने में मदद करता है. कई बार ऐसा भी होता है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ज़ीरो ब्याज का लुभावना ऑफर देकर ग्राहकों को ईएमआई स्कीम के जरिए खरीदारी करने के लिए अट्रैक्ट करते हैं.
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क्या यह स्कीम आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है ?
बिल्कुल. नो कॉस्ट ईएमआई के जरिए खरीदारी करने के बाद अगर समय से किस्त न भरी जाए तो आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में EMI स्कीम का चुनाव करने से पहले ये जांच लें कि आप किस्तों की भरपाई आसानी से कर सकते हैं या नहीं.
आम तौर पर नो-कॉस्ट ईएमआई स्कीम में ग्राहकों से सीधे-सीध ब्याज भले ही न लिया जाता हो, लेकिन उसकी लागत किसी न किसी रूप में उनसे ही वसूल की जाती है. ऐसा सामान की कीमत, प्रॉसेसिंग चार्ज या डिस्काउंट में एडजस्टमेंट करके किया जा सकता है. जबकि वही सामान अगर आप रेगुलर EMI पर खरीदते हैं, तो ब्याज का डिटेल आपको अलग से बता दिया जाता है. दोनों विकल्पों में कौन बेहतर है, ये फैसला करने के लिए आपको खरीदे गए सामान की कुल लागत पर ध्यान देना चाहिए, जिसमें रिटेल प्राइस, डिस्काउंट प्रॉसेसिंग चार्ज समेत सारी बातें शामिल हों.
क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदते हैं?
क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर बायर्स और सेलर्स ट्रेडिंग करते हैं. कई एक्सचेंज ऐसे होते हैं जो एक साथ कई करेंसीज़ को सपोर्ट करते हैं- जैसे बिटकॉइन, रिपल, एथर, टेदर, कारडानो. भारत में भी अब कई एक्सचेंज काम करने लगे हैं. लेकिन एक्सचेंज पर ट्रेडिंग शुरू करने से पहले हम आपको सलाह देंगे कि आप ये देख लें कि ये एक्सचेंज अच्छी वजहों से चर्चा में हों न कि बुरी वजहों से. हमेशा चेक कर लें कि उस एक्सचेंज का ऑफिस भारत में हो और इसकी फाउंडिंग टीम में ऐसा स्टाफ हो, जिसकी हिस्ट्री साफ रही हो.
एक्सचेंज को लेकर आपको इसलिए भी एक्सचेंज को लेकर सतर्क रहना होगा क्योंकि औसतन एक एक्सचेंज को एक दिन में 20 करोड़ का नुकसान होता है, ऐसे में आपको भरोसेमेंद एक्सचेंज का साथ चुनना होगा.
इसके अलावा, क्रिप्टो खरीदने और बेचने के दूसरे तरीके भी हैं. आप दूसरे सेलर्स से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करके भी क्रिप्टो की ट्रेडिंग कर सकते हैं, लेकिन ये बात है कि एक्सचेंज ज्यादा सुरक्षित होता है. यहां आप ज्यादा स्थिर कीमतें भी देख सकते हैं, जिससे ट्रेडिंग में आसानी होती है, ऐसे में नए लोगों के लिए एक्सचेंज से क्रिप्टो खरीदना-बेचना ज्यादा आसान होता है.
एक्सचेंज का इस्तेमाल करना
सभी बड़े एक्सचेंज लगभग एक ही प्रोसेस फॉलो करते हैं. आपको एक अकाउंट बनाने की जरूरत होगी, फिर भारत स्थित एक्सचेंज आपको KYC वेरिफिकेशन करने को बोलेंगे. यह वेरेफिकेशन किसी फ्रॉड वगैरह को रोकने के लिए किया जाता है और आपको इस दौरान अपना आईडी प्रूफ देना होगा. यह पूरा प्रोसेस बस थोड़े वक्त में पूरा हो जाता है, जिसके बाद आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आप अपना बैंक अकाउंट अपने क्रिप्टो अकाउंट से लिंक कर सकते हैं. या फिर ट्रांजैक्शन के लिए सीधे डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. जब लॉगइन और अकाउंट सेटअप का पूरा प्रोसेस कंप्लीट हो जाएगा, तो आपका एक्सचेंज आपको पहला ऑर्डर प्लेस करने के लिए नोटिफाई कर देगा.
ऑर्डर प्लेस करने के लिए आपको किसी क्रिप्टोकरेंसी का सिंबल यानी कि बिटकॉइन के लिए BTC, एथर के लिए ETH और डॉजकॉइन के लिए DOGE, डालना होगा और वो अमाउंट भी डालना होगा, जितने में आप वो कॉइन खरीदना चाहते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी स्टोर कैसे करें?
क्रिप्टोकरेंसी खरीदना पहला स्टेप है, अब आपको उसको स्टोर करने के बारे में सोचना होगा. हां, यह सही है कि आप क्रिप्टो एक्सचेंज पर ही अपने कॉइन्स छोड़ सकते हैं, और अगर आप एक्टिव ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो इसके लिए यह बेहतर तरीका होता है, लेकिन अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पर नजर डालें तो देखेंगे कि बिटकॉइन और एथर जैसे कॉइन्स ने लंबे समय में ज्यादा रिटर्न दिया है. बीच-बीच में बाजार में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद इन कॉइन्स की लॉन्ग टर्म में वैल्यू बढ़ी है.
इसका मतलब है कि उनकी वैल्यू बढ़ने तक के लिए आपको इन्हें स्टोर करना होगा. क्रिप्टोकॉइन्स और टोकन्स आप अपने क्रिप्टो वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट. इनमें से आपको कोई भी वॉलेट अपनी जरूरत के हिसाब से चूज़ करना होगा. इस पर हमारे पास एक आर्टिकल है- Cryptocurrency Wallet : क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या होता है? कैसे बना सकते हैं अपना खुद का वॉलेट? पढ़ें- इसमें आपको क्रिप्टो वॉलेट से जुड़ी हर जानकारी मिल जाएगी, जिसके बाद उनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से कोई भी वॉलेट सेट अप कर सकते हैं.