स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? – Swing Trading In Hindi | [2022] Swing Trading की शुरुआत कैसे करें
स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? Swing Trading की शुरुआत कैसे करें – Swing Trading In Hindi , Swing Trading क्या है ? ,स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ?स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे – कुछ लोग आज Share खरीद कर आज ही बेच देते है और कुछ आज खरीदकर 1 महीने बाद बेचेंगे। Stock Market में बहुत तरह की Trading Style होती है आज मैं आपको Swing Trading के बारे में बताऊंगा की स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? स्विंग ट्रेडिंग क्या है – (Swing Trading क्या है – What Is Swing Trading In Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग शेयर मार्किट की सबसे लोकप्रिय ट्रेडिंग स्टाइल में से एक है यह दूसरी Trading Techniques से ज्यादा आसान और Effective (प्रभावी) है आइये जानते है की स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है What Is Swing Trading In Stock Market.
इस Post को पूरा पढ़े आपको इन सभी प्रश्नों का उत्तर मिल जायेगा। Swing Trading क्या है ? , स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे ? स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे , Swing Trading Tips In Hindi
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Hindi
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Hindi
स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है: Swing Trading Kya Hai जब किसी शेयर को खरीदकर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रखकर बेच दिया जाता है तो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहते है Swing Trading में Shares की Delivery ली जाती है इसलिए इसे Delivery Based Trading भी कहते है।
स्विंग ट्रेडिंग में पोजीशन को Overnight Carry किया जाता है जिसका अर्थ है की Swing Trading में पोजीशन को कम से कम एक रात के लिए रखा जाता है आज खरीद कर कल बेच दे या 1 हफ्ते बाद बेच दे या 1 महीने बाद बेच दे तीनों ही कंडीशन में इस ट्रेड को Swing Trade कहेंगे।
Swing Trading को Monthly Trading भी कहते है क्योंकि एक महीने के अंदर Share को खरीद कर बेचना होता है Swing Trading से महीने का 5% से 10% तक Return कमाया जा सकता है।स्विंग ट्रेडिंग में Technical Analysis और Fundamental Analysis दोनों का उपयोग किया जाता है
स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ? How To Start Swing Trading
How To Start Swing Trading In Stock Market:Swing Trading करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी होता है।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे – Swing Trading Kaise Kare
Support And Resistance: स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? Swing Trading में Support And Resistance का बहुत बड़ा योगदान होता है कोशिश यही करनी चाहिए की सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेचे।
News Based Stock: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे स्टॉक्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर की वजह से वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चूका हो वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ Breakout होगा नहीं तो नीचे की तरफ Breakdown होगा।
Swing Trading Technique: स्विंग ट्रेडिंग के लिए हमेशा High Liquidity Share चुनना चाहिए इसके अलावा शेयर में Entry और Exit के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का उपयोग कर सकते है।
स्विंग ट्रेडिंग के जोख़िम और फ़ायदे – Swing Trading Risk And Benefits
Monthly Income(Monthly P&L): स्विंग ट्रेडिंग से Monthly Income कमायी जा सकती है प्रॉफिट हुआ या लोस्स ये महीने के अंत में ही पता चल जाता है
Margin: स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर द्वारा मार्जिन नहीं मिलता है पूरा पैसा अपनी जेब से लगाना पड़ता है इसलिए जिनके पास कम पैसा है वो स्विंग ट्रेडिंग से ज्यादा कमा नहीं सकते है आम तौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए कम से कम 2 से 5 लाख रुपये की आवश्यकता होती है।
