बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है

ईथर की बात करें तो विटालिक ने बिटकॉइन की ब्लॉकचेन की कुछ कमियों बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है को दूर करने के लिए एथेरियम की ब्लॉकचेन को बनाया जहां पर ट्रांजक्शन तेज है और साथ ही स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा भी बहुत कुछ किया जा सकता है।इस ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करने के बाद कोई भी अपना टोकन बना सकता है।अगर सिर्फ एथेरियम की बात करें तो कॉइन मार्किट कैप पर यह पहले नंबर का ऑल्ट कॉइन है जिसका मार्किट कैप 36,766,727,254 डॉलर का है।किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज पर ट्रेड के लिए बिटकॉइन के साथ साथ एथेरियम का पेअर होता ही है।आज वित्य संस्थानों का खरबो रुपया क्रिप्टो बाजार में लगा हुए है।एथेरियम की ब्लॉकचेन आज बाजार में नंबर एक है जिसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के बाद अब Defi क्रिप्टो बाजार बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है का नया प्रोडक्ट है और लगभग सभी DeFi प्रोजेक्ट एथेरियम की ब्लॉकचेन का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। इस्तेमाल की बात करें तो बिटकॉइन और एथेरियम निवेश के तौर पर हर एक क्रिप्टो निवेशक की पहली पसंद हैं। https://www.xceltrip.com/ और https://travelbybit.com/ के जैसे कई और प्लेटफार्म हैं जहां पर आप बिटकॉइन एथेरियम के अलावा भी कई और क्रिप्टो का इस्तेमाल होटल और हवाई यात्रा की बुकिंग के लिए कर सकते हैं।
बिटकॉइन वालेट -कॉइनबेस
कॉइनबेस बिटकॉइन वालेट #1 सुझाया गया बिटकॉइन वालेट है, जो वेब तथा मोबाइल दोनों पर सबसे अधिक परिपूर्ण बिटकॉइन सेवाएं प्रदान करता है। हम इसे सुरक्षित रूप से खरीददारी करने, प्रयोग करने, तथा बिटकॉइन मुद्रा को स्वीकार करना आसान बनाते हैं।
लगभग 2 मिलियन ग्राहक कॉइनबेस पर विश्वास करते हैं, तथा 38 हजार से अधिक व्यापारी कॉइनबेस के माध्यम से बिटकॉइन स्वीकार करते हैं।
कॉइनबेस बिटकॉइन वालेट की मुख्य बातें
✓ बिटकॉइन खरीदना और बेचना: आप मोबाइल एप को छोड़े बिना अपने कॉइनबेस अकाउंट से सीधे बिटकॉइन आसानी से खरीद और बेच सकते हैं।
✓ बैंक अकाउंट से कनेक्ट करना: आप अपने लिंक किए गए बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है बैंक अकाउंट में आसानी से धनराशि
जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं, अथवा बिटकॉइन खरीद या बेच सकते हैं।
✓ व्यवसायी सेवाएं - डेल, एक्सपीडिया, तथा ओवरस्टॉक जैसे 38.000 से अधिक
व्यवसायों द्वारा स्वीकृत।
What Is Bitcoin Mining: बिटकॉइन माइनिंग क्या है और ये कैसे काम करता है
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया हर दिन छलांग के साथ बढ़ रही है। मुद्रित होने वाली नियमित मुद्राओं के विपरीत, ये डिजिटल संपत्ति, बिटकॉइन सहित - दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी - का खनन(माइन)किया जाता है। यह एक विशाल कंप्यूटिंग सिस्टम, बिजली और महंगे सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके क्रिप्टोग्राफ़िक समीकरणों को हल करके एक क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने की प्रक्रिया है। इसलिए, यदि आप क्रिप्टोक्यूरेंसी और बिटकॉइन माइनिंग के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप यहां जान सकते है-
बिटकॉइन माइनिंग एक अत्यधिक जटिल कंप्यूटिंग प्रक्रिया है जो एक सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम बनाने के लिए जटिल कंप्यूटर कोड का उपयोग करती है। सरकारों और जासूसों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिक्रेट कोड के समान, माइनिंग के लिए जिस क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है उससे बिटकॉइन जनरेट होती है।बिटकॉइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है, और क्रिप्टोकुरेंसी के संपत्ति स्वामित्व को ट्रैक करती है। बिटकॉइन माइनिंग बिटकॉइन डेटाबेस को सपोर्ट करता है, जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।
भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ
बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।
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बिटकॉइन और एथेरियम का इस्तेमाल क्या है? (Bitcoin and Ethereum Uses)
Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.
