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स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें?

स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें?
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Buzzing Stocks: 4 साल में दिया 4000% का रिटर्न, अब 1:10 के अनुपात में स्टॉक स्पिल्ट करेगी यह इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी

पिछले 4 सालों में अपने निवेशकों को 4,000% से भी अधिक का रिटर्न देने वाली कंपनी सनमित इंफ्रा लिमिटेड (Sanmit Infra Ltd) ने अब अपने शेयरों को 1:10 के अनुपात में स्टॉक स्पिल्ट करने का ऐलान किया है

Multibagger Stocks: पिछले 4 सालों में अपने निवेशकों को 4,000 पर्सेंट से भी अधिक का रिटर्न देने वाली कंपनी सनमित इंफ्रा लिमिटेड (Sanmit Infra Ltd) ने अब अपने शेयरों को 1:10 के अनुपात में विभाजित यानी स्टॉक स्पिल्ट करने का ऐलान स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? किया है। 1:10 के अनुपात का मतलब है कि कंपनी अपने प्रत्येक 1 शेयर को 10 छोटे-छोटे शेयरों में बांट देगी। Sanmit Infra ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया कि उसके बोर्ड ने स्टॉक स्पिल्ट के लिए 31 अक्टूबर 2020 की तारीख को रिकॉर्ड डेट (Record Date) के रूप में तय किया है।

सनमित इंफ्रा ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की 4 अक्टबूर को बैठक में हुई थी, जिसमें स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? स्पिल्ट के उद्देश्य से 31 अक्टूबर 2022 को रिकॉर्ड डेट तय करने का फैसला किया गया। कंपनी ने बताया कि स्टॉक स्पिल्ट के तहत कंपनी के 10 स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक 1 शेयर को, 1 रुपये के फेस वैल्यू 10 शेयरों में बांटा जाएगा।

सनमित इंफ्रा 869.44 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली एक रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनी है। यह उन चुनिंदा कंपनियों में से जो पिछले कुछ सालों से अपने निवेशकों को लगातार मल्टीबैगर रिटर्न दे रही है। कंपनी के शेयर आज यानी सोमवार 10 अक्टूबर को बीएसई पर 550.25 रुपये पर सूचीबद्ध हुई थे।

आईपीओ में निवेश के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए

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Stock Market: शेयर बाजार क्या है?

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.

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BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.

ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.

किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.

Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.

प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.

कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.

इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.

शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.

अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.

शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.

आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.

बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.

इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.

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Dreamfolks के IPO में निवेश करने वाले निवेशकों की चांदी, 56 फीसदी की तेजी के साथ सूचीबद्ध हुआ Stock

Dreamfolks: कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पिछले महीने 56.68 गुना अभिदान मिला था।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 06, 2022 13:25 IST

Airport - India TV Hindi

Photo:AP Airport

Highlights

  • आईपीओ पूरी तरह से 1,72,42,368 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में लाया गया था
  • कंपनी का शेयर बीएसई पर 505 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ जो इसके निर्गम मूल्य की तुलना में 54% अधिक
  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कंपनी का शेयर 56% की तेजी के साथ 508.70 स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? रुपये पर सूचीबद्ध

Dreamfolks: हवाईअड्डों के लिए ऑनलाइन सेवाएं देने वाले मंच ड्रीमफॉक्स सर्विसेज का शेयर मंगलवार को 326 रुपये के निर्गम मूल्य की तुलना में शेयर बाजार में 56 फीसदी की तेजी के साथ सूचीबद्ध हुआ। कंपनी का शेयर बीएसई पर 505 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ जो इसके निर्गम मूल्य की तुलना में 54.90 फीसदी अधिक है। इसके बाद यह 68.71 फीसदी की तेजी के साथ 550 रुपये पर आ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कंपनी का शेयर 56 फीसदी की तेजी के साथ 508.70 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ।

56 गुना अभिदान मिला था

कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पिछले महीने 56.68 गुना अभिदान मिला था। यह आईपीओ पूरी तरह से 1,72,42,368 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में लाया गया था और आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 308-326 रुपये रखा गया था।

तमिलनाड मर्केंटाइल बैक के आईपीओ को पूरा अभिदान

तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के 831.6 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंगलवार को निर्गम के दूसरे दिन सुबह के कारोबार में पूर्ण अभिदान मिला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ के तहत 87,12,000 शेयरों की पेशकश पर 88,32,292 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। खुदरा व्यक्तिगत निवेशक (आरआईआई) श्रेणी में 2.15 गुना अभिदान मिला। वहीं पात्र संस्थागत खरीदार श्रेणी में 73 प्रतिशत तथा गैर-संस्थागत निवेशक श्रेणी में 84 प्रतिशत अभिदान मिला। कंपनी के 1.58 करोड़ इक्विटी शेयरों के आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 500 से 525 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। निजी क्षेत्र के बैंक को सोमवार को निर्गम के पहले दिन 83 प्रतिशत अभिदान मिला था।

आईपीओ क्या होता है व निवेश करते समय ध्यान में रखने वाली बातें

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शेयर बाज़ारों के सन्दर्भ में ‘आईपीओ’ या ‘प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव’ (Initial Public Offering) सबसे अधिक प्रयोग होने वाले शब्दों में से एक है। पिछले दो वर्षों में भारतीय परिदृश्य में लगभग हर निवेशक ने इसके विषय में अवश्य पढ़ा, सुना या इसमें निवेश किया होगा।

आईपीओ क्या है ?

आईपीओ के द्वारा ‘निजी’ स्वामित्व (ownership) वाली कंपनी अपने हिस्से अथवा शेयरों को आम जनता को बेचकर व अपने स्वामित्व को घटा कर ‘सार्वजनिक’ बन सकती है। यह बिलकुल नई, नव – निर्मित अथवा पुरानी कारोबारी संस्था हो सकती है जो अब तक निजी कंपनी के रूप में काम कर रही थी।

आम तौर पर, जब कोई कंपनी निजी प्रबंधन के रूप में स्थापित होती है, तो उसके शेयर या उसके हिस्से मुख्य रूप से उसके मालिकों, परिवार के करीबी सदस्यों, दोस्तों, बड़े निवेशकों, निजी संस्थाओं या फाइनेंसर्स के पास होते हैं।

आईपीओ के माध्यम से इन शेयरों को आम निवेशकों को खरीदने या हिस्सेदारी लेने का विकल्प दिया जाता है।

आईपीओ के लिए आवश्यक है :

आईपीओ एप्लीकेशन कैसे करें

ऑफ़लाइन

इसमें निवेशक को सारी आवश्यक जानकारी के साथ फॉर्म भरना होता है। इसके साथ आवश्यक राशि का चेक ब्रोकर या बैंक में जमा करना होता है। ऑफलाइन प्रक्रिया में 2 – 3 दिन का समय लग सकता है।

ऑनलाइन

यह एक आसान तरीका है जिससे निवेशक अपने ट्रेडिंग खाते में लॉग – इन करके शेयरों की संख्या का चयन कर सकते हैं। उसके हिसाब से आवश्यक राशि उनके अकाउंट में ब्लॉक हो जाती है। यदि निवेशक को शेयर आवंटित किए जाते हैं तभी उतनी राशि उनके खाते से डेबिट होती है।

आईपीओ में निवेश से पहले निवेशकों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए –

1 कंपनी का मूल्यांकन (Valuation)

आम निवेशकों के लिए कंपनी का मूल्यांकन करना आसान नहीं है, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करना चाहिए। निवेशक प्रॉस्पेक्टस और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अन्य जानकारी कंपनी की वेबसाइट, कॉर्पोरेट फाइलिंग (corporate filings) आदि से जुटाकर उसका आकलन कर सकते हैं। निवेशकों को इन माध्यमों से ये भी जानने का प्रयास करना चाहिए कि अपने कार्य – क्षेत्र में कंपनी की स्थिति कैसी है, उसकी रणनीति क्या है और भविष्य में व्यापार की क्या संभावनाएं हैं। वे उसी क्षेत्र में समान व्यापार (similar businesses) वाली कंपनियों के विषय में भी जानकारी जुटा सकते हैं।

2 आवश्यक प्रकटीकरण (Disclosure)

आईपीओ लाने वाली कंपनी को अपने व्यवसाय, प्रमोटर्स, वित्तीय जानकारी, पूंजी उपयोग व वित्तीय स्थिति, प्रबंधन टीम, भविष्य के लक्ष्य व उद्देश्य आदि के विषय में सभी महत्वपूर्ण जानकारी का अनिवार्य रूप से अपने प्रॉस्पेक्टस में खुलासा करना होता है। यह एक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है और इसे ध्यान और बारीकी से पढ़ा जाना चाहिए।

3 व्यापार के लिए जोखिम

निवेशकों को कंपनी के प्रॉस्पेक्टस को पढ़कर उसके व्यवसाय के लिए वर्तमान और भविष्य के जोखिमों का आकलन करने का प्रयास करना चाहिए। कंपनी के व्यवसाय से जुड़े प्रमुख जोखिमों का पता लगाना उसमें निवेश से पहले अत्यंत आवश्यक है – किसी भी पुराने सौदे, उधार, बकाया देनदारियां या मुकदमे को बारीकी से देखा जाना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के जोखिम कंपनी के भविष्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

4 धन का उपयोग

यह जांचना आवश्यक है कि आईपीओ से जुटाई गई राशि का प्रयोग कैसे किया जाएगा। यदि कंपनी आईपीओ फंड का उपयोग केवल अपने ऋण का भुगतान करने या कम करने के लिए करेगी, तो यह निवेशकों के लिए आकर्षक या लाभदायक विकल्प नहीं हो सकता है। लेकिन कंपनी अगर अपने ऋण के भुगतान के लिए धन जुटा रही है और बाकी पूंजी निवेश या व्यापार के विस्तार के लिए, तो यह निवेशकों के लिए लाभदायक होगा।

5 व्यापार का भविष्य / संभावनाएं

निवेशकों को कंपनी के व्यापार – क्षेत्र में उसके भविष्य को समझने के लिए व्यवसाय की क्षमता का विश्लेषण करना चाहिए। जिन निवेशकों ने कंपनी के व्यापार में निवेश किया है, उन्हें लाभ तभी होगा जब कंपनी आईपीओ के बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन करेगी। उसका व्यवसाय लम्बी अवधि के अनुमान से टिकाऊ व सुदृढ़ होना चाहिए और निवेशकों को लाभान्वित होने के लिए व्यापार में अच्छे भविष्य की संभावनाएं होनी चाहिए।

6 निवेश की समय – सीमा

निवेशकों को अपने निवेशित रहने की समय – सीमा के विषय में स्पष्टता होनी चाहिए। यदि उनका उद्देश्य लिस्टिंग के दिन तुरंत लाभ कमाना है, तो उन्हें इस रणनीति पर बने रहना चाहिए। यदि उनकी योजना लंबी अवधि के लिए शेयरों को रख कर लाभ कमाने की है, तो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? निवेश के मूल सिद्धांतों, जैसे – कंपनी के व्यापार का प्रदर्शन, उसके उत्पादों के लिए उपयुक्त बाज़ार, लाभप्रदता, प्रतिस्पर्धी कंपनियों का आकलन आदि लाभदायक रहेगा।

आईपीओ – प्रमुख शब्दावली

आईपीओ से जुड़ी कुछ प्रमुख शब्दावली को समझते हैं –

आईपीओ लाने वाली कम्पनी को क्या कहा जाता है और ये किस बाज़ार में आता है?

जो कंपनी अपने शेयर प्रदान करती है, उसे ‘जारीकर्ता’ (issuer) के रूप में जाना जाता है और आईपीओ प्राथमिक बाज़ार (Primary market) में लाया जाता है।

आईपीओ के बाद कंपनी के शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (list) किया जाता है और आम निवेशकों द्वारा इनमें कारोबार किया जा सकता है।

सूचीबद्ध होने के पश्चात इन शेयरों का द्वितीयक बाज़ार (Secondary market) में लेन – देन किया जा सकता है।

प्राथमिक बाज़ार और द्वितीयक बाज़ार (Primary market & Secondary market)

क्या हैं?

प्राथमिक बाज़ार

आईपीओ के माध्यम से पहली बार जिस बाज़ार में आम जनता को नए शेयर खरीदने की पेशकश की जाती है, वह ‘प्राथमिक बाज़ार’ है। इसे ‘आईपीओ बाज़ार’ के रूप में भी जाना जाता है।

विशेषताएं :

-प्राथमिक बाज़ार कंपनी की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करता है

-इसमें शेयर्स की कीमत जारी करने से पहले तय होती हैं

-निवेशक सीधे जारीकर्ता से शेयर खरीदते हैं

-कंपनी (या जारीकर्ता) को शेयर्स की बिक्री से लाभ होता है

-प्राथमिक बाज़ार में आईपीओ से प्राप्त राशि कंपनी की पूंजी बन जाती है

द्वितीयक बाज़ार

जब कंपनी किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो जाती है और उसके शेयरों का निवेशकों के बीच कारोबार होता है, तो इस बाज़ार को द्वितीयक बाज़ार कहा जाता है।

बीएसई और एनएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंज जहां शेयरों का कारोबार होता है ‘द्वितीयक बाज़ार’ हैं।

विशेषताएं :

-लिस्टिंग के बाद ट्रेडिंग द्वितीयक बाज़ार में ही होती है

-द्वितीयक बाज़ार में शेयर्स की कीमतें बदलती रहती हैं

-द्वितीयक बाज़ार में निवेशक आपस में शेयर्स खरीदते और बेचते हैं

-इस बाज़ार में पूंजी निवेशकों की होती है

आईपीओ लाने की क्या प्रक्रिया है?

सर्वप्रथम शेयर बाज़ार के नियामक सेबी (SEBI) के साथ रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है।आईपीओ लाने से पहले कंपनी को कुछ महत्वपूर्ण कार्य पूरे करने होते हैं, जैसे –

-निवेश बैंक (Investment Bank) का चयन

-स्टॉक एक्सचेंज की मंजूरी

आईपीओ – जागरूक निवेश

आधुनिक वित्त-व्यवस्था में व्यापार को बढ़ाने और उसके विस्तारीकरण का सबसे सरल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें? तरीका है – पूंजी का आसानी से और समय पर उपलब्ध होना।

आईपीओ प्रमुख माध्यम है जिससे कंपनी अपने विकास और भविष्य की संभावनाओं में सार्वजनिक भागीदारी के साथ – साथ आवश्यक धन भी जुटा सकती है।

अपनी पसंद के व्यापार में शेयरधारक बनने के इच्छुक निवेशक ऐसे व्यापार को पूंजी प्रदान कर सकते हैं।

किन्तु निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर ही निर्णय लेना चाहिए – जागरूक और सतर्क निवेशकों की बाज़ारों में सफलता की संभावना निश्चित रूप से अधिक होती है।

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