Overnight Holding Risk: स्वींग ट्रेडिंग में Overnight Holding Risk होता है कई बार किसी न्यूज़ की वजह से मार्किट Gap Up या Gap Down Open होता है जिसकी वजह से आकस्मिक लाभ या हानि हो सकती है ऐसी लाभ या हानि का पहले अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
Wrong Trade: स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यही है की अगर ऐसे शेयर स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? में स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? ट्रेड ले लिया जिसमें ज्यादा मूवमेंट न हो तो आपका एक महीना बर्बाद भी हो सकता है क्योंकि स्वींग ट्रेडिंग में Share को कुछ हफ्तों तक होल्ड करके रखा जाता है।
Swing Trading Tips In Hindi
- ट्रेंड को कन्फर्म करे और हमेशा मार्किट की दिशा में ही ट्रेड करें Strength पर Buy करें और Weakness पर Sell करें।
- स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छा ट्रेडिंग प्लान बनाये जिसमे Entry, Exit, Stop Loss, Target ये सभी शामिल होने चाहिए।
- ऐसे किसी भी शेयर में स्विंग ट्रेड न ले जिसमे 10% से ज्यादा Move आ चूका हो क्योंकि वहां से वह शेयर अपनी दिशा बदल भी सकता है।
- जिस शेयर में Trade ले रहे है उसका VAR (Value At Risk) जरूर चेक करे क्योंकि VAR से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है की अगर वह ट्रेड गलत हुआ तो कितना नुकसान हो सकता है।
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Conclusion:-
Swing Trading को ट्रेडिंग का King भी कहते है क्योंकि इसमें बाकि ट्रेडिंग स्टाइल की तुलना में Risk कम होता है और Profit की संभावना ज्यादा होती है कोई भी ट्रेडर जो Stock Market में नया होता है उसे स्विंग ट्रेडिंग से ही अपने ट्रेडिंग करियर की शुरुआत करने के सलाह दी जाती है।
आशा करता हु की ये आर्टिकल Swing Trading क्या है – Swing Trading In Hindi आपको उपयोगी लगा होगा अगर अभी भी आपका कोई सवाल या सुझाव है स्विंग ट्रेडिंग क्या है – What Is Swing Trading In Stock Market से जुड़ा हुआ तो कमेंट में बता सकते है।
Swing Trading क्या है? | स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने में इन्वेस्टमेंट करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे की जाती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट स्विंग ट्रेडिंग बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
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Table of Contents
स्विंग ट्रेडिंग क्या है (What is Swing Trading in Hindi)
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जहाँ पर ट्रेडर्स शेयर्स को खरीदने के कुछ दिन के बाद बेचते हैं मतलब कि एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर्स खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद दाम बढ़ने पर शेयर्स को बेच देते है जिससे उन्हें कुछ न कुछ फायदा हो जाता है.
एक अच्छी स्विंग ट्रेडर की ओप्पोर्चुनिटी को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का और कभी-कभी फंडामेंटल एनालिसिस का भी उपयोग करता है साथ ही चार्ट के माध्यम से मार्केट ट्रेंड और पैटर्न्स का विश्लेषण करता है. स्विंग ट्रेडिंग को मंथली ट्रेडिंग भी कहा जाता है क्योंकि एक महीने के अंदर ही शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है स्विंग ट्रेडिंग से महीने का 5% से 10% तक रिटर्न कमाया जा सकता है स्विंग ट्रेडिंग में टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग किया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.
Swing Trading काम कैसे करती है?
स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-
- स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
- स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
- स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा रिटर्न भी बन जाता है.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-
- स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
- स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
- अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?
सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस: स्विंग ट्रेडिंग में सुपोर्ट एंड रेसिसिटेंस बहुत जरूरी होता है तो इसीलिये आप भी यही कोशिश यही करना कि सपोर्ट पर ब्रेकआउट के बाद शेयर्स ख़रीदे और रेजिस्टेंस पर ब्रेकडाउन पर बेच दे.
न्यूज़ बेस्ड स्टॉक: एक स्विंग ट्रेडर ऐसे शेयर्स को चुनता है जिसमें बाजार की किसी खबर का असर हो और उस खबर के कारण वह स्टॉक किसी एक दिशा में ब्रेकआउट देने की तैयारी में हो या ब्रेकआउट दे चुका हो, वह खबर बुरी या अच्छी किसी भी प्रकार की हो सकती है खबर अच्छी हुई तो ऊपर की तरफ ब्रेक आउट होगा, नहीं तो नीचे की तरफ ब्रेडडाउन होगा.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निक्स: स्विंग ट्रेडिंग के लिए आपको हमेशा हाई Liquidity शेयर्स को चुनना होता है इसके अलावा शेयर में एंट्री और एग्जिट के लिए MACD, ADX और Fast Moving Average का यूज किया जा सकता है.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (swing trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको स्विंग ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (swing trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे करे? Swing Trading in Hindi
आज बहुत सारे लोग शेयर मार्केट कि ओर आकर्षित हो रहे है। एक नए ट्रेडर को हमेशा से ही इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग को लेकर काफी डाउट रहते है। पिछले पोस्ट में हमने इंट्राडे क्या है, इस विषय पर चर्चा किया था। आज इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्राडिंग के ऊपर बात करेंगे। आज इस पोस्ट में हम जानेंगे स्विंग ट्रेडिंग क्या है, स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते है ओर भी स्विंग ट्रेडिंग से जुड़ी बातें।
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[संपूर्ण जानकारी]
स्विंग ट्रेडिंग क्या है? Swing Trading in Hindi
लोग इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग को एक ही समझ लेता है। लेकिन दोनों काफी भिन्न है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में आप स्टॉक को intraday में खरीदते है और एक दिन अंदर ही उसे सेल करना होता है।
लेकिन स्विंग में आप स्टॉक को कुछ समय के होल्ड कर पाते है। अगर आप किसी स्टॉक को खरीदकर एक दिन से ज्यादा समय तक होल्ड करते हो तो उसे स्विंग ट्राडिंग कहा जाता है।
अगर आप किसी भी स्टॉक को एक दिन या उससे ज्यादा समय या कुछ हप्ते तक होल्ड करते हो तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहाँ जाएगा।
Swing ट्रेडिंग का अर्थ
सिम्पली अगर हम स्विंग के अर्थ गूगल में सर्च करते है तो इसका अर्थ आता है झोला।
स्विंग ट्राडिंग का अर्थ शेयर मार्किट में स्टॉक के पोजीशन को दर्शाते हैं।
अगर किसी भी स्टॉक खरीदकर एक से ज्यादा दिन portfolio में रखा जाए तो उसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जायेगा।
स्विंग ट्रेडिंग कितने दिनों के लिए किया जाता है?
स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ समय के लिए होल्ड किया जाता है। इसमे आप शेयर को एक दिन या उससे ज्यादा समय तक भी होल्ड कर सकते हो। स्विंग ट्रेडिंग में शेयर के होल्डिंग कोई हप्ते तक भी कर सकते हो। और उसी बीच कुछ प्रतिशत प्रॉफिट बुक करके आप square off भी कर सकते हो
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को कैसे चुने?
दरअशल स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग स्टॉक सिलेक्शन टेक्निकल एनालिसिस से ही करते है। इसमें fundamental analysis के ज्यादा रोल नही होते। क्योंकि इसमें आपको थोड़े प्रॉफिट ही बूक करना होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक के चुनाव हमेशा nifty 50 या bank nifty से करे। ऐसे स्टॉक के ओर जाए जिसमे ज्यादा मूवमेंट हो। चार्ट को हमेशा सिंपल रखे और ज्यादा indicator से दूर रहे।
हमेशा मार्किट ट्रेंड को फॉलो करें और sideway market से दूर रहे।
स्विंग ट्रेडिंग के कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग एक तरह का पोसिशनल ट्रेडिंग ही होते है। इसमे स्टॉक को शर्ट टाइम के लिए होल्ड किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक buy आपको डिलीवरी में करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले किसी भी एक ब्रॉकर के साथ जॉइन होकर डेमेंट अकाउंट क्रिएट करना पड़ेगा। डेमेंट एकाउंट क्रिएट होने के बाद आप वहाँ जाकर स्टॉक आर्डर लगा सकते हो।
इन स्टॉक को आपको delivery पर buy करना पड़ेगा और एक दिन जाने के बाद स्टॉक पोजीशन से हटकर protfolio में चला जायेगा। जिसे आप किसी भी समय exit यानी सेल कर सकते हो।
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ
- यह इंट्राडे ट्रेडिंग के तुलना में कम रिस्क है, क्योंकि इसमें आपको काफी समय मिल जाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को एक दिन या कोई हप्तों तक रख सकते हो। यानी कि आपको सारे दिन चाट निकलकर बैठे रहने के जरूरत नही पड़ते।
- स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम कर सकते है। इसे बिज़नेस या जॉब करें लोग भी कर पाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे – छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न्स बन जाता है।
- स्विंग ट्राडिंग के लिए ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत नही होते। आपको अगर टेक्निकल एनालिसिस आता है तो तब भी आप इससे पैसा बना सकते हो।
- स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे के तुलना में कम noisy होते है।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- अख्शर देखा जाता है कि मार्किट बहुत ज्यादा gap down ओपन होते है। जिससे ट्रेडर को लोस होने के चांस रहते है।
- इंट्राडे के हिसाब से इसमे बहुत कम रिटर्न्स मिलते है।
- इंट्राडे के तरह स्विंग में किसी तरह मार्जिन नही मिलते। स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहता है।
Conclusion
अगर एक नए बंदे शेयर मार्केट में निवेश के बारे सोच रहे हो तो उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग बेस्ट रहते है। क्योंकि इसमें इंट्राडे के तुलना में कम रिस्क होते है।
तो दोस्तो मुझे उम्मीद है स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing Trading In Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आया है तो हमे कमेंट जरूर करे जिससे हमें अनुप्रेणा मिलते है।
Suraj Debnath
असम के निवासी सूरज देबनाथ इस ब्लॉग के संस्थापक है। इन्होने विज्ञान शाखा में स्नातक किया हुआ है। इन्हें शेयर मार्किट, टेक्नोलॉजी, ब्लोगिंग ,पैसे कमाए जैसे विषयों का काफी अनुभव है और इन विषयों पर आर्टिकल लिखते आये है। Join Him On Instagram- Click Here
Trading क्या है – Trading कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग किसे कहते है
बाज़ार में कम समय के अन्दर मुनाफा कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है और यह Trading कई प्रकार कि चीजों पर कि जाती है. मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों और हजारों रूपये कमा लेते है.
अगर आप भी ट्रेडिंग कि मदद से हजारों और लाखों रूपये कमाना चाहते है तो उसके लिए आपको ट्रेडिंग को समझना होगा तो चलिए जानते है Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai है.
Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai
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Trading Kya Hai
ट्रेडिंग क्या है: Trading में हम शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है. जहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर buy कर लेते है और उस शेयर की price high होने पर उसे sell कर देते है. इस प्रक्रिया को हम ट्रेडिंग कहते है.
ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वास्तु या सेवा को खरीद व बैच कर कम समय में लाभ कमाना होता है. यही कारण है कि Trading Share Market में सबसे ज्यादा कि जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते है.
Trading Kya Hoti Hai
What Is Trading in Hindi: Trading का मतलब Buy और Sell करना होता है जहाँ हम किसी भी चीज को कम भाव में खरीद लेते है और उसके बाद जब उसका भाव बढ़ जाता है तो उसे बैच देते है.
इस प्रकार कम पैसे में खरीदी गई चीज़ को जब ज्यादा दम में बेचा जाता है तो हमे उस पर कुछ पैसों का मुनाफा होता है जिसे हम ट्रेडिंग कहते है.
तो अगर आप Share पर ट्रेडिंग करके पैसे कमाना चाहते है तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग को समझना होगा चलिए जानते है शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है ?.
Share Market Trading Kya Hai
शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट ट्रेडिंग, शेयर पर होने वाली ट्रेडिंग को कहते है. जब सुबह 9:15 AM पर शेयर मार्केट खुलती है तब ट्रेडर कम दाम में शेयर को खरीद लेते है.
और दोपहर के 3:30 PM के पहले शेयर को बेच देते है . क्योंकि शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM पर खुलती है और 3:30 PM पर बंद हो जाती है. इस बीच ट्रेडर अपने ख़रीदे हुए शेयर पर अनुमानित मुनाफे को देख कर शेयर को बेच के मुनाफा कमा लेते है.
