डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं?

Balanced Fund क्या है? Balanced Mutual Fund कैसे काम करते हैं?
😊📝Balanced Fund एक प्रकार का हाइब्रिड फंड है. यह इक्विटी और डेब्ट उपकरणों में निवेश करने वाली ओपन-एंडेड बैलेंस्ड स्कीम है.SEBI के नियम का पालन करने हेतु इन्हे 40% -60% संपन्ति इक्विटी फंड और 40% -60% संपन्ति डेब्ट डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? फंड में निवेश करना होता है. साथ ही, SEBI ने इन फंड में arbitrage की अनुमति नहीं देता है.
आइये बैलेंस्ड फंड के बारे में थोड़ा विस्तार से समझते है, इसके प्रकार ,कार्य और आदि.
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Balanced Funds क्या है?
Balanced Fund एक प्रकार का म्यूच्यूअल फंड है जिसके पोर्टफोलियो में निर्दिष्ट अनुपात में डेब्ट और इक्विटी घटक शामिल होते है. एक बैलेंस्ड म्यूच्यूअल फंड निवेश के जोखिम को कम करता है और साथ ही आय और पूंजी में वृद्धि की सुविधा प्रदान करता है. इसके आलावा यह दोनों सेगमेंट से अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने की अनुमति मिलती है.
2022 में निवेश करने के लिए लोकप्रिय बैलेंस्ड फंड
- HDFC Balanced Advantage Fund
- SBI Balanced Advantage Fund
- ICICI Prudential Balanced Advantage Fund
- Edelweiss Balanced Advantage Fund
- Kotak Balanced Advantage Fund
- Mirae Asset Balanced Advantage Fund
- Parag Parikh Conservative Hybrid Fund
- Tata Balanced Advantage Fund
Balanced Mutual Fund कैसे काम करते हैं?
Balanced Fund के पास 40-60% डेब्ट और 40-60% इक्विटी में निवेश करने का विकल्प होता है. उदहारण के लिए, जब मार्केट में मंदी होती है तब एक फंड मैनेजर 40-60% शेयर में और बाकि का डेब्ट में निवेश करता या कर सकता है. इसी तरह से एक फंड मैनेजर इक्विटी पर, शेयर में 60% और बाकि का 40% डेब्ट में निवेश कर सकता है.
इसलिए एक फंड मैनेजर को इक्विटी और डेब्ट में स्विच करने की स्वतंत्रता होती है., जो इन्हे पोर्टफोलियो के पुनः गठन करने की अनुमति देता है.
Balanced Fund कितने प्रकार के होते हैं
1.इक्विटी ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड
ये हाइब्रिड फण्ड अपने कुल कोष का कम से कम 65% इक्विटी फंड में और इक्विटी फंड से सम्बंधित सिक्योरिटीज में निवेश करते है. मार्केट के अस्थिरता के समय में स्थिरता प्रदान करने के लिए बाकि के बचे फंड या राशि को डेब्ट में निवेश किया जाता है.
2.डेट ओरिएंटेड बैलेंस्ड फंड्स
ये हाइब्रिड फण्ड अपने कुल कोष का कम से कम 65% डेब्ट सिक्योरिटीज में निवेश करते है. फंड का कुछ हिस्सा नकद और नकद समकक्षों में भी निवेश किया जाता है.
Debt क्या होता है? यह कितने प्रकार का होता है?
नमस्कार दोस्तो कैसे है आप लोग आशा करता हूं ठीक ही होंगे आप सभी तो स्वागत है आपका हमारी नई पोस्ट में तो आज हम आपको बताने वाले है की Debt क्या होता है? यह कितने प्रकार का होता है? कुछ लोगों ने यह नाम जरूर सुना होगा की, Debt fund क्या है, और इसके बारे में विस्तार से जानना भी चाहते होंगे की हिंदी में Debt fund क्या है, डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं, और Debt fund में कैसे निवेश करते हैं?
Debt फंड क्या है? What is Debt fund?
दोस्तो आपको जैसा की बता दे Debt का साधारण सा मतलब है Loan, जिस तरह से किसी को एक कार खरीदने के लिए बैंक से कर्ज लेने पर उसका ब्याज देना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार से निवेशक Debt fund ke माध्यम से पैसा निवेश करके उस पर ब्याज डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? प्राप्त करता है।
आपको बता दे Debt fund को ऋण फंड या कर्ज फंड भी कहा जाता है। Debt fund सरकारी उपक्रमों और कंपनियों की फिक्स इनकम सिक्यूरिटी में निवेश करते हैं। इसके अंतर्गत सरकारी सिक्यूरिटी, ट्रेजरी बिल, मनी मार्केट इंस्टुमेट और अन्य कई प्रकार की Debt सिक्यूरिटी सामिल है।
इसी प्रकार से कंपनी अपने बिज़नेस का विस्तार करने के लिए दीर्घ अवधि के कॉर्पोरेटिंग ब्रांड और डिपोजिट तथा कम अवधि के कॉमरिशियल पेपर जारी करके लोगों से निवेश आमंत्रित करती है।
सरकारी ट्रेजरी बिल और ब्रांड जारी करके लोगो से पैसे इकट्ठा करती है, जिसमे ट्रेजरी बिल्स , एक वर्ष तक कम अवधि के लिए और ब्रांड लंबे समय के निवेश के लिए जारी किए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त वित्तीय संस्थान, सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपॉजिट और परपेचुअल ब्रांड इशू करके लोगों से पैसे जुटाती है।
Debt fund के प्रकार : Types of Debt fund
जब हम Debt fund में निवेश की करते हैं, तो हमारे सामने दो बात सामने आती है, एक तो यह की हम कितने समय तक निवेश कर सकते हैं, और दूसरा यह की हम कितना जोखिम रखने की छमता रखते हैं।
निवेश की रिस्क और अवधि के आधार पर Debt fund के प्रकार :
1. यदि आपको 1 से 90 दिन तक का निवेश करना है तो आपको लिक्विड या मनी मार्केट फंड में निवेश करना चाहिए। इसमें वार्षिक आधार पर 5% से 7% रिटर्न मिलने की संभावना रहती है इनमे ट्रेजरी बिल्स आदि आते हैं, और इसमें सबसे कम रिस्क भी रहता है।
2. और अगर आप 3 से 6 महीने तक का निवेश लक्ष्य रखते हैं तो इसके लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड सही रहे गा। इनमे ट्रैजरी बिल्स और कमर्शियल पेपर आते हैं, जिनकी मैच्योरिटी 6 महीने की होती है। इसमें वार्षिक तौर पर 6.5 से 7.5 percent रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
3. छह महीने से बारह महीने तक निवेश करने के लक्ष्य में लिए शॉर्ट टर्म फंड होते हैं, जिनके लगभग 7 से 8 percent तक वार्षिक लाभ मिल जाता है। यह फंड कमर्शियल पेपर, कमर्शियल डिपोजिट और कॉर्पोरेट ब्रांड्स में निवेश करते हैं।
4. अगर आप अपने पैसे को 3 वर्ष या उससे अधिक समय तक के लिए निवेश करते हैं, तो आपको लॉग टर्म फंड में निवेश करना चाहिए , क्योंकि लॉन्ग टर्म फंड अपना निवेश कॉर्पोरेट ब्रांड्स, गवर्नमेंट सिक्यूरिटी और डीबेंचर में करती हैं। इसमें वार्षिक तौर पे 7.5 से 8.5% तक रिटर्न मिल जाता है, और जोखिम भी कम रहता है।
5. अगर आप वार्षिक तौर पे 7.5 से 8.6 प्रतिशत तक रिटर्न पाना चाहते है तो आपको 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की अवधि वाले मीडियम टर्म फंड्स में निवेश करना चाहिए।
नाम और उनके काम के आधार पर Debt फंड के प्रकार :
यह फंड जिनकी परिपक्ता अवधि अधिक समय तक होती है, Income Fund कहे जाते हैं। मैच्युरिटी अवधि लंबे समय की होने के कारण ये डायनामिक फंड्स की तुलना में ज्यादा स्थिर होते हैं। इनकम फंड भी ब्याज दर के अनुसार अलग अलग Debt सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।
जैसा की इसके नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि डायनामिक फंड वो होते हैं , जो बदलती हुई ब्याज दरों फंड्स का मेच्योरिटी समय ब्याज दर के अनुसार बदलता रहता है।
इस फंड को मुख्य रूप से मनी मार्केट फंड भी कहा जाता है। लिक्विड फंड का बड़ा हिस्सा शॉर्ट टर्म में निवेश किया जाता है। इन फंड में लिक्विडिटी ज्यादा मिलती है। बैंक के सेविंग अकाउंट की अपेक्षा लिक्विड फंड में निवेश करके आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
क्योंकि फिक्स्ड मेच्योरिटी फंड्स में समय निर्धारित होता है। और इसमें आपकी पूजी एक निश्चित समय के लिए लॉक कर दिया जाता है। यह समय कुछ महीनो या वर्षो का हो सकता है। यह फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह होता है,जो टैक्स में छूट तो प्रदान करते हैं किंतु इसमें अच्छे रिटर्न की गारंटी नहीं होती है।
इस तरह के फंड्स अपना अधिकांस हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, चूंकि सरकारें अधिकांस मामलों में डिफाल्टर नहीं होती है, इसलिए इसमें जोखिम माना जाता है।
गिल्ट फंड ऐसे निवेशकों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प होता है, जो अपनी पूंजी की सुरक्षा को लेकर चिन्तित रहते हो, और सुरक्षित विल्कप चाहते हैं।
सही Debt fund कैसे चुनें?
कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने लिए सही डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? Debt Fund का चुनाव कर सकत हैं जो कि इस प्रकार निम्लिखित हैं --
Debt Fund में ऑनलाइन निवेश कैसे करें?
3. अकाउंट से संबंधित दस्तावेज़ जैसे PAN aur Aadhar आदि अपलोड करें, और इस तरह से आप निवेश के लिए तयार हो जातें हैं।
डेट फंड किसे कहते हैं? फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले क्या लिक्विड फंड बेहतर?
अगर आप अधिकतम तीन साल तक के लिए निवेश करना चाहते हैं, और रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं तो फिर आपके सामने पहला विकल्प 'फिक्स्ड डिपॉजिट' का है. लेकिन अगर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से थोड़ा ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो फिर डेट फंड (Debt Funds) में निवेश कर सकते हैं.
दरअसल, डेट फंड कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करता है. क्योंकि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश सबसे ज्यादा फायदे का सौदा माना जाता है. अक्सर देखा गया है कि Fixed Deposit के मुकाबले डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में ज्यादा रिटर्न मिल जाता है.
वैसे अगर निवेश का लंबे समय तक का प्लान है तो फिर निवेशक को इक्विटी फंड में निवेश डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? की सलाह दी जाती है, क्योंकि वो बाजार में अस्थिरता से हुए नुकसान को पूरा कर सकते हैं. लेकिन छोटी अवधि के लिए डेट फंड्स बेहतर विकल्प हैं. निवेशक को डेट फंड में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
इसके अलावा जिन निवेशकों की आय स्थिर नहीं है, उन्हें एक बड़ा हिस्सा डेट फंड्स में निवेश करना चाहिए. ताकि उनका निवेश अधिक सुरक्षित रहे और जरूरत पड़ने पर तुरंत अपना पैसा निकाल सकें. डेट फंड्स (Debt Funds) का पैसा फिक्स्ड रिटर्न (Fixed Return) देने वाले बॉन्ड में लगाया जाता है.
डेट फंड क्या है?
डेट फंड म्यूचुअल फंड में निवेश का एक कैटेगरी है. डेट म्यूचुअल फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी में पैसा लगाते हैं. इनमें बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर वगैरह शामिल हैं. यानी सुरक्षित जगह पर निवेश किया जाता है. आमतौर पर डेट फंड की तय मैच्योरिटी डेट होती है. यहां पैसा इक्विटी फंड के मुकाबले सुरक्षित होता है.
डेट म्यूचुअल फंड की विभिन्न कैटेगरी हैं. कुछ स्कीम्स शॉर्ट-टर्म सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. वहीं, दूसरी लंबी अवधि के बॉन्ड में पैसा लगाती हैं. इन सभी कैटेगरी में जोखिम भी अलग-अलग तरह का होता है. इसलिए निवेश से पहले सही कैटेगरी का चयन जरूरी है.
डेट फंड के फायदे
डेट फंड का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को सुरक्षित निवेश के जरिए अच्छा रिटर्न देना होता है. डेट फंड को ही लिक्विड (Liquid Fund) भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें लिक्विडिटी की भी कोई समस्या नहीं होती है. यानी जब चाहें आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. इन फंडों से पैसे निकालने के आवेदन करने के एक दिन के भीतर आपके खाते में पैसा आ जाता है. वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट में समय से पहले पैसे निकालने पर भारी नुकसान होता है. (Photo: Getty Images)
Debt funds से मुनाफे पर टैक्स का प्रावधान है. डेट फंड को 3 साल के बाद भुनाने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगता है. 3 साल के पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने से हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ता है. इस शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना की जाएगी. (Photo: Getty Images)
Benefits of Debt Funds in Hindi: डेट फंड में निवेश क्यों करना चाहिए? जानिए 8 बड़े कारण
Benefits of Debt Funds in English: Debt funds give lower returns than equity funds but there are many reasons why you should include debt funds in your portfolio. Let's know Debt Fund Benefits in Hindi
Benefits of Debt Funds in Hindi: डेट फंड को अक्सर बॉन्ड फंड (Bond Fund) कहा जाता है। Debt Fund ऐसे म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) होते हैं जो बड़े पैमाने पर फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज जैसे बॉन्ड, डेट, टी-बिल और ऐसे अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। वे स्टेबल रिटर्न डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? उत्पन्न करते हैं और इक्विटी फंड (Equity Fund) की तुलना में कम अनस्टेबल होते हैं। हालांकि डेट फंड इक्विटी फंड्स की तुलना में कम रिटर्न देते हैं लेकिन ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आपको अपने पोर्टफोलियो में Debt Fund को शामिल करना चाहिए। यहां हम आपको बताने वाले है कि डेट फंड में निवेश क्यों करना चाहिए और इसके लाभ (Benefits of Debt Fund in Hindi) क्या है।
डेट फंड में निवेश करने का कारण | Reasons to Invest in Debt Funds
निवेशकों को अकसर यह सलाह दी जाती है कि वे अपने लक्ष्य और जोखिम के सहनशीलता के अनुसार इक्विटी, डेट, सोना और अन्य उपकरणों के मिश्रण में निवेश करें। डेट फंड को दूसरों के साथ जोड़ने से इन्वेस्ट पोर्टफोलियो विविध और संतुलित हो जाता डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं? है। Debt Funds के कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं जो निवेशकों को उनमें निवेश करने के लिए मजबूत कारण देते हैं।
Benefits of Debt Fund in Hindi
1. मिलता है स्थिर रिटर्न
Debt Fund स्थिर रिटर्न (Stable Return) देने के लिए जाने जाते हैं क्योंकि वे बाजार की भावनाओं पर कम निर्भर होते हैं। डेट फंड कॉर्पस का 65% डेट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे डिपॉजिट सर्टिफिकेट, डिबेंचर, बॉन्ड पेपर आदि में निवेश करते हैं, जो शेयरों की तरह आसानी से उतार-चढ़ाव नहीं करते हैं। बाजार की गतिविधियों के प्रति कम संवेदनशील होने के कारण, वे Equity Fund के रूप में हाई रिटर्न उत्पन्न नहीं कर सकते हैं, लेकिन तेजी से गिरते भी नहीं हैं।
2. होता है कम जोखिम
रूढ़िवादी निवेशक जो कम जोखिम के साथ अपनी पूंजी में वृद्धि चाहते हैं, उन्हें Debt Funds में इन्वेस्ट करना चाहिए। इन फंडों को कुछ इक्विटी फंडों के साथ पोर्टफोलियो में जोड़ने से जोखिम-प्रतिफल प्रोफ़ाइल संतुलित हो जाती है। जब इक्विटी फंड अंडरपरफॉर्म कर रहे होते हैं तो वे बाजार की अस्थिरता के खिलाफ बचाव का काम करते हैं।
3. कैश आउट करना होता है आसान
Debt Funds को लिक्विडेट करना आसान होता है क्योंकि आप उन्हें कभी भी रिडीम कर सकते हैं और फंड से जल्दी से कैश आउट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, FD जो अक्सर लॉक-इन अवधियों और समय से पहले निकासी पर दंड के साथ आती हैं। डेट फंड ऐसे लॉक-इन के साथ नहीं आते हैं और इसलिए उच्च तरलता प्रदान करते हैं।
4. इमरजेंसी फंड के लिए बढ़िया
Debt Funds आपके धन को निवेश करने और उस पर कुछ ब्याज अर्जित करने के लिए उपयुक्त हैं। डेट फंड आमतौर पर बैंक डिपाजिट की तुलना में अधिक ब्याज दरों की पेशकश करते हैं और इसलिए आप डेट फंड से अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते है। साथ ही आप वित्तीय संकट से निपटने के लिए एक मर्जेंसीग फंड बनाने के लिए डेट फंड में पैसे का एक स्टाक रख सकते हैं।
5. डेब्ट फंड होता है ज्यादा फ्लेक्सिबल
जब भी आपके पास अतिरिक्त राशि हो तो आपके पास डेट फंड में एकमुश्त निवेश करने की सुविधा होती है। आप SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से छोटी मात्रा में निवेश कर सकते हैं, या STP (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान) के माध्यम से एक फंड से दूसरे फंड में यूनिट ट्रांसफर कर सकते हैं।
6. नियमित आय का विकल्प
Debt Funds का एक फायदा है जो निवेशकों को नियमित आय निकालने की अनुमति देता है। आप अपनी लाभ के कुछ आय का भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं और साथ ही आप अपनी ज़रूरतों के अनुसार फंड से अपनी इकाइयों को बेचकर पैसे निकालने के लिए SWPs (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) चुन सकते हैं।
7. मिलता है टैक्स बेनिफिट
Debt Funds निश्चित रूप से बैंक डिपाजिट की तुलना में अधिक टैक्स बेनिफिट देते हैं। जब आप अपना पैसा फिक्स्ड डिपाजिट में लगाते हैं तो आप न केवल उस पर कम ब्याज अर्जित करते हैं, बल्कि आप हर साल कर का भुगतान भी करते हैं। जबकि Debt Funds ज्यादा रिटर्न देते हैं और उन पर तभी टैक्स लगता है जब आप यूनिट्स को रिडीम करते हैं।
8. नए निवेशकों के लिए अच्छा
चूंकि Debt Funds कम जोखिम वाले निवेश होते हैं, इसलिए नए निवेशक बाजार से जुड़े इक्विटी फंड में जाने से पहले डेट फंड से शुरुआत कर सकते हैं। वे मार्केट क्रैश के कारण पैसे खोने के डर के बिना अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।