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स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है

स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है
शेयर बाजार क्या है

क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज, जहां NGO भी करा सकते हैं खुद को लिस्ट

जल्द ही सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन यानी कि एनजीओ भी शेयर बाजार से पैसा जुटा सकते हैं, लेकिन ये काम एनएसई या बीएसई पर नहीं बल्कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर किया जाएगा. सोशल स्टॉक एक्सचेंज के प्रस्ताव को पहले ही मार्केट रेगुलेटर सेबी स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है से मंजूरी मिल गई है और ताजा अपडेट ये है कि सेबी ने इसके लिए डीटेल्ड फ्रेमवर्क जारी कर दिया है. क्या है ये सोशल स्टॉक एक्सचेंज और इसकी जरूरत क्यों पड़ी. इस वीडियो में समझते हैं.

स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है

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शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता हैं | Share Market In Hindi

  • Post author: Businestack
  • Post published: August 25, स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है 2022
  • Post category: इन्वेस्टमेंट

Share Market In Hindi: शेयर बाजार एक ऐसा मंच है जहां निवेशक शेयर, बांड और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों में व्यापार करने के लिए आते हैं। स्टॉक एक्सचेंज इस लेनदेन के एक सूत्रधार के रूप में काम करता है और शेयरों की खरीद और बिक्री को सक्षम बनाता है।

भारतीय शेयर बाजार का परिचय (Introduction to the Indian Stock Market)

Table of Contents

शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा जरिया है। भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)। कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को आईपीओ के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक इन शेयरों में द्वितीयक बाजार के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं।

भारत में दो स्टॉक एक्सचेंजों में कुछ अवसरों पर INR 6,00,000 करोड़ के शेयरों का कारोबार हुआ है। भारत में शुरुआती लोग अक्सर शेयर बाजार में जुए में निवेश करने पर विचार करते हैं, लेकिन शेयर बाजार की एक बुनियादी समझ उस धारणा को बदल सकती है।

भारतीय शेयर बाजारों का विनियमन (Regulation of the Indian Stock Markets)

भारत में शेयर बाजारों का विनियमन और पर्यवेक्षण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास है। सेबी का गठन 1992 के सेबी अधिनियम के तहत एक स्वतंत्र पहचान के रूप में किया गया था और स्टॉक एक्सचेंजों का निरीक्षण करने की शक्ति रखता है। निरीक्षण प्रशासनिक नियंत्रण के पहलुओं के साथ बाजार के संचालन और संगठनात्मक संरचना की समीक्षा करते हैं। सेबी की मुख्य भूमिका में शामिल हैं:

  • निवेशकों के विकास के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत बाजार सुनिश्चित करना
  • एक्सचेंज संगठन का अनुपालन, सिस्टम सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (विनियमन) अधिनियम (एससी (आर) अधिनियम), 1956 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार इसका अभ्यास करता है।
  • सेबी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें
  • जाँच करें कि क्या एक्सचेंज ने सभी शर्तों का अनुपालन किया है और एससी (आर) अधिनियम 1956 की धारा 4 के तहत, यदि आवश्यक हो तो अनुदान का नवीनीकरण किया है।

शेयर बाजार के प्रकार (Share Market In Hindi)

शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।

प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Share Market)

यह प्राथमिक बाजार में है कि कंपनियां अपने शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी एक सार्वजनिक इकाई बन जाती है।

द्वितीयक बाजार (Secondary Market)

प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का द्वितीयक बाजार में कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।

शेयर बाजार कैसे काम करते हैं (How do the Share Markets work)

स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना (Understanding the Stock Exchange Platform)

स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।

सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग (Listing of the Company in the Secondary Market)

किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता है।

द्वितीयक बाजार में व्यापार (Trading in the Secondary Market)

एक बार कंपनी सूचीबद्ध हो जाने के बाद, निवेशकों द्वारा द्वितीयक बाजार में शेयरों का कारोबार किया जा सकता है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए लेन-देन करने और मुनाफा कमाने या कुछ मामलों में नुकसान का बाजार है।

स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers)

हजारों की संख्या में निवेशकों की संख्या के कारण, उन्हें एक स्थान पर इकट्ठा करना मुश्किल है। इसलिए, व्यापार करने के लिए, स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म तस्वीर में आते हैं।

ये ऐसी संस्थाएं हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हैं और निवेशकों और एक्सचेंज के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती हैं। जब आप किसी शेयर को किसी निश्चित दर पर खरीदने का ऑर्डर देते हैं, तो ब्रोकर इसे एक्सचेंज में प्रोसेस करता है जहां कई पार्टियां शामिल होती हैं।

आपके आदेश का पारित होना (Passing of your order)

आपका खरीद ऑर्डर ब्रोकर द्वारा एक्सचेंज को पास कर दिया जाता है, जहां उसका मिलान उसी के लिए बेचने के ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है के लिए किया जाता है। विनिमय तब होता है जब विक्रेता और खरीदार एक कीमत पर सहमत होते हैं और इसे अंतिम रूप देते हैं; फिर आदेश की पुष्टि की जाती है।

समझौता (Settlement)

एक बार जब आप किसी कीमत को अंतिम रूप दे देते हैं, तो एक्सचेंज यह सुनिश्चित करने के लिए विवरण की पुष्टि करता है कि लेनदेन में कोई चूक नहीं है। एक्सचेंज तब शेयरों के स्वामित्व के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है जिसे निपटान के रूप में जाना जाता है। ऐसा होने पर आपको एक संदेश प्राप्त होता है। इस संदेश के संचार में ब्रोकरेज ऑर्डर विभाग, एक्सचेंज फ्लोर ट्रेडर्स आदि जैसे कई पक्ष शामिल होते हैं।

अनाम योगी के हाथों की 'कठपुतली' थीं NSE की पूर्व CEO : SEBI

चित्रा रामाकृष्णा

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) प्रमुख के अपने कार्यकाल के दौरान चित्रा रामकृष्णा ने महत्वपूर्ण विषयों पर हिमालय में रहने वाले एक आध्यात्मिक गुरू से सलाह ली थी.

चित्रा रामकृष्णा पर आरोप हैं कि उन्होंने योगी के साथ बिज़नेस प्लान, बोर्ड बैठकों का एजेंडा और वित्तीय अनुमान साझा किए थे. अब तक योगी का नाम ज़ाहिर नहीं है.

चित्रा रामकृष्णा ने साल 2016 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से इस्तीफ़ा दे दिया था.

सेबी ने कहा है कि अब तक उन्होंने जो दस्तावेज़ इकट्ठा किए हैं, उनसे "स्पष्ट होता है" कि स्टॉक एक्सचेंज को पीछे से योगी चला रहे थे. चित्रा रामकृष्णा जब तक अपने ओहदे पर रहीं तब तक वो "महज़ उनके हाथों की कठपुतली बनी रहीं."

सेबी के अनुसार, "एनएसई की वित्तीय और बिज़नेस स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है योजनाओं को किसी और के साथ साझा करना दुर्भाग्यपूर्ण है. ये कल्पना से परे है. ये ऐसी हरकत है जो एनएसई की नींव तक हिला सकती थी."

योगी पर सेबी ने क्या कहा?

सेबी ने चित्रा रामकृष्णा पर तीन करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. उनके किसी और एक्सचेंज में काम करने पर भी तीन साल की रोक लगी दी है. साथ ही उनके बतौर मध्यस्थ (इंटरमीडियरी) सेबी के साथ पंजीकृत किसी और संगठन के साथ काम करने पर भी तीन साल की रोक लगाई है.

सेबी ने योगी से जुड़े जिस ईमेल की जानकारी दी है उस पर भेजे गए ईमेल का बीबीसी को कोई जवाब नहीं मिला.

योगी के बारे में सेबी ने और कोई जानकारी नहीं दी है. सेबी ने केवल इतना बताया है कि शायद वो हिमालय में कहीं रहते हैं.

'कई मामलों में ली सलाह'

सेबी को दी जानकारी में चित्रा रामकृष्णा ने बताया है कि योगी से उनकी मुलाक़ात क़रीब दो दशक पहले गंगा नदी के किनारे हुई थी.

उन्होंने बताया कि इसके बाद से कई अहम "निजी और प्रोफ़ेशनल मामलों में" वो योगी से सलाह-मशविरा करती रही हैं.

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि हमारे वरिष्ठ नेता अपने प्रशिक्षक, अपने संरक्षक या फिर इंडस्ट्री में अपने से वरिष्ठ लोगों से अनौपचारिक तौर पर सलाह मशविरा करते रहे हैं. इसी तरह मुझे लगा कि उनकी सलाह से मैं अपनी भूमिका और बेहतर तरीके से निभा पाउंगी."

सेबी ने कहा है कि चित्रा रामकृष्णा ने जो किया वो "नियमों का गंभीर उल्लंघन है", और उनका ये बयान "बेतुका है" कि उनके किसी कदम से बाज़ार को नुक़सान नहीं पहुंचा है.

नियामकों ने कहा है कि एनएसई की प्रारंभिक जांच के दौरान उन्हें इन आध्यात्मिक गुरू और चित्रा रामकृष्णा के भेजे गए ईमेल मिले हैं.

चित्रा रामकृष्णा उन कर्मचारियों में से एक थीं जिन्होंने 1990 के दशक की शुरूआत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शुरूआत की थी. 2016 में स्टॉक एक्सचेंज से इस्तीफ़ा देते वक्त रामकृष्णा ने कहा था कि वो "निजी कारणों से ऐसा कर रही हैं."

दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में इतना उछाल क्यों आ रहा है?

विश्लेषण

निखिल इनामदार, बीबीसी बिज़नेस संवाददाता

देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में लिए गए अहम फ़ैसले किसी अनाम 'आध्यात्मिक गुरू' से सलाह कर लिए गए थे, ये ख़बर सामने आने के बाद से भारतीय सोशल मीडिया में इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. लोग इसे अकल्पनीय और डरावना बता रहे हैं.

कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ये एक ऐसी कहानी है जिस पर धारावाहिक बनाया जा सकता है.

जहां आम लोगों में इस ख़बर को लेकर नाराज़गी है, वहीं जानकार मानते हैं कि भारतीय स्टॉक मार्केट नियामक की खोजबीन ये इशारा करती है कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया.

दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.

ये स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है ख़ासकर इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि क्योंकि इन स्टॉक एक्सचेंज में जो कंपनियां लिस्टेड होती हैं उनके लिए कड़े नियम होते हैं जिनका उन्हें पालन करना होता है.

भारत की जानी मानी खाजी पत्रकार सुचेता दलाल ने इसे "विश्व स्तर का कलंक" करार दिया है. सुचेता 'एब्सोल्यूट पावर: द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज्स अमेज़िंग सक्सेस, लीडिंग टू हूब्री, रेगुलेटरी कैप्चर एंड एल्गो स्कैम' नाम की किताब की सह लेखिका हैं.

इस किताब में एनएसई के उत्थान और इसके काम के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसी किताब के छपने के बाद भारतीय स्टॉक मार्केट नियामक ने सेबी की जांच पड़ताल शुरू की थी, जिसमें अब ये जानकारी सामने आई है.

सुचेता दलाल ने इस जांच को "नाकाम" करार दिया और कहा कि संस्था की पूर्व प्रमुख को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद कम सज़ा देकर छोड़ दिया गया है.

उन्होंने इस जांच के नतीजे के सामने आने के स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है वक्त पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि अधिकारी एनएसई पर नियामकों की जांच को ख़त्म करना चाहते हैं ताकि एनएसई के आईपीओ के लिए रास्ता साफ़ हो सके.

लेकिन ये मुद्दा जल्द ख़त्म होगा ऐसा नहीं लगता क्योंकि अब तक उस योगी की पहचान नहीं की जा सकी है जो इस पूरे प्रकरण के केंद्र में हैं.

इंस्टीट्यूशनल एडवायज़री कंपनी आईआईएएस के संस्थापक अमित टंडन ने बीबीसी को बताया कि ये घटना इस बात की तरफ भी इशारा है कि देश में और मज़बूत 'व्हिसल ब्लोअर' प्रक्रिया की ज़रूरत है.

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शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है शेयर मार्केट की जानकारी, शेयर कैसे खरीदें हिंदी में विस्तार से शेयर मार्किट गाईड आसान भाषा में। जब भी हम किसी बाज़ार की कल्पना करते है तो हमारे दिमाग में किसी ऐसी जगह की इमेज बनती है जहाँ बहुत-सी दुकानें होंगी या कोई मॉल जहां जाकर आप खरीदारी कर सकते हैं मगर शेयर बाजार ऐसा बाजार नहीं है. शेयर बाजार में खरीदने और बेचने का काम पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से होता है. कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाला अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज पर अपना आर्डर देता है और पलक झपकते ही पेंडिंग आर्डरों के अनुसार ऑटोमेटिकली सौदे का मिलान हो जाता है.

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में डाल देते हैं. इसके बदले में ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है। शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी ओर अन्य पहलुओं को जानने के लिये Share Market information in Hindi विस्तार से पढ़ें।

कैसे होता है शेयर बाजार में काम

हम कह सकते हैं कि मुख्यतः शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक. ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिये कोई मोटी राशि कि जरुरत है, यहां पढिये शेयर बाजार में कम से कम कितने पैसे लगा सकते हैं।

शेयर बाजार क्या है – भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज

देश में मुख्यतः BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर शेयरों का कारोबार होता है. BSE और NSE दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है कि कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.

डीमैट अकाउंट है ज़रूरी

देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं. ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता ब्रोकर के पास खुलवा सकता है. इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं. इसी प्रकार ग्राहक अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है.

डीमैट अकाउंट से जुड़ता है ट्रेडिंग अकाउंट

ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.

शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं. अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.

यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए समझना बहुत आवश्यक है.

काम की खबर: बीएसई, एनएसई ने दी सलाह, इन शेयरों में कारोबार करते समय बरतें सावधानी

शेयर बाजार

शेयर एक्सचेंजों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने निवेशकों से 300 से अधिक 'गतिहीन' शेयरों में कारोबार करते समय सावधानी बरतने को कहा है। 'इलिक्विड' (गतिहीन) शेयर ऐसे शेयर होते हैं, जिनका कारोबार सीमित होता है जिसकी वजह से उन्हें आसानी से बेचा नहीं जा सकता। निवेशकों के लिए ऐसे शेयरों में कारोबार जोखिम भरा होता है क्योंकि इनके लिए स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है खरीदार मिलना मुश्किल होता है।

बीएसई और एनएसई दोनों ने इस बारे में सर्कुलर जारी करते हुए सदस्यों से कहा है कि ऐसे शेयरों में अपने लिए या अपने ग्राहकों की ओर से कारोबार करते समय अतिरिक्त जांच-पड़ताल करें। बीएसई और एनएसई ने क्रमश: 299 और 13 लिक्विड शेयरों की सूची जारी की है।

बीएसई द्वारा जारी सूची में गरवारे मैरीन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मेफकॉम कैपिटल मार्केट्स स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है लिमिटेड, एकाम लीजिंग एंड फाइनेंस कंपनी, मारुति सिक्योरिटी लिमिटेड, बंगलूरू फोर्ट फार्म्स लिमिटेड, गुजरात इन्वेस्टा लिमिटेड, गोलचा ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड, वेरटेक्स सिक्योरिटीज लिमिटेड, मुनोथ फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, और इंडो एशिया फाइनेंस शामिल है। बीएसई की पूरी सूची पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-

वहीं एनएसई की ओर से जारी सूची में बीकेएम इंडस्ट्रीज, बीएसईएल इन्फ्रास्ट्रक्चर रियल्टी, क्रिएटिव आई, यूरोटेक्स इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट्स, ग्रैंड फाउंड्री, जीटीएन टेक्सटाइल्स और होटल रग्बी शामिल हैं। एनएसई की पूरी सूची पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-

आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए। आप अपनी मेहनत से कमाए गए धन को जोखिम में डाल रहे हैं। इसलिए आपको स्टॉक खरीदने या बेचने से पहले कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सेंसेक्स को एक जनवरी 1986 को 1978-79 के बेस ईयर के साथ लॉन्च किया गया था। शुरुआत में फुल-मार्केट कैपिटेलाइजेशन मेथड के साथ निफ्टी 22 अप्रैल 1996 को लॉन्च किया गया था। इसे 26 जून 2009 को फ्री-फ्लोट मेथडोलॉजी के रूप में बदल दिया गया था। इसकी बेस पीरियड तीन नवंबर 1995 है।

विस्तार

शेयर एक्सचेंजों बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने निवेशकों से 300 से अधिक 'गतिहीन' शेयरों में कारोबार करते समय सावधानी बरतने को कहा है। 'इलिक्विड' (गतिहीन) शेयर ऐसे शेयर होते हैं, जिनका कारोबार सीमित होता है जिसकी वजह से उन्हें आसानी से बेचा नहीं जा सकता। निवेशकों के लिए ऐसे शेयरों में कारोबार जोखिम भरा होता है क्योंकि इनके लिए खरीदार मिलना मुश्किल होता है।

बीएसई और एनएसई दोनों ने इस बारे में सर्कुलर जारी करते हुए सदस्यों से कहा है कि ऐसे शेयरों में अपने लिए या अपने ग्राहकों की ओर से कारोबार करते समय अतिरिक्त जांच-पड़ताल करें। बीएसई और एनएसई ने क्रमश: 299 और 13 लिक्विड शेयरों स्टॉक एक्सचेंज में क्या कारोबार होता है की सूची जारी की है।

बीएसई द्वारा जारी सूची में गरवारे मैरीन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मेफकॉम कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, एकाम लीजिंग एंड फाइनेंस कंपनी, मारुति सिक्योरिटी लिमिटेड, बंगलूरू फोर्ट फार्म्स लिमिटेड, गुजरात इन्वेस्टा लिमिटेड, गोलचा ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड, वेरटेक्स सिक्योरिटीज लिमिटेड, मुनोथ फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, और इंडो एशिया फाइनेंस शामिल है। बीएसई की पूरी सूची पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-

वहीं एनएसई की ओर से जारी सूची में बीकेएम इंडस्ट्रीज, बीएसईएल इन्फ्रास्ट्रक्चर रियल्टी, क्रिएटिव आई, यूरोटेक्स इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट्स, ग्रैंड फाउंड्री, जीटीएन टेक्सटाइल्स और होटल रग्बी शामिल हैं। एनएसई की पूरी सूची पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें-

आपके दिमाग में हमेशा एक सवाल रहता है कि मुझे कब शेयर खरीदना या बेचना चाहिए। आप अपनी मेहनत से कमाए गए धन को जोखिम में डाल रहे हैं। इसलिए आपको स्टॉक खरीदने या बेचने से पहले कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सेंसेक्स को एक जनवरी 1986 को 1978-79 के बेस ईयर के साथ लॉन्च किया गया था। शुरुआत में फुल-मार्केट कैपिटेलाइजेशन मेथड के साथ निफ्टी 22 अप्रैल 1996 को लॉन्च किया गया था। इसे 26 जून 2009 को फ्री-फ्लोट मेथडोलॉजी के रूप में बदल दिया गया था। इसकी बेस पीरियड तीन नवंबर 1995 है।

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