कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें

भाषा विश्वविद्यालय कार्यशाला: छात्रों ने जाना बाजार में मंदी और तेजी का रूझान
अमृत विचार लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें में छात्रों ने बाजार में मंदी और तेजी के रूझान को समझा। बुधवार को यहां व्यवसाय प्रबंधन विभाग और आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन सेल (IQAC) द्वारा “तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से स्टॉक मार्केट निवेश” नामक 2-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ है। पहले दिन सत्र के विशेषज्ञ सीए …
अमृत विचार लखनऊ। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में छात्रों ने बाजार में मंदी और तेजी के रूझान को समझा। बुधवार को यहां व्यवसाय प्रबंधन विभाग और आंतरिक गुणवत्ता मूल्यांकन सेल (IQAC) द्वारा “तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से स्टॉक मार्केट निवेश” नामक 2-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ है। पहले दिन सत्र के विशेषज्ञ सीए राज पांडे (प्रमुख शिक्षक, स्टॉकपे प्राइवेट लिमिटेड) की ओर से शेयर बाजार की मूल बातें, बाजारों के प्रकार, जापानी कैंडल स्टिक तकनीक और डॉव सिद्धांत के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने मंदी और तेजी में बाजार के रुझान का वर्णन किया। उन्होंने छात्रों को यह भी सिखाया कि मंदी और तेजी के बाजारों को कैसे पढ़ा जाए और बाजार में निवेश करने का सही अवसर कैसे तलाशा जाए। उन्होंने डॉव सिद्धांत पर चर्चा की जहां उन्होंने वर्णित 3 प्रवृत्तियों के बारे में बताया। उन्होंने एक एप्लिकेशन का भी उल्लेख किया जहां छात्र अपने शेयर बाजार कौशल का अभ्यास करने के लिए लाइव सिमुलेशन आधारित गतिविधि हिस्सा ले सकते हैं।
धन्यवाद प्रस्ताव प्रो (डॉ) सैयद हैदर अली (संयोजक) ने दिया। डॉ. दोआ नकवी कार्यशाला की सह-संयोजक रही। कार्यक्रम में डॉ. मुशीर अहमद, साक्षी रॉय, राघवेंद्र, जूही, राहत ज़बी और व्यवसाय प्रबंधन विभाग के विभिन्न विद्यार्थियों ने भाग लिया।
कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern) के सम्बन्ध में कुछ ध्यान देने वाली बाते
कैंडलस्टिक पैटर्न से हमें सिर्फ ये पता चलता है कि, Trade लेते समय Entry point क्या होना चाहिए, और Trade का Stop loss क्या होना चाहिए, कैंडलस्टिक पैटर्न की हेल्प से हमें ट्रेड में प्रॉफिट कब बुक करना है, ये समझ में नहीं आता है,
Bulls और Bears की स्पस्ट पहचान
कैंडलस्टिक पैटर्न से हमें Bulls और Bear को पचानने के साथ उनके बीच बनने वाले अलग अलग पैटर्न और मार्केट में बनने वाले ट्रेंड को बहुत आसानी से समझने का मौका मिलता है,
सभी कैंडलस्टिक पैटर्न को समझना अनिवार्य नहीं है –
हमने अभी तक 16 महत्वपूर्ण, और ज्यादा पोपुलर कैंडलस्टिक के बारे में पढ़ा है, वैसे Candlestick Pattern और बहुत सारे भी है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि – हमें सभी कैंडलस्टिक पैटर्न को समझना जरुरी नहीं है, बल्कि जितने कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में हमने अभी तक पढ़ा, उनको समझना ही काफी होगा, अगर हम इनको पहचानना सिख ले, तो हम मार्केट के उतार चढाव को आसानी से समझ जायेगें,
कैंडलस्टिक पैटर्न, मार्केट की कहानी को चित्र द्वारा बताता है
Candlestick Pattern अलग अलग चित्रों यानि पैटर्न के माध्यम से मार्केट के बारे में हो कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें रहे सभी उतार चढाव के बारे में स्पस्ट चित्र देता है, और मार्केट के बारे में होने वाले बार बार के पैटर्न से लाभ उठाने के मौके भी देता है, जब कैंडलस्टिक को समझना शुरू कर देते है, तो फिर ऐसा लगता है जैसे हर चार्ट आपसे बात करता है, और कुछ बताना चाहता है, बस आपको ध्यान देने की जरुरत है, और सही पैटर्न को पहचानने की भी जरुरत होती है,
कैंडलस्टिक पैटर्न ट्रेंड्स को बताता है,
Candlestick Pattern से हमें बहुत आसानी से UP TREND, DOWN TREND, और SIDEWAYS के बारे में समझने का और किसी TRADE के लीए POINT OF VIEW बनाने का मौका मिलता है,
Candlestick Pattern – Summary
जैसे मैंने पहले कहा – अलग अलग बहुत सारे Candlestick Pattern हमें सभी Candlestick Pattern को सीखना और समझना जरुरी नहीं है, बल्कि कैंडलस्टिक को समझने का मुख्य उद्देश्य ये है कि मार्केट में हो रहे उतार चदाव, Bulls और Bears , और मार्केट की दिशा यानी Trend को को समझा जाये,
और इसलिए कैंडलस्टिक के इन पोपुलर पैटर्न को समझने के बाद, इनकी सही प्रैक्टिस करके इनको चार्ट में पहचानते हुए, अपने ट्रेड के लिए Point of View को समझना महत्वपूर्ण है,
2022 में प्रचलित 10 एडवांस क्रिप्टो शब्द जिन्हें जानना जरूरी है
क्रिप्टो से जुड़ी मूल बातें समझने के लिए, क्रिप्टो से संबंधित एडवांस शब्दों को जानना और समझना जरूरी है.
- News18Hindi
- Last Updated : February 28, 2022, 15:08 IST
क्रिप्टो जगत सतत विकास के साथ अनिश्चित गति से चलता है. इससे संबंधित नए शब्द लगातार जुड़ते जा रहे हैं. क्रिप्टो से जुड़ी मूल बातें समझने के लिए, क्रिप्टो से संबंधित एडवांस शब्दों को जानना और समझना जरूरी है. यह न केवल आपकी जानकारी बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में निवेश का बेहतर निर्णय लेने में भी आपकी मदद करेगा.
इस बात को ध्यान में रखते हुए यहां 10 एडवांस क्रिप्टो एसेट के बारे में बताया गया है, जिन्हें 2022 में आपको जरूरी जानना चाहिए.
1 – स्कैल्पिंग
आमतौर पर शेयर बाजार के निवेशक क्रिप्टो में स्कैल्पिंग को डे-ट्रेडिंग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. स्कैल्पिंग का मूल विचार यह है कि अपने क्रिप्टो निवेश पर बड़े रिटर्न का इंतज़ार करने से दैनिक आधार पर छोटे लेकिन लगातार लाभ इकट्ठा करना बेहतर होता है. इसके अलावा क्रिप्टो स्कैल्पर कहे जाने वाले ट्रेडर, मुख्य रूप से कॉइन और कंपनियों के तकनीकी विश्लेषण पर भरोसा करते कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें हैं, न कि डे-ट्रेडर द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मूलभूत तकनीकों पर. अगर आप क्रिप्टो स्कैल्पर बनकर लाभ कमाना चाहते हैं तो कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के बारे में जानें, चार्ट पढ़ें और सपोर्ट व रेजिस्टेंस के लेवल को समझें.
2 – हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग
हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग या HFT, ट्रेडिंग का एक रूप है जिसमें बड़े ऑर्डर के ट्रांजैक्शन में एडवांस कंप्यूटर सिस्टम की तेजी का लाभ उठाया जाता है. ये सिस्टम जटिल एल्गोरिदम वाले प्रोग्राम का उपयोग करके कई मार्केट का विश्लेषण करते हैं और मार्केट कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें की स्थितियों के आधार पर ऑर्डर एग्जीक्यूट करते हैं. ट्रेडिंग के इस तरीके को अपनाने के कुछ फायदे और नुकसान हैं जिनके बारे में जानने के लिए, इस विषय को गहराई से समझना जरूरी है.
3 – नॉन्स
नॉन्स, केवल एक बार उपयोग की जाने वाली संख्या का छोटा रूप है. यह खास क्रिप्टोग्राफिक प्रोसेस में सिर्फ एक बार इस्तेमाल की जाने वाली संख्या है. गहराई से जानने पर आपको ‘हेडर हैश’ और ‘गोल्डन नॉन’ जैसे शब्द भी मिलेंगे जिनका संबंध किसी ब्लॉक को माइन करने और उसे ब्लॉकचेन में जोड़ने से है. वास्तव में अगर आप क्रिप्टो माइनर बनना चाहते हैं तो नॉन्स और उसके काम करने के तरीके को समझना जरूरी है.
4 – हार्ड फोर्क और सॉफ्ट फोर्क
प्रोग्रामिंग शब्दों में फोर्क, ओपन-सोर्स कोड के संशोधन को संदर्भित करता है. क्रिप्टो जगत में, आमतौर पर ब्लॉकचेन सिस्टम में बुनियादी बदलाव को परिभाषित करने के लिए हार्ड फोर्क का इस्तेमाल किया जाता है. यह बदलाव पुराने वर्शन को अमान्य कर देता है, ताकि भ्रम और त्रुटियों से बचा जा सके. दूसरी ओर, सॉफ्ट फोर्क का इस्तेमाल, ब्लॉकचेन में ऐसे बदलाव को दर्शाने के लिए किया जाता है जो पुराने वर्शन के साथ काम करता है. ज्यादातर मामलों में ये ब्लॉकचेन में एक छोटे से फंक्शन या कॉस्मेटिक बदलाव को जोड़ने से कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें संबंधित होते हैं.
5 – DEX
DEX का मतलब है डीसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज, जो उपयोगकर्ताओं को सेंट्रलाइज्ड मध्यस्थ के बिना स्मार्ट अनुबंधों और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के ज़रिए कॉइन और टोकन के लेन-देन की अनुमति देता है. यह आपको एक क्रिप्टो एसेट के मालिक के कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें रूप में अपने फंड और प्राइवेट-की पर अधिकार बनाए रखने की सुविधा देता है, ताकि आप तय कर सकें कि आपके निवेश लक्ष्यों के लिए ट्रेडिंग का सबसे अच्छा तरीका कौन सा है. DEX में सेंट्रलाइज्ड बिचौलियों की तुलना में हैकिंग का खतरा कम होता है.
6 – एवरेज ट्रू रेंज
एवरेज ट्रू रेंज (ATR), क्रिप्टो मालिकों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक को हल करने में मदद करता है, जिससे उन्हें उतार-चढ़ाव को मापने और मुनाफे को अधिकतम करने के लिए सही मार्केट खोजने में मदद मिलती है. ATR, खरीदने या बेचने का सिग्नल नहीं देता है. यह क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए उतार-चढ़ाव को उसी तरह मापता है जिस तरह से यह विदेशी मुद्रा और स्टॉक ट्रेडिंग में मापता है. ATR इस बारे में जानकारी देता है कि किसी खास अवधि में एसेट की वैल्यू कितनी बढ़ सकती है. इस जानकारी का इस्तेमाल, क्रिप्टो एसेट की ओपन कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें पोजीशन को मैनेज करने के साथ-साथ स्टॉप-लॉस तय करने में किया जा सकता है.
7 – स्केलेबिलिटी ट्राइलेमा
स्केलेबिलिटी ट्राइलेमा को Ethereum के निर्माता विटालिक ब्यूटिरिन द्वारा बनाया गया है. यह उन ट्रेडऑफ को संदर्भित करता है जिनकी सुविधा मुहैया कराने के लिए, डेवलपर को ब्लॉकचेन में अधिकतम सुविधाएं जोड़ना होता है. ट्राइलेमा हर बिंदु पर तीन मुख्य ब्लॉकचेन विशेषताओं के साथ एक त्रिकोण को संदर्भित करता है – स्केलेबिलिटी, डीसेंट्रलाइजेशन और सुरक्षा. हर घटक ठीक से काम करे, इसके लिए आवश्यक ट्रेडऑफ क्रिप्टो एसेट, अधिक से अधिक जटिल परिवर्तनों से गुजरता है.
8 – FUD
FUD, ‘डर, अनिश्चितता और संदेह’ के लिए एक संक्षिप्त शब्द है. इसे निवेशकों और ट्रेडर को प्रभावित करने वाली भावनाएं माना जाता है. कुछ दलों को ऐसे व्यक्तियों के व्यवहार में हेरफेर करने और जल्दी पैसा बनाने के लिए उनके पूर्वाग्रहों का फायदा उठाने के लिए जाना जाता है. क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं के लिए आमतौर पर FUD के बारे में यह बात तब की जाती है, जब दुर्भावनापूर्ण व्यक्ति, वास्तविक निवेशकों की FUD प्रतिक्रियाओं से खिलवाड़ करके किसी खास क्रिप्टोकरेंसी या यहां तक कि पूरे क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू को ठेस पहुंचाते हैं.
9 – मेमपूल
मेमपूल, ब्लॉकचेन लेनदेन का एक ग्रुप है. इसमें हर निवेशक, किसी ब्लॉक में जोड़े जाने का इंतज़ार करता है. यह शब्द मेमोरी पूल शब्द का छोटा रूप है और ब्लॉकचेन में जोड़े जाने से पहले, मौजूद नोड का सत्यापन और उनकी जांच प्रक्रिया की जानकारी देता है.
10 – टोकनोमिक्स
इकोनोमिक्स का एडवांस रूप है- टोकनोमिक्स. यह ‘टोकन’ और ‘इकोनोमिक्स’ से मिलकर बना है जो कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें डिजिटल एसेट, विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और उनकी वैल्यू के अध्ययन को दिखाता है. इसमें, टोकन बनाने वालों, आवंटन और डिस्ट्रीब्यूशन कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें के तरीकों, मार्केट कैपिटलाइजेशन, बिजनेस मॉडल, कानूनी स्थिति और विभिन्न तरीकों से किया जाने वाला अध्ययन बड़े पैमाने पर होता है. इसमें अलग-अलग टोकन, बड़े इकोनोमिक इकोसिस्टम में इस्तेमाल होते हैं, क्योंकि इससे क्रिप्टो को ज़्यादा मान्यता मिलती है.
अगर आप क्रिप्टो टोकन और इससे जुड़े एसेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो आपके लिए इन सभी शब्दों को समझना और उनका पालन करना कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें थोड़ा मुश्किल होगा. निवेश की इस नई कैटगरी की बेसिक बातें सीखकर ही इसमें निवेश करना बेहतर होगा. निवेश शुरू करने के लिए, ZebPay जैसे भरोसेमंद और सुरक्षित क्रिप्टो एसेट एक्सचेंज चुनें. हमारा सुझाव है कि क्रिप्टो एसेट की विशाल सूची, क्रिप्टो स्पेस में लंबे अनुभव और मजबूत सुरक्षा तंत्र की वजह से ZebPay को चुनें. अपना खाता खोलने के लिए यहां क्लिक करें.
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कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें
Technical Analysis of Stocks | Technical Analysis by SIDDHARTH BHANUSHALI in Hindi
- Post author: admin
- Post published: October 16, 2021
- Post category: Stock Market
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सभी ट्रेडर किसी भी मार्किट में इन्वेस्ट या ट्रेड करने के लिए Technical analysis का प्रयोग करते है ताकि वो स्टॉक प्राइस का पता कर सके की अब वो किस दिशा कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें में जाने वाली है।
बेसिकली technical analysis of stocks हर निवेशक स्टॉक का विश्लेषण करने का सबसे अच्छा तरीका है ताकि वे शेयर बाजार की गतिविधियों को जान सकें और स्टॉक की कीमत का अनुमान (Prediction)लगा सकें।
यह Technical analysis Siddharth Bhanushali Sir के द्वारा प्रदत है।
Technical analysis Basics | By Siddharth Bhanushali
Table of Contents
तकनीकी विश्लेषण क्या है? What is Technical Analysis?
Technical Analysis एक तरीका है जो व्यापारियों द्वारा किसी स्टॉक की पास्ट के प्राइस गतिविधि का विश्लेषण करके स्टॉक की भविष्य की कीमत दिशा की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग किया जाता है। तकनीकी विश्लेषकों द्वारा चार्ट पैटर्न और आंकड़ों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
दूसरे शब्दों में
तकनीकी विश्लेषण को पिछले मूल्य की गति की जांच के आधार पर भविष्य की कीमत की कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें भविष्यवाणी करने की कला और विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
1 Art & Science
2 To Predict The Future Price Movement
3 To know Future by Examining Past
तकनीकी विश्लेषण मूल रूप से कला और विज्ञान का मिश्रण है। जिसमें कला और विज्ञान के महत्वपूर्ण विषेशता शामिल हैं जो बाजार को एक शैक्षिक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण का यह मिश्रण आपको वास्तविक समझ देगा कि बाजार कैसे व्यवहार करता है।
बाजार की संभावना क्या है और साथ ही तकनीकी विश्लेषण के इस मिश्रण का उपयोग बाजार की स्थितियों में सांख्यिकीय रूप से मान्य पैटर्न को पकड़ कर और उसके पास्ट के प्राइस मूवमेंट की जाँच करके, उसके प्राइस की दिशा को प्रिडिक्ट किया जा सकता है की प्राइस किस दिशा में जा सकता है।
किसी भी स्टॉक और उसके झुकाव (trend) का पता करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस में हमे चार्ट पर price और volume को डालना (put) होता है। बाकि सब price और volume से लिया जाता है।ये दोनों ही हमे raw form में मिलते है।