भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
बीते साल 2019 में Facebook ने भी Libra Cryptocurrency को Launch करने का ऐलान किया था।

Cryptocurrency क्या है? कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान (Best Cryptocurrencies List)

सभी देशों की अपनी अलग अलग Currency (मुद्रा) होती है जिस तरह भारत में रुपया चलता है उसी तरह अमेरिका में डॉलर और अन्य देशों में अपनी अलग-अलग मुद्राएं चलती है जिन्हें आप जेब, घर अथवा बैंक में रख सकते हैं। परंतु अब बाजार में नई आभासी मुद्रा (Virtual Currency) तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जिसे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है।

यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग द्वारा निर्मित एक डिजिटल डिजिट है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन बाजार में इसकी वैल्यू सभी भौतिक मुद्राओं से काफी अधिक है।

Top 5 Best Cryptocurrencies

बीते सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लोगों में काफी तेजी से बढ़ा है और लोग इस डिजिटल करेंसी की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं तथा की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है ऐसे में लोग इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया जरिया बता रहे हैं।

इस Digital Currency को लेकर कई अवैध गतिविधियों के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पहले प्राइवेट क्रिप्टो-करेंसी को भारत में बैन करने का फैसला लिया तथा और सरकारी क्रिप्टोकरंसी को लॉन्च करने की बात कही थी। अब सरकार इसके इस्तेमाल को लेकर एक बिल ला रही है।

आज के इस लेख में हम आपको क्रिप्टो-करेंसी या आभासी मुद्रा क्या है? (Crypto currency in Hindi) यह कैसे काम करता है? और Best Cryptocurrencies की जानकारी देने जा रहे हैं जहां इसके फायदे (Benifits) और नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (Cryptocurrency in Hindi)

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी एक आभासी मुद्रा है, जो पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम पर काम करती है। इसे कंप्यूटर एल्गोरिथ्म की मदद से बनाया गया है जिसमें क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचैन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है।

यहां होने वाले ट्रांजैक्शन डिजिटल सिगनेचर द्वारा वेरीफाई किये जाते है, और ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से इसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाता जिसे ledger (बही खाता) कहते है। यह विकेंद्रीकृत (Decentrallized) प्रणाली पर काम करती है इसलिए अधिकतर क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र होती है और इसे किसी वित्तीय संस्थान या अथॉरिटी द्वारा काबू नहीं किया जाता।

हालंकि इसका कोई भौतिक आस्तित्व नहीं है इसलिए इसे डिजिटल करंसी (E-currency) के तौर पर जाना जाता है। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल लेन-देन और इन्वेस्टमेंट करने के लिए किया जा सकता है।

दुनिया की पहली Crypto-Currency बिटकॉइन (Bitcoin) थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। इसकी खोज जापान के सतोषी नाकमोतो नामक एक प्रोग्रामर (इंजीनियर) द्वारा की गई। बाद में कई लोगों ने अलग-अलग जगहों से क्रिप्टोकरंसी के संस्थापक (Founder) Satoshi Nakamoto होने का दावा किया।

क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है? (Crypto Mining in Hindi)

क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन में Peer to Peer तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और Crypto currency आम लोगों के बीच बटे Blockchain की मदद से भेजा जाता है, यहाँ सभी लेन-देन का हिसाब इस Blockchain में रखा जाता है।

प्रत्येक लेनदेन पर नजर बनाए रखने और इस ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे वेरीफाई किया जाता है जिसे पावरफुल कंप्यूटर पर बैठे हजारों लोग करते हैं जिन्हें माइनर्स (Crypto Minners) कहा जाता है।

Crypto Mining किसे कहते है: कंप्यूटर की मदद से क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को हल करके ई-करेंसी ट्रांजैक्शन को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने या CryptoCurrency प्राप्त करने क्रिप्टोकरेंसी क्या है? की प्रक्रिया को क्रिप्टो माइनिंग/खनन (Crypto Mining) कहा जाता है।

List Best Cryptocurrencies to Buy in 2021

Bitcoin के अलावा दुनिया भर में 1000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है, जिनमें से कुछ पॉपुलर Cryptocurrencies है: Ethereum, Ripple, Monero, Litecoin, आदि।

Top 5 Best Cryptocurrencies

    Bitcoin (BTC): बिटकॉइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है जिसका आविष्कार ‘सतोषी नाकमोतो‘ नामक एक प्रोग्रामर ने किया था। इसका आदान-प्रदान पियर-टू-पियर तकनीक के जरिए होता है।

बीते साल 2019 में Facebook ने भी Libra Cryptocurrency को Launch करने का ऐलान किया था।

क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल (Use of Crypto Currency)

  • Remitance: बिटकॉइन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रेमिटेंस (विदेश से आने वाले पैसे) के क्षेत्र में होता है क्योंकि यहाँ बैंक के मुकाबले काफी कम चार्ज लिया जाता हैं। जब विदेशी लोग बैंक के जरिए यह पैसा अपने देश भेजते हैं तो इस पर बैंक 5% से 30% तक फीस लेती है। तो वही सामान्य मनी ट्रांसफर की फीस 10% होती है।

CryptoCurrency के फायदे (Benifits)

  • क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में आसानी होती है।

बिटकॉइन के नुकसान (Disadvantages of Crypto)

  • बिटकॉइन का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इसे किसी सरकार या अथॉरिटी द्वारा Manage नहीं किया जाता, इसीलिए इसकी कीमत में अचानक उछाल और गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे में यहां इन्वेस्ट करना जोखिम भरा हो सकता है।

क्या India में Cryptocurrency Legal है?

दुनिया भर के 90 से अधिक देश आज क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं परंतु कुछ देशों में यह कानूनी रूप से सही (Legal) ठहराया गया है तो इसे कुछ देशों में अवैध (Illegal) घोषित किया गया है। क्योंकि वहां अब तक इसे लेकर कोई कानूनी मान्यता या फैसला नहीं हुआ है। हालाँकि India में Cryptocurrency Legal (मान्य) है।

भारत में वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 2019 में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक के ड्राफ्ट में प्रस्ताव पास कर Cryptocurrency की खरीद फरोख करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान लाया गया। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर लगे आरबीआई के बैन को हटाते हुए इससे ट्रेड करने की मंजूरी दे दी गयी।

फरवरी 2021 में सरकार ने प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया है और सरकारी क्रिप्टो करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी में है। यानी अब Bitcoin की तरह ही भारत की अपनी खुद की डिजिटल करेंसी होगी और हो सकता इसके बाद बिटकॉइन को भारत में पूर्ण रूप से बैन कर दिया जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल करेंसी के संबंध में भारत में तेजी से काम चल रहा है।

अंतिम शब्द

आने वाला युग डिजिटल करेंसी का युग होने जा रहा है ऐसे में यदि आप भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करना चाहे तो कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे यह फायदेमंद होने के साथ ही जोखिम भरा भी हो सकता है।

नोट: यदि आपके पास खोने के लिए कुछ पैसे है तो आप उसे यहां इन्वेस्ट कर सकते हैं कभी भी उधार लेकर या लोन पर लिए गए पैसों को इस तरह के इन्वेस्टमेंट में लगाने से बचें। केवल वही राशि निवेश करें जिसका आप वहन कर सकते हैं।

भारत भी अब क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार चुका है ऐसे में आपको क्रिप्टोकरंसी क्या है? यह कैसे काम करती है? और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी के बारे में तथा इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में भी आपको पता होना चाहिए इसलिए यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Digital Currency: आरबीआई रिटेल और होलसेल सेगमेंट में इस्तेमाल के लिए फेजवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करेगा। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के जरिए होगी।

क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत

Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।

देश में डिजिटल करेंसी को लेकर लंबे समय से तैयारी चल रही है। आरबीआई भी काफी समय से डिजिटल करेंसी लाने की बात कर रहा है। इसको लेकर कई बार संकेत दिए जा चुके हैं। दुनिया के कई अन्य देश भी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आज हम आपको डिजिटल करेंसी के बारे वह सबकुछ बताने जा रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं। साथ ही हम आपको डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर भी बताएंगे..

क्या होती है डिजिटल करेंसी?: यह एक प्रकार से प्रचलित करेंसी का वर्चुअल रूप होता है। इसको केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है। डिजिटल करेंसी को केवल केंद्रीय बैंक जारी करता है। इसे सरकार की मान्यता प्राप्त होती है। फिजिकल करेंसी के मुकाबले इसकी वैल्यू में कोई अंतर नहीं होता है। उदाहरण के लिए 10 रुपए के नोट और 10 रुपए की डिजिटल करेंसी की वैल्यू बराबर होगी। डिजिटल करेंसी में बिना किसी रुकावट लेन-देन भी किया जा सकता है।

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक अलग प्रकार की करेंसी होती है। यह अलग-अलग प्रकार की होती है। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है। सभी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू अलग-अलग होती है और इसकी कीमतों में उतार चढ़ाव होता रहता है। क्रिप्टोकरेंसी मान्यता प्राप्त नहीं है। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ा है। इस समय पूरी दुनिया में करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इसमें बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ा है।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में प्रमुख अंतर

  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है। क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए तैयार की जाती है।
  • डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक और उस देश की सरकार से मान्यता प्राप्त होती है। क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्रीय बैंक या सरकार की मान्यता नहीं होती है।
  • डिजिटल करेंसी की वैल्यू स्थिर रहती है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में बहुत उतार-चढ़ाव होता है।
  • डिजिटल करेंसी को संबंधित देश की मुद्रा में बदला जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी में ऐसा नहीं हो पाता है।

अंतरमंत्रालीय समिति ने की थी डिजिटल करेंसी की सिफारिश: वित्त मंत्रालय ने 2017 में एक उच्च स्तरीय अंतरमंत्रालयी समिति की सिफारिश की थी। इस समिति को वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी पॉलिसी और कानूनी फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए कहा गया था। इस समिति ने देश में फिजिकल करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी लाने की सिफारिश की थी।

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

TV9 Hindi | Edited By: रोहित ओझा

Updated on: Dec 23, 2020 | 9:13 AM

डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो क्रिप्टोकरेंसी क्या है? करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.

कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.

जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत

सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.

क्रिप्टो करेंसी के क्या हैं फायदे और नुकसान

क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.

क्रिप्टो करेंसी से क्या भारत में होता है लेनदेन

भारत में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था और वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी थी. साल 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बिटकॉइन के अलावा भी रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो कॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं.

भास्कर एक्सप्लेनर: कैसा होगा RBI का 'डिजिटल रुपया', क्या ये लेगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जगह? जानिए सब कुछ

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC होगी। RBI इस डिजिटल करेंसी को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपया, या CBDC को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा।

ऐसे में आइए जानते हैं कि CBDC क्या है? सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आम लोगों के लिए यह कितना सुरक्षित और फायदेमंद होगा?

सवाल : डिजिटल करेंसी CBDC को कौन लॉन्च करेगा?

जवाब : RBI, जानिए कैसे होगी इसकी लॉन्चिंग.

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यानी RBI नए फाइनेंशियल ईयर में CBDC को लॉन्च करेगा। नई करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।
  • RBI की ओर से डिजिटल फॉर्म में जारी CBDC एक लीगल टेंडर होगा। सेंट्रल बैंक से जारी करेंसी की तरह ही CBDC भी होगा, लेकिन इसे नोट की तरह आप अपने जेब में नहीं रख सकेंगे।
  • यह करेंसी की तरह ही काम करेगा। साथ ही CBDC को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके अकाउंट में दिखाई देगी।
  • RBI की रिपोर्ट में पहले बताया गया था कि CBDC से आप कैश के मुकाबले आसानी से और सुरक्षित तरीके से कहीं पर भी खरीदारी कर सकेंगे।

सवाल : क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी होगी?

जवाब : नहीं, तो फिर कैसी होगी, आइए जानते हैं…

  • CBDC क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर होगा।
  • इसे RBI जारी करेगा, इसलिए इसमें जोखिम नहीं होगा। इससे देश में आसानी से खरीदारी हो सकेगी।
  • ये प्राइवेट वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन से एकदम अलग होगी।
  • प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के साथ कई तरह की बाधाएं होती हैं और बिटकॉइन जैसी इन करेंसीज को सभी देशों में मान्यता नहीं मिली है।
  • साथ ही प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के किसी सरकार से नहीं जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है।
  • प्राइवेट वर्चुअल करेंसी कमोडिटी नहीं हैं। साथ ही इनका कोई आंतरिक मूल्य भी नहीं होता है।

सवाल : क्या बिटकॉइन की ही तरह यह भी जोखिम भरी करेंसी होगी?

जवाब : नहीं, जानिए CBDC कितनी सुरक्षित है।

इन्वेस्टोपीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य आम लोगों को एक लीगल और सुविधाजनक डिजिटल करेंसी मुहैया कराना है, ताकि उन्हें सुरक्षा संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

सरकार की बजट में डिजिटल करेंसी की घोषणा बिटकॉइन और ईथर जैसी अन्य क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी को लेकर मंशा को व्यक्त करती है। RBI कई मौकों पर बिटकॉइन को लेकर चिंता जता चुका है, क्योंकि बिटकॉइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी जैसा खतरा बना रहता है।

ऐसे में इसका इस्तेमाल आतंकवादी संगठन भी कर सकते हैं। इसलिए RBI ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी CBDC लाने की योजना की घोषणा की है।

सवाल : क्या सीबीडीसी अन्य डिजिटल पेमेंट्स से ज्यादा अच्छा है?

जवाब : हां, जानिए कैसे…

मान लीजिए आप एक यूपीआई सिस्टम से अपने बैंक अकाउंट के बजाय CBDC से लेनदेन करते हैं। इसमें कैश को हैंड ओवर करते ही इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाती। इससे पेमेंट्स सिस्टम से लेनदेन ज्यादा रियल टाइम में और कम लागत में होगा। इससे भारतीय आयातक बिना किसी बिचौलिए के अमेरिकी निर्यातक को रियल टाइम में डिजिटल डॉलर का भुगतान कर सकेंगे।

सवाल : क्या RBI इसे सीधे लॉन्च कर सकेगा?

जवाब : नहीं, जानिए क्या कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी…

आरबीआई भले ही इसे लॉन्च करने को तैयार है। लेकिन यह तब तक नहीं हो सकेगा जबतक कि संसद में क्रिप्टो कानून पारित नहीं हो जाता। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत मौजूदा प्रावधान मुद्रा को भौतिक रूप से ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में भी संशोधन की आवश्यकता होगी।

सवाल : क्या सीबीडीसी के आने से बैंकों पर असर पड़ेगा?

जवाब : हां, जानिए किस तरह का असर होगा…

सीबीडीसी के आने से बैंक में जमा के लिए लेनदेन की मांग कम होगी। साथ ही सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा। रिस्क फ्री होने के चलते सीबीडीसी बैंक डिपॉजिट को कम करेगा। साथ ही जमा पर सरकारी गारंटी में कटौती करेगा। वहीं यदि बैंक जमा राशि खो देते हैं, तो क्रेडिट बनाने की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी। क्योंकि केंद्रीय बैंक निजी क्षेत्र को लोन प्रदान नहीं कर सकते हैं।

सवाल : क्या अमेरिका, चीन और UK की अपनी डिजिटल करेंसी है

जवाब : नहीं, आइए जानते हैं किन देशों के पास अपनी खुद की डिजिटल करेंसी है।

CBDC किसी भी देश की आधिकारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा। यह पैसों के लेनदेन, आवश्यक सामानों की खरीदारी के पेमेंट्स में भी काम आएगा।

दिसंबर 2021 तक 87 देश (जिनकी वैश्विक GDP में 90% से अधिक की हिस्सेदारी है) CBDC के बारे में रिसर्च कर जानकारी जुटा रहे थे। इनमें से 35 देश मई 2020 में CBDC लाने के प्रोजेक्ट पर विचार कर रहे थे।

इनमें से 9 देश पहले ही CBDC को पूरे तरीके से लॉन्च कर चुके हैं। इनमें बहामास, 7 इस्टर्न कैरिबियन और नाइजीरिया शामिल हैं। कैरिबियन देशों से बाहर नाइजीरिया ने भी हाल में अपनी CBDC ई-नायरा लॉन्च की है। हालांकि, 4 सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों (अमेरिका, यूरोप, जापान और UK) वाले प्रमुख देश अपनी CBDC लॉन्च करने में सबसे पीछे हैं।

चीन और दक्षिण कोरिया सहित 14 देश ऐसे हैं जो अब अपने CBDC के साथ प्रायोगिक चरण में हैं और जल्द ही इसे लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।

सवाल : क्या डिजिटल करेंसी आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी?

जवाब : हां, जानिए कैसे।

डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। जैसे UAE में एक वर्कर को सैलरी का 50% हिस्सा डिजिटल मनी के रूप में मिलता है। इससे ये लोग अन्य देशों में मौजूद अपने रिश्तेदारों को आसानी से और बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकते हैं।

वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7% से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इसमें 2% तक की कमी आएगी। इससे लो इनकम वाले देशों को हर साल 16 अरब डॉलर (1.क्रिप्टोकरेंसी क्या है? 2 क्रिप्टोकरेंसी क्या है? लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा पैसे मिलेंगे।

Cryptocurrency क्या है, क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के क्या फायदे हैं?

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दुनिया में कहीं भी कुछ भी खरीदने के लिए आपको Currency की जरूरत पड़ती है जिसे हम मुद्रा या पैसा कहते हैं. ये हर देश के अलग-अलग होते हैं जैसे भारत की करेंसी ‘रुपया’ है, अमेरिका की ‘डॉलर’ है. लेकिन ये सब अलग-अलग देशों में चलने वाली मुद्रा है. इन दिनों एक अलग नाम क्रिप्टोकरेंसी हम सभी को सुनने मिलता है. ये किसी देश की मुद्रा नहीं है फिर भी ये दुनियाभर में काफी ज्यादा प्रचलित हो रही है और लोग इसमें तेजी से investment कर रहे हैं. अगर आप Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख में आप क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई सवालों के जवाब जान पाएंगे.

Crypto Currency क्या है?

What is Crypto currency इस बात को जानने से पहले हमें ये जानना चाहिए कि Currency क्या होती है? सीधे शब्दों में यदि करेंसी को परिभाषित करें तो इसका Crypto currency meaning होता है की जिस चीज के जरिये आप किसी चीज को खरीद सकते हैं और जिसके दाम पर आप उसे बेच सकते हैं वो करेंसी होती है. ये हर देश की अलग-अलग होती है और इसका मूल्य भी अलग-अलग होता है. करेंसी जो होती है उसे उस देश की सरकार का समर्थन प्राप्त होता है तथा वो करेंसी पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में होती है.

अब बात करते हैं क्रिप्टोकरेंसी की. क्रिप्टोकरेंसी एक Digital Currency है जिसे हम आभासी मुद्रा भी कह सकते हैं. इसे न हम देख सकते हैं न महसूस कर सकते हैं. बस ये एक नंबर के रूप में हमारे Digital Account में होती है. क्रिप्टोकरेंसी को किसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और न ही ये किसी सरकार के द्वारा नियंत्रित होती है. इसलिए इसमें निवेश करना थोड़ा रिस्की हो सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को ब्लॉकचेन के जरिये ऑपरेट किया जाता है. जिसके जरिये इसके सभी रिकॉर्ड अच्छी तरह रखे जाते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

Crypto Currency history की बात करें तो इसकी शुरुवात काफी धीरे-धीरे हुई है. साल 1983 में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर David Chaum ने इलेक्ट्रोनिक मनी के बारे में बताया जिसे eCash कहा गया. साल 1995 David Chaum ने इस पर अपनी कंपनी DigiCash के जरिये काम किया. इसके बाद कुछ रिसर्च पेपर जारी हुए और कुछ खबरों में आने के बाद लोग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में थोड़ा-बहुत जानने लगे. इसके बाद साल 2009 में सही रूप में क्रिप्टोकरेंसी को Satoshi Nakamoto ने लांच किया. उनके द्वारा जो क्रिप्टोकरेंसी लांच की गई थी वो Bit Coin थी.

क्या क्रिप्टोकरेंसी लीगल है?

क्रिप्टोकरेंसी को किसी देश की मान्यता नहीं है. मतलब इस पर किसी देश का नियंत्रण नहीं है. अतः सवाल ये उठता है की क्या Crypto Currency legal है? क्या आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर किसी तरह की कोई सजा तो नहीं होगी. दरअसल क्रिप्टोकरेंसी का Legal होना इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस देश में रह रहे हैं. दुनिया में कई देश हैं जो क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देते हैं और भारत उन्हीं में से एक है. भारत समेत कई देश अब इसे लीगल करने की ओर ध्यान दे रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि आप इसमें निवेश नहीं कर सकते. यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. बस होगा ये कि आप इसका उपयोग भारत में नहीं कर पाएंगे.

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?

क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग कंपनियों द्वारा चलाई जा रही मुद्रा है (how operate crypto currency) जिसे सरकार ने मान्यता नहीं दी है. जैसे आपने Bitcoin का नाम सुना होगा. ऐसे ही 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं. इनके अलग-अलग रेट हैं जैसे Share Market में हर कंपनी के शेयर का अलग-अलग रेट होता है ठीक उसी तरह. आपको इन्हें ऑनलाइन खरीदना होता है यानी अपना पैसा इनमें निवेश करना होता है. इसके बाद यदि इनका रेट बढ़ता है तो आपको फायदा होता है और यदि इनका रेट घटता है तो आपको नुकसान होता है. ये कुछ-कुछ शेयर मार्केट की तरह ही होता है. लेकिन शेयर मार्केट में शेयर बेचने से आपको पैसे मिल जाते हैं पर इससे पैसे बेचने पर आपको पैसे नहीं मिलते हैं. इसका पूरा सिस्टम ब्लॉकचेन तकनीक के जरिये चलता है.
ब्लॉकचेन तकनीक क्या होती है?

Blockchain Meaning होता है डाटा ब्लॉक की एक लंबी श्रंखला. ये एक डिजिटल बहीखाता (Digital Ledger) होता है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेन-देन को रिकॉर्ड किया जाता है. इसमें अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल होता है. जिसमें आपके अकाउंट को सिक्योर रखने के लिए आपकी ‘पर्सनल की’ का इस्तेमाल होता है. इसमें लेन-देन प्रक्रिया सीधी और सरल होती है. इसमें छेड़छाड़ असंभव है. इसकी मदद से सही तरीके से क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक किया जा सकता है और इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को सुरक्षा दी जा सकती है.

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Popular Crypto Currency कौन सी है?

Types of Cryptocurrency दुनियाभर में 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी है लेकिन इनमें से फेमस ज्यादा नहीं हो पाई हैं. अधिकतर लोग तो सिर्फ अभी तक Bitcoin को ही Crypto Currency मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है.

– दुनिया की सबसे फेमस क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin है. इसकी कीमत 54,285 अमेरिकन डॉलर है.

– Ethereume भी काफी फेमस क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी कीमत 2622 अमेरिकन डॉलर है.

– इसके अलावा Binance Coine, Ripple, Tether, Dogcoine, Cardano, Poladot, Uniswap, LiteCoine अन्य क्रिप्टोकरेंसी है.

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे Benefits of Crypto Currency

क्रिप्टोकरेंसी के कई फायदे हैं. जैसे

– क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो इसमें धोखाधड़ी की उम्मीद कम है. इसकी कोई नकली करेंसी नहीं बना सकता.

– क्रिप्टोकरेंसी को कोई सरकारी अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसकी वजह से इसके बंद होने या नोटबंदी जैसी समस्या आपको नहीं होगी.

– जो लोग अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं वो क्रिप्टोकरेंसी में अपना Money investment कर सकते हैं.

– क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से उछाल दर्ज किया गया है जिसके चलते आप इसमें निवेश करके काफी अच्छे रिटर्न कमा सकते है. हालांकि कई बार इसमें गिरावट भी देखी गई है. इसलिए इसमें निवेश अपने रिस्क पर ही करें.

क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए फायदे का सौदा भी हो सकता है और घाटे का सौदा भी हो सकता है. कई लोगों ने इसमें निवेश किया है और अच्छे रिटर्न कमाए हैं. लेकिन इसमें घाटा भी हो सकता है. इसे कोई सरकार कंट्रोल नहीं करती इसलिए इसमें घाटा हो या फायदा इसकी पूरी ज़िम्मेदारी आप पर ही होगी.

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