सोने में इन्वेस्टमेंट

Gold Investment: गोल्ड में निवेश की बना रहे हैं प्लानिंग सोने में इन्वेस्टमेंट तो इन इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स को करें ट्राई
Gold Investment: पिछले कुछ समय में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेश का एक शानदार ऑप्शन बनकर उभरा है. इसमें निवेश करने पर आपको 2.50 प्रतिशत का ब्याज दर मिलता है.
By: ABP Live | Updated at : 20 Jun 2022 06:18 PM (IST)
Gold Investment Plan: भारत में पुराने समय से ही लोग सोने में निवेश करना पसंद करते आए है. यह निवेश के सबसे सुरक्षित और सोने में इन्वेस्टमेंट ज्यादा रिटर्न देने वाले ऑप्शनों (Gold Investment Options) में से एक है. पिछले कुछ समय में रूस-सुक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर के शेयर मार्केटों (Share Market Investment) में भारी गिरावट दर्ज की गई है.हाल ही में एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) से निवेशकों को बड़ी उम्मीद थी लेकिन, इसमें भी उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में गोल्ड निवेश (Gold Investment) का सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है.
एक समय था जब लोग सोने को सिर्फ गहनों के रूप में खरीदते थें. लेकिन, अब इसमें निवेश के कई ऑप्शन आ चुके हैं. आप डिजिटल गोल्ड, Gold ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आदि जैसे कई तरह के गोल्ड निवेश के ऑप्शनन्स की तलाश कर सकते हैं. तो चलिए हम आपको उन ऑप्शन्स के बारे में बताते हैं-
1. सोने के गहने खरीदना (Physical Gold)
पुराने जमाने से लोग सबसे ज्यादा भारत में सोने के गहने खरीदते आए हैं. यह निवेश का सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक माना जाता है. इन गहनों को आप जरूरत पड़ने पर गोल्ड लोन के लिए अस्तेमाल कर सकते हैं. आजकल ज्यादातर बैंक सोने के बदले में आसानी से कम ब्याजदर पर लोन दे रहे हैं. ऐसे में यह निवेश का एक शानदार ऑप्शन है.
2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश
पिछले कुछ समय में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) निवेश का एक शानदार ऑप्शन बनकर उभरा है. इसमें निवेश करने पर आपको 2.50 प्रतिशत का ब्याज दर मिलता है. इसके साथ ही आप इसमें निवेश करने के बाद जब इसे बेचते हैं तो आपको उस दिन के सोने का रेट और ब्याज दर का लाभ मिलता है. इस बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धका बाले सोने की कीमत से जुड़ा हुआ है.
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3. डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) में करें निवेश
आजकल बहुत सी कंपनियां डिजिटल गोल्ड ग्राहकों को बेच रही हैं. पेटीएम (Paytm), फोन पे (Phonepe) आदि जैसी कंपनियां डिजिटल गोल्ड बेच रही है. इस गोल्ड को आप मार्केट के मौजूदा गोल्ड के रेट के अनुसार खरीद सकते हैं. इसके बाद आप इसे फिजिकल गोल्ड के रूप में भी बदल सकते हैं. इसे आप आसानी से ऐप के जरिए बेंच भी सकते हैं.
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Published at : 20 Jun 2022 06:18 PM (IST) Tags: Gold Investment investment tips Gold Investment Tips हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
सोने में निवेश के इन 3 तरीकों के बारे में जान लें, होगा फायदा
ज्वैलर्स, बैंक, ऑनलाइन स्टोर, एनबीएफसी इत्यादि से सोने के सिक्के या बिस्कुट खरीदकर आप फिजिकल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करती है. जब कभी इसके इश्यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्सक्राइब कर सकते हैं. निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं. अलॉटमेंट पर उन्हें गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्य प्राप्त होता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्याज का भुगतान किया जाता है. जब एसजीबी का इश्यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्ट ऑफिस, अधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्लाई कर सकते हैं.
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में इन्वेस्टमेंट सोने में निवेश किया जा सकता है. गोल्ड ईटीएफ की यूनिटें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होती हैं. आप वहां से इन यूनिटों को खरीद सकते सोने में इन्वेस्टमेंट हैं. इनका मूल्य सोने की कीमतों की तर्ज पर होता है. गोल्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.
किन बातों का रखें ध्यान?
-फिजिकल गोल्ड कॉइन खरीदने के साथ मेकिंग चार्ज लगता है.
-अनुभवी निवेशक गोल्ड फ्यूचर और ऑप्शंस का इस्तेमाल करके कमोडिटी एक्सचेंज के जरिये सोने में निवेश कर सकते हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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Physical vs Digital Gold: ज्वैलरी मत खरीदें, इस तरह से सोने में करें निवेश, जबरदस्त फायदा
डिजिटल गोल्ड में विकल्प के तौर पर पहला नाम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) का आता है. यह एक तरह का पेपर गोल्ड या डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) होता है, जिसमें आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाता है कि आप किस रेट पर सोने की कितनी मात्रा खरीद रहे हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 20 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 20 अक्टूबर 2022, 8:12 AM IST)
दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) में चंद दिन बचे हैं. भारतीय परंपरा के मुताबिक इस मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. लोग सालभर से इसका इंतजार करते हैं. अगर आप भी इस बार ज्वैलरी (Jewellery) खरीदने की सोच रहे हैं तो फिर तय कर लें कि ये आपके लिए फायदे का सौदा रहेगा या नहीं?
दरअसल, सबसे पहले आप फैसला करें कि सोना (Gold) किसलिए खरीद रहे हैं, निवेश के नजरिये से या किसी और मकसद से? अगर आप निवेश के लिए सोना खरीद रहे हैं तो ये कतई जरूरी नहीं है कि ज्वैलरी ही खरीदें.
ज्वैलरी के अलावा आप तीन और तरीके से सोने में निवेश कर सकते हैं. जिसमें ज्वैलरी से ज्यादा रिटर्न मिलता है, और कई फायदे भी हैं. कहा जाता है कि संकट में सोना सहारा होता है, इसलिए लोग वर्षों की बचत को सोने में निवेश करते हैं. आइए जानते हैं, सोने में निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में.
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आज की तारीख में डिजिटल (Digital) तरीके से गोल्ड (Gold) में निवेश (Investment) सबसे बेहतरीन विकल्प है. इसपर सबसे ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इस कड़ी में पहला नाम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) का आता है. यह एक तरह का पेपर गोल्ड या डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) होता है, जिसमें आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाता है कि आप किस रेट पर सोने की कितनी मात्रा खरीद रहे हैं.
सॉवरेन गोल्ड बांड्स
साल 2015 से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश का विकल्प आया है. यह आरबीआई (RBI) जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम 1 ग्राम सोने की खरीदारी की जा सकती है. अगर फायदे की बात करें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है. निवेशकों को ऑनलाइन या कैश से इसे खरीदना होता है और उसके बराबर मूल्य का सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, उन्हें जारी कर दिया जाता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड 8 साल की होती है. लेकिन 5 साल के बाद इसमें बाहर निकलने का विकल्प है. फिजिकली सोने की खरीदारी कम करने के लिए यह स्कीम लॉन्च की गई है.
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)
अगर आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना महंगा लग रहा है तो आप ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश कर सकते सोने में इन्वेस्टमेंट हैं. इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने का फायदा यह है कि सोने में इन्वेस्टमेंट आप आसानी से ऑनलाइन खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
गोल्ड ETF एक इन्वेस्टमेंट फंड होता है, जिसकी शेयर बाजार में एक्सचेंजों पर शेयरों की तरह ही खरीद-फरोख्त होती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से ये सुरक्षित होते हैं. यह फिजिकल गोल्ड के मुकाबले ज्यादा लिक्विड होता है, यानी इसकी खरीद-फरोख्त आसान होती है. इसमें कम से कम मात्रा में आप सोने में निवेश कर सकते हैं और मेकिंग चार्ज (Making Charge) जैसा नुकसान नहीं होता. इसमें आपको प्योरिटी को लेकर भी किसी तरह की चिंता नहीं होती.
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)
गोल्ड फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड होते हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वर्ण भंडारों में निवेश करते हैं. इसके द्वारा भी आप घर में फिजिकल गोल्ड रखने की झंझट से बचते हुए सोने में निवेश कर सकते हैं. ऐसे ज्यादातर फंड गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करते हैं. इसकी भी खरीद-फरोख्त आसान होती है. आप किसी बैंक में, किसी इनवेस्टमेंट एजेंट के पास जाकर या किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से ऑनलाइन इसकी खरीद कर सकते हैं.
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) भी एक जरिया है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियां एमएमटीसी-पीएएमपी या सेफगोल्ड के साथ टाइअप कर अपने ऐप के जरिए गोल्ड की बिक्री करती हैं. इसके अलावा आप शेयर बाजार में कमोडिटी एक्सचेंज के तहत भी गोल्ड की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
फिजिकली गोल्ड (Physically Gold Buy)
सबसे पुराना और आसान तरीका है, लोग निवेश के तौर पर सोने की ज्वैलरी या फिर सिक्के खरीदते हैं. आप किसी ज्वेलर्स के पास जाकर या फिर ऑलनाइन गोल्ड खरीद सकते हैं. कई कंपनियां घर तक ज्वैलरी पहुंचा देती हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग आज भी सोने में निवेश के लिए ज्वैलरी ही चुनते हैं.
फिजिकली गोल्ड के नुकसान
अगर आप निवेश के लिहाज से सोना खरीदना चाहते हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहिए. क्योंकि ज्वैलरी खरीदते वक्त मेकिंग चार्ज (Making Charge) वसूला जाता है. लेकिन जब आप वही ज्वैलरी बेचने जाएंगे तो मेकिंग चार्ज माइनस कर दिया जाता है. इसके अलावा ज्वैलरी में प्योरिटी को लेकर भी मन में सवाल उठता है. इन कारणों से फिजिकली सोना खरीदना एक तरह से घाटे का सौदा है.
Dhanteras 2022: धरतेरस के मौके पर खरीद सकते हैं डिजिटल गोल्ड, समझिए Gold ETF में निवेश के क्या हैं फायदे
Gold ETF: पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है.
भारत में धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.
Dhanteras 2022: भारत में धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. आज के दिन ज्यादातर भारतीय सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से समृद्धि बढ़ती है और अधिक धन की प्राप्ति होती है. आज के समय में सोना ऑनलाइन (डिजिटल सोना) माध्यम से खरीदना संभव है. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ सालों से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है.पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
क्या है Gold ETF?
गोल्ड ईटीएफ केवल फिजिकल गोल्ड का रिप्रेजेंट करने वाली यूनिट्स हैं जिन्हें डीमैट रूप सोने में इन्वेस्टमेंट में खरीदा जा सकता है. जब आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं, तो आपके पास वास्तव में फिजिकल सोना नहीं होता है, बल्कि आप सोने की कीमत के बराबर नकद रखते हैं. इसी तरह, जब आप गोल्ड ईटीएफ बेचते हैं, तो आपको फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता है, बल्कि उस समय सोने की कीमत के बराबर कैश मिल जाता है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है.
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Gold ETF कैसे खरीदें और कैसे बेचें?
आप डीमैट अकाउंट का उपयोग करके बीएसई या एनएसई पर गोल्ड ईटीएफ का कम से कम एक यूनिट खरीद और बेच सकते हैं. जिन निवेशकों के लिए जिनके पास डीमैट अकाउंट नहीं है, उनके पास गोल्ड फंड ऑफ फंड्स का उपयोग करके गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प है. गोल्ड ईटीएफ में गोल्ड फंड ऑफ फंड निवेश करता है. इस तरह की पेशकश के माध्यम से निवेशक एसआईपी या एकमुश्त के माध्यम से सोने में निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं.
Gold ETF में निवेश के फायदे
- पहला फायदा तो यह है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको न तो भंडारण की परेशानी का सामना करना पड़ता है और न ही चोरी की चिंता होती है. चूंकि गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स डीमैट रूप में होती हैं, इसलिए आपकी होल्डिंग को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की कोई जरूरत नहीं है. इस तरह, आप लॉकर शुल्क पर भी बचत कर सकते हैं.
- चूंकि गोल्ड ईटीएफ रेगुलेटेड एंटिटी हैं, इसलिए निवेशक को होल्डिंग्स की शुद्धता को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप इसमें निश्चिंत हो सकते हैं कि प्योरिटी का लेवल हमेशा 99.5 सोने में इन्वेस्टमेंट प्रतिशत या उससे अधिक रहेगा.
- तीसरा, गोल्ड ईटीएफ यूनिट खरीदते समय कोई प्रीमियम, मेकिंग चार्ज या कोई अन्य लागत शामिल नहीं होती है.
- गोल्ड ईटीएफ के रूप में खरीदते या बेचते समय सोने के मूल्य निर्धारण में पूरी पारदर्शिता होती है.
- इसकी लागत बहुत कम है. आभूषण के रूप में सोना खरीदते समय, निवेशकों को खरीदारी करने के लिए एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. जब गोल्ड ईटीएफ की बात आती है, तो निवेशक कम से कम 45 रुपये में निवेश करना शुरू कर सकते हैं, जो कि ICICI प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट की कीमत है. (20 अक्टूबर, 2022 तक).
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन में मिलती है मदद
गोल्ड ईटीएफ भंडारण, सुरक्षा या शुद्धता संबंधी परेशानियों के बारे में चिंता किए बिना भौतिक सोने में निवेश करने का एक प्रभावी तरीका है. गोल्ड ईटीएफ रखने का एक अन्य लाभ यह है कि यह एक पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर है और अन्य एसेट क्लास में महंगाई और उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव प्रदान करता है. इसलिए, अगर आपके निवेश पोर्टफोलियो में गोल्ड ईटीएफ है, तो आपको न केवल पूंजी की वृद्धि से लाभ होता है, बल्कि बाजार के उतार-चढ़ाव को से भी आप कम प्रभावित हो सकते हैं.