लेकिन शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अलग-अलग प्रकार कि होती है और ट्रेडर अपनी सुविधा और जोखिम के अनुसार ट्रेडिंग करते है.
Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं: Trading तीन प्रकार की होती है जिसे हम Intraday Trading, Scalping Trading, Swing Trading कहते है. शेयर मार्केट में लोग इन्ही तीनो ट्रेडिंग की मदद से शेयर बाज़ार में पैसा लगाते है और रोज हजारों रूपए कमाते है.
Types of Trading
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
Intraday Trading Kya Hai
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है: शेयर मार्केट के खुलने से लेकर उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को Intraday Trading कहते है.
इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदता और बेचता है. जिससे उसे एक ही दिन में शेयर स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? पर ट्रेडिंग करने पर मुनाफा मिलता है और इसी तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है.
Intraday Trading के बारे में और भी अधिक जानने के लिए आप हमारी पोस्ट पड़ सकते है जिसमे इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है.
Scalping Trading Kya Hai
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है: सकैलपिंग ट्रेडिंग भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में कि जाती है. लेकिन Scalping Trading में पुरे दिन ट्रेडिंग नहीं कि जाती.
यह ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा पैसों के साथ कुछ ही मिनट या घंटे के लिए कि जाती है. जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:05 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना.
Scalping Trading के बारे में और भी अच्छे से जानने के लिए आप हमारी टॉप क्लास स्काल्पिंग ट्रेडिंग की पोस्ट पढ़े उसमे आपको विस्तार से जानकरी मिलेगी.
Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग क्या है: Swing Trading बाकि दोनों सकैलपिंग, ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग से अलग है यह कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती है. लेकिन इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच ही किया जाता है .
स्विंग ट्रेडर पहले शेयर मार्केट में कम दाम पर शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते है. उसके बाद जब कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर कि price ज्यादा हो जाती है. तो उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लेते है.
Swing Trading के बारे में और भी विस्तार से जानने के लिए आप हमारी स्विंग ट्रेडिंग पर लिखी पोस्ट को पड़े इसमें आपको विस्तार से जानकारी मिलेगी स्विंग ट्रेडिंग के बारे में.
Trading Kise Kahate Hain
Trading को समझना बहुत ही आसान है हम नीचे एक उदहारण की मदद से ट्रेडिंग को समझेंगे.
उदहारण: मान लेते है आप शेयर बाज़ार में शेयर मार्केट में से SBI का 1 share खरीदना चाहते है. मार्केट के 9:15 AM पर खुलते ही शेयर की कीमत 99 रूपए रहती है और दिन में 1 PM तक शेयर की price 100 रूपए हो जाती है.
अब ऐसे में अगर आप शेयर को सुबह खरीद लेते तो 99 रूपए का आपको 1 शेयर मिलता जिसे आप 100 रूपए में बैच सकते थे. अगर आप ऐसा करते तो आपको 1 रूपए का मुनाफा होता जिसे हम profit कहते है और इस पूरी प्रोसेस को हम ट्रेडिंग कहते है.
Trading Account Kya Hai
Trading account वह account होता है जिसकी मदद से आप शेयर मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग करते है और शेयर को ख़रीदे और बेचने का काम करते है.
बिना ट्रेडिंग account के आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते न ही आप किसी शेयर पर buy का order लगा सकते और न ही sell का.
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए सबको अपना एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है जो की वह अपने demat account broker से भी खुलवा सकते है.
ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में और आधिक जानने के लिए आप हमारी ट्रेडिंग अकाउंट की पोस्ट पढ़े जिसमे हम ने ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोले इसके बारे में पूरी जानकारी दी है.
Trading Ke – FAQs
Trading का मतलब हिंदी में “व्यापार” होता है. आसान भाषा में कहे तो Trading Meaning in Hindi = खरीदने और बेचने का व्यापार .
