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क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत

क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत
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Blockchain kya hai | What is Blockchain Technology in hindi

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क्या आप जानना चाहते हैं की Blockchain technology kya hai और इस technology का अविष्कार किसने किया था, तो इस आर्टिकल में बने रहिये।

अभी के समय आपने एक क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के बारे में जरूर सुना होगा बिटकॉइन को लेकर लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीद है क्योंकि बिटकॉइन की कीमत प्रति दिन बढ़ती जा रही है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्रिप्टोकरंसी के पीछे कौन सी टेक्नोलॉजी होती है? अगर आप जानना चाहते हैं कि बिटकॉइन के पीछे की टेक्नोलॉजी क्या है तो इस आर्टिकल Blockchain kya hai के साथ अंत तक बने रहे।

आज इस आर्टिकल Blockchain kya hai के जरिए हम आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी चीजें जैसे ब्लॉकचेन क्या है, ब्लॉकचेन का आविष्कार किसने किया था, यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ जरूरी चीजें के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे।

Bitcoin Cryptocurrency के पीछे लगी हुई टेक्नोलॉजी को ब्लॉकचेन कहते है इस टेक्नोलॉजी के विषय में Experts का मानना है कि आने वाले समय में यह टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से आगे बढ़ेगी।

आज इस आर्टिकल Blockchain kya hai के जरिए हम आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी चीजें जैसे ब्लॉकचेन क्या है, ब्लॉकचेन का आविष्कार किसने किया था, यह टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ जरूरी चीजें के संबंध में विस्तार से जानकारी देंगे।

Blockchain technology kya hai

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Bitcoin Mine

कल्पना कीजिए कि आप एक खनिक हैं।
अंत में आपको एक बिटकॉइन की खान मिली। लेकिन बिटकॉइन फंस गया है। कितनी शर्म की बात है।
अगले कुछ मिनटों में तय करें कि बिटकॉइन की कीमत गिरेगी या बढ़ेगी।
यदि आपकी भविष्यवाणी सही थी, तो बिटकॉइन मुक्त हो जाएगा।
लेकिन सावधान रहें, अगर आप गलत हैं, तो बिटकॉइन फिर से ब्लॉक हो जाता है।

पुरस्कार जीतें
यदि आपने लगातार 3 बार सही चुनाव किया है, तो आप एक पुरस्कार जीतते हैं।

इसे आज़माएं, यह मजेदार है
और अब चिंता करें, आप कुछ भी नहीं खो सकते हैं, किसी भी जोखिम के साथ अपने ज्ञान का परीक्षण करें।

क्रिप्टो करेंसी चैलेंज कैसे काम करता है:
- 10'000 अंकों के साथ चुनौती शुरू करें
- चुनौती जीतने के लिए, आपको उतने ही अंक अर्जित करने होंगे जितने कि वर्तमान बिटकॉइन मूल्य है
- अनुमान लगाएं कि अगले 2 मिनट में कीमत बढ़ेगी या गिरेगी।
- वह स्कोर सेट करें जिसका आप उपयोग करना चाहते हैं
- उलटी गिनती के दौरान आप देखते हैं कि आपका अनुमान सही है या गलत
- बिटकॉइन की कीमत वास्तविक समय में प्रदर्शित होती है।
- समय समाप्त होने के बाद, आप देखते हैं कि आप सही हैं या गलत और अंक प्राप्त करें।

बक्शीश
- अगर आप लगातार 3 बार सही हैं, तो आपको एक पुरस्कार भी मिलेगा

अन्य कार्य
- आँकड़ों में देखें कि आप कितनी बार सही या गलत थे
- बिटकॉइन की वास्तविक समय दरें

अस्वीकरण
बिटकॉइन चैलेंज ऐप के साथ, आप कभी भी अपना पैसा खोने का जोखिम नहीं उठाएंगे। यह केवल एक खेल है।
आप इस ऐप से बिटकॉइन या पैसा नहीं कमाते हैं। यह एक खनन या निवेश ऐप नहीं है! ऐप में सभी क्रिप्टो करेंसी और पैसा वर्चुअल है। खेल के क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत भीतर सभी लेन-देन और खनन का क्रिप्टोकरेंसी के वास्तविक खनन, व्यापार या निवेश से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक सिमुलेशन गेम है जो आपके मनोरंजन और आनंद के लिए बनाया गया है।

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ें हर सवाल के जवाब, कितना है जोखिम क्या है फायदा ?

वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है.

What is cryptocurrency

फाइनेंसियल वर्ल्ड में क्रिप्टोकरेंसी की चर्चा जोर-शोर से चल रही है. देश में पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह भी है. इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें जोखिम रहने के बावजूद तेजी से रिटर्न मिलता है.

वहीं हजारों निवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. इसको देखते हुए देश में संसदीय समिति ने इसको बैन करने के बजाय रेगुलेट करने पर जोर दिया है. इसको लेकर एक विधेयक भी लाने की तैयारी हो रही है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों के मन में उलझन बनी हुई है कि इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं और आखिर यह क्या है और इसमें ट्रेड कैसे होता है.

पूरी दुनिया के लोगों या किसी भी संस्था को अपनी आधारभूत जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी यानी मुद्रा की जरूरत होती है.

भारत में आ रही है डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगी अलग ?

भारत में आ रही है डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कितनी होगी अलग ?

हर देश की मुद्रा अलग-अलग नाम से जानी जाती है, जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, यूरोपीय देशों में यूरो, सउदी अरब में रियाल, जापान में येन आदि. उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक तरह की मुद्रा है, लेकिन यह बाकी सभी मुद्राओं से बिलकुल अलग है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते हैं. यानी यह एक डिजिटल करेंसी (डिजिटल मुद्रा) है.

इसे आप अपने पर्स या पॉकेट में नहीं रख सकते बल्कि अपने पास डिजिटल स्वरूप में रख सकते हैं, वह भी ऑनलाइन. इसका मुद्रण नहीं किया जाता है. यह कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं होता यानी इसको कोई कंट्रोल नहीं करता है.

यह दुनिया के किसी भी सरकार के नियंत्रण में नहीं रहता है. लेकिन अपने देश में अब इसको रेगुलेट करने पर चर्चा हो रही है. एक बात और, इसका इस्तेमाल अन्य करेंसी की तरह वस्तुओ और सर्विसेज को खरीदने के लिए किया जा सकता है, सिर्फ ऑनलाइन तरीके से.

इसकी शुरुआत सबसे पहले 2009 में हुई जब पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन आया. अभी पूरी दुनिया में हजारों क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनमें कारोबार क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत हो रहा है. बिटकॉइन, इथेरियम, टेथर, कारडेनो, बिनान्स कॉइन, पोलका डॉट जैसी कई क्रिप्टोकरेंसीयां हैं जहां भारतीय अपना पैसा लगा रहे हैं.

निवेश के लिए सही प्लेटफॉर्म जरूरी

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है. सही प्लेटफॉर्म का चुनाव नहीं करने पर ट्रेडिंग करते वक्त ज्यादा फीस देनी पड़ सकती है. दुनिया में ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं. यहां कारोबार कभी नहीं रुकता. इसमें कभी भी किसी भी समय निवेश कर सकते हैं या क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत निकाल सकते हैं.

भारत में अभी के समय में सबसे पोपुलर प्लेटफॉर्म - वजीरएक्स है. इसे क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज के रूप में भी जाना जाता है. इसके अलावा देश में कॉइनस्विच, कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, जेबपे भी उपलब्ध हैं जिनके जरीये क्रिप्टो में कारोबार हो सकता है.

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना चाहते हैं, तो पहले कुछ जांची-परखी गयी क्रिप्टोकरेंसी को समझें और फिर तय करें कि आपको कहां ट्रेड करना है. ऐसे कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानें.

यह दुनिया की सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सबसे पहले 2009 में संतोषी नाकामोटो के नाम से, किसी व्य​क्ति या समूह द्वारा बनाया गया था. यह एक ब्लॉकचेन पर चलता है. किसी ब्रोकर के बिना रीयल–टाइम में ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करता है. किसी भी टाइप की हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित है.

: यह दूसरा लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है. यह एक ब्लॉकचेन नेटवर्क है जिसका मूल टोकन इथर या इटीएच है. यह भी ओपन सोर्स, डीसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन आधारित कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. यह अपने यूजर्स को डिजिटल टोकन बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से इसे करेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

यह तीसरी सबसे लोकप्रिय क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत क्रिप्टोकरेंसी है. इसका इस्तेमाल ट्रेडिंग, पेमेंट प्रोसेसिंग या ट्रैवल बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है. साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी के अन्य रूपों जैसे कि इथेरियम या बिटकॉइन के लिए भी इसे ट्रेड या एक्सचेंज किया जा सकता है. इसकी कीमत अभी 650 डॉलर से अधिक चल रही है.

: यह एक नयी क्रिप्टोकरेंसी है, लेकिन इसने आते ही धूम मचा दी और इस समय सबसे ज्यादा चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बन गया है. बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में कम लागत पर ट्रांजेक्शन को वैलिडेट करने के लिए, इसे नये व भरोसेमंद प्रूफ–ऑफ–स्टेक मेथड के लिए जाना जाता है.

संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार ला सकती है विधेयक

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: टेथर एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. इसे स्टेबल कॉइन कहा जाता है. यह अमेरिकी डॉलर जैसी फिएट करेंसी द्वारा समर्थित है, जो इसे की क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत तुलना में अधिक स्थिर और भरोसेमंद बनाती है. इसका मार्केट कैप 73 बिलियन डॉलर के करीब है.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टोकरेंसी के क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत अपने फायदे और नुकसान हैं. इन पर देश की मुद्रास्फीति का कोई असर नहीं पड़ता है. इसके कई डार्क पहलू भी हैं. इसलिए इसमें निवेश से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

क्रिप्टोकरेंसी का कोई कानूनी पक्ष नहीं है : क्रिप्टोकरेंसी में किया गया निवेश किसी भी तरह के कानूनी पहलू का हिस्सा नहीं होता है. भविष्य में कुछ गलत होता है, तो आप कोई क्लेम नहीं कर सकते हैं.

उतार-चढ़ाव से भरा है बाजार: क्रिप्टोकरेंसी निवेश बाजार जोखिमों के आधीन हैं. रोजाना काफी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में इनमें मुनाफा और घाटा काफी तेजी से होता है.

क्रिप्टो व्हेल : सबसे बड़ी समस्या क्रिप्टो व्हेल है यानी वे निवेशक जो बड़ी मात्रा में अपने पैसे डंप करते हैं और उतार-चढ़ाव को प्रभावित करते हैं. इससे छोटे और मध्यम दर्जे के निवेशकों को घाटा होता है.

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जोखिम है, पर बेहतर रिटर्न पाने का मौका भी

क्रिप्टोकरेंसी बिलकुल एक नयी दुनिया है. अर्थव्यवस्था में या यूं कहें कि बैंकिंग, निवेश, आय-व्यय आदि हर जगह इसका प्रभाव पड़ने वाला है. यह क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जो बिलकुल नयी है. यह अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि इसमें जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाने का बहुत ही अच्छा अवसर है.

इससे लोगों की आय बढ़ेगी. और आय बढ़ेगी तो लोग खर्च भी करेंगे. इससे सरकार का इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा. अपने देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर पाबंदी लगाने से इनकार कर दिया है.

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12 साल में 36 पैसे का Bitcoin हुआ 41 लाख रुपये के पार, क्या अब करेंगे इन्वेस्टमेंट?

Cryptocurrency: डिजिटल करेंसी पर फ्रेमवर्क की खबरों के बीच WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी आश्वस्त हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करेगी

  • प्रियंका संभव
  • Publish Date - April 27, 2021 / 08:37 PM IST

12 साल में 36 पैसे का Bitcoin हुआ 41 लाख रुपये के पार, क्या अब करेंगे इन्वेस्टमेंट?

आज से 12 साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि 36 पैसे का मिलने वाला एक बिटकॉइन कभी 50 लाख रुपये को भी पार कर जाएगा. फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत 41 लाख रुपये के करीब है लकिन इस तेजी की वजह क्या है? जिनके पास क्रिप्टोकरेंसी नहीं है उन्हें लगता है कि निवेश की ये गाड़ी छूट गई है तो वहीं जिनके पास है वे सरकार के फ्रेमवर्क बनाने की खबरों को इसपर लटकती तलवार मान रहे हैं – कइयों में डर है कि सरकार इसपर प्रतिबंध लगा सकती है. क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लैटफॉर्म वज़ीरएक्स (WazirX) के फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक भारत सरकार डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रहीं है लेकिन वे हर तरह से आश्वस्त हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं करेगी.

इस भरोसे के पीछे वो दो वजह बताते हैं – इसे 1 करोड़ से ज्यादा भारतीयों ने खरीदा हुआ है और हमारे देश में 10,000 से 15,000 करोड़ का इसमें कारोबार हो रहा है. शेट्टी के मुताबिक दूसरी वजह ये है कि जब विश्व के सभी देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में जुटे हैं तो ऐसे में भारत अलग-थलग नहीं होना चाहेगा. उन्हें पूरा विश्वास है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्टेकहोल्डर्स से भी इसमें बातचीत की जाएगी.

क्या क्रिप्टोकरेंसी एक निवेश विकल्प है?

क्रिप्टोकरेंसी निवेश के लिए एक नया और उभरता ट्रेंड है. रिटर्न के फ्रंट पर अभी ये सारे ही फाइनेंशियल एसेट जैसे कि इक्विटी, डेट और गोल्ड को मात दे रहा है . लेकिन बड़े रिटर्न का मतलब है रिस्क भी बड़ा. इसलिए कीमतों मे बढ़त के साथ गिरावट के लिए भी तैयार रहिए. 2018 में 20,000 डॉलर के स्तर से इसने नीचे की तरफ 3,000 डॉलर के स्तर तक गोता लगाया था. शेट्टी के मुताबिक किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के पहले उसके बारे में खुद से रिसर्च करें, उसके बारे में पता करें. जिस प्लेटफॉर्म से खरीद रहें हैं उसकी जांच करना क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत भी जरूरी है. निवेश से पहले होमवर्क जरूरी है – पता करें कि कौन है जो इसे चला रहा है क्योंकि कई अन-वेरिफाइड प्लैटफॉर्म भी बाजार में हैं.

क्रिप्टोकरेंसी की मांग क्यों है?

पूरी दुनिया में केवल 21 मिलियन बिटकॉइन (Bitcoin) है और इस सीमित सप्लाई की वजह से इसकी डिमांड जैसे बढ़ेगी वैसे कीमत चढ़ेगी. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित इस डिजिटल करेंसी का आधार टेक्नॉलिजी है.निश्चल के मुताबिक इसमें निवेश करने का मतलब कहै कि आप भविष्य की टेक्नॉलिजी पर भरोसा कर रहें हैं .

क्या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए जेब में लाखों रुपए होने चाहिए ?

बिल्कुल भी नहीं. आप बस 100 रुपए का भी क्रिप्टोकरेंसी क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत खरीद सकते हैं. बस 100 रुपए की खरीदने में आपको एक बड़े एसेट का छोटा सा अंश मिलेगा लेकिन इस नई करेंसी के समझने के लिए 100 रुपए से शुरुआत की जा सकती है .

क्या 1 लाख डॉलर तक पहुंचेगा Bitcoin? जानिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का क्या हो रहा असर

कोरोना काल में बिटक्वॉइन 65 हजार डॉलर के पार तक पहुंचा था जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है. वर्तमान स्तर से 1 लाख डॉलर तक पहुंचने में बिटक्वॉइन में 130 फीसदी से ज्यादा का उछाल जरूरी है.

क्या 1 लाख डॉलर तक पहुंचेगा Bitcoin? जानिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का क्या हो रहा असर

TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Jan 07, 2022 | 1:15 PM

Bitcoin outlook 2022: अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल एक्सेस लिक्विडिटी को कम करने के लिए बॉन्ड टैपरिंग प्रोग्राम पर आगे बढ़ रहा है. टैपरिंग प्रोग्राम के तहत वह धीरे-धीरे कम बॉन्ड खरीदेगा और आने वाले दिनों में इंट्रेस्ट रेट में भी बढ़ोतरी संभव है. फेडरल रिजर्व के इस फैसले का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर असर साफ दिख रहा है.

दोपहर के 12.50 बजे बिटक्वॉइन 4.11 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 41400 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा था. जनवरी महीने में अब तक बिटक्वॉइन के मार्केट कैप में 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. ऐसे में बिटक्वॉइन के 1 लाख डॉलर तक पहुंचने की संभावना पर बादल मंडराने लगे हैं. क्रिप्टो बाजार के जानकारों का कहना है कि यह अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचेगा, हालांकि इसमें देर होगी.

65 हजार क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत डॉलर तक पहुंचा था बिटक्वॉइन

कोरोना काल में बिटक्वॉइन 65 हजार डॉलर के पार तक पहुंचा था जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है. वर्तमान स्तर से 1 लाख डॉलर तक पहुंचने में बिटक्वॉइन में 130 फीसदी से ज्यादा का उछाल जरूरी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहास पर गौर करें तो बिटक्वॉइन ने सालाना आधार पर कई बार ट्रिपल डिजिट में रिटर्न दिया है. हालांकि, वर्तमान हालात में ट्रिपल डिजिट ग्रोथ बहुत मुश्किल है. फेडरल के फैसले का इसकी कीमत पर सीधा-सीधा असर होगा.

बड़े पैमाने पर हुई थी नोटों की छपाई

मिलर तबाक के चीफ मार्केट स्ट्रैटिजिस्ट मैट मैले ने कहा कि कोरोना के कारण अमेरिकी क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत फेडरल के साथ-साथ दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने बड़े पैमाने पर नोट छापे. क्रिप्टोकरेंसी में तेजी का सबसे प्रमुख कारण यही था. अब फेडरल रिजर्व बॉन्ड टैपरिंग क्या फिर कभी बढ़ेगी क्रिप्टो करेंसियों की कीमत की दिशा में काम कर रहा है तो इसकी कीमत पर प्रभाव निश्चित है.

इंट्रेस्ट रेट बढ़ने पर बढ़ेगी परेशानी

जब फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ाएगा तो निवेशकों के लिए कर्ज उठाए पैसे से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेश का रिस्क उठाना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा. पिछले दो सालों में इन निवेशकों ने बहुत कमाई की है. ऐसे में वे अपना क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट बेचकर निवेश के सुरक्षित साधनों की तरफ आकर्षित होंगे.

1 लाख डॉलर तक पहुंच सकता है बिटक्वॉइन

गोल्डमैन सैक्श के ऐनालिस्ट Zach Pandl ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर क्रिप्टोकरेंसी इसी तरह गोल्ड मार्केट में दखल बढ़ाता रहेगा तो बिटक्वॉइन 1 लाख डॉलर का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगा. फाइनेंशियल एक्सपर्टस सलाह दे रहे हैं कि अगर आपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया है तो एकबार फिर से पोर्टफोलियो को चेक करें.

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