बिटकॉइन और एथेरियम का कोई इस्तेमाल नहीं है ! यह कहीं इस्तेमाल नहीं होता ,यह एक जुआ है,यह एक बबल है जो कभी भी फट जाएगा और ऐसी ही बहुत सी बातें करते हुए लोग आपको मिल जाएंगे।क्रिप्टो बाजार में आज हर वह व्यक्ति जिसे क्रिप्टो की थोड़ी सी भी जानकारी हो गयी है वह अपना कॉइन निकल रहा है और जब उस से पूछा जाता है की उसने यह कॉइन या टोकन क्यों बनाया और इसका क्या इस्तेमाल है या होगा तो वह कहते हैं की बिटकॉइन और एथेरियम का क्या इस्तेमाल है? कुछ भी नहीं यह तो बस ट्रेड के लिए काम आता है बस इतना ही।
WazirX Warrior: Cryptonewshindi
Cryptonewshindi is one of the top crypto media platforms in the national language of India which is Hindi. We started our operations and worked with many big crypto brands. We helped in translating & explaining bitcoin Whitepaper in narrative language with WazirX’s support. Visit here for YouTube videos.
Disclaimer: Cryptocurrency is not a legal tender and is currently unregulated. Kindly ensure that you undertake sufficient risk assessment when trading cryptocurrencies as they are often subject to high price volatility. The information provided in this section doesn't represent any investment advice or WazirX's official position. WazirX reserves the right in its sole discretion to amend or change this blog post at any time and for any reasons without prior notice.
केवल भरोसा है आधार
विशेषज्ञों का प्रश्न है कि क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य का आखिर क्या आधार है? उनके मुताबिक इसका एकमात्र आधार यह है कि लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं और इसे विनिमय की इकाई के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम या डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसियों को निजी रूप से पेश किया गया है। उनके वैल्यू को तय करने के लिए कोई संपत्ति जैसा आधार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए इनकी फंडामेंटल वैल्यू तय करना कठिन है।
इस बीच बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड कहा जा रहा है। ये बात अकसर बिटकॉइन के समर्थकों की तरफ से की जाती है। उनकी दलील है कि जिस तरह सोने की सप्लाई कम होने की वजह से उसका भाव महंगा रहता है, उसी तरह बिटकॉइन की सप्लाई भी कम है। लेकिन इन दोनों का भंडार उससे अधिक है, जितनी इनकी बाजार में सप्लाई है। लेकिन इस सिलसिले में ये सवाल पूछा गया कि अगर बिटकॉइन का भाव सोने के तर्क से तय होता है, तो पिछले साल अचानक गिर कर यह आधा क्यों रह गया था।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ ही अनुमान लगाए जाने लगे हैं कि अब इसका भाव एक लाख अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। विश्लेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अनुमानों का कोई ठोस आधार नहीं है। लेकिन जिस तरह हाल के महीनों में बिटकॉइन के दाम लगातार बढ़े हैं, उसकी वजह से ये धारणा बन गई है कि इस अनियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी के भाव में लगातार इजाफा होता रहेगा।
ऐसे अंदाजों की वजह से बिटकॉइन में अपना पैसा लगाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि अर्थशास्त्रियों यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि क्या सचमुच बिटकॉइन की कोई मौलिक मूल्य (फंडामेंटल वैल्यू) है। परंपरागत वित्तीय व्यवस्था में फंडामेंटल वैल्यू उस रकम को कहा जाता है, जिसके किसी संपत्ति की वजह से पैदा होने की आशा रखी जाती है। मसलन, किसी सेब के पड़े का फंडामेंटल वैल्यू वह होता है, जो उस पर लगने वाले सेब को बेचने से मिलने की संभावना रहती है। इसी तरह अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो उसका फंडामेंटल वैल्यू वह होगा, जो कंपनी को होने वाले मुनाफे से लाभांश के रूप में आपको मिलेगा।
केवल भरोसा है आधार
विशेषज्ञों का प्रश्न है कि क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य का आखिर क्या आधार है? उनके मुताबिक इसका एकमात्र आधार यह है कि लोग इस पर भरोसा कर रहे हैं और इसे विनिमय की इकाई के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। बिटकॉइन या इथेरियम या डॉगकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसियों को निजी रूप से पेश किया गया है। उनके वैल्यू को तय करने के लिए कोई संपत्ति जैसा आधार नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसलिए इनकी फंडामेंटल वैल्यू तय करना कठिन है।
इस बीच बिटकॉइन को डिजिटल गोल्ड कहा जा रहा है। ये बात अकसर बिटकॉइन के समर्थकों की तरफ से की जाती है। उनकी दलील है कि जिस तरह सोने की सप्लाई कम होने की बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है वजह से उसका भाव महंगा रहता है, उसी तरह बिटकॉइन की सप्लाई भी कम है। लेकिन इन दोनों का भंडार उससे अधिक है, जितनी इनकी बाजार में सप्लाई है। लेकिन बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है इस सिलसिले में ये सवाल पूछा गया कि अगर बिटकॉइन का भाव सोने के तर्क से तय होता है, तो पिछले साल अचानक गिर कर यह आधा क्यों रह गया था।