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विदेशी मुद्रा विकल्प

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विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर आई अच्छी खबर, सात दिन में इतना बढ़ गया खजाना

Foreign exchange Reserves 18 December 2020: पिछले साल के आखिरी सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (27 दिसंबर 2019 को समाप्त सप्ताह) में दो अरब 52 करोड़ डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 457 अरब 46 करोड़ 80 लाख डॉलर दर्ज किया गया था.

आरबीआई हर सप्ताह यह आंकड़े पेश करता है. (रॉयटर्स)

Foreign exchange Reserves 18 December 2020: कोरोनाकाल में भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange Reserves) को लेकर अच्छी खबर है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 18 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में 2.563 अरब डॉलर बढ़कर 581.131 अरब डालर की नयी रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 77.8 करोड़ डॉलर घटकर 578.568 अरब डॉलर पर था.

भारतीय रिजर्व बैंक ने जारी किए आंकड़े Reserve Bank of India released data
खबर में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) में बढ़ोतरी होने के चलते मुद्रा भंडार में तेजी रिकॉर्ड की गई है. विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (Foreign currency assets), कुल विदेशी मुद्रा भंडार का बेहद अहम हिस्सा होती है.

सोने का भंडार Gold reserves
रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षावधि में एफसीए 1.382 अरब डॉलर बढ़कर 537.727 अरब डॉलर हो गयीं. एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती है. आंकड़ों के मुताबिक, 18 दिसंबर को विदेशी मुद्रा विकल्प खत्म हुए सप्ताह के समीक्षाधीन अवधि में देश का स्वर्ण भंडार (Gold Reserves in India) का मूल्य 1.008 अरब डॉलर बढ़कर 37.020 अरब डॉलर हो गया.

GOLD

अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष से मिला एसडीआर SDR received from international fund
देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (IMF) में मिला विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Right) 1.2 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 1.515 अरब डॉलर और आईएमएफ के पास जमा मुद्रा भंडार भी 16 करोड़ डॉलर बढ़कर विदेशी मुद्रा विकल्प 4.870 अरब डॉलर हो गया.

पिछले साल के आखिरी सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (27 दिसंबर 2019 को समाप्त सप्ताह) में दो अरब 52 करोड़ डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 457 अरब 46 करोड़ 80 लाख डॉलर दर्ज किया गया था. बता दें कि आरबीआई हर सप्ताह यह आंकड़े पेश करता है. विदेशी मुद्रा भंडार एक या एक से ज्यादा मुद्रा में रखे जाते हैं. आमतौर पर भंडार डॉलर (Dollar) या यूरो में रखा जाता है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार फिर से 600 अरब डॉलर के पार, पिछले हफ्ते 3.8 अरब डॉलर की हुई बढ़ोतरी

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) पिछले हफ्ते 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर पर पहुंच गया

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) एक बार फिर 600 अरब डॉलर के पार चला गया है, जो देश की मजबूत वित्तीय स्थिति को दिखाता है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 27 मई को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.854 अरब डॉलर बढ़कर 601.363 अरब डॉलर पर पहुंच गया। बता दें कि इससे पिछले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 अरब डॉलर बढ़कर 597.509 अरब डॉलर रहा था।

भारतीर रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने के पीछे मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में हुई बढ़ोतरी रही। इसके साथ 27 मई को खत्म हुए हफ्ते में देश का फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 3.61 अरब डॉलर बढ़कर 536.988 अरब डॉलर हो गया।

फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) के तौर पर यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं को रखा जाता है और इनकी वैल्यू डॉलर में नोट की जाती है। इन विदेशी मुद्राओं की डॉलर के मुकाबले वैल्यू घटने और बढ़ने से फॉरेन करेंसी एसेट्स की वैल्यू में भी अतंर आता है।

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RBI ने बताया कि 27 मई को समाप्त हुए हफ्ते में RBI का गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा है और विदेशी मुद्रा विकल्प यह 9.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.917 अरब डॉलर हो गया। 27 मई को समाप्त हुए हफ्ते में, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के पास जमा स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR) 13.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.438 अरब डॉलर हो गया। साथ ही IMF में रखे देश का मुद्रा भंडार 1.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.019 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

RBI ने पिछले हफ्ते जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया था कि वित्त वर्ष 2022 के दौरान सोने की अतिरिक्त खरीदारी, गोल्ड कीमतों में बढ़ोतरी और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी के चलते उसके गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में 30 फीसदी की विदेशी मुद्रा विकल्प बढ़ोतरी दर्ज की गई है। RBI ने रिपोर्ट में यह भी कहा सोना ने एक बार फिर से ग्लोबल अस्थिरता के समय साबित किया है वह निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प है।

Sri Lanka Crisis: अब लोगों के लिए विदेशी मुद्रा रखने की लिमिट घटाई गई, फॉरन रिजर्व बढ़ाने पर जोर

श्रीलंका की विदेशी मुद्रा विकल्प विदेशी मुद्रा विकल्प आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. विदेशी मुद्रा भंडार की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि सरकार ने एक व्यक्ति के लिए विदेशी मुद्रा रखने की लिमिट 15 हजार डॉलर से घटाकर 10 हजार डॉलर कर दी है.

Sri Lanka Crisis: अब लोगों के लिए विदेशी मुद्रा रखने की लिमिट घटाई गई, फॉरन रिजर्व बढ़ाने पर जोर

TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Jun 25, 2022 | 4:31 PM

विदेशी मुद्रा के गहरे संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) में एक व्यक्ति के पास रखी जाने वाली विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) की सीमा घटा दी गई है. अब एक व्यक्ति के पास अधिकतम 10,000 डॉलर की विदेशी मुद्रा ही रह सकती है. श्रीलंका सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि श्रीलंका में रहने वाले या वहां के किसी व्यक्ति द्वारा अपने कब्जे में रखी गई विदेशी मुद्रा की मात्रा को 15,000 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 10,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है. श्रीलंका सरकार ने खाद्य और ईंधन सहित जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए जरूरी विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखने के मकसद से यह सीमा लागू की है. गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को अप्रैल में अपने अंतरराष्ट्रीय ऋण की चूक के लिए मजबूर होना पड़ा था.

वित्त मंत्रालय का भी दायित्व संभालने वाले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में विदेशी मुद्रा को आकर्षित करने के इरादे से विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत विदेशी मुद्रा रखने की सीमा घटाई जा रही है. अतिरिक्त विदेशी मुद्रा जमा करने या अधिकृत डीलर को बेचने के लिए 16 जून, 2022 से 14 कार्य दिवसों की मोहलत दी गई है.

विदेशी मदद से चल रहा है काम

पर्याप्त विदेशी मुद्रा नहीं होने से श्रीलंका को ईंधन एवं अन्य जरूरी सामान की विदेशी मुद्रा विकल्प खरीद के लिए विदेशी मदद का इंतजार करना पड़ रहा है. इस दौरान देश भर में हिंसक प्रदर्शन भी हुए. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Sri Lankan PM Wickremesinghe) ने पिछले दिनों कहा कि कर्ज के बोझ से दबी उनकी अर्थव्यवस्था महीनों तक खाद्य पदार्थों, ईंधन और बिजली के अभाव के बाद चरमरा गई है. उन्होंने संसद में कहा, श्रीलंका ईंधन, गैस, बिजली और खाद्य सामग्री के अभाव के अलावा और भी गंभीर हालात का सामना कर रहा है. हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. पीएम विक्रमसिंघे ने कहा, हमारे सामने अब एकमात्र सुरक्षित विकल्प अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ चर्चा करना है. वास्तव में, यह हमारा एकमात्र विकल्प है. हमें यह रास्ता अपनाना चाहिए.

आजादी के बाद आर्थिक स्थिति सबसे खराब

लगभग 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला श्रीलंका 70 से अधिक वर्ष में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अत्यधिक ईंधन की कमी, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और दवाओं की कमी का सामना कर रही है. श्रीलंका के पीएम ने कहा, सेंट्रल बैंक, ट्रेजरी, संबंधित सरकारी अधिकारियों, पेशेवरों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श के बाद यह योजना पहले ही तैयार की जा चुकी है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि यदि उपलब्ध हो तो बेहतर समाधान के बारे में हमें सूचित करें. बता दें कि विक्रमसिंघे देश के वित्त मंत्री भी हैं जिन पर अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका आयातित तेल खरीदने में असमर्थ है क्योंकि उसके पेट्रोलियम निगम पर भारी कर्ज है.

हेजिंग क्या है क्योंकि यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है?

कैसे दोनों दिशाओं में पैसा बनाने के लिए एक विदेशी मुद्रा व्यापार से बचाव के लिए (नवंबर 2022)

हेजिंग क्या है क्योंकि यह विदेशी मुद्रा व्यापार से संबंधित है?

जब कोई मुद्रा व्यापारी विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में एक अवांछित चाल से मौजूदा या अनुमानित स्थिति की सुरक्षा के इरादे से एक व्यापार में प्रवेश करता है, तो ये कहा जा सकता है कि वह विदेशी मुद्रा बचाव। एक विदेशी मुद्रा बचाव का उपयोग करके ठीक से, एक व्यापारी जो लंबे समय से एक विदेशी मुद्रा जोड़ी है, खुद को नकारात्मक जोखिम से बचा सकता है; जबकि एक विदेशी मुद्रा जोड़ी कम है व्यापारी, उल्टा जोखिम के खिलाफ की रक्षा कर सकते हैं

खुदरा विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए हेजिंग मुद्रा व्यापार के प्राथमिक तरीकों के माध्यम से है:

  • स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट्स, और
  • विदेशी मुद्रा विकल्प

स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट अनिवार्य रूप से नियमित प्रकार के व्यापार हैं जो एक खुदरा विदेशी मुद्रा व्यापारी द्वारा किया जाता है। क्योंकि स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट्स की एक छोटी अवधि की डिलीवरी डेट (दो दिन) होती है, वे सबसे प्रभावी मुद्रा हेजिंग वाहन नहीं हैं। नियमित रूप से हाजिर अनुबंध आमतौर पर हेज की आवश्यकता के मुकाबले बचाव की आवश्यकता के मुकाबले एक हेज की आवश्यकता होती है।
विदेशी मुद्रा विकल्प, हालांकि मुद्रा हेजिंग के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक हैं। अन्य प्रकार की प्रतिभूतियों पर विकल्पों के साथ, विदेशी मुद्रा विकल्प खरीददार को सही देता है, लेकिन भविष्य में कुछ समय पर किसी विशेष विनिमय दर पर मुद्रा जोड़ी खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं देता है। किसी भी व्यापार की हानि की क्षमता को सीमित करने के लिए, नियमित विकल्प रणनीतियों को नियोजित किया जा सकता है, जैसे कि लंबे समय तक टकराकर, लंबे समय तक संघर्ष और बैल या भालू फैलता है। (अधिक जानकारी के लिए, हेजिंग के लिए एक शुरुआती गाइड देखें।)
विदेशी मुद्रा हेजिंग रणनीति
विदेशी मुद्रा हेजिंग रणनीति चार भागों में विकसित होती है, जिसमें विदेशी मुद्रा व्यापारी के जोखिम जोखिम, जोखिम सहिष्णुता के विश्लेषण और रणनीति की वरीयता ये घटक विदेशी मुद्रा बचाव बनाते हैं:

  1. जोखिम का विश्लेषण: व्यापारी को यह पता होना चाहिए कि मौजूदा या प्रस्तावित स्थिति में वह किस प्रकार के जोखिम (जोखिम) ले रहा है। वहां से, व्यापारी को यह अवश्य पहचानना चाहिए कि इस खतरे को अनफिट करने पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, और यह निर्धारित करें कि मौजूदा विदेशी मुद्रा मुद्रा बाजार में जोखिम उच्च या निम्न है या नहीं।
  2. जोखिम सहिष्णुता निर्धारित करें: इस कदम में, व्यापारी अपने जोखिम जोखिम स्तर का उपयोग करता है, यह निर्धारित करने के लिए कि स्थिति के जोखिम को कितना ढीला होना चाहिए। कोई भी व्यापार कभी शून्य जोखिम नहीं होगा; यह जोखिम लेने वाले जोखिम के स्तर को निर्धारित करने के लिए व्यापारी पर निर्भर है, और अधिक जोखिम को हटाने के लिए वे कितना भुगतान करने के इच्छुक हैं
  3. विदेशी मुद्रा हेजिंग रणनीति निर्धारित करें: यदि विदेशी मुद्रा विकल्पों का उपयोग मुद्रा व्यापार के जोखिम को सुरक्षित रखने के लिए करता है, तो व्यापारी को यह निर्धारित करना होगा कि कौन सी रणनीति सबसे अधिक लागत प्रभावी है
  4. रणनीति को लागू करें और निगरानी करें: यह सुनिश्चित करके कि रणनीति उस तरह से काम करती है जिस तरह से, जोखिम कम से कम रहेगा

विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार बाजार एक जोखिम भरा है, और हेजिंग केवल एक तरीका है कि एक व्यापारी जोखिम की मात्रा को कम करने में मदद कर सकता है। एक व्यापारी होने का इतना पैसा और जोखिम प्रबंधन है, जो शस्त्रागार में हेजिंग जैसे अन्य टूल को अविश्वसनीय रूप से उपयोगी है
सभी खुदरा विदेशी विदेशी मुद्रा विकल्प मुद्रा दलालों उनके प्लेटफार्मों में हेजिंग की अनुमति नहीं देते हैं। ब्रोकर को पूरी तरह से अनुसंधान करना सुनिश्चित करें जो आप व्यापार से पहले शुरू करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, देखें व्यावहारिक और किफायती हेजिंग रणनीतियां

विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार: जोखिम और पुरस्कार

विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार: जोखिम और पुरस्कार

विदेशी मुद्राएं पीटा पथ से दूर हैं और विदेशी मुद्रा विकल्प नौसिखियों के लिए नहीं हैं, लेकिन अनुभवी विदेशी मुद्रा निवेशकों को उच्च जोखिम-प्रतिफल संभावित रोमांचक मिल सकता है

तुलनात्मक लाभ के निहितार्थ क्या हैं क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित है?

तुलनात्मक लाभ के निहितार्थ क्या हैं क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित है?

व्यापार के लिए तुलनात्मक लाभ के निहितार्थों को पता चलता है: व्यापारिक तालिका में रिटर्न का अधिकतमकरण और प्रत्येक देश के लिए एक स्थान।

विदेशी मुद्रा व्यापार की रणनीति बनाने के लिए मैं डुअल कमोडिटी चैनल इंडेक्स (डीसीसीआई) का उपयोग कैसे करूं? | विदेशी मुद्रा बाजार के व्यापार के लिए एक अनूठी ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति बनाने के लिए इन्व्हेस्टॉपिया

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दोहरी कमोडिटी चैनल इंडेक्स (डीसीआईआईआई) के वैकल्पिक व्याख्या का उपयोग करें।

नए विकल्प: विदेशी मुद्रा रिजर्व से आय बढ़ाने के लिए RBI की नई रणनीति, निवेश के अलग-अलग विकल्पों पर नजर

कोरोना के कारण वैश्विक ब्याज दरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा रिजर्व से आय बढ़ाने के लिए निवेश के अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रही है। रॉयटर्स के मुताबिक वर्तमान में आरबीआई का विदेशी मुद्रा रिजर्व 560.63 अरब डॉलर है।

महामारी का असर

रॉयटर्स के मुताबिक भारतीय सेंट्रल बैंक अब तक गोल्ड, सॉवरेन डेट और अन्य रिस्क फ्री डिपोजिट में निवेश करता रहा है। लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती किए, जिसमें अमेरिकी सेंट्रल बैंक भी शामिल है। इससे आरबीआई को मिलने वाले रिटर्न में कमी आई है। अब आरबीआई ने गोल्ड में निवेश बढ़ाने का फैसला लिया है। रॉयटर्स के मुताबिक आरबीआई गोल्ड के साथ-साथ डॉलर और AAA रेटेड कॉर्पोरेट बांड में पहली बार निवेश बढ़ा रहा है।

नए निवेश से पहले सतर्कता

आधिकारिक बयान के मुताबिक आरबीआई, AAA रेटेड कॉर्पोरेट डॉलर बांड्स में निवेश की संभावनाओं को परख रहा है, जो वर्तमान में सॉवरेन क्रेडिट से बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। इससे पहले आरबीआई ने इस तरह के निवेश नहीं किए हैं, इसलिए आरबीआई निवेश से पहले सतर्कता बरत रही है। बयान में कहा गया कि वर्तमान में रुपए का भाव भी अनुरूप है। दूसरी ओर विदेशी निवेशक लगातार भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं। क्योंकि उनको बेहतर रिटर्न मिल रहा है। 2020 में देश में एफडीआई से भी डॉलर की आमदनी बढ़ी है। क्योंकि आरआईएल जैसी कंपनियों में विदेशी निवेशकों ने हिस्सेदारी खरीदी है।

भारत में विदेशी निवेश

रॉयटर्स के मुताबिक डॉलर की खरीद लगातार बढ़ेगी। क्योंकि सरकार और आरबीआई दोनों के लिए 73-75 रुपए प्रति डॉलर की रेंज ठीक-ठाक है। चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में गिरावट का अनुमान है फिर भी विदेशी निवेश में अच्छी बढ़त देखने को मिली रही। रॉयटर्स के मुताबिक अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने 2.52 बिलियन डॉलर के शेयर खरीदें और 2020 में अब तक कुल 6.47 बिलियन डॉलर का निवेश किया जा चुका है। जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2020 में 13.98 बिलियन डॉलर के बांड बेचे और अक्टूबर में 459.30 मिलियन डॉलर के खरीदें हैं।

रुपए में गिरावट

दूसरी ओर रुपए का भाव अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने नीचे फिसला। एशियाई करेंसी में रुपए में यह गिरावट सबसे बुरी रही। रॉयटर्स के मुताबिक 10 साल का यील्ड वैश्विक विदेशी मुद्रा विकल्प ब्याज दरों की तुलना में लगभग 6% रही, जो जीरो या निगेटिव हैं। इसलिए आने वाले दिनों में निवेश में बढ़त देखी जा सकती है और आरबीआई आगे भी रुपए की मजबूती के लिए डॉलर को खरीदेगा। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक ने गोल्ड में निवेश करना शुरु भी कर दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक भारत का गोल्ड रिजर्व 23 अक्टूबर तक 36.86 बिलियन डॉलर का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 30.89 बिलियन रहा था।

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