Trading का मतलब (Buy & Sell) होता है जिसे हम खरीदना और बेचना भी कहते है.
अब आप जान गए है Trading Kya Hai और Trading Kitne Prakar Ki Hoti Hai . इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करे.
अगर आपके मन में कोई सवाल है ट्रेडिंग क्या होती है से लेकर तो आप नीचे अपना सवाल पोस्ट करे हम आपके सभी सवालों के जबाब देंगे.
Swing trading क्या है? स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक सिलेक्शन कैसे करें?
आप चाहें तो mutual funds मे भी निवेश कर सकते हैं परंतु यह सिर्फ एक पुराना तरीका है जिसमें सिर्फ लॉन्ग टर्म में ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है। परंतु स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसा कारगर विकल्प है जिससे मदद से आप अपने पैसे पर कम समय में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं ।
स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग तथा scalping समान ही है परंतु जो इसे अन्य प्रकारों से भिन्न बनाती है वह यह है कि इसमें आपके पास अपने निवेश संबंधी निर्णय को लेने के लिए पर्याप्त समय होता है जिसमें आप अपने तार्किक विश्लेषण स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? के आधार पर निर्णय लेते हैं
आज के इस आर्टिकल में हम स्विंग ट्रेडिंग क्या है तथा उससे संबंधित विषयों के बारे में अध्ययन करेंगे ।
Table of Contents
Swing trading क्या है?
Swing trading, trading एक ऐसा प्रकार है जिसमें किसी कंपनी के शेयर को 1 दिन से अधिक समय के लिए खरीदा जाता है शेयर को खरीदने से लेकर बेचने की अवधि 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों तक के लिए हो सकती है।
यह ट्रेडिंग मार्केट में short term gain तथा medium term gains के लिए की जाती है यह ट्रेडिंग का एक ऐसा रूप होता है जिसमें ट्रेडिंग एक तय समय के लिए की जाती है स्विंग ट्रेडिंग मे इस तय समय में हुए मार्केट में शेयर के प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा प्रभावी होती है क्योंकि जहां एक तरफ निवेशकों को अपने निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न अर्जित करने के लिए 1 साल या उससे अधिक का समय देना होता है वही एक स्विंग ट्रेडर का उद्देश्य कम समय में अच्छे लाभ कमा कर अपने लक्ष्यों की पूर्ति करना होता है क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की मदद से आप हफ्ते मैं अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
इस ट्रेडिंग का उपयोग कोई भी आम व्यक्ति लॉयर डॉक्टर, बिजनेसमैन ,आर्किटेक्ट या कोई भी व्यक्ति जो किसी भी प्रकार की जॉब करता है वह कर सकता है।
इस ट्रेडिंग की मदद से आप शॉर्ट टर्म में शेयर के प्राइस मूवमेंट से पैसे कमा सकते हैं जिसमें टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके आप शेयर के प्राइस मूवमेंट का पता लगाकर यह अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में किसी शेयर में कितनी वृद्धि हो सकती है।
Swing trading में stock selection कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग के सिद्धांतों पर ही कार्य करती है ।परंतु इसमें व्यक्ति के पास अपने निर्णय लेने हेतु समय होता है। जिससे वह अपने नुकसान को सीमित कर सकता है। जिस प्रकार अन्य ट्रेडिंग प्रकारों में लाभ तथा हानि दोनों हो सकती हैं उसी प्रकार इसमें भी जोखिम रहता है। इसलिए यदि आप अच्छी तरह से स्टॉक का चयन करें तो आप अपने नुकसान को कम तो कर ही सकते हैं ।साथ ही साथ अपने लाभ की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
स्टॉक चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
मौलिक विश्लेषण
सर्वप्रथम किसी कंपनी के स्टॉक के चयन हेतु आपके पास उस कंपनी के विषय में कुछ मौलिक विश्लेषण होने चाहिए जैसे कि उस कंपनी का वैल्यूएशन कितना है वह कंपनी किस क्षेत्र में कार्यरत है तथा इससे पहले उसने कैसा कार्य किया है।
लिक्विडिटी
स्विंगट्रेडिंग करने से पहले आपको उसकी तरलता यह लिक्विडिटी के बारे में जान लेना चाहिए यदि उस शेयर की लिक्विडिटी अच्छी है तो आप कम समय में उससे अच्छा रिटर्न कमा पाएंगे।
ट्रेंड व मार्केट चाल
स्विंग ट्रेड करते समय आपको टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है जिसकी मदद से आप उस कंपनी के पुराने डाटा के आधार पर आने वाले समय में उस शेयर में होने वाले बदलाव का अनुमान लगा सकते हैं इसके आधार पर आपको उसके ट्रेंड शेयर की औसत चाल तथा उसके प्राइस मूवमेंट की जानकारी मिल जाएगी।
अन्य स्टॉक के साथ तुलना
किसी कंपनी को चयन करने से पहले आपको उस कंपनी के सेक्टर की अन्य कंपनियों के साथ उसकी तुलना करनी चाहिए जिससे आपको शेयर की जानकारी अच्छी तरीके से हो सके।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए किस टाइम फ्रेम का उपयोग करें?
मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि इसका समय काल 1 दिन से कुछ हफ्ते तक का होता है अतः आपको इसके विश्लेषण हेतु टाइम फ्रेम की आवश्यकता होती है। जिससे आप उसका सटीक आंकलन करके लाभ प्राप्त कर सकें।
चार्ट का अध्य्यन मे आपको मार्केट का विस्तृत आंकलन करने की आवश्यकता होती है इसके लिए आप चार्ट के weekly टाइम फ्रेम या day time frame का उपयोग कर सकते हैं साथ ही ट्रेडिंग की प्लानिंग हेतु 1घंटे या 4घंटे के टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग करते समय एंट्री और एग्जिट कहां करें?
यदि आपको स्विंग ट्रेडिंग से लाभ प्राप्त करना है तो आपको सही समय पर शेयर में एंट्री करने की आवश्यकता होती है।यह तय करने हेतु आपको मार्केट में विभिन्न रणनीतियां का उपयोग करना है। तथा किसी की सहायता से आप अपना लाभ भी तय कर सकते हैं।
Support and resistance
शेयर बाजार में सपोर्ट और रेजिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण होते हैं ।क्योंकि सपोर्ट मार्केट में खरीदारी को प्रदर्शित करता है ।अर्थात यहां खरीदारी का ज्यादा दबाव होता है ।तथा रेजिस्टेंस सप्लाई को अर्थात् बिकवाली को प्रदर्शित करता है तो यदि आप किसी शेयर मे एंट्री लेते हैं तो आप यह सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की सहायता से कर सकते हैं।यदि मार्केट कहीं स्ट्रांग सपोर्ट बना रहा है तो आप वहां छोटे स्टॉपलॉस के साथ एंट्री लेने की योजना बना सकते हैं तथा रेजिस्टेंस पर उसको बेच सकते हैं।
मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज मार्केट की औसत चाल को बताने का कार्य करता है चार्ट के तकनीकी विश्लेषण में 21,33,50 ,100,एवं 200 मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है। यह मार्केट के पिछले कुछ दिनों की औसत चाल के अनुसार आपको भविष्य में आने वाले उतार चढ़ाव का डाटा बताता है।इसकी सहायता से आप अपनी एंट्री की योजना बना सकते हैं।
इंडिकेटर का उपयोग
मार्केट में कई तरह के इंडिकेटर उपलब्ध हैं जो आपको मार्केट की भिन्न-भिन्न दशाओं से अवगत कराते हैं आप इन इंडिकेटर्स का उपयोग करके प्रवेश करने तथा बाहर निकलने की रणनीति को बना सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग मार्केट में कम समय में निवेश करके मुनाफा कमाने हेतु कारगर है। परंतु यदि आपस में सफल होना चाहते हैं तो आपको इसे सावधानी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की सहायता से करना चाहिए। क्योंकि यदि आपको अपने लाभ के साथ-साथ अपने नुकसान के बारे में भी पता रहेगा तो आप मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकेंगे।