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आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है

आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है
Share Market

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IPO क्या है? what is ipo meaning and fullform

IPO का मतलब इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) जिसे शार्ट में IPO कहते हैं। जब एक कंपनी अपने समान्य स्टॉक या शेयर को पहली बार जनता के लिए जारी करता है तो उसे आईपीओ, इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (सार्वजनिक प्रस्ताव) कहते हैं।

लिमिटेड कंपनियों द्वारा ये आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके। शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो सकेगी।

आईपीओ में जब एक कंपनी अपने सामान्य स्टॉक (common stock) या शेयर पहली बार जनता (Normal Public) के लिए जारी करती है तो उसे IPO (Initial Public Offering) कहा जाता है।

IPO ज्यादातर छोटी, नई कंपनियों द्बारा जारी किए जाते हैं जो अपने व्यापार को बढाने के लिए पूँजी (capital) चाहती हैं, पर यह बड़ी निजी-स्वामित्व वाली कंपनियों (privately-owned companies) द्बारा भी जारी किए जा सकते हैं जो सार्वजनिक बाज़ार में कारोबार करना चाहती हैं (publicly traded) वो करती हैं।

IPO कैसे काम करते हैं? working

आईपीओ से पहले, एक कंपनी को निजी माना जाता है। एक निजी कंपनी के रूप में, व्यवसाय अपेक्षाकृत कम संख्या में शेयरधारकों के साथ विकसित हुआ है, जिनमें शुरुआती निवेशक जैसे संस्थापक, परिवार और दोस्तों के साथ-साथ पेशेवर निवेशक जैसे कि उद्यम पूंजीपति या परी निवेशक शामिल हैं।

जब कोई कंपनी अपनी विकास प्रक्रिया में एक चरण में पहुंचती है, जहां यह विश्वास करती है कि यह एसईसी नियमों की कठोरता के साथ-साथ सार्वजनिक शेयरधारकों को लाभ और जिम्मेदारियों के लिए पर्याप्त परिपक्व है, तो यह सार्वजनिक होने में अपनी रुचि का विज्ञापन करना शुरू कर देगा।

IPO के बारे में कुछ जरुरी बातें।

  • IPO एक निजी निगम के शेयरों को नए स्टॉक जारी करने में जनता को देने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
  • कंपनियों को आरंभिक सार्वजनिक पेशकश रखने के लिए एक्सचेंजों और एसईसी द्वारा आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।
  • कंपनियां निवेश बैंकों को बाजार में नियुक्त करती हैं, मांग की मांग करती हैं, आईपीओ की कीमत और तारीख तय करती हैं, और बहुत कुछ।
  • एक आईपीओ को कंपनी के संस्थापक और शुरुआती निवेशकों के लिए बाहर निकलने की रणनीति के रूप में देखा जा सकता है, जो उनके निजी निवेश से पूर्ण लाभ का एहसास करता है।
  • कंपनी जो अपने शेयर आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है प्रदान करती है, जिसे ‘जारीकर्ता’ के रूप में जाना जाता है, वह निवेश बैंकों की मदद से करता है। आईपीओ के बाद, कंपनी के शेयर एक खुले बाजार में कारोबार करते हैं। उन शेयरों को द्वितीयक बाजार व्यापार के माध्यम से निवेशकों द्वारा आगे बेचा जा सकता है।

IPO के चरणों में निम्नलिखित बाते शामिल हैं |

  1. अंडरराइटर प्रस्ताव और वैल्यूएशन पेश करते हैं जो उनकी सेवाओं पर चर्चा करते हैं, बाजार की पेशकश के लिए मूल्य, शेयरों की मात्रा और अनुमानित समय सीमा की पेशकश करने के लिए सबसे अच्छी प्रकार की सुरक्षा।
  2. कंपनी अपने हामीदार को चुनती है और औपचारिक रूप से एक हामीदारी समझौते के माध्यम से शर्तों को हामी भरने के लिए सहमत होती है।
  3. आईपीओ टीमों का गठन अंडरराइटर, वकील, प्रमाणित सार्वजनिक लेखाकार, और प्रतिभूति और विनिमय आयोग के विशेषज्ञों से मिलकर किया जाता है।
  4. हर तिमाही श्रव्य वित्तीय और लेखा जानकारी की रिपोर्टिंग के लिए प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करें।

IPO को लाने का कारण क्या है?

जब किसी कंपनी को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होती है तो वह आईपीओ जारी करती है। ये आईपीओ कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय आईपीओ से पैसा जुटाना ज्यादा बेहतर समझती है।

यह किसी भी कंपनी की विस्तार योजना होती है। शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को अन्य योजनाओं में लगा सकती है।

आईपीओ कितने प्रकार के होते हैं? (Types of IPO)

आईपीओ के दो प्रकार होते हैं। पहला फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO) और दूसरा बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO) आइए जानते हैं दोनों के बारे में।

फिक्स्ड प्राइस आईपीओ (Fixed Price IPO)

फिक्स्ड प्राइस IPO को इश्यू प्राइस के रूप में संदर्भित किया जा सकता है जो कुछ कंपनियां अपने शेयरों की प्रारंभिक बिक्री के लिए निर्धारित करती हैं।
निवेशकों को उन शेयरों की कीमत के बारे में पता चलता है जिन्हें कंपनी सार्वजनिक करने का फैसला करती है।

इश्यू बंद होने के बाद बाजार में शेयरों की मांग का पता लगाया जा सकता है। यदि निवेशक इस IPO में हिस्सा लेते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आवेदन करते समय शेयरों की पूरी कीमत का भुगतान करें।

बुक बिल्डिंग आईपीओ (Book Building IPO)

बुक बिल्डिंग के मामले में IPO शुरू करने वाली कंपनी निवेशकों को शेयरों पर 20% मूल्य बैंड प्रदान करती है। इच्छुक निवेशक अंतिम कीमत तय होने से पहले शेयरों पर बोली लगाते हैं।

यहां निवेशकों को उन शेयरों की संख्या निर्दिष्ट करने की आवश्यकता है जिन्हें वे खरीदना चाहते हैं और वह राशि जो वे प्रति शेयर भुगतान करने को तैयार हैं।

आईपीओ में कैसे निवेश करें? how to invest in ipo

आईपीओ जारी करने वाली कंपनी अपने आईपीओ को इनवेस्टर्स के लिए 3-10 दिनों के लिए ओपन करती है। मतलब कोई भी आईपीओ जब आता है तो उसे कोई भी इनवेस्टर 3 से 10 दिनों के भीतर ही खरीद सकता है।

कोई कंपनी अपने आईपीओ जारी करने की अवधि सिर्फ 3 दिन भी रखती है तो कोई तीन दिन से ज्यादा रखती है।

आप इन निश्चित दिनों के भीतर की कंपनी की साईट पर जाकर या रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं।

अब अगर आईपीओ फिक्स प्राईस इश्यू है तो आपको उसी फिक्स प्राईस पर आईपीओ के लिए अप्लाई करना होगा, और अगर आईपीओ बुक बिल्डिंग इश्यू है तो आपको उस बुक बिल्डिंग इश्यू पर ही बिड लगानी होगी।

आप इन निश्चित दिनों के भीतर की कंपनी की आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है साईट पर जाकर या रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर सकते हैं।

अब अगर आईपीओ फिक्स प्राईस इश्यू है तो आपको उसी फिक्स प्राईस पर आईपीओ के लिए अप्लाई करना होगा, और अगर आईपीओ बुक बिल्डिंग इश्यू है तो आपको उस बुक बिल्डिंग इश्यू पर ही बिड लगानी होगी।

आप इन निश्चित दिनों के भीतर की कंपनी की साईट पर जाकर या रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इनवेस्ट कर आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है सकते हैं।

अब अगर आईपीओ फिक्स प्राईस इश्यू है तो आपको उसी फिक्स प्राईस पर आईपीओ के लिए अप्लाई करना होगा, और अगर आईपीओ बुक बिल्डिंग इश्यू है तो आपको उस बुक बिल्डिंग इश्यू पर ही आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है बिड लगानी होगी।

FAQ

एलआईसी आईपीओ क्या है?

एलआईसी आईपीओ भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC का आईपीओ है। जोकि 4 मई को आने वाला है।LIC का आईपीओ कब तक आएगा।

4 मई को ओपन होगा LIC का IPO, 9 मई तक निवेश का मौका मिलेगा।आईपीओ कितने प्रकार के होते हैं?

आईपीओ के दो प्रकार होते हैं। पहला फिक्स्ड प्राइस आईपीओ और दूसरा बुक बिल्डिंग आईपीओ।आईपीओ फुल फॉर्म इन हिंदी

आईपीओ फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग हैं।IPO full form in English

Initial public offering

तो दोस्तों आपको समझ में आगया होगा की IPO क्या है? या फिर IPO क्या होता है, वैसे तो हमसे आपको आईपीओ के बारे में आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है बहोत कुछ जानकारी देने का प्रयास किआ है, लेकिन फिर भी अगर आपको कोई परेशानी हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हों, निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

शेयर बाजार क्या है?/राकेश झुनझुनवाला कैसे इन्वेस्ट करते हैं?

अगर आप एक आम इंसान है तो आप शेयर मार्केट में आने के बाद एक आम इंसान नहीं रहेंगे मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर आप एक आम इंसान हैं जो किसी दुकानदार के पास जाता है और दुकानदार से कोई वस्तु लेता है और दुकानदार जितना पैसा मांगता है वह व्यक्ति उतना पैसा दुकानदार को दे देता है इससे मालूम पड़ता है कि वह जो इंसान है वह एक चतुर ग्राहक नहीं है बल्कि जब वह शेयर मार्केट में आएगा तब वह एक चतुर इंसान बन जाएगा अब चतुर इंसान कहने का मेरा मतलब यह है क्योंकि शेयर बाजार आपको शेयर ट्रेडिंग अर्थात शेयरों को बेचने व खरीदने का मौका देता है। जबकि आप दुकानदार से केवल वस्तु को खरीद सकते हैं जबकि शेयर बाजार मैं आप बेंच भी सकते हैं अतः इस तरह दोनों हालात को नियंत्रित कर सकते हैं और इस कारण आपका भाग्य खुद अपने हाथ में होता है।

निवेशक;- वे लोग जो कंपनी में अपने पैसे को इन्वेस्ट करते हैं उन्हें हम निवेशक कहते हैं। और निवेशक जो होते हैं वह कम जोखिम लेते हैं क्योंकि वह किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के पहले उस कंपनी के बारे में विश्लेषण करते हैं।

स्पेक्युलेशन;- स्पेक्युलेशन वे लोग होते हैं जो बिना किसी विश्लेषण के ही टिप्स के जरिए अपने पैसे को बाजार में इन्वेस्ट करते हैं जिनके कारण उनके पैसे पर डूबने का जो खतरा होता है वह बहुत ज्यादा होता है।

निवेशक और स्पेक्युलेशन में अंतर

निवेशक अपने धन को सुरक्षित करने के लिए किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के लिए उस कंपनी का विश्लेषण करता है जबकि वहीं दूसरी ओर स्पेक्युलेशन टिप्स के जरिए तथा रिस्क पर वह अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

निवेशक की रिटर्न दर की उम्मीद जो होती है वह औसत होती है जबकि स्पेक्युलेशन की रिटर्न दर्ज होती बहुत अधिक होती है।

निवेशक कभी भी पैसा उधार लेकर इन्वेस्ट नहीं करते हैं जबकि स्पेक्युलेशन उधार लेकर पैसा इन्वेस्ट कर देते हैं।

निवेशक की चौथ भवानी की जो संभावना होती है वह बहुत कम होता है क्योंकि वह कंपनी का विश्लेषण कर कर किसी भी कंपनी में इनवेस्ट करता है वहीं दूसरी ओर स्पेक्युलेशन उनकी पैसा गंवाने की जो संभावना होती हुए 50 परसेंट होता है क्योंकि वह टिप्स के जरिए तथा अधिक रिक्स पर पैसा इन्वस्ट करते हैं।

बाजार में स्पेक्युलेशन होने के फायदे

स्पेक्युलेशन शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव लाते हैं इस अस्थिरता के कारण निवेशकों को कम भाव पर शेयर खरीदने का अच्छा मौका मिलता है।

शेयर बाजार एक स्टॉक एक्सचेंज संस्था है जो SEBI (SECURITY AND EXCHANGE FOOD OF INDIA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। कोई भी कंपनी शेयर बाजार में आकर लिस्ट हो सकती है अगर कोई कंपनी शेयर बाजार में आकर लिस्ट होती है तो आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है उन्हें कंपनी का कुछ शेयर लोगों में बांटना होता है जिसे लोग खरीद सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि कंपनी का क्या फायदा हुआ है तो आइए उसी को जानते हैं अब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो गई है अब लोग उस कंपनी के शेयर को खरीदेंगे अगर उस कंपनी का डिमांड अधिक है और शेयर कम है तो उस कंपनी का जो शेयर प्राइस वह आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है बढ़ेगा जिससे कंपनी के पास अधिक से अधिक धन आएगा और उस धन से कंपनी अपने विकास अपने जो आगे जो बिजनेस स्टार्ट करना चाहते उसमें उस धन को खर्च करेगी और इससे कंपनी का तो फायदा हुआ इसके साथ-साथ लोगों का भी फायदा हुआ।

किसी कंपनी का शेयर कैसे खरीदें

किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले तो आप को प्ले स्टोर में जाकर किसी अच्छे ब्रोकर का ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा। उसके बाद उसमें अपना अकाउंट बनाना होगा उसके बाद आप वहां से किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं। ध्यान देने बात यह है किसी भी कंपनी का शेयर आईपीओ में इनवेस्ट कैसे किया जाता है खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में पूर्ण रूप से एनालिसिस कर लें कि कंपनी क्या करती है कंपनी का आगे का गोल किया है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना कर्ज है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना दायित्व है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना संपत्ति है यह सभी देख लें उसके बाद किसी भी कंपनी में आप इन्वेस्ट कर सकते हैं और फर्स्ट ऑफ ऑल अगर आपको कंपनी के बारे में सब कुछ मालूम है कंपनी क्या करती है कैसा है तब आप उसमें पैसा इन्वेस्ट करेंगे तो हो सकता है आपका पैसा आगे बढ़े लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनी कैसे चुने इसी को चुना सबसे बड़ी बात है इसलिए अभी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी खट्टा कर ले।

शेयरधारकों को शेयर बाजार में किस तरह फायदा होता है

अगर आप किसी कंपनी का शेयर खरीदे हैं तो आपको दो तरीके से फायदा हो सकता है पहला तो है डिविडेंड आय और दूसरा जो है निवेश का मूल्य बढ़ाना इन दोनों के बारे में हम अध्ययन करते हैं

डिविडेंड आय - अगर मान लीजिए कि आप जिस कंपनी में इन्वेस्ट किए हैं उस कंपनी का मुनाफा बहुत बढ़ गया है तो कंपनी चाहे उस बड़े हुए मुनाफे को अपने बिजनेस में पुनः इन्वेस्ट कर सकती है या फिर कुछ पैसे को शेयरधारकों के बीच बांटा जाता है शेयर धारकों को दिए जाने वाले मुनाफे के हिस्से को डिविडेंड कहते हैं।

निवेश मूल्य वृद्धि- कोई भी निवेशक जिस कंपनी में इनवेस्ट करता है बाद में जाकर उस कंपनी का जो शेयर प्राइस है वह बाद में जाकर बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है यदि बढ़ जाता है तो शेयर धारक उस कंपनी के शेयर को बेच सकता है और बढे हुए प्राइस से उससे कुछ मुनाफा हो सकता है यदि कंपनी का शेयर प्राइस low हो जाता है तो इससे शेयर धारक का कुछ पैसा लॉस भी हो सकता है।

SEBI क्या हैं ; -

अप्रैल 1992 को " द सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया" नामो बोर्ड का गठन किया गया भारत में शेयरो का केंद्रीय नियंत्रण सेबी के पास होता है। जो सभी निवेशकों के हित में काम करता है SEBI के गठन के फौरन बाद अनुचित शेयर ट्रेडिंग कार्य पर रोक लगा दी गई इसके तुरंत बाद एनएससी "नेशनल स्टॉक एक्सचेंज" का गठन हुआ। जिससे शेयर बाजार में इन्वेस्ट करना और भी आसान हो गया तथा शेयर बाजार और भी पारदर्शी हो गया।

क्या शेयर मार्केट एक जुआ है :-

आपने जब भी किसी से शेयर मार्केट के बारे में सुना होगा तो ज्यादातर लोग शेयर मार्केट को एक जुआ समझते हैं पर ऐसा नहीं है यह वही लोग हैं जो लोग शेयर मार्केट में बिना किसी जानकारी के आते हैं और अपने पैसे को लगाते हैं फिर अपना पैसा जब सारा गंवा बैठते हैं तो शेयर मार्केट को वह जुआ कहते हैं लेकिन यह सरासर गलत है वास्तव में शेयर मार्केटिंग जुआ नहीं है बल्कि शेयर मार्केट अपने पैसे को पढ़ाने का एक सबसे अच्छा तरीका है अगर यह जुआ होता तो सरकार इसे अभी तक बैन कर देती।शेयर मार्केट में अगर आपको आना है तो आपको एक अच्छी खासी नॉलेज शेयर मार्केट में ले कर आना पड़ेगा।आप उन लोगों से आप जाकर पूछ जिन्हें बहुत अच्छा खासा पैसा इस मार्केट में बनाया है या फिर इस मार्केट में काम करते हैं जो लोग। वे सभी लोग भी यही बताएंगे कि शेयर मार्केटिंग जुआ नहीं है

शेयर बाजार को सीखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है सबसे पहले बुक को पढ़ें शेयर मार्केट से रिलेटेड और शेयर मार्केट में यूज होने वाले शब्दों को समझें उसके बाद हम कंपनी का विश्लेषण करना सीखें उसके पश्चात हम डमी ट्रेडिंग करना सीखे डमी ट्रेडिंग के बाद हम असली मार्केट में हमें कूदना चाहिए और आजमाना चाहिए कि हमने क्या सीखा है अभी तक। शेयर मार्केट को सीखने के लिए सबसे अच्छा बुक कुछ इस प्रकार है जिसक लिंक नीचे दिए गए हैं।

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Varanasi : वाराणसी/बनारस में घूमने की जगह और प्रमुख बाजार

वाराणसी (Varanasi) भारत का एक पवित्र शहर जिसे एक तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है. गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर की ये खासियत है की इस शहर में गंगा नदी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहती है और सभी जगह पर गंगा उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है. वाराणसी में गंगा नदी की किनारे 84 घाट बने हुए हैं जो 4 मील लंबे तक पर हैं. इनमें से पांच घाट (Varanasi Ghaat) बहुत ही पवित्र माने जाते हैं. ये अस्‍सीघाट, दश्‍वमेद्यघाट, आदिकेशवघाट, पंचगंगाघाट तथा मणिकर्णिकघाट हैं. इन पाँच घाटों को पांच तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. वैसे यहां पर घाट के अला

By इंडिया रिव्यूज डेस्क Last updated May 17, 2022 5,600 0

वाराणसी (Varanasi) भारत का एक पवित्र शहर जिसे एक तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है. गंगा नदी के किनारे बसे इस शहर की ये खासियत है की इस शहर में गंगा नदी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहती है और सभी जगह पर गंगा उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है. वाराणसी में गंगा नदी की किनारे 84 घाट बने हुए हैं जो 4 मील लंबे तक पर हैं. इनमें से पांच घाट (Varanasi Ghaat) बहुत ही पवित्र माने जाते हैं. ये अस्‍सीघाट, दश्‍वमेद्यघाट, आदिकेशवघाट, पंचगंगाघाट तथा मणिकर्णिकघाट हैं. इन पाँच घाटों को पांच तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. वैसे यहां पर घाट के अलावा भी कई सारी घूमने की जगह है.

वाराणसी में घूमने की जगह/वाराणसी के टुरिस्ट प्लेस (Varanasi Tourist Place)

सारनाथ संग्रहालय (Sarnath Museum)

इसमें कई बुद्ध प्राचीन अवशेष, मूर्तियां और कलाकृतियां हैं. इसमें मौर्य, कुषाण काल और गुप्त काल की भी शानदार कलाकृतियां हैं. इसी संग्रहालय में अशोक स्तम्भ भी है जो भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है.

रामनगर किला (Ramnagar Fort)

ये वाराणसी से 14 किलोमीटर दूर है. इसका निर्माण महाराज बलवंत सिंह ने 18वीं शताब्दी में करवाया था. ये किला लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है.इसमें पुरानी कारें, शाही पालकी, तलवारें, पुरानी बंदुके, हाथीदांत की वस्तुएं हैं. इसमें एक विशाल घड़ी भी है जो खगोलीय जानकारी देती है.

मानसिंह वेधशाला (Man Singh Observatory)

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में बनी ये वेधशाला के अब कुछ ही भाग शेष बचे हैं. इस वेधशाला में प्रमुख रूप से कुछ यंत्र मौजूद हैं. ये यंत्र सम्राट यंत्र, लघु सम्राट यंत्र, दक्षिणोत्तर भित्ति यंत्र, चक्र यंत्र, दिगंश यंत्र, नाड़ी वायले दक्षिण और उत्तर गोल हैं.

जंतर-मंतर (Jantar-Mantar)

इसे साल 1737 में जयपुर के महाराज जय सिंह द्वारा बनवाया गया था. उन्होने वाराणसी का जंतर-मंतर खगोल विज्ञान में रुचि के चलते बनवाया था. इसका उपयोग स्थानीय समय को मापने और ग्रहण के समय को ज्ञात करने के लिए किया जाता था. आज भी इसकी सटीकता बहुत है.

काशी हिन्दू विश्वविध्यालय (Kashi Hindu University)

वाराणसी के गोदौलिया चौक से लगभग 4 किलोमीटर दक्षिण में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय है. इसकी स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. इसके परिसर में बना भारत कला भवन काफी समृद्ध है. इसमें लगभग 1 लाख वस्तुएं प्रदर्शित की गई है.

लोलार्क कुंड (Lolark Kund)

वाराणसी में तुलसी घाट से थोड़ी ही दूरी पर लोलर्क कुंड है. इसके चारों तरफ कीमती पत्थर से सजावट की गई है. इसमें लोलार्केश्वर का मंदिर भी जिसमें भादों महीने में मेला लगता है.

दुर्गा कुंड (Durga Kund)

असी रोड से कुछ दूरी पर आनंद बाग के पास दुर्गा कुंड है. यहां पर माँ दुर्गा का एक मंदिर भी है। इसमें मंगलवार और शनिवार को भक्तों की काफी भीड़ होती है.

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishvnath Mandir)

वाराणसी में पृसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर भी है जिसे रानी अहिल्या बाई ने भव्य रूप प्रदान किया था. इस मंदिर का शिकार सोने का मढ़ा हुआ है. वाराणसी जाकर एक बार काशी विश्वनाथ मंदिर ज़रूर जाना चाहिए.

वाराणसी के प्रमुख बाजार (Varanasi Famous Market)

ठठेरी बाजार (Thatheri Bazar) : आपने बनारसी साड़ी के बारे में तो सुना ही होगा वो आपको यहीं पर मिलेगी. इसके अलावा यहां पर तांबे से बनी कई सुंदर चीजें भी मिलती है. यहाँ पर अलग-अलग तरह के सजावट के सामान भी मिलते हैं.

विश्वनाथ लेन (Vishwanath Lane) : ये रंग-बिरंगी चूड़ियां, बनारसी साड़ी, और प्रिंटेड दुपट्टे के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर लकड़ी के बने खिलौने भी मिलते हैं जिन्हें यहीं के कलाकारों द्वारा बनाया जाता है.

गोदोवलिया मार्केट (Godowaliya Market) : ये मार्केट भी काफी बड़ा है और डेली रूटीन के सामानों के लिए काफी फेमस है. इनके अलावा यहां पर शादी के कपड़े, सिल्क की शाल, ज़री वर्क और अन्य चीजों के कपड़े मिलते हैं.

चौक और हाट (Chouk and Urban haat) : वाराणसी की चौक हाट में हेंडीक्राफ्ट और हेंडलूम की काफी वेरायटी मिलती है. इसके अलावा यहां कपड़े और अन्य जरूरत का सामान भी मिलता है.

गोलघर (Golghar) : अगर आप वाराणसी में है और आपको फूटवियर, गिफ्ट, ड्रेस और कॉस्ट्यूम चाहिए तो आपको गोलघर पर ये सारी चीजें मिल जाएंगी.

वाराणसी कैसे जाएं ? (How to go banaras?)

वाराणसी जाने के लिए आप अपने शहर से किसी भी साधन से जा सकते हैं. यहां पर आप अपने खुद के वाहन, बस, ट्रेन, कार से जा सकते हैं. इसके अलावा यदि आप हवाई जहाज़ से जाना चाहते हैं तो उससे भी जा सकते हैं. वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट है.

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