क्रिप्टो रोबोट

© Reuters. इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास
इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास
शेयर बाजार 28 अगस्त 2022 ,12:15
© Reuters. इंसानों की तरह महिला रोबोट ले रहीं हैं छात्रों की क्लास
में स्थिति क्रिप्टो रोबोट को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। अभी तक स्कूल-कॉलेजों में केवल इंसान ही शिक्षक के रूप में छात्रों को पढ़ाता रहा है। लेकिन अब महिला रोबोट छात्र-छात्राओं को पढ़ा रही है, उन्हें शैक्षिक ज्ञान दे रही है। इस महिला रोबोट को बनाया है, यूपी के जौनपुर के शिक्षक दिनेश पटेल ने। यह महिला रोबोट 47 भाषाओं में शिक्षा देने में सक्षम है। उनके इस काम की केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी पवई (मुंबई) ने सराहना की क्रिप्टो रोबोट है। जौनपुर जिले के मड़ियाहूं के रजमलपुर गांव निवासी केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक दिनेश ने इंसान जैसा रोबोट तैयार किया है, जिसका नाम शालू है। नौ भारतीय और 38 विदेशी भाषा बोलने में सक्षम यह रोबोट कृत्रिम बुद्धि से लैस है। दिनेश ने बताया क्रिप्टो रोबोट कि इस सत्र से शालू ने केंद्रीय विद्यालय पवई में कक्षाओं की शुरूआत कर दी है। पटेल ने बताया कि शालू कक्षा 6 से लेकर 11 वीं तक कंप्यूटर साइंस के बच्चों को पढ़ा रही है। बच्चे भी उनसे पढ़कर काफी संतुष्ट हैं। अभी शालू तकरीबन 10 से 11 कक्षाएं ले चुकी हैं। इसका निर्माण क्रिप्टो रोबोट कोरोना के पहले किया गया था, लेकिन पढ़ाने की शुरूआत इस क्रिप्टो रोबोट सत्र से हुई है।
Tesla Robot: क्या इंसान की तरह सक्षम होंगे टेस्ला के रोबोट?
Elon Musk की कंपनी Tesla इस समय ह्यूमनॉइड रोबोट बनाने की विशाल योजना पर काम कर रही है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि रोबोट को अप्रत्याशित परिस्थिति में मज़बूत बनाए रखना बेहद मुश्किल हैऔर लोगों को ऐसे रोबोट चाहिएं जो इंसानों की तरह ही सक्षम हों।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। Elon Musk की कंपनी Tesla अब हजारों ह्यूमनॉइड रोबॉट्स को तैनात करने की महत्वाकांक्षी योजना बना रही है, जिन्हें टेस्ला बॉट या ऑप्टिमस के रूप में जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार टेस्ला की रोबोट पर अब पहले से अधिक आंतरिक बैठकें हो रही हैं।
मस्क हमेशा कहते हैं कि रोबोट घरों में इस्तेमाल किया जा सकता है, रात का खाना बना सकता है, लॉन की घास काट सकता है और बुजुर्ग लोगों की देखभाल कर सकता है। मस्क के अनुसार, रोबोट व्यवसाय आगे चल कर टेस्ला के कार राजस्व से अधिक मूल्य का हो सकता है, जो अब कंपनी के लिए एक विजन बन गया है।
इंसानों की तरह सीढ़ी चढ़ने वाला रोबोट, बीटेक के छात्रों ने मिलकर किया तैयार; निगरानी में भी होगा माहिर
रोबोटिक्स क्लब के फैकल्टी इंचार्ज ने प्रो. आनंद शर्मा ने बताया कि रोबोटिक्स क्लब छात्रों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास क्रिप्टो रोबोट कर रहा है। अब एडवांस रोबोट बनाने की कोशिश की जा क्रिप्टो रोबोट रही है। यह ह्यूमेनायड रोबोट इसी कड़ी का हिस्सा है।
मृत्युंजय मिश्र, प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) के विद्यार्थियों ने ह्यूमेनायड रोबोट (यंत्र मानव ) बनाया है। यह रोबोट इंसानों की तरह ही उबड़-खाबड़ सतह पर संतुलन के साथ चल सकता है और सीढ़ियां भी चढ़ सकता है। जीपीएस की मदद से तय मार्ग पर चलकर मंजिल तक भी पहुंच सकता है। इंजीनियरिंग छात्रों के अनुसार कुछ बदलावों के बाद इसका प्रयोग निगरानी और रेस्क्यू मिशन क्रिप्टो रोबोट में भी किया जा सकता है। ह्यूमेनायड रोबोट के सामने विषम परिस्थितियां पैदा कर इसके संतुलन को और बेहतर बनाया जा रहा है।
बीटेक के तीन ब्रांच के छात्रों ने मिलकर किया तैयार
एमएनएनआइटी के बीटेक की तीन ब्रांच इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के चार छात्रों के समूह ने इस ह्यूमेनायड रोबोट को बनाया है। इस टीम में इलेक्ट्रिकल एवं इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र पुरुषोत्तम अग्रवाल लीड कर रहे हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के मेहुल सिंघल और अनुराग तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र विवांशु भी क्रिप्टो रोबोट शामिल हैं। रोबोट बनाने के लिए धनराशि एमएनएनआइटी के एल्यूमनी फंड और संस्थान से मिली है।
. यह निगरानी में भी होगा माहिर
पुरुषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि इसमें 27 एमएएच की लीथियम पालीमर बैटरी लगी है। एक बार चार्ज होने के बाद यह दो घंटे तक आपरेशन कर सकता है। किसी मिशन में यह बहुत ही तकनीकी सहयोग प्रदान कर सकता है। इसमें कैमरा लगाया जा सकता है, इससे यह निगरानी कर सकता है और लाइव फुटेज भी भेज सकता है। रोबोट तैयार करने वाली टीम के सदस्य ग्लोबल एल्युमनी कन्वेंशन में इसको पेश करने से पूर्व इसका परीक्षण कर रहे हैं।
रोबोटिक्स क्लब के फैकल्टी इंचार्ज ने प्रो. आनंद शर्मा ने बताया कि रोबोटिक्स क्लब छात्रों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास कर रहा है। अब एडवांस रोबोट बनाने की कोशिश की जा रही है। यह ह्यूमेनायड रोबोट इसी कड़ी का हिस्सा क्रिप्टो रोबोट है। इसको लगातार अपडेट किया जा रहा है। कोशिश है कि रोबोट की नई तकनीकों उद्योगों और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी बनाई जा सकें।
लाखों डॉलर के गुम हो चुके Bitcoin को खोजने में मदद करेंगे रोबोट
पिछले कुछ महीनों से बिटकॉइन के प्राइस में गिरावट है
खास बातें
- ब्रिटेन के न्यूपोर्ट शहर में एक स्थान पर इन बिटकॉइन की खोज की जाएगी
- बिटकॉइन के प्राइस में पिछले कुछ महीनों से गिरावट है
- इसमें रिकवरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin से बहुत से लोगों ने काफी मुनाफा बनाया है. हालांकि, ब्रिटेन के एक व्यक्ति बड़ी संख्या में बिटकॉइन होने के बावजूद भी इन्हें बेच नहीं सकते क्योंकि उन्होंने लगभग 7,500 बिटकॉइन वाली एक हार्ड ड्राइव कई वर्ष पहले गलती से फेंक दी थी. सॉफ्टवेयर इंजीनियर James Howells ने इन्हें खोजने के लिए क्रिप्टो रोबोट रोबोट की मदद लेने की योजना बनाई है.
अमेरिकी रोबोटिक्स डिजाइन फर्म Boston Dynamics के दो रोबोट डॉग्स ब्रिटेन के न्यूपोर्ट शहर में एक स्थान पर इन बिटकॉइन को खोजेंगे. ये रोबोट डॉग्स CCTV कैमरा से लैस होंगे. James उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने बिटकॉइन के शुरुआती दौर में कॉइन्स की माइनिंग की थी. उन्हें इस अभियान के लिए यूरोप की दो वेंचर कैपिटल फर्मों से लगभग 1.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है. James के लिए यह अभियान मुश्किल होगा क्योंकि उन्हें पहले उस स्थान की खुदाई के लिए सिटी काउंसिल से अनुमति लेनी होगी. अगर उन्हें यह अनुमति नहीं मिलती तो वह इसके लिए कोर्ट से गुहार लगाने को भी तैयार हैं.
कोरोना वायरस के मरीजों को दवा-खाना दे रहा है रिमोट कंट्रोल से चलने वाला को-बोट
पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में डीडीसी आदित्य रंजन के नेतृत्व में एक रिमोट कंट्रोल से चलने वाला रोबोट विकसित किया गया है इसका नाम को बोट रखा गया है. यह कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को दवा और खाना आदि पहुंचाने में मदद करता है. दिलचस्प बात यह है कि बिना किसी मानवीय संपर्क के यह रोबोट कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को दवा और खाना पहुंचा सकता है.