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डीमैट अकाउंट क्या होता है

डीमैट अकाउंट क्या होता है
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में 4 बड़े अंतर

डीमैट और ट्रेडिंग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अन्तर होता है? इस को ठीक से समझने के लिए पहले दोनों डीमैट अकाउंट क्या होता है को समझना होगा की आखिर ये दोनों अकाउंट क्या होते है. दोनों ही अकाउंट या खाते शेयर मार्केट में यूज़ किये जाते है.

अंतर समझने के लिए पहले समझते हैं, की शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बेचाली कैसे होती है?

आजकल के समय, जब भी कोई व्यक्ति शेयर को खरीदना चाहता है, तो पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है. कुछ डीमैट अकाउंट क्या होता है समय पहले ये अलग अलग होते थे. लेकिन अब अधिकतर स्टॉक ब्रोकर इन्हे एक साथ लिंक करके देते हैं.

शेयर मार्केट में जब कोई ट्रांसेक्शन होता है, मतलब यदि आप ने शेयर को डीमैट अकाउंट क्या होता है खरीदने के लिए आर्डर किया है, तो वह शेयर किसी दूसरे निवेशक के डीमैट खाते से निकाल कर आपके डीमैट खाते में डिपाजिट कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया में, स्टॉक आपके डीमैट खाते में आने में T+2 दिन का समय लगेगा। शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में तुरंत क्रेडिट हो जाता है. जबकि डीमैट अकाउंट में आने में दो दिन का समय लगता है।

1.शेयर क्रेडिट होने का समय

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों में शेयर के क्रेडिट होने का समय एक मुख्य अंतर होता है. ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर को आर्डर के तुरंत बाद क्रेडिट कर दिया जाता है, जबकि डीमैट अकाउंट में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। किसी विशेष स्थिति में, डीमैट अकॉउंट में शेयर क्रेडिट होने में अधिक समय भी लग सकता है.

2.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट मैनटैनिंग ऑथोरिटी

स्टॉक मार्केट में, ट्रेडिंग अकाउंट के सारे ट्रांसेक्शन स्टॉक ब्रोकर ( जैसे Zerodha या Upstox) के अधीन होते हैं, जबकि डीमैट अकाउंट के ट्रांसेक्शन डिपॉज़िटरी (NSDL या CDSL) के अधीन होते डीमैट अकाउंट क्या होता है हैं.

3.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के काम

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों के काम अलग अलग होते है. टेक्नोलॉजी की वजह से आज यह संभव है. आपको शेयर खरीदने बेचने के लिए किसी खास जगह जैसे शेयर बाजार में जाने की जरुरत नहीं होती है. यह काम डिजिटल रूप में मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से कर सकते हैं.

जबकि शेयर को रखने के लिए लम्बे चौड़े कागजों की जरुरत नहीं होती है, बल्कि ये डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप में रख सकते है.

डीमैट अकाउंट शेयर को होल्ड करने का स्पेस होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने बेचने का माध्यम होता है.

4.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के चार्ज

डीमैट और रीमैट चार्ज

शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.

इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।

Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.

Q.क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।

प्रमुख डीमैट अकाउंट कंपनियों की सूचि

प्रमुख डीमैट अकाउंट कंपनियों की सूचि

दोस्तों, शेयर बाजार के बारें में आप जरूर सुने होंगे। लेकिन क्या आप जानते है की शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? इसमें ट्रेडिंग के लिए पैसे के अलावा सबसे बुनियादी जरुरत क्या होती है?

डीमैट खाता, जी हां दोस्तों। डीमैट अकाउंट (खाता) शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे बुनियादी जरुरत है। यह आपके बैंक अकाउंट (खाता) की तरह होता है। जैसे आपको पैसे की लेनदेन के लिए बैंक अकाउंट की जरुरत होती है, उसी तरह से शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) की जरुरत होता है।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) अनिवार्य होता है। डीमैट को डीमैटरियलाइज़ेशन कहते है, डीमैट इसका संक्षिप्त रूप है। शेयर बाजार में ट्रेडिंग डिजिटल होता है इसलिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य है।

दोस्तों, अब आप समझ गए है की डीमैट अकाउंट की आवश्यकता शेयर बाजार में क्यूँ होता है। अब हम विस्तार से जानेंगे, भारत में सबसे प्रमुख कम्पनियाँ कंपनियों के बारे में, जो डीमैट अकाउंट (खाता) खोलती है।

सबसे प्रमुख डीमैट अकाउंट कम्पनियाँ

1. ज़ीरोदा (Zerodha)

ज़ीरोदा, बैंगलोर, कर्नाटक में स्थित एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है, जो शेयर बाजार में इक्विटी निवेश की निःशुल्क सुविधा देता है। अन्य ट्रेडिंग जैसे इंट्राडे और फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर एक निश्चित शुल्क 20 या 0.03% रुपये है।

प्रतिदिन ट्रेडो की संख्या के अनुसार, ज़ीरोदा भारत की सबसे बड़ी रिटेल (खुदरा) ब्रोकर है। यह प्रतिदिन 7 मिलियन से अधिक ट्रेड प्रोसेस करता है। ज़ीरोदा के पास 800 करोड़ रुपये से अधिक पूजी है जो किसी भी ब्रोकर कंपनी से ज्यादा है।

ज़ीरोदा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) खोलने की सुविधा देती है, कोई भी निवेशक बहुत आसानी से अपना डीमैट अकाउंट (खाता) खोल सकता है। ज़ीरोदा में डीमैट खाता खोलने का कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन खाता का वार्षिक रखरखाव के लिए एक न्यूनतम शुल्क है, जो दूसरे वर्ष से लिया जाता है।

2. अपस्टॉक्स (Upstox)

अपस्टॉक्स मुंबई, महाराष्ट्र में स्थिति भारत की सबसे प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों में से एक है जो इक्विटी, कमोडिटी और करेंसी बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करती है। उपस्टेक्स के माध्यम से निवेशक स्टॉक्स, म्यूच्यूअल फण्ड, डिजिटल गोल्ड और आईपीओ में आसानी से निवेश या ट्रेड कर सकते है। अपस्टॉक्स में कोई भी निवेशक अपना ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) आसानी से खोल सकता है और डीमैट अकाउंट खोलने का कोई फीस नहीं लगता है । लेकिन आपके खाता के रखरखाव का एक न्यूनतम वार्षिक शुल्क निवेशक को देना होता है।

अपस्टॉक्स, शेयर निवेशोंको को कम सुविधा शुल्क पर पर NSE, BSE और MCX में ट्रेडिंग की सेवा प्रदान करता है। अपस्टॉक्स में निवेश करने वाली कंपनी और उनकी साझेदरी ईएसएस प्रकार है; टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट – 31.1% हिस्सेदारी, कलारी कैपिटल पार्टनर्स – 15.21% हिस्सेदारी, जीवीके डेविक्स टेक्नोलॉजीज – 2.54% हिस्सेदारी और रतन टाटा – 1.33% हिस्सेदारी

3. 5 पैसा

5 पैसा एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है जो सभी डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों से काम शुल्क पर ट्रेडिंग सुविधा देती है। आईआईएफएल (इंडिया इन्फो डीमैट अकाउंट क्या होता है लाइन लिमिटेड) ने साल 2015 में एक 5 पैसा कंपनी स्थापित की थी और आज भारत के प्रमुख डीमैट कंपनियों में से एक है। यह इक्विटी, करेंसी, म्यूचुअल फंड्स, बीमा, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O), आईपीओ (IPO) आदि प्रतिभूति बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा देता है। 5 पैसा कमोडिटी में ट्रेडिंग की अनुमति नहीं देता है।

4. शेयरखान

शेयरखान एक फुल-सर्विस स्टॉकब्रोकर है जो स्टॉक, निवेश, म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज, रिसर्च, निवेशक शिक्षा आदि सहित अन्य शेयर बाजार से जुड़े सेवाएं प्रदान करता है। श्री श्रीपाल मोरखिअ द्वारा शेयरखान की स्थापना मुंबई, महाराष्ट्र में सन 2000 में हुआ था। शेयरखान बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स, सीडीएसएल और एनएसडीएल का एक सदस्य है। शेयरखान अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट शेयरखान के माध्यम से ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करता है।

शेयरखान द्वारा कोई डीमैट खोलने का शुल्क नहीं लिया जाता है जबकि दूसरे वर्ष से 400 रुपये का एक निश्चित डीमैट रखरखाव शुल्क लिया जाता है।

5. आईसीआईसीआई डायरेक्ट

आईसीआईसीआईडायरेक्ट, भारत की सबसे बड़ा खुदरा ब्रोकर है। यह निवेशकों को ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) की सुविधा देता है, जिससे निवेशक निःशुल्क ट्रेडिंग कर सकते है। यह पिछले 2 दशकों में 50+ लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रहा है। इसका 170+ शाखाएं पुरे भारत में फैला हुआ है। आईसीआईसीआईडायरेक्ट इक्विटी, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O), करेंसी, कमोडिटी, ईटीएफ, इंश्योरेंस, आईपीओ, कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट, लोन, एनपीएस, वेल्थ मैनेजमेंट, कॉरपोरेट सर्विसेज, एनआरआई सर्विसेज, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज आदि जैसे 50 से अधिक वित्तीय उत्पादों (Financial Products) और सेवाएं देती है।

6. एचडीएफसी सिक्योरिटीज

एचडीएफसी सिक्योरिटीज एक फुल टाइम सर्विस ब्रोकर है जिसकी शुरुवात सन 2000 में हुआ था। यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है जो शेयर मार्किट ब्रोकिंग और डीमैट सेवा प्रदान करती है | डिजिटल गोल्ड, इक्विटी, स्टॉक एसआईपी, ईटीएफ, आईपीओ,, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit ), एनपीएस (NPS), ऋण, बीमा तथा अन्य सेवाएं देती है।

वे पहले वर्ष से INR 999 का ट्रेडिंग खाता खोलने का शुल्क और INR 750 का डीमैट खाता रखरखाव शुल्क लेते हैं।

7. मोतीलाल ओसवाल

मोतीलाल ओसवाल एक फुल टाइम ब्रोकर है, इसकी शुरुवात सन 1987 में वित्तीय सेवा (Financial Service) के रूप में हुआ था जो आज वित्तीय बाजार में जाना माना नाम हो गया है। शायद ही कोई निवेशक मोतीलाल ओसवाल से परिचित नहीं हो। आज यह इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटीज, करेंसी, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, बॉन्ड और कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट आदि में सेवा देता है। मोतीलाgraल ओसवाल के पास 9 लाख से अधिक ग्राहक है और इसके 2200 से ज्यादा शाखा है।

खाता खोलने के लिए उनके पास कोई शुल्क नहीं है, लेकिन दूसरे वर्ष से सभी डीमैट खाताधारकों से 441 का वार्षिक रखरखाव शुल्क लिया जाता है।

दोस्तों, आप यहाँ शेयर बाजार में डीमैट खाता के जरुरत को समझा। डीमैट अकाउंट निवेशक के प्रतिभूति (Security) को जमा रखता है और अगर कोई निवेशक शेयर बाजार में अपने प्रतिभूति (Security) को खरीदना या बेचना चाहता है तो डीमैट खाता दे द्वारा खरीद या बेच सकता है। साथ ही भारत की प्रमुख डीमैट खाता खोलने वाली कंपनी के बारे और उनके विशेषतावों को विस्तार जानकारी प्राप्त किये है।

दोस्तों, अगर आपके पास डीमैट खाता है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश के लिए रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर चाहते है तो आप कॅपिटलविआ (CapitalVia) ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड कमपनी को संपर्क कर सकते है।

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डीमैट अकाउंट क्या है? और Demat Account कैसे खोला जाता है

0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

यदि आप जानना चाहते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? और डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है। इसमें कौन कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। और डीमैट खाता खोलने के लिए आपको कितने पैसे लगते हैं, और समय लगता है। डिमैट अकाउंट से जुड़ी सारी जानकारियां आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं। वह भी आसान भाषा में तो चलिए जानते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट क्या है?

जिस प्रकार से आपका बैंक अकाउंट होता है। उसी प्रकार डीमेट अकाउंट होता है। जैसे हम अपने बैंक खाते में पैसे रखते हैं। उसी प्रकार डिमैट खाते में किसी कंपनी के शेयर रखे जाते हैं। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिस प्रकार आपका कोई बैंक वॉलेट होता है। जैसे; गूगल पे, फोन पे इत्यादि। जिसमें पैसा तो होता है, लेकिन डिजिटल पैसा होता है। इसी प्रकार डीमेट अकाउंट में आपके डिजिटल शेयर जमा होते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। भारत में एंजल ब्रोकिंग, जिरोधा, 5paisa अपस्टॉक्स (Upstox) जैसे कई स्टॉक ब्रोकर है। जिनके जरिए आप घर बैठे कुछ ही समय मे अपना डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

कितने पैसे लगते हैं डीमैट अकाउंट खोलने में?

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि डीमेट अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के जरिए खोला जाता है। ऐसे में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर होते हैं, और उनके डिमैट अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी अलग-अलग होते हैं। हालांकि आपका डीमेट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के जरिए 300 से ₹700 में आसानी से बनाया जाता है। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है। कि स्टॉक ब्रोकर चुनते समय आपको डीमेट अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा अन्य चार्ज भी देखने होते हैं।

क्योंकि शेयर की खरीदारी और बिक्री के दौरान भी आपसे यह स्टॉक ब्रोकर कई प्रकार के चार्ज लेते हैं। ऐसे में आप यह जरूर देख ले कि अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा, अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज, इक्विटी डिलीवरी ब्रोकरेज चार्ज, इक्विटी इंट्राडे ब्रोकरेज चार्ज आदि कितने लिए जाएंगे?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लगते हैं?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए मुख्यतः तीन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। जिनमें से एक है आधार कार्ड, जो कि आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है। दूसरा आपका पैन कार्ड, और तीसरा आपका खुद का बैंक खाता। जोकि इंटरनेट बैंकिंग या किसी वॉलेट से जुड़ा हो। ताकि ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरिए पैसे डाले जा सके।

इन तीन डॉक्यूमेंट के अलावा आपको अपनी फोटो, बैंक का 6 माह का स्टेटमेंट आदि की भी जरूरत पड़ सकती है।

कितना समय लगता है डीमेट खाता खुलने में

आप किसी भी स्टॉक ब्रोकिंग ऐप के जरिए कुछ ही 10 मिनट में इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे आप किसी नोकरी के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद 3 से 4 दिन में आपके द्वारा दी गई डिटेल को वेरीफाई कर के स्टॉक ब्रोकर के जरिए आपको बता दिया जाएगा, कि आपका डीमेट अकाउंट खुल गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तीन से 4 दिन ही लगते हैं। यदि आप सोमवार को अपना डिमैट अकाउंट से संबंधित जानकारी सबमिट करते हैं। तो आपको गुरुवार या शुक्रवार तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की अनुमति मिल सकती है।

क्यों जरूरी है डीमेट एकाउंट

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करना चाहते हैं। तो जाहिर है आप कंपनियों के शेयर खरीदेंगे। ऐसे में जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं। तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में यह शेयर पहुंच जाते हैं, लेकिन जब आप इन शेयर को 1 दिन से ज्यादा के लिए अपने पास रखते हैं। तो स्टॉक एक्सचेंज इन्हें आपके डीमेट अकाउंट में भेजता है। जिसे हम आपके शेयर का लॉकर भी कह सकते हैं। यहां पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। और आप यहाँ इन्हें सालों तक रख सकते हैं। इसीलिए जरूरी है कि जब आप शेयर बाजार में आए तो आपका डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी ही नहीं अनिवार्य होता है। इसके बिना आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको डीमेट एकाउंट से जुड़ी दी गई जानकारी पसंद आई होगी। यदि फिर भी आपके मन में डीमेट एकाउंट से जुड़ा कोई सवाल है। तो आप कमेंट करके जरूर बताएं।

डीमैट अकाउंट demat account का क्या मतलब होता है?

आज हम बात करेंगे डीमेट अकाउंट demat डीमैट अकाउंट क्या होता है account होता क्या है,डिमैट अकाउंट demat account हम कैसे खोल सकते हैं. डिमैट अकाउंट demat account खोलने के क्या फायदे हो सकते हैं इसके बारे में हम विस्तारपूर्वक जानेंगे। आपको बता दें कि आप लोगों ने इसके बारे में एक नेट पर बहुत से पोस्ट पढ़े होंगे। पर कोई भी वेबसाइट आपको हिंदी में जानकारी नहीं बताएगी लेकिन हम आपको इसके बारे में हिंदी में अच्छे से समझाएंगे।

डिमैट अकाउंट demat account के जरिए ही लोग शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेच सकते हैं। इस अकाउंट को खुलवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना जरूरी है बिना पैन कार्ड के आप डीमेट अकाउंट demat account नहीं खोल सकते। कुछ साल पहले जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे थे. तो कंपनी आपको उनसे जुड़े कुछ कागज भेजती थी डीमैट अकाउंट क्या होता है वह कागज इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी में निवेश किया है, और उस कंपनी में शेयर खरीद रखे हैं पर डिमैट अकाउंट के आने के बाद सब बदल गया है ,इसके बारे में चलिए आपको बताते हैं.

डीमैट अकाउंट क्या है

आपको बता दें कि डिमैट अकाउंट Demat account में लोगों द्वारा शेयर खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिस प्रकार हम अपने पैसे बैंक अकाउंट में रखते हैं उसी प्रकार से लोग डिमैट Demat account खाते में अपने शेयर रखते हैं. जब भी हम अपने बैंक खाते से पैसा निकालते हैं, तो वह हमें भौतिक रूप में मिलता है, लेकिन जब तक यह बैंक में है, वह डिजिटल मुद्रा डिजिटल मुद्रा है। जब भी हम डेबिट कार्ड debit card से कहीं पर पेमेंट करते हैं, तो किया भी डिजिटल पेमेंट digital payment यानी कि इलेक्ट्रॉनिक Money Transfer का एक रूप होती है. इसी तरह जब हमारे पास डिमैट अकाउंट Demat account में शेयर होते हैं तो डीमैट अकाउंट क्या होता है हम उनको किसी दूसरे व्यक्ति के लिए Demat account में digitally ट्रान्सफर कर सकते हैं .

आसान शब्दों में बात की जाए तो शेयरों को Digitally यानी कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा को डिमैट कहते हैं. डीमैट का पूरा नाम “डिमैटरियलाइज़” सिक्योरिटी है यानी शेयरों को भौतिक रूप से बदलने की प्रक्रिया को डीमैटरियलाइज़ेशन कहा जाता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पुराने समय में जब भी कोई शेयर खरीदा थे। तो कंपनी आपको उस शेयर से जुड़े सारे दस्तावेज भेज दी थी वह इस बात का सबूत होते कि थे कि आपने शेयर में निवेश किया है, लेकिन जब भी आप उस शेयर को बेचते थे, तो पहले और दस्तावेज कंपनी के कार्यालय में जाते थे, वहां कंपनी देखती थी कि जब आप शेयर बेचते थे तो उसकी कीमत क्या थी, और उसके अनुसार आपको पैसे मिलते थे, इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता था समय। यह जटिल होने के साथ-साथ खराब भी था, इसलिए ज्यादातर लोग शेयरों में निवेश करने डीमैट अकाउंट क्या होता है से बचते रहे।

अपने जैसे ही शेयर खरीदा होगा कुछ ही समय के बाद आपके अकाउंट में आ जाएगा, और आप अगर कोई शेयर बेचते हैं, तो उसका पैसा उसी समय आपके अकाउंट में दे दिया जाएगा। आजकल तो शेयर खरीदने या बेचने के लिए कंप्यूटर की भी आवश्यकता नहीं पड़ती .

डीमैट खातों तक पहुंचने के लिए आपको एक पासवर्ड की आवश्यकता होती है और transaction के लिए आपको transaction password दर्ज करना होता है।

Documents जिनकी जरुरत होती हैं : –

Pan Card / Pan Card

Aadhar Card / Aadhar Card

2 passport size photographs

Canceled Check / Savings Bank Account Passbook

Demat Account खोलने में कितने रुपये लगते है?

अगर आप सोच रहे हैं कि डीमेट अकाउंट demat account को खोलने में आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे तो आप गलत सोच रहे हैं आपको एक डिमैट अकाउंट खोलने में आप300 से 700 ₹ आसानी से demat account खोल सकते हैं, और आप शेयरों में निवेश शुरू कर सकते हैं।demat account अकाउंट को खुलवाने के लिए आपको वैसे तो मात्र ₹300 या उससे कुछ ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ते हैं पर डीमेट अकाउंट को चलाने के लिए डीपी आपसे कई तरह की फीस लेती है, हर चीज के लिए अलग फीस होती है.यह फिर अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग हो सकती है.

आपको बता दें कि इसमें सबसे पहले जो फीस ली जाती है वह होती है अकाउंट ओपनिंग फीस opening fee इसके बाद अकाउंट को डीमैट अकाउंट क्या होता है मैनेज करने के लिए जो फीस ली जाती है वह होती है एनुअल मैनेजमेंट annual management फीस या फिर कंपनी शुरुआत में ही ले लेती है और साल भर खाते को मैनेज करके डीमैट अकाउंट क्या होता है फिर उसे रखा जाता है.

Transaction fees: इसका मतलब है जब भी कोई शेयर कर दो डिमैट अकाउंट में आदान-प्रदान किया जाता है तो उसके लिए कंपनी एक अलग से शुल्क चार्ज करती है वह शुल्क शेयर के नंबर और उनकी कीमत के अनुसार हो सकता है अगर आप बाजार में नए-नए हैं तो आपको यह सलाह दी जाएगी कि आप निवेश करने से पहले किसी ब्रोकर से अवश्य सहायता ले।

डीमैट खाता कौन खोलेगा

आपको बता दें कि यदि आप भारत में डीमेट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो भारत में 2 संस्थाएं कार्य करती हैं पहली NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी CDSL (central securities depository limited). इनके करीबन 500 से अधिक एजेंट है, जिनको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंटdepository participants कहा जाता है. इनका काम खाता खुलवाना होता है और इन्हें आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो और सिर्फ वही डिमांड अकाउंट खोल सकती है इसके अलावा कोई भी कई संस्थाएं हैं जो कि डिमैट अकाउंट खोल सकती है इनमें से कुछ मुख्य संस्थाएं जैसे कि sharekhan,india infoline आदि है.

आप इनके दफ्तर जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं या फिर आप अपने घर बैठे ही डिमैट अकाउंट ऑनलाइन इन ट्रेंड की मदद से खोल सकते हैं यह क्रिया बहुत ही सरल है और इसको खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी है.

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