भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

चलती औसत तुलना

चलती औसत तुलना
जिला : बांका 56.43 60.56, जमुई 54.11 60.00, गया 57.07 57.05, कैमूर(भभुआ) 59.65 56.20, शेखपुरा 55.10 55.96, भागलपुर 53.77 55.70, लखीसराय 53.18 55.09, बक्सर 57.48 54.07, जहानाबाद 57.चलती औसत तुलना 08 53.93, अरवल 51.39 53.85, औरंगाबाद 53.04 52.85, पटना 56.98 52.51, नवादा 52.08 52.34, मुंगेर 52.24 51.06, रोहतास 54.37 49.59, भोजपुर 52.03 48.29

विकास नाले में चलती औसत तुलना वोट खटिया पर…ऐसे बिहारी कंधों से लोकतंत्र ने जीती सबसे कठिन लड़ाई

खटिया पर हैं मोकामा विधानसभा के सरमेरा मुख्य मार्ग से थोड़ी दूर पर ही स्थित पैजना पंचायत के अलीनगर गांव चलती औसत तुलना के चानो राय (80) हैं। वह बीमार हैं पर सुबह से ही जिद पकड़ी कि वोट तो करना है। परिजनों ने समझाया कि गली में सालभर कीचड़ रहता है। जाएंगे कैसे? वोट से फायदा भी क्या? लेकिन उनका जवाब था वोट नहीं करेंगे तो बची उम्मीद भी खत्म हो जाएगी। बच्चों के भविष्य के लिए वोट करेंगे। फिर दिनेश, राजू, राजेश्वर व पड़ोसियों की मदद से बाबा को खटिया पर मतदान केंद्र तक पहुंचाया गया।

29 सीटों पर बीते चुनाव से अधिक मतदान : अंग, मगध व शाहाबाद की जिन 71 सीटों पर बुधवार को वोट पड़े उसका ट्रेंड कमोबेश 2015 जैसा ही रहा। जिन सीटों पर पहले ज्यादा वोटिंग होती थी, वहां इस बार भी अधिक वोट पड़े।

Weather Update: तमिलनाडु समेत देश के इन हिस्सों में बारिश का अलर्ट, पहाड़ों में बर्फबारी का दौर शुरू

दक्षिण भारत के मौसम की चलती औसत तुलना बात करें तो तमिलनाडु समेत कई राज्यों में बारिश का अलर्ट है। कुछ दिनों के ब्रेक के बाद चेन्नई और इसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। रविवार से फिर से शुरू होने वाली हल्की बारिश के तेज होने की संभावना है।

तमिलनाडु समेत देश के इन हिस्सों में बारिश का अलर्ट, पहाड़ों में बर्फबारी का दौर शुरू

नई दिल्ली। चलती औसत तुलना राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में मौसम एक बार फिर साफ हो गया है। कुछ दिन पहले दिल्ली-एनसीआर के आसमान में बादल छा गए थे। वहीं, अब दिन में धूप निकलने से मौसम साफ बना हुआ है। दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, हिमाचल और उत्तराखंड समेत ऊंचे पहाड़ी वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है।

कार्बन एमिशन : इन देशों की चलती औसत तुलना अगर बड़ी भागीदारी, तो ये दिखा भी रहे उतनी ही जिम्मेदारी

इस बात में दो राय नहीं कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस एमिशन में वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले दशक के औसत के मुक़ाबले यह बहुत कम मात्रा में हुआ है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का तो मानना है कि रिन्यूबल बिजली उत्पादन और इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ते चलन ने एमिशन की इस वृद्धि के पैमाने को संभवत दो-तिहाई तक कम कर दिया है।

इतना ही नहीं, कई अन्य विश्लेषण बताते हैं कि :

• इस वर्ष की पहली छमाही में देखी गई बिजली की मांग में वृद्धि को अकेले रिन्यूबल एनर्जी की मदद से पूरा कर लिया गया
• विंड टर्बाइन और सौर पैनल अब दुनिया की बिजली का 10% उत्पन्न करते हैं, और वर्तमान विकास दर से 2030 तक यह आंकड़ा 40% तक पहुँच जाएगा।

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