समर्थन क्या है

ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का एक बार फिर स्वागत है। रबी की फसल खेतों में लहलहा रही है। कुछ जगह बारिश के कारण फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन जब रबी की फसल बिकेगी तो किसानों के घर खुशहाली जरूर आएगी। राजस्थान में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर सरसों व चना की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है?
कई मंत्रालय एवं विभाग मिलकर CACP को MSP निर्धारित करने में मदद करते हैं। खेती एवं उत्पादन का खर्चा MSP के सिफारिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी प्रकार की कई महत्वपूर्ण समर्थन क्या है जानकारियां CASP को प्रदान की जाती हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण निम्नलिखित कारकों पर आधारित रहता है:
- उत्पादन का मुल्य
- आतंरिक मुल्यों में होने वाले बदलाव
- आतंरिक एवं बाहरी मुल्यों के बीच की समानता
- फसलों के बाजारी मुल्यों का अवलोकन
- खपत और आपूर्ति
- कई फसलों के मुल्यों की समानता
- औद्योगिक मुल्य संरचना का प्रभाव
- रहन-सहन के मुल्यों पर होने वाले प्रभाव
- मुल्यों की अंतराष्ट्रीय परिस्थिति
- अदा किये गए मुल्य एवं किसानों द्वारा पाए गए मुल्य के बीच की समानता
- जारी किये गए कीमत एवं सब्सिडी के ऊपर प्रभाव
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है?
- किसी फसल की एमएसपी पूरे देश में एक ही होती है.
- अभी एमएसपी के तहत सरकार 23 फसलों को खरीदती है
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) एमएसपी की सिफारिश करता है.
- सरकार सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर एमएसपी तय करती है.
हर साल सरकार पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर सबसे ज्यादा फसल किसानों से खरीदती है. इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. देश के दूसरे राज्यों में भी सरकार किसानों से फसल खरीदती है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है.
समर्थन मूल्य पर सरसों व चना बेचने के लिए पंजीयन
राजस्थान में सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 18 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू किया जाएगा। कोटा संभाग में 6 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो चुका है। सरकार की ओर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। किसान ई-मित्र केंद्र या खरीद केंद्र पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जो किसानर अपना रजिस्ट्रेशन समर्थन क्या है करवा रहा है उसे स्वयं ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा और अपना बायोमैट्रिक सत्यापन कराना होगा। उसके पश्चात ही किसान का रजिस्ट्रेशन संभव हो सकेगा।
समर्थन मूल्य पर सरसों व चने को बेचने के लिए पंजीकरण कराने पर किसान को नाममात्र का शुल्क भी चुकाना होगा। ई-मित्र से पंजीकरण कराने पर किसान को 21 रुपए तथा क्रय-विक्रय सहकारी समिति के खरीद केंद्र समर्थन क्या है पर पंजीकरण कराने के लिए किसान को 10 रुपए का भुगतान करना होगा।
चना एवं सरसों फसल के पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज
समर्थन मूल्य पर चना व सरसों बेचने के लिए किसान को पंजीयन कराते समय कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। ये दस्तावेज इस प्रकार हैं :-
- आधार कार्ड/जन आधार कार्ड
- भामाशाह कार्ड
- फसल संबंधी दस्तावेज के लिए गिरदावरी
- बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
- गिरदावरी के पी-35 का क्रमांक व दिनांक
समर्थन मूल्य पर खरीद की खास बातें
समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए किसान को अपना मोबाइल नंबर देना होगा। एक मोबाइल नंबर पर एक किसान का पंजीयन किया जाएगा।
- इस बार मोबाइल ओटीपी का विकल्प स्वीकार नहीं है।
- पंजीयन का कार्य सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक होगा।
- किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी, उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केंद्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा।
- किसान को पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई हेतु दिनांक तथा जिंस की मात्रा का आवंटन किया जाएगा। इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जाएगी।
- किसान को भामाशाह कार्ड से संबद्ध बैंक खाते का विवरण जांच लेना चाहिए। यदि कार्ड में बैंक खाते का गलत विवरण दर्ज है तो रजिस्ट्रेशन से पूर्व उसे दुरुस्त करवा लेना चाहिए।
- रजिस्ट्रेशन के समय बैंक खाता संख्या का विवरण सही ढंग से अपलोड करवाए ताकि भुगतान में किसान को परेशानी नहीं हो।
- तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय एफएक्यू मापदंडों से तैयार कराकर बेचने के लिए लानी चाहिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्या है?
- किसी फसल समर्थन क्या है की एमएसपी पूरे देश में एक ही होती है.
- अभी एमएसपी के तहत सरकार 23 फसलों को खरीदती है
- कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) एमएसपी की सिफारिश करता है.
- सरकार सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर एमएसपी तय करती है.
हर साल सरकार पंजाब और हरियाणा में एमएसपी पर सबसे ज्यादा फसल किसानों से खरीदती है. इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. देश के दूसरे राज्यों में भी सरकार किसानों से फसल खरीदती है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है?
कई मंत्रालय एवं विभाग मिलकर CACP को MSP निर्धारित करने में मदद करते हैं। खेती एवं उत्पादन का खर्चा MSP के सिफारिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी प्रकार की कई महत्वपूर्ण जानकारियां CASP को प्रदान की जाती हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण निम्नलिखित कारकों पर आधारित रहता समर्थन क्या है है:
- उत्पादन का मुल्य
- आतंरिक मुल्यों में होने वाले बदलाव
- आतंरिक एवं बाहरी मुल्यों के बीच की समानता
- फसलों के बाजारी मुल्यों का अवलोकन
- खपत और आपूर्ति
- कई फसलों के मुल्यों की समानता
- औद्योगिक मुल्य संरचना का प्रभाव
- रहन-सहन के मुल्यों पर होने वाले प्रभाव
- मुल्यों की अंतराष्ट्रीय परिस्थिति
- अदा किये गए मुल्य एवं किसानों द्वारा पाए गए मुल्य के बीच की समानता
- जारी किये गए कीमत एवं सब्सिडी के ऊपर प्रभाव