ईटीएफ क्या है?

Paytm Money से खरीद सकेंगे ETF, सिर्फ 16 रुपए से शुरू कर सकते हैं निवेश
फिनटेक कंपनी (Fintech company) पेटीएम (Paytm) की सब्सिडियरी पेटीएम मनी (Paytm Money) ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) को लॉन्च कर दिया है. बाजार नियामक SEBI से मंजूरी के बाद अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) शुरू किया है.
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नई दिल्ली: फिनटेक कंपनी (Fintech company) पेटीएम (Paytm) की सब्सिडियरी पेटीएम मनी (Paytm Money) ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) को लॉन्च कर दिया है. बाजार नियामक SEBI से मंजूरी के बाद अपने प्लेटफॉर्म पर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) शुरू किया है. ETF सिक्योरिटीज का एक कलेक्शन होता है, जिसे लोग ब्रोकरेज फर्म के जरिए स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद या बेच सकते हैं.
Paytm मनी के CEO वरुण श्रीधर के मुताबिक, ETFs ऐसे निवेश हैं, जिन्हें कम लागत पर मार्केट लिंक्ड रिटर्न्स हासिल करने के लिए हर किसी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए. हम जरूरी फैक्टर्स के साथ एक यूजर फ्रेंडली इंटरफेस की पेशकश कर रहे हैं, जिसकी एक यूजर को अपनी पसंद के ETF में सुविधाजनक ढंग से निवेश करने के लिए जरूरत हो सकती है.ईटीएफ क्या है?
सिर्फ 16 रुपए से कर सकते हैं शुरुआत
पेटीएम मनी के जरिए अगले 12-18 माह में कंपनी को ETFs में 1 लाख यूजर्स के निवेश की उम्मीद है. यही कंपनी का लक्ष्य भी है. पेटीएम मनी जानताी है कि ETF निवेशक के पोर्टफोलियो का अनिवार्य हिस्सा होता है. सभी निवेशकों को इसमें निवेश करना चाहिए. पेटीएम मनी का कहना है कि नए निवेशकों को ध्यान में रखते हुए इसे आसान और सुविधाजनक बनाने की कोशिश की है. पेटीएम मनी के जरिए निवेशक इक्विटी में 16 रुपए, गोल्ड में 44 रुपए और निफ्टी में 120 रुपए जैसे कम अमाउंट से ETF इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं.
क्या है पेटीएम मनी ETF के फीचर्स
भारत में इंडेक्स, गोल्ड, इक्विटी और डेट कैटेगरी में 69 तरह के ETFs मौजूद हैं. पेटीएम मनी के मुताबिक, इसके प्लेटफॉर्म का इंटरेक्टिव इंटरफेज निवेशक की चुने गए ETFs में प्राइस चेंज को ट्रैक करने में मदद करता है. साथ ही यूजर प्राइस ईटीएफ क्या है? अलर्ट भी सेट कर सकता है. पेटीएम मनी पर ETF का लाइव प्राइस अपडेट होता रहता है. निवेशक ओपन मार्केट आवर में सेल ऑर्डर डाल सकता है और पैसा सीधे अपने बैंक अकाउंट में पा सकता है.
ETF क्या होते हैं | ETF के प्रकार
21 वीं सदी में स्टॉक मार्केट में बहुत से निवेश के विकल्प मौजूद हैं। ETF भी उन्हीं निवेश के विकल्पों में से एक हैं। आपने भी ETF का नाम अवश्य सुना होगा, परन्तु क्या आप जानते हैं की ETF क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं? इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि ETF क्या होते हैं What is ETF और ETF के प्रकार (Types of ETF’s) .
ETF क्या होता हैं – What is ETF in Hindi
भारत का पहला ETF फण्ड वर्ष 2001 में बेंच मार्क Mutual Fund द्वारा Nifty ETF Fund के रूप में लांच किया गया था। ETF menaing – ETF यानि Exchange Traded Funds.
ETF जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है, ETF एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं जैसे कि NSE, BSE. इसका मतलब हुआ कि Exchange पर ETF खरीदने-बेचने के लिए एक Buyer और seller होना आवश्यक है। ETF के खरीदने और बेचने का तरीका बिलकुल Shares जैसा ही होता हैं।
अधिकतर ETF फंड Passive funds होते हैं, यानी कि फंड मैनेजर द्वारा एक्टिवली मैनेज नहीं किए जाते है , निवेशकों का पैसा सीधा किसी index, sector में लगा दिया जाता हैं। इस प्रकार ETF इंडेक्स फंड की भांति होता है जिसमें Stocks चुनने नहीं होते हैं बल्कि पूरी एसेट किसी इंडेक्स या सेक्टर में लगा दी जाती हैं। जैसे फार्मा सेक्टर, निफ़्टी, बैंक निफ़्टी आदि।
- ETF एक प्रकार से एक सिक्योरिटी होता है जिसमें stocks, securities का कलेक्शन होता है जो किसी विशेष index या सेक्टर के होते हैं।
- ETF बिल्कुल म्यूचुअल फंड के समान ही होते हैं, हालांकि यह एक्सचेंज पर दिनभर ट्रेड करते हैं और इनका मूल्य लगातार घटता-बढ़ता रहता है।
- किसी ETF में कई प्रकार की इन्वेस्टमेंट हो सकती है जैसे Stocks, Bonds, Commodities. Passive Funds होने के ईटीएफ क्या है? कारण इनमे बहुत कम एक्सपेंस रेशों होता है, जो इनके रिटर्न्स को ओर बढ़ा देते हैं।
ETF पर कितना Tax लगता हैं ?
ETF पर मिलने वाला Dividend वित्त वर्ष 2020-21 से निवेशक की वार्षिक आय में जुड़ जायेगा और उनकी इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार से टैक्सेबल होता हैं।
More than 12 months – 10%
1 लाख से ज्यादा पर LTCG
More than 36 months
ETF की लिस्टिंग
ETF को म्यूच्यूअल फंड की भांति NFO (New Fund Offer) के माध्यम से लांच किया जाता है। आप इसे IPO की तरह भी समझ सकते हैं। शुरुवाती दौर में नए ETF के लिए निवेशकों से पैसे जुटाए जाते हैं। बाद में इसकी खरीद-बिक्री एक्सचेंज के माध्यम से प्रारंभ हो जाती है। इसे आप अपने Stock Broker के माध्यम से खरीद-बेच सकते हैं।
ETF का वैल्यूएशन
Mutual Fund की वैल्यू ट्रेडिंग डे के अंत पर NAV के आधार पर निकाली जाती है परंतु ETF के मामले में ऐसा नहीं हैं। ETF का मूल्य ट्रेडिंग सेशन के दौरान एक शेयर की भांति लगातार बदलता रहता हैं।
ETF कैसे ख़रीदे
आप ETP अपने Stock Broker के माध्यम से ख़रीद सकते हैं। आप सीधा अपने ब्रोकर से सम्पर्क करके या उनके ऑनलाइन ट्रेडिंग टर्मिनल जैसे की उनका ऐप प्रयोग में लेकर भी ETF खरीद सकते हैं।
ETF के प्रकार – Types of ETF
वर्तमान में निवेशकों की जरूरतों एवं लक्ष्यों के हिसाब से बहुत सी ETF Schemes उपलब्ध है। आपको Index, Gold, Currency से सम्बंधित ETF मिल ईटीएफ क्या है? जायेंगे। आप उनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से ETF का चुनाव कर सकते हैं।
एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता हैं।
1. Index Fund ETF
आपने इंडेक्स फंड का नाम तो सुना ही होगा उसी का मिलता-जुलता रूप है Index Fund ETF. इंडेक्स फंड ईटीएफ एक Passively मैनेज फण्ड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करता है। जैसे NIFTY 50 भारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों से मिलकर बना है, अब यदि कोई NIFTY 50 का कोई ETF है तो वह ETF उन्हीं 50 शेयर्स के पूल से मिलकर बना होगा।
Index Fund ETF ईटीएफ क्या है? का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करना होता है जैसे सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी 50 . सरल भाषा में समझे तो यदि आप बैंक निफ़्टी का कोई ETF खरीद रहे हो तो इसका मतलब हुआ कि आप बैंक निफ़्टी के Stocks के पूल में निवेश कर रहे हैं।
Index Fund ETF के उदाहरण – Motilal Oswal Nasdaq 100, Nippon India ETF Bank BeES
2. Bond ETF
BOND ETF भी एक तरह से Bond mutual fund की तरह होते हैं। Bond ETF का पोर्टफोलियो बांड्स से मिलकर बना होता है। इसमें Fixed income securities होती है जैसे की कॉर्पोरेट बांड्स। आप अगर Bond ETF में निवेश कर रहे हैं तो आपको Bonds के interest rate पर अवश्य ध्यान रखना चाहिए। कम ब्याज दर होने पर आपको इस प्रकार के ईटीएफ क्या है? फंड्स से दूर रहना चाहिए।
एक्सचेंज पर एक स्टॉक जैसे ट्रेड होने की वजह से Bonds के ऊपर एक आम निवेशक द्वारा आसानी से निवेश किया जा सकता है।
Bond ETF के उदाहरण – LIC Nomura AMC
3. Gold ETF
Gold ETF मुख्यतः Gold Bullion में निवेश करते हैं। Gold ETF का मूल्य गोल्ड के मूल्य के अनुसार ही ऊपर-नीचे होता रहता है। Gold ETF निवेशकों को आसानी से गोल्ड में निवेश का विकल्प प्रदान करता है, जो आसानी से NSE – BSE पर खरीदा एवं बेचा जा सकता है। जब आप Gold ETF खरीदते हो इसका मतलब है कि आपने गोल्ड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदा है।
Gold ETF के उदाहरण – Nippon Gold ETF, SBI Gold ETF
4. Sector ETF
यह ETF सेक्टर फंड की तरह होते हैं। Sector ETF किसी विशेष सेक्टर या इंडस्ट्री के स्टॉक व सिक्योरिटी से मिलकर बना होता है, जैसे ऑटो सेक्टर, फार्मा सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर आदि। किसी विशेष सेक्टर में तेजी का फायदा उठाने के लिए Sector ETF ख़रीदे जा सकते हैं।
Sector ETF के उदाहरण – Nippon India ETF Bank BeES
5. Currency ETF
Currency ETF वह ETF होते हैं जो निवेशकों को किसी फॉरेन करेंसी या करेंसी के पुल में निवेश ऑफर करते हैं। Currency ETF अपने निवेशकों को करेंसी में निवेश का विकल्प प्रदान करती है, वह भी बिना किसी विशेष करेंसी में निवेश किये। Currency ETF को भी Passively मैनेज किया जाता है। इस प्रकार के ETF में करेंसी मूवमेंट के द्वारा मुनाफा कमाया जाता है।
6. Real State ETF
Real State ETF अपनी Assets को REIT (Real estate investment Trust) और उनसे सम्बंधित Derivatives में निवेश करते हैं। Returns के हिसाब से Real State ETF बहुत ही आकर्षक होते हैं।
दोस्तों, आपने यहां समझा की ETF क्या होते हैं (What is ETF) और Types of ETF. अगर आपको ETF से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।
आखिर क्या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न
भारत बांड ईटीएफ एक तरह का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हैं। भारत सरकार की विशिष्ठ कंपनियों के शेयरों में बांड नाम पर निवेश किया जाता है। यह बांड भारत सरकार की ट्रिपल ए रेटिंग वाली कंपनियां होती हैं। जिनमें निवेश पर 6 फीसदी का रिटर्न हासिल होता है।
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बांड यील्ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत ईटीएफ क्या है? बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रिया भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपनियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।
किन लोगों को है निवेश का अधिकार : वैसे इस बांड में निवेश करने का अधिकार हर किसी को है। कोई भी भारतीय निवानी, एनआरआई या कंपनी, फर्म एवं हिंदू अविभाजित परिवार भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है। भारत बांड में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना काफी जरूरी है। इसके बिना आप निेवेश नहीं कर सकते हैं।
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क्या है निवेश के ऑप्शन : इंवेस्टर्स छोटी और लंबी दोनों अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं। अगर बात छोटी अवधि के बांड की करें तो इसमें मैच्योरिटी 3 से 5 साल होती है। वहीं दूसरी ओर लंबी अवधि के बांड में निवