कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा

कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा
क्या आप जानना चाहते हैं कि capital.com , HYCM या undefined में से कौन बेहतर ब्रोकर है?
निम्नलिखित तालिका में, आप अपनी व्यापारिक आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त निर्धारित करने के लिए capital.com , HYCM , और undefined के बीच के कार्यों की साथ-साथ तुलना कर सकते हैं.
capital.com , HYCM के बीच तुलना
क्या आप जानना चाहते हैं कि capital.com और HYCM के बीच बेहतर ब्रोकर कौन सा है?
निम्नलिखित तालिका में, आप अपनी व्यापारिक आवश्यकताओं के लिए सबसे उपयुक्त निर्धारित करने के लिए capital.com और HYCM की सुविधाओं की साथ-साथ तुलना कर कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा सकते हैं।
- WikiFX रेटिंग
- बेसिक जानकारी
- बेंचमार्क
- कारण
- संबंधित एक्सपोजर
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- औसत लेनदेन लागत
- (EURUSD)
- औसत लेनदेन लागत
- (XAUUSD)
- औसत लेनदेन लागत
- (EURUSD)
- औसत लेनदेन लागत
- (XAUUSD)
- Standard account
- Plus Account
- Premier account
ब्रोकर्सयोग्य जानकारी
HYCM ब्रोकर्ससंबंधित एक्सपोजर
वापसी की समस्या
निकासी में 3 सप्ताह की देरी हुई है। ग्राहक सेवा ने mt को एक तुच्छ तरीके से व्यवहार किया, और उसे रोक कर रखा।
Sk
एक्सपोज़र निकासी में 3 सप्ताह की देरी हुई है। ग्राहक सेवा ने mt को एक तुच्छ तरीके से व्यवहार किया, और उसे रोक कर रखा।
प्रोब्लेम को वापस लें
यह बहुत बुरा ब्रोकर है plz हमें यह ऐप न दें मेरे खाते पूर्ण सत्यापन बट हैं खराब स्कोम ब्रोकर को वापस नहीं लिया
Mudassir Nazar
एक्सपोज़र यह बहुत बुरा ब्रोकर है plz हमें यह ऐप न दें मेरे खाते पूर्ण सत्यापन बट हैं खराब स्कोम ब्रोकर को वापस नहीं लिया
कभी भी शामिल न हों कहे गए मजबूत सिग्नल समूह को समाप्त करें सभी स्टॉप लॉस्ट सिग्नल को समाप्त करें निवेशक के पैसे को धोखा देने का उनका तरीका है एक महीने में हारना जब तक 260 यूएसडी अभी भी वापस लेने के लिए 30 यूएसडी शुल्क मिला।
Zhiyuan Koh
एक्सपोज़र कभी भी शामिल न हों कहे गए मजबूत सिग्नल समूह को समाप्त करें सभी स्टॉप लॉस्ट सिग्नल को समाप्त करें निवेशक के पैसे को धोखा देने का उनका तरीका है एक महीने में हारना जब तक 260 यूएसडी अभी भी वापस लेने के लिए 30 यूएसडी शुल्क मिला।
कौन सा ब्रोकर अधिक विश्वसनीय है?
आप चार कारकों की जाँच करके ब्रोकर की विश्वसनीयता और विश्वसनीयता का निर्धारण कर सकते हैं:
1.विदेशी मुद्रा दलाल परिचय。
2.क्या capital-com, hycm, और undefined की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?
2.क्या capital-com, hycm की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?
3.कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?
4.कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?
इन चार कारकों के आधार पर हम तुलना कर सकते हैं कि कौन सा विश्वसनीय है. हमने कारणों को इस प्रकार विभाजित किया है:
क्या capital-com, hycm, और undefined की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?
क्या capital-com, hycm की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?
विभिन्न ब्रोकरों में लेनदेन लागतों की तुलना करने के लिए, हमारे विशेषज्ञ लेनदेन-विशिष्ट शुल्क (जैसे स्प्रेड) और गैर-व्यापारिक शुल्क (जैसे निष्क्रियता शुल्क और भुगतान लागत) का विश्लेषण करते हैं।
यह पूरी तरह से समझने के लिए कि capital-com, hycm, undefined की लागत कितनी होगी, हम पहले मानक खातों की सामान्य लागतों पर विचार करते हैं। capital-com पर, EURUSD मुद्रा जोड़े का औसत प्रसार -- है, hycm पर, प्रसार From 1.2 है, और undefined पर, प्रसार -- है.
capital-com और hycm कितने सस्ते या महंगे हैं, इसकी व्यापक समझ प्राप्त करने के लिए, हमने पहले मानक खातों के लिए सामान्य शुल्क पर विचार किया। capital-com पर, EUR/USD मुद्रा जोड़ी के लिए औसत स्प्रेड -- पिप्स है, जबकि hycm पर स्प्रेड From 1.2 है।
capital-com, hycm, और undefined के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?
capital-com, hycm के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?
हमारे शीर्ष दलालों की सुरक्षा का निर्धारण करने के लिए, हमारे विशेषज्ञ कई कारकों पर विचार करेंगे.इसमें शामिल है कि ब्रोकर के पास कौन से लाइसेंस हैं और इन लाइसेंसों कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा की विश्वसनीयता क्या है। हम दलालों के इतिहास पर भी विचार करते हैं, क्योंकि लंबी अवधि के दलाल आमतौर पर नए दलालों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद होते हैं
capital-com को ऑस्ट्रेलिया ASIC,साइप्रस CYSEC,यूनाइटेड किंगडम FCA,बेलोरूस NBRB,सेशेल्स FSA द्वारा नियंत्रित किया जाता है. hycm को यूनाइटेड किंगडम FCA,साइप्रस CYSEC,केमैन द्वीप समूह CIMA द्वारा नियंत्रित किया जाता है। undefined को undefined द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
capital-com को ऑस्ट्रेलिया ASIC,साइप्रस CYSEC,यूनाइटेड किंगडम FCA,बेलोरूस NBRB,सेशेल्स FSA द्वारा नियंत्रित किया जाता है. hycm को यूनाइटेड किंगडम FCA,साइप्रस CYSEC,केमैन द्वीप समूह CIMA द्वारा नियंत्रित किया जाता है
capital-com, hycm, और undefined के बीच कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?
capital-com, hycm के बीच कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?
जब हमारे विशेषज्ञ ब्रोकरों की समीक्षा करते हैं, तो वे अपना खाता खोलेंगे और ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेड करेंगे. यह उन्हें प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता, उपयोग में आसानी और कार्य का व्यापक मूल्यांकन करने में सक्षम बनाता है
capital-com ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें Standard account,Plus Account,Premier account और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं. hycm ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें CLASSIC,FIXED,RAW और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं। undefined ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें undefined और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं.
capital-com ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें Standard account,Plus Account,Premier account और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं. hycm ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें CLASSIC,FIXED,RAW और ट्रेडिंग किस्म -- शामिल हैं
प्रिलिम्स फैक्ट्स
(a) विदेशी मुद्रा संपत्ति, विशेष आहरण अधिकार और विदेशों से ऋण
(b) विदेशी मुद्रा संपत्ति, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा धारित स्वर्ण और विशेष आहरण अधिकार
(c) विदेशी मुद्रा संपत्ति, विश्व बैंक से ऋण और विशेष आहरण अधिकार
(d) विदेशी मुद्रा संपत्ति, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा धारित स्वर्ण और विश्व बैंक से ऋण
उत्तर: (b)
व्याख्या:
विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि एक केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित संपत्तियांँ हैं।
- आरबीआई के अनुसार, भारत की विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में शामिल हैं:
- विदेशी मुद्रा संपत्ति
- स्वर्ण
- विशेष आहरण अधिकार
- आईएमएफ के पास आरक्षित निधि की स्थिति
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 जुलाई, 2022
व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस
हिमाचल प्रदेश, व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) से जोड़ने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। VLTD से लैस सभी पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों को ERSS से जोड़ा जाएगा। इस मैकेनिज़्म के ज़रिये इन वाहनों को भारत में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है। 9,423 से अधिक वाहनों को पंजीकृत कर ERSS के साथ जोड़ा गया है। इस तंत्र के तहत अब पुलिस और परिवहन दोनों ही विभाग वाहनों की निगरानी कर सकते हैं। इस प्रणाली का शुभारंभ मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला के पीटरहॉफ में किया। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक वाहनों में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिये पैनिक बटन की सुविधा का भी शुभारंभ किया। इमरजेंसी पैनिक बटन सिस्टम और कमांड कंट्रोल सेंटर से युक्त व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ा गया है। जब संकट के समय इस पैनिक बटन को दबाया जाता है, तो यह सैटेलाइट के ज़रिये 112 पर सिग्नल भेजेगा। इसके बाद सिस्टम संकट में पड़े व्यक्ति को जोड़ेगा और पुलिस को सतर्क करेगा। इस निगरानी केंद्र या कमांड कंट्रोल सेंटर से वाहनों की चोरी और वाहन दुर्घटनाओं का आसानी से पता लगाने में मदद मिलेगी। महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये वाहन की आवाज़ाही की निगरानी करना आसान होगा। यह अभिनव पहल राज्यों में सड़कों को अधिक सुरक्षित बनाएगी।
सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिये राष्ट्रीय मानक
18 जुलाई, 2022 को केंद्र सरकार ने सिविल सेवकों की गुणवत्ता और क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से “सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिये राष्ट्रीय मानक” (National Standards for Civil Service Training Institutions) का अनावरण किया। NSCSTI को क्षमता निर्माण आयोग के मुख्यालय में लॉन्च किया गया। इसके साथ ही भारत सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिये राष्ट्रीय स्तर के मानक बनाने हेतु एक अनूठा मॉडल लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। लॉन्च इवेंट के दौरान राष्ट्रीय मानकों के लिये एक वेब पोर्टल और एप्रोच पेपर का भी अनावरण किया गया। क्षमता निर्माण आयोग को सिविल सेवकों के लिये मिशन कर्मयोगी के एक भाग के रूप में बनाया गया था। इस आयोग में संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ तथा वैश्विक पेशेवर शामिल हैं। यह वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को तैयार करने एवं निगरानी के साथ-साथ सरकार में मौजूद मानव संसाधनों का ऑडिट करने में मदद करेगा। सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने "मिशन कर्मयोगी" (Mission Karmayogi) राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (National Programme for Civil Services Capacity Building- NPCSCB) को शुरू करने की मंज़ूरी प्रदान की। कार्यक्रम का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी तथा प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिये तैयार करना है।
शतरंज ओलंपियाड की कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा मशाल रिले
शतरंज ओलंपियाड के 44वें संस्करण के हिस्से के रूप में चेन्नई में आयोजित की जा रही मशाल रिले 21 जुलाई, 2022 को केरल पहुँचेगी। कावारत्ती से कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचने के बाद ग्रैंड मास्टर विष्णु प्रसन्ना (जो शतरंज के लिये प्रसिद्ध है) मशाल को त्रिशूर ज़िले के मर्रोटीचल गाँव ले जाएंगे, जहाँ राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन मशाल ग्रहण करेंगे और इसे निहाल सरीन को सौंपेंगे। 22 जुलाई को मशाल को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम ले जाया जाएगा, जहाँ से यह आंध्र प्रदेश के तिरुपति के लिये रवाना होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मशाल रिले का समापन 27 जुलाई को चेन्नई के पास महाबलीपुरम में होगा। 44वाँ शतरंज ओलंपियाड 2022 का आयोजन 28 जुलाई से 9 अगस्त तक चेन्नई में किया जाएगा। वर्ष 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेज़बानी भारत में पहली बार और एशिया में हो 30 साल बाद हो रही है। 189 देशों के भाग लेने के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) शतरंज के खेल का शासी निकाय है और यह सभी अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं को नियंत्रित करता है। यह एक गैर-सरकारी संस्थान के रूप में गठित है। इसे वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा वैश्विक खेल संगठन के रूप में मान्यता दी गई थी।
Forex Trading Signals Explained
To begin with, we must be clear that Forex trading signals provide us with all kinds of information about the financial markets that we have available to operate, as well as the assets in which we can invest.
To begin with, we must be clear that Forex trading signals provide us with all kinds of information about the financial markets that we have available to operate, as well as the assets in which we can invest.
Using the data specified in these signals, it is predicted what will be the final price that a specific asset may present, information that will be very useful for the future to be able to carry out our operations in the most successful way possible.
What are Forex trading signals?
Forex trading signals are alerts traders receive on their trading devices (whether a phone or a computer) where they warn them of the opportunity to buy or sell a certain currency pair. The main characteristic of these Forex signals is that they are made by different computer software or professional traders, who can verify their success in the market they are working on.
Subscribing to these signal providers is obligatory if you want to receive the signals and in most cases, this kind of service comes at a charge, although there are also कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा sites/channels that offer Forex trading signals for free. Some of these services include news on a permanent basis, linked to the currency market.
Usually the trader receives an indication of which trade to tackle as an opportunity. But, these Forex signals lack any argument to justify why we should face such an option. Hence, the mistrust it has generated.
Most signals are built in a timeframe that matches a particular strategy. This will depend on if we’re trying to do scalp trading or swing trading. The best signals are supported by the signature of a prestigious specialist in financial markets, which would help give a credibility framework to said signals.
Are Forex trading signals reliable?
Although these signals have numerous admirers and many other detractors, the wisest option is always to take an objective position on their effectiveness and analyze how much profit they can bring us.
- For signals designed by programs or computer algorithms, Forex signals can be a good compendium of an instant technical analysis. Of this there is no doubt. Those algorithms collect all kinds of technical data and draw a series of investment conclusions.
For the same reason, these signals have the enormous disadvantage of not being able to correctly assess all market reactions to situations that are beyond technical: an untimely decision by a central bank, a threat of war, a terrorist attack, the fall of an untimely company, etc. All elements that can seriously affect the currency markets, but that will not be duly taken into account by software.
- For signals whose setups are created by market specialists/professional traders, the margin ratio generated by these alerts will be proportional to the experience and performance of this person trading these assets. The more successful the trader, the more accurate the signals will be.
Another aspect that we must take into account is the risk management that the signal provider handles, since in this world there are losses and gains. However, good risk management can minimize your losses and maximize your profits.
The truth is that many brokers also provide this service, but, in the event that the support that we have chosen does not offer us a signal system, we can always work with providers that are exclusively dedicated to issuing all kinds of alerts.
Of course, although these signals usually offer data for all markets, we are above all interested in acquiring information about Forex, since, as we well know, it is the most important market that exists, since in it, they carry out multiple transactions on a daily basis.
कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा
वीडियोकॉन की पहचान उसके उत्पादों की आम लोगों तक सशक्त पहुंच से है। वीडियोकॉन ने रंगीन टीवी सेट की बिक्री की शुरुआत 25 साल पहले की थी और अब उसने शहरी उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच बनाने के लिए रूपरेखा तैयार की है। शहरी उपभोक्ताओं तक वीडियोकॉन की पहुंच अभी तक उतनी सशक्त नहीं रही है। वीडियोकॉन की बिक्री का करीब 60 से 70 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली बिक्री से आता है। बाकी की बिक्री शहरी क्षेत्रों में होती है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से होने वाली बिक्री को 50-50 फीसदी के स्तर पर लाने के लिए कंपनी फ्लैट पैनल टीवी, रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर खंड में प्रीमियम ब्रांड को पेश करने की रणनीति बना रही है । इस क्षेत्र में पहले से ही कोरियाई और जापानी कंपनी की मौजूदगी है। वीडियोकॉन के प्रमुख वेणुगोपाल धूत के 34 वर्षीय बेटे अनिरूद्घ धूत अपने पिता की रणनीति को धीरे धीरे अपना रहे हैं। वेणुगोपाल धूत पिछले दो दशकों के दौरान कम लागत, हाई वॉल्यूम बिजनेस मॉडल के साथ इलेक्ट्रोलक्स, केल्विनेटर और सनसुई आदि ब्रांडों का अधिग्रहण करने के बाद इस कारोबार के नियमों को बदल चुके हैं। वीडियोकॉन के निदेशक धूत ब्रांडिंग और विपणन का काम देखते हैं। उन्होंने बताया कि ध्यान उन उत्पादों पर रहेगा जो कि प्रौद्योगिकी आधारित है। वे शहरी उपभोक्ताओं का ध्यान खींच सकें गे। उन्होंने बताया, 'शहरी उपभोक्ताओं के लिए किसी प्रकार के विकल्प की कोई कमी नहीं है जो कि प्रौद्योगिकी पसंदीदा हैं। हमारे पोर्टफोलियो में इस अंतर को पूरा करना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है।'
इस प्रक्रिया में वीडियोकॉन की प्रतिस्पर्धा सैमसंग के साथ है जो कि भारत में प्रीमियम उत्पादों की रणनीति को अपना रही है। धूत कार्डिफ विश्वविद्यालय से एमबीए हैं और वे समूह में 10 साल पहले शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि वे कोरियाई प्रतिद्वंद्वी से काफी चिंतित है। धूत ने कहा, 'यहां सबके लिए जगह है।' उन्होंने बताया, 'वितरण के क्षेत्र में हमारी पहुंच है और हमारे प्रमुख ब्रांड को लोग जानते हैं। हमें अपने प्रोफाइल में थोड़ा सुधार करने की आवश्यकता है और अब हम उस पर काम कर रहे हैं।' कंपनी के पास 11 विनिर्माण केंद्र हैं जिनमें से 8 भारत में जबकि 3 विदेशों में हैं। कंपनी ने हाल ही में एलईडी टीवी को पेश किया है ताकि डिजिटल सिग्नल के लिए सेट टॉप बॉक्स की अनिवार्यता को दूर किया जा सके। इस प्रौद्योगिकी को डिजिटल डाइरेक्ट ब्रॉडकास्ट (डीडीबी) कहा जाता है और इसे हाल में मुंबई में पेश किया जा चुका है।गति और सावधानी
निस्संदेह, आधुनिक युग में इंटरनेट से जुड़ी सुविधाएं हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी हैं। ऑनलाइन खरीददारी, बिलों का भुगतान, टिकटों की खरीददारी से लेकर पढ़ाई तक इस पर निर्भर है। यहां तक कि कोरोना संकट ने टेलीमेडिसिन जैसी सुविधा की अपरिहार्यता को बताया। लेकिन इंटरनेट की धीमी गति हमेशा से इन सुविधाओं की गुणवत्ता में बाधक बनती रही है। अब पांचवीं पीढ़ी की इंटरनेट सेवा 5-जी की नीलामी को केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने से न केवल इन सुविधाओं का विस्तार होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बहुप्रतीक्षित फाइव-जी स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है। अनुमान है कि सरकार को 4.3 लाख करोड़ रुपये की उपलब्धि हासिल होगी। निस्संदेह देश में कुल फोन का 98 प्रतिशत हिस्सा वायरलेस फोन का है, जिन्हें फाइव-जी अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायेगा। अब तक अनिश्चित नेट स्पीड व कनेक्टिविटी की समस्या से उपभोक्ता दो-चार रहे थे। ऐसे वक्त में जब पेशेवर कार्यों, शैक्षणिक व सामाजिक तथा मनोरंजन क्षेत्र में इंटरनेट गति अपरिहार्य हो चली है, फाइव-जी तकनीक का आना सुखद ही है। निस्संदेह, अब सरकार व टेलीकॉम कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि इस बदलाव को कैसे सुचारू रूप से अंजाम दिया जाये। सबसे बड़ी जरूरत इस बात की है कि फाइव-जी तकनीक की नीलामी को निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से अंजाम दिया जाये। विगत में दो-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में जो कदाचार के आरोप लगे थे, उसने देश में बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया था। जो कालांतर राजनीतिक नेतृत्व परिवर्तन का वाहक बना। कैग के अनुसार, दो-जी स्पेक्ट्रम के कथित घोटाले से पौने दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान सरकार को हुआ। साथ ही दूरसंचार के क्षेत्र में भारत की अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई। निस्संदेह, ऐसी तमाम अनियमितताओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिये सावधानी पूर्वक कदम उठाये जाने चाहिए। वहीं विवाद का एक मुद्दा बड़ी तकनीकी फर्मों द्वारा दूरसंचार कंपनियों से लीज पर अपने निजी गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिये फाइव-जी स्पेक्ट्रम लेने की अनुमति से जुड़ा भी है।
निस्संदेह, पांचवीं पीढ़ी के कम लागत पर विदेशी मुद्रा सिग्नल सेवा इंटरनेट को मंजूरी मिलना देश की तरक्की से जुड़ा महत्वपूर्ण निर्णय है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियां अपनी लागत का प्रबंधन कैसे करती हैं। वे कैसे अपने संसाधनों का विस्तार करती हैं ताकि उपभोक्ता को बेहतर सिग्नल व तीव्र गति की इंटरनेट सुविधा मिल सके। सवाल केवल सस्ते डेटा का ही नहीं है बल्कि नेटवर्क की गुणवत्ता ज्यादा मायने रखती है। निस्संदेह, फाइव-जी प्रेरित डिजिटल सशक्तीकरण से देश की विकास दर को भी अपेक्षित गति मिल सकेगी जिसके चलते हम एक ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यह एक हकीकत है कि जैसे-जैसे हमारी निर्भरता डिजिटल व्यवस्था पर बढ़ती गई है गति वाले इंटरनेट सुविधा की मांग भी बढ़ने लगी है। अब महज सूचना व मनोरंजन ही नहीं, हमारे दैनिक जीवन की तमाम सुविधाएं बेहतर संचालन के लिये तीव्र इंटरनेट सुविधा की मांग करती हैं। कोरोना संकट के दौरान ऑनलाइन शिक्षा की अपरिहार्यता को हमने गहरे तक महसूस किया। लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में धीमी इंटरनेट सुविधा से छात्रों को होने वाली परेशानी को भी देखा गया। यहां तक कि कोरोना काल में इंटरनेट आधारित चिकित्सा सुविधाओं को भी पर्याप्त विस्तार मिला। निस्संदेह, सरकार डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के जरिये घर-घर तक इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के लक्ष्य के करीब पहुंचती दिखी। भले ही देश में चौथी पीढ़ी की इंटरनेट सेवा अधिकांश क्षेत्रों में विस्तार पा चुकी है, लेकिन धीमी इंटरनेट सुविधा के चलते पर्याप्त लक्ष्य हासिल नहीं हो पाये हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि फाइव-जी इंटरनेट सुविधा के चलते उन तमाम खामियों को दूर किया जा सकेगा। बेहतर होगा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिये पांचवीं पीढ़ी के इंटरनेट से जुड़े उपकरणों का निर्माण तेजी से देश में किया जा सके ताकि हमारी चीन व अन्य देशों पर निर्भरता कम हो और दुर्लभ विदेशी मुद्रा की भी बचत हो सके।