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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

RBI ने थोक बिक्री क्षेत्र में डिजिटल रुपए की पायलट परियोजना आरंभ किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर से थोक बिक्री क्षेत्र (होलसेल सेगमेंट) में डिजिटल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? रुपए (CBDC) की पायलट परियोजना शुरू की है. डिजिटल रुपया सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेन-देन निपटाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

मुख्य बिन्दु

  • होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्‍टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं.
  • इस पायलट परियोजना के नतीजों के आधार पर अन्य थोक लेन-देन और सीमा पार भुगतान की प्रणाली तैयार की जाएगी.
  • खुदरा क्षेत्र में डिजिटल रुपए के इस्तेमाल की परियोजना चयनित स्थलों पर एक महीने के भीतर शुरू की जाएगी.
  • ई-रुपया अंतर बैंक बाजार को और कार्यकुशल बनाएगा और इससे लेन-देन लागत में कमी आएगी.

क्या है डिजिटल करेंसी?

  • डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी (CBDC) आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? रुपये डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W). रिटेल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्‍तीय संस्‍थानों के लिए होगा.

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में मुख्‍य अंतर यह है कि क्रिप्‍टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसे सरकार मॉनिटर नहीं करती इसलिए यह वैध मुद्रा (लीगर टेंडर) नहीं है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से वैध मुद्रा है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है.

Digital Currency क्या है? फायदे और नुक्सान

Digital Currency Kya Hai in Hindi

क्या आप जानते है, Digital Currency क्या है? अगर नहीं तो आज हम इस लेख में Digital Currency क्या होती है? इसके बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में विस्तार से जानेगे। डिजिटल करेंसी का उपयोग सबसे ज्यादा उस डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? समय होता था, जब 8 नवम्बर 2016 को को भारत के प्रधानमन्त्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने नोटबंदी की थी। उस समय बहुत ज्यादा समस्यां का सामना करना पड़ा था, किसी के पास भी नई नोट नहीं थे, तो लोगो ने उस समय ज्यादातर लेन देन डिजिटल करेंसी के द्वारा ही किया था।

हालाकिं आज के समय में भारत में बहुत ज्यादा Ewallet का उपयोग किया जाता है। अगर हम कही से शोपिंग करते है, या फिर कोई भी चीज खरीदते है, और हमारे पास पैसे कैश में नहीं होते है, तो हम अपने ईवॉलेट से ऑनलाइन पेमेंट कर देते है। इसके आलावा भारत ने बैंकिंग के क्षेत्र में भी बहुत सारे बदलाब किये है, जिनमे से इंटरनेट बैंकिंग भी एक अच्छा कदम है। साथ ही रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर भारत सरकार ने डिजिटल करेंसी को लाने का फैसला लिया। तो आइये जानते है, की डिजिटल करेंसी क्या है (Digital Currency Kya Hai)

Table of Contents

Digital Currency क्या है | What is Digital Currency in Hindi

डिजिटल करेंसी का पूरा नाम “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी” होता है, इसे ई-मुद्रा (E-Currency) के नाम से भी जाना जाता है। डिजिटल करेंसी को हम छू नहीं सकते है, यह सिर्फ आप अपने लैपटॉप, स्मार्टफोन और कंप्यूटर आदि में ही देख सकते है। इसके अलावा आप इसे Online Transfer भी कर सकते है। जबकि अगर हम बात करें पेपर करेंसी की तो इसे हमें बैंक में जाकर जमा करना होता है। लेकिन डिजिटल करेंसी पूरी तरह से अलग है, यह इंटरनेट के माध्यम से ही कण्ट्रोल होती है।

क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी को डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? भारत सरकार के केंद्रीय बैंक द्वारा मान्यता भी मिल चुकी है। भारत में डिजिटल करेंसी को “डिजिटल रुपया” के नाम से भी जाना जाता है। अगर हम आसान भाषा में समझे की डिजिटल करेंसी क्या होती है, तो इसका सीधा सा मतलब है, पैसे को इलेक्टॉनिक रूप से उपयोग करना। इससे बैंकों में जाकर लम्बी लम्बी लाइन में नहीं लगना पड़ता है, बस आप अपना बैंक अकाउंट खुलवाने के बाद अपने पैसों को डिजिटल रूप से उपयोग कर सकते है।

डिजिटल करेंसी और यह क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?

डिजिटल करेंसी और यह क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आमतौर पर एक वर्चुअल करेंसी है, जिसे केंद्रीय बैंक द्वारा टेंडर के रूप में जारी किया जाता है। और आपको बता दें, की डिजिटल करेंसी क़ानूनी रूप से सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। डिजिटल करेंसी उन सभी देशो द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, जहाँ पर केंद्रीय बैंक इस करेंसी को जारी करता है। इस करेंसी का उपयोग कॉन्टैक्टलेस पेमेंट के लिए किया जाता है, उदहारण के लिए जब भी आप अपने बैंक अकाउंट से अपने किसी परिवार के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते है। या फिर आप एटीएम से पैसे निकलते है।

अगर हम बात करें, की क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्रिप्टोकरेंसी के अंतर्गत ही बिटकॉइन करेंसी भी आती है, यह करेंसी फिजिकल नहीं होती है। आप इस करेंसी को छू नहीं सकते है। इस तरह की करेंसी सरकार के नियंत्रण में नहीं होती है, और ना ही किसी डिजिटल वॉलेट में राखी जाती है। आपको बता दें, की क्रिप्टोकरेंसी में समय समय पर उतर चढ़ाव होते है, रहते है, जबकि डिजिटल करेंसी में किसी भी तरह का उतार चढ़ाव नहीं होता है।

डिजिटल करेंसी किन देशों में चलती है?

आपको बता दें, की Digital Currency दुनिया के कई देशो में चलती है, जिनमे जापान, स्वीडन, और चीन शामिल है, यहाँ पर डिजिटल करेंसी का Trail शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा अमेरिका में भी डिजिटल करेंसी लाने का विचार हो रहा है। बहामास, ट्यूनीशिया, और इक्वाडोर में डिजिटल करेंसी का उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है।

डिजिटल करेंसी के फायदे एवं विशेषताएं (Advantages of Digital Currency)

  • डिजिटल करेंसी को सरकारी दवारा मान्यता प्राप्त होगी।
  • डिजिटल करेंसी आने के बाद लोगो को नगदी से छुटकारा मिल जाएगा।
  • डिजिटल करेंसी को देश के केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट में शामिल किया जाएगा।
  • इस करेंसी के बाद सरकार यह फायदा भी होगा, की जितना खर्चा सरकार का नोट छपने में लगता है, उसमे कमी आएगी।
  • इस करेंसी के बाद लोग अपने पैसे को जमा करने और निकलने की परेशानियों से भी बच जाएंगे। क्योकिं इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा।
  • डिजिटल करेंसी आने के बाद लोग अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर अच्छा अनुभव करेंगे, क्योकिं यह नगदी से बहुत ज्यादा सुरक्षित है।

डिजिटल करेंसी से नुकसान (Disadvantages of Digital Currency) डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

कोई भी चीज हो चीज हो जिस तरह से उसके फायदे होते है, उसी तरह से उसके नुक्सान भी होते है। उसी तरह से डिजिटल करेंसी के फयदे और नुक्सान (Advantages and Disadvantages of Digital Currency) दोनों है। हालाकिं हमने डिजिटल करेंसी के फायदे के बारे में तो जान लिया है, तो आइये अब जानते है, डिजिटल करेंसी के नुक्सान क्या है –

  • डिजिटल करेंसी आने के बाद बैंक कर्मचारियों नुक्सान हुआ है।
  • डिजिटल करेंसी आने के बाद से बैंक में कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गयी है।
  • ज्यादातर चीजे बैंको में इलेक्ट्रॉनिक हो चुकी है, इसलिए बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती भी कम निकल सकती है।
  • जो लोग बैंक सेक्टर में जॉब करते है, उनको कही ना कही अपनी जॉब को लेकर असुरक्षा महसूस हो सकती है।
  • हालाकिं डिजिटल करेंसी का ऐसा कोई भी बड़ा नुक्सान नहीं है, बस बैंक क्षेत्र में जॉब करने वालो के लिए यह एक थोड़ी समस्यां का है।

Digital Currency का उपयोग कैसे करें?

भारत में आने वाली डिजिटल करेंसी अन्य क्रिप्टो करेंसी की तरह ही कार्य करेगी। लेकिन इसमें सिर्फ यह अंतर होगा, की यह करेंसी सरकार के अंतर्गत होगी। इस करेंसी का उपयोग किस तरह से करना है, इसके बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिशा निर्देश जारी किये जानेगे। ऐसा माना जा रहा है, की इस करेंसी को Blockchain और अन्य तकनिकी की मदद से परिचय कराया जायेगा।

Note – यह लेख Digital Currency क्या है? (Digital Currency in Hindi) इसके बारे में था। जिसमे आपको डिजिटल करेंसी के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

समझे क्या है क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर

डिजिटल रुपये, डिजिटल संपत्ति (asset) और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर को समझाते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निकल एक कांफ्रेंस के दौरान बताया कि आरबीआई जो जारी करेगा वह एक डिजिटल मुद्रा ( digital currency) है, और इसके इसके अलावा जो भी करेंसी कोई एक व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है , वह व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति है। और उन संपत्तियों के लेन-देन से होने वाले मुनाफे पर 30% कर(tax) लगाया जाएगा।

केंद्रीय बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया था कि ‘RBI जल्द ही डिजिटल रुपया पेश करेगा’ और बजट के दूसरे भाग में, उन्होंने यह भी कहा कि ‘डिजिटल संपत्ति पर 30% कर लगाया जाएगा’। और इन दोनों बयानों ने मिलकर निवेशकों के बीच काफी भ्रम पैदा किया।
बजट के पेश होने के बाद लगातार निवेशक को में इस बात को लेकर दुविधा थी कि आखिर यह 30 % टैक्स किस चीज पर लगने वाला है और किस तरीके से लागू होगा।

इस कन्फ्यूजन को मिटाते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कांफ्रेंस के दौरान बताया कि किसी भी करेंसी को तब करेंसी कहा जाता है जब इसे केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाता है, भले ही वो क्रिप्टो हो । इसके अलावा जो भी करेंसी अभी देश में है जिसे हम आजकल क्रिप्टो करेंसी कहते हैं , वह करेंसी में नहीं आता है।

वह बोली ” आप पहले यह समझे कि, हम उन मुद्राओं(currency) पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं जिन्हें अभी जारी किया जाना है। आरबीआई जो जारी करेगा वह एक डिजिटल मुद्रा है, और इसके डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? अलावा जो कुछ भी चल रहा है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई गई संपत्ति है। और उन संपत्तियों के लेन-देन से होने वाले मुनाफे पर 30% कर लगाया जाएगा। हम पैसे के हर लेन-देन पर अपनी नजर रख रहे हैं क्योंकि पैसे की हर लेन-देन पर 1% टीडीएस लगाया जाएगा।”

दुनिया भर के अलग-अलग देशों में और बीते 1 साल से भारत में जो क्रिप्टो करेंसी चल रही है वह असलियत में डिजिटल ऐसेट है ना की करेंसी। आप यह समझिए कि ‘डिजिटल रुपया’ एक तरह की करेंसी है जो रिज़र्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी की जाएगी और भौतिक मुद्रा(physical currency) के साथ बदली जा सकेगी। इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाली नियम शैली अभी भी पूरी नहीं हुई है।

Central Bank Digital Currency (CBDC) एक तरह की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है लेकिन यह क्रिप्टो करेंसी से बहुत अलग है। डिजिटल रूपी बीते 10 सालों में बढ़ रहे क्रिप्टोकरंसी से बहुत मायनों में अलग है क्योंकि डिजिटल रूपी को आरबीआई के अंतर्गत लाया जाएगा जबकि क्रिप्टो करेंसी किसी के द्वारा भी इशू नहीं किया जाता।

आपको बता दें कि भारत सरकार है काफी लंबे समय से क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रही थीं। रहक्योंकि केंद्र सरकार को लगता है कि क्रिप्टो करेंसी कहीं ना कहीं देश की सुरक्षा और वित्तीय स्थिति खराब कर सकता है।

डिजिटल रुपया क्या है?

जबकि अधिकांश लोग यह देखने के लिए इंतजार डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? कर रहे थे कि क्या क्रिप्टोक्यूरैंक्स बंद हो जाएंगे, ऐसा लगता है कि सरकार ने अपना डिजिटल रुपया स्थापित करके एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है, जो बाद में 2022 और 2023 की शुरुआत में उपलब्ध होगा।

Digital Rupee

घोषणा, केंद्रीय करार दियाबैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), का दावा है कि डिजिटल रुपया मुद्रा "डिजिटल को बढ़ावा देगी"अर्थव्यवस्थातो, डिजिटल करेंसी क्या है, यह कैसे काम करती है, और यह बिटकॉइन जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी से कैसे भिन्न है? आपके लिए चीजों को समझना आसान बनाने के लिए, इस लेख में सब कुछ संक्षेप में कवर किया गया है।

डिजिटल रुपया क्या है?

डिजिटल रुपया अनिवार्य रूप से पारंपरिक मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है जिसका लोग दैनिक उपयोग करते हैं। आप पैसे को सुरक्षित डिजिटल फॉर्मेट में रख सकते हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है (रुपये में एक क्रिप्टोकरेंसी की तरह), जो मुद्रा रखरखाव की लागत को कम करता है और सरकार को भविष्य में कम नोट बनाने की अनुमति देता है।

चूंकि मुद्रा डिजिटल है, इसलिए इसका जीवनकाल बढ़ाया जाता है क्योंकि डिजिटल संस्करण नष्ट या खो नहीं सकते हैं।

सीबीडीसी क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक ने कानूनी धन के रूप में CBDC, या सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा जारी की है। CBDC किसी देश की आधिकारिक मुद्रा का एक डिजिटल टोकन या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड है जो एक विनिमय माध्यम, खाता इकाई, मूल्य स्टोर और आस्थगित भुगतान मानक के रूप में कार्य करता है। सीबीडीसी एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक मुद्रा प्रकार है जो आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार कागजी नकदी से अलग है। यह इलेक्ट्रॉनिक मोड में संप्रभु मुद्रा है, और यह केंद्रीय बैंक के पर दिखाई देगाबैलेंस शीट एक दायित्व के रूप में। CBDC को तब नकद में बदला जा सकता है।

डिजिटल रुपये का कार्य

भले ही डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक से संचालित होगा, लेकिन इसे एक केंद्रीय निकाय द्वारा प्रबंधित और देखरेख किया जाएगा, जो विभिन्न कारकों के कारण मुद्रा अस्थिरता से बच जाएगा।

जैसा कि डिजिटल रुपया एक अन्य प्रकार का फिएट मुद्रा है, यह डिजिटल भुगतान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावना है। भारतीय रुपये में 1 क्रिप्टोकरेंसी एक आरबीआई डिजिटल रुपया होगा।

CBDC वर्तमान में एक प्रचार क्यों है?

निम्नलिखित कारणों से CBDC को अपनाना आवश्यक है:

  • कागजी मुद्रा के घटते उपयोग का सामना करते हुए, केंद्रीय बैंक मुद्रा के अधिक उपयुक्त इलेक्ट्रॉनिक रूप को लोकप्रिय बनाने का प्रयास करते हैं
  • केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं के लिए जनता की आवश्यकता को समायोजित करने का प्रयास कर रहे हैं, जैसा कि निजी आभासी मुद्राओं के बढ़ते उपयोग से पता चलता है
  • ये बैंक ऐसी निजी मुद्राओं के अधिक हानिकारक प्रभावों से भी बच रहे हैं

डिजिटल रुपया सिक्का और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर

डिजिटल रुपया कई मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है, जो इस प्रकार है:

फ़ैक्टर भेदभाव का cryptocurrency डिजिटल रुपया
विकास और संचालन क्रिप्टोक्यूरेंसी एक ब्लॉकचेन-आधारित, पूरी तरह से विकेन्द्रीकृत संपत्ति और एक व्यापार माध्यम है। हालांकि, इसकी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण विवाद छिड़ गया है, जिसका अर्थ है कि यह बैंकों, वित्तीय संगठनों या केंद्र सरकारों जैसे किसी भी बिचौलियों का उपयोग किए बिना संचालित होता है। इसके विपरीत, डिजिटल रुपया आरबीआई में क्रिप्टोकुरेंसी की सभी विशेषताएं हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर बनाया गया है और इसका उद्देश्य भौतिक मुद्रा की भविष्य की जरूरतों को खत्म करना है। एक डिजिटल रुपया एक केंद्रीकृत वातावरण में काम करता है
सरकार और सरकारी संगठनों का प्रभाव यह सरकारी प्रभाव या हेरफेर से अप्रभावित है। इसका मूल्य भी नि:शुल्क स्थापित किया जाता है-मंडी बलों और किसी भी वस्तु से संबंधित नहीं है जब डिजिटल रुपये की बात आती है, तो आरबीआई प्रभारी होगा, क्योंकि यह कुछ अन्य बैंकिंग संस्थानों के साथ अपना नेटवर्क स्थापित करेगा। नतीजतन, डिजिटल रुपये की नेटवर्क पहुंच स्थानीय निकायों और संस्थानों तक सीमित है
मूल्य निर्धारण क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं हैं डिजिटल रुपये की कीमत आरबीआई की भौतिक नकदी के डिजिटल समकक्ष डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? होगी और इस प्रकार सरकार द्वारा समर्थित होगी। यह एक भौतिक रुपया समकक्ष रखने के बराबर होगा। यह फिएट मुद्रा (सरकार द्वारा जारी धन) की तरह ही काम करता है और मौजूदा नकदी के लिए एक-एक के लिए कारोबार किया जा सकता है
कानून बनाना क्रिप्टोकरेंसी को नहीं माना जाएगाकानूनी निविदा भारत में कभी भी जल्द ही RBI की डिजिटल मुद्रा कानूनी नकदी बन सकती है

एक डिजिटल रुपये की आवश्यकता

डिजिटल रुपया पेश करने के आरबीआई के फैसले का एक प्रमुख कारण यह है कि भारत आभासी मुद्रा की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता। सरकार के अनुसार, आभासी मुद्रा यहां रहने के लिए होगी।

आप इसे पसंद करें या न करें, इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। इस बात से इनकार करने के बजाय कि आभासी मुद्रा मौजूद है, सरकार ने अपना खुद का निर्माण करना चुना है। सामान्य रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को स्थानांतरित करने के लिए आपको बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी।

आप इसे तुरंत दूसरे व्यक्ति के डिजिटल रुपया वॉलेट में भेज पाएंगे क्योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा।

डिजिटल रुपया बनाम नियमित रुपया

डिजिटल रुपये को मुद्रा के रूप में गिना जाएगा। यह कम भौतिक नकद नोटों को छापने और जालसाजी को कम करने में सरकार की सहायता करेगा। यह एक अधिक कुशल और लागत प्रभावी मुद्रा प्रबंधन प्रणाली के विकास में सहायता करेगा।

इंटरनेट लेनदेन के लिए, मानक रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को बैंक बिचौलिए के उपयोग की आवश्यकता नहीं होगी। लेनदेन को प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों द्वारा ब्लॉकचेन के माध्यम से पूरा किया जा सकता है, जिसमें आरबीआई गारंटी के रूप में कार्य करता है।

डिजिटल रुपये की कमियां

यदि आप डिजिटल रुपये का उपयोग करते हैं तो हमेशा पैसे की कमी रहेगी। सरकार को पता चल जाएगा कि आपने इसके कारण पैसा कहां और कैसे खर्च किया। गोपनीयता की चिंता भी होगी क्योंकि इसमें शामिल लोगों के वित्तीय लेनदेन का खुलासा और शोषण किया जा सकता है। इसके अलावा, बैंकों के डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? पास उधार देने के लिए कम पैसा हो सकता है क्योंकि डिजिटल मुद्रा सीधे आरबीआई द्वारा अंतिम उपयोगकर्ता को जारी की जाएगी।

निष्कर्ष

डिजिटल रुपये का उपयोग वास्तविक दुनिया में विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें सब्सिडी के लिए प्रोग्राम योग्य भुगतान और वित्तीय संस्थानों द्वारा तेजी से उधार और भुगतान शामिल हैं। जल्द ही, कैशलेस अर्थव्यवस्था में एक व्यावहारिक बदलाव हो सकता है जो कैशलेस भुगतान के लिए सरकार के जोर को बढ़ावा देगा और बैंकिंग क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

जैसे-जैसे डिजिटल रुपये का उपयोग बढ़ता है, यह सीमा पार प्रेषण जैसी चीजों में सुधार कर सकता है। इंटरऑपरेबिलिटी के लिए एक वातावरण बनाया जा सकता है, जिससे तेजी से रीयल-टाइम ट्रांसमिशन की अनुमति मिलती है।

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