भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

कुल लिक्विडिटी

कुल लिक्विडिटी
इसके अलावा विश्लेषण इन परियोजनाओं में देरी के पीछे के विशिष्ट कारण को नहीं दर्शाता है, लेकिन अधिकांश परियोजनाएं लिक्विडिटी की कमी, अप्रूवल में देरी, निर्माण गतिविधियों में समय-समय पर प्रतिबंध के कारण अटक गई हैं।

investment planning for retirement

लिक्विडिटी को संतुलित करने के लिए जी-सेप संचालन बंद करेगा RBI

लिक्विडिटी को संतुलित करने के लिए जी-सेप संचालन बंद करेगा RBI

बिजनेस न्यूज डेस्क . भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने द्वितीयक बाजार जी-सेक एक्विजिशन प्रोग्राम या जी-एसएपी का परिचालन बंद कर देगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जी-एसएपी बाजार की चिंताओं को दूर करने और सरकार के बड़े उधार कार्यक्रम के संदर्भ कुल लिक्विडिटी में उपज की उम्मीदों को पूरा करने में सफल रहे हैं।

उन्होंने कुल लिक्विडिटी कहा, मौजूदा लिक्विडिटी ओवरहैंग को देखते हुए, जीएसटी मुआवजे के लिए अतिरिक्त उधार लेने की आवश्यकता की अनुपस्थिति, और सिस्टम में तरलता के अपेक्षित विस्तार के रूप में बजट अनुमानों के अनुरूप सरकारी खर्च बढ़ता है। इस समय आगे जी-एसएपी संचालन करने की आवश्यकता है।

9 हाउसिंग मार्केट में मौजूद कुल विलंबित परियोजनाओं में से आधे से अधिक एमएमआर में : रिपोर्ट

Real estate Sector

नई दिल्ली. रियल एस्टेट ( real estate ) सर्वे कंपनी प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के मुताबिक कुल लिक्विडिटी मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आधे से अधिक आवास परियोजनाएं जो पांच साल से अधिक की देरी से चल रही हैं, ऐसी प्रोजेक्ट ( Project ) के 2020 के बाद तक पूरा होने की संभावना है।

एक विश्लेषण के अनुसार जिसमें देश के 10 प्रमुख आवासीय मार्केट शामिल हैं, पूरे भारत में रेरा के अंतर्गत पंजीकृत कुल 1,665 प्रोजेक्ट ऐसे है जो लगभग 5 साल की देरी से चल रहे हैं और इनके 2020 के बाद ही पूरा होने की संभावना है। इन प्रोजेक्ट में 880 प्रोजेक्ट में लगभग दो लाख से अधिक यूनिट शामिल हैं और यह एमएमआर मार्केट में मौजूद है, जिन्हें भारत के सबसे महंगे कुल लिक्विडिटी प्रॉपर्टी मार्केटों में गिना जाता है। दूसरी ओर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम के मार्केटों में कुल 125 परियोजनाएँ देरी से चल रही हैं, जिनमें एक लाख से अधिक आवास यूनिट्स शामिल हैं।

20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पूरा हिसाब, जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसको कितनी मदद दी

20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का पूरा हिसाब, जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसको कितनी मदद दी

कोरोना वायरस संकट को अवसर के रूप में बदलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से धोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सामने ब्योरा रखा। रविवार को पैकेज की पांचवी किस्त का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से किस सेक्टर को कितने रुपए की मदद दी गई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम कुल लिक्विडिटी गरीब कल्याण योजना, जिसके तहत गरीबों को मुफ्त राशन और खाते में नकद मदद दी गई, के जरिए 1.92 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई। इसमें टैक्स छूट की वजह से 7,800 रुपए का राजस्व नुकसान और पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए घोषित 15 हजार करोड़ रुपए भी शामिल हैं।

RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - October 10, 2021 / 02:18 PM IST

RBI बना रहा, दिसंबर तक सरप्लस लिक्विडिटी में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा कटौती की योजना

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर 2021 तक सरप्लस लिक्विडिटी (अधिशेष तरलता) को 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक कुल लिक्विडिटी कटौती करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है. हालांकि मॉनिटरी कमेटी ने दरों और ग्रोथ प्रोजेक्शन पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए फैसला लिया है. मॉनिटरी कमेटी का फैसला उधारकर्ताओं के लिए अच्छा है लेकिन लिक्विडिटी के विड्रॉल से बॉन्ड यील्ड पर दबाव पड़ेगा, जो अंततः लोन में भी पास हो सकता है. इसको लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है.

क्या कहा गवर्नर शक्तिकांत दास ने?

लिक्विडिटी नॉर्मलाइजेशन रोडमैप की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में सरप्लस लिक्विडिटी अक्टूबर में अब तक औसतन 9.5 लाख करोड़ रुपये है. RBI की योजना सरप्लस लिक्विडिटी को कम करने की है ताकि रिवर्स रेपो ऑपरेशन के तहत बैंकों से उसकी उधारी दिसंबर 2021 तक घटकर 2-3 लाख करोड़ रुपये हो जाए. यह वर्तमान (current) में लगभग 8.8 लाख करोड़ रुपये है. दास ने अपने संबोधन में लिक्विडिटी को कम नहीं करने के पीछे के तर्क को समझाते हुए कहा, ‘हम जल्दबाजी नहीं चाहते. हम नाव को हिलाना नहीं चाहते हैं क्योंकि हमें किनारे तक पहुंचना है, जो अब दिखाई दे रहा है.

मौद्रिक नीति समिति (monetary policy committee) ने रेपो रेट को 4% पर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में 5:1 रेश्यो में वोट किया. RBI ने रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बनाए रखने का भी फैसला किया. वहीं चालू वित्त वर्ष (current financial कुल लिक्विडिटी year) के लिए, RBI ने रियल GDP ग्रोथ के अपने अनुमान को 9.5% पर बरकरार रखा. RBI ने अपने FY22 के रिटेल इन्फ्लेशन प्रोजेक्शन को 5.3% से घटाकर 5.7% कर दिया. उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन ट्रैजेक्टरी अपेक्षा से अधिक अनुकूल हो गई है. उन्होंने बाजारों को फिर से आश्वासन दिया कि ग्रोथ के लिए लिक्विडिटी उपलब्ध रहेगी और रिवर्स रेपो के माध्यम से अवशोषण होगा जहां भागीदारी स्वैच्छिक है.

वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड

ईपीएफ योजना के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों के लिए अनिवार्य राशि से अधिक और अधिक अंशदान करने के लिए वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) उपलब्ध है। हालाँकि, नियोक्ता के लिए योगदान देने की कोई बाध्यता नहीं है, वीपीएफ योगदान की मात्रा पर कोई कैप नहीं है यानी कर्मचारी के मासिक वेतन का ईपीएफ और वीपीएफ का कुल योगदान कुल 100% भी हो सकता है।

NPS भारत के नागरिकों के लिए 18 से 65 वर्ष के के लिए उपलब्ध है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक एनपीएस महत्वपूर्ण कर लाभ प्रदान करता है। यदि आपकी कंपनी NPS प्रदान करती है, तो अपने कर में कटौती करने का अवसर न चूकें। ये ट्रिपल टैक्स लाभ निवेशकों को उत्पाद के लिए आकर्षित करते हैं। इसके अतिरिक्त, एनपीएस एक अल्ट्रा लो-कॉस्ट इन्वेस्टमेंट विकल्प भी है।

पब्लिक प्रोडिवेंट फंड

पीपीएफ भारत के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है जिसमें सरकार कुल लिक्विडिटी ने तिमाही में ब्याज दरों की घोषणा की है। यह कर-मुक्त होता है। निश्चित आय में, PPF दर में सबसे अधिक ब्याज दर होती है, ये 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी होती हैं। अन्य फायदों के अलावा इसमें किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता है। यह सरकारी संस्था है जिसमें ब्याज पर और ना ही विड्रॉ पर कोई टैक्स लगता है।

Investment tips for women

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

Approval of investment in 3 government general insurance companies OICL, NICL, UIICL, know details

इंश्योरेंस पेंशन प्लान

ये पेंशन प्लान केवल रिटायरमेंट प्लान हैं। बीमा पेंशन योजना आपको लंबी अवधि में अपनी बचत का एक हिस्सा जमा करने में मदद करती है और आपकी सेवानिवृत्ति के बाद आय का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करती है। ये योजनाएं वार्षिकी योजनाओं के रूप में कार्य करती हैं जहां पॉलिसी धारक पॉलिसी अवधि में प्रीमियम का योगदान देता है।

बीमा पेंशन योजनाओं की तरह ही, म्यूचुअल फंड भी नामित पेंशन योजनाएं प्रदान करते हैं। यह आने वाले वर्ष के लिए आपके फायनांशियल सेविंग निर्माण का एक स्मार्ट और व्यवस्थित तरीका है। इसमें आपको ये सुविधा मिलती है कि ये पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप इसमें निवेश करते रहना चाहते हैं और लाभांश का समय-समय पर भुगतान प्राप्त करना चाहते हैं, जबकि शेष धनराशि निवेशित रहती है और आगे बढ़ती रहती है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज कुल लिक्विडिटी कुल लिक्विडिटी कुल लिक्विडिटी और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

रेटिंग: 4.61
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 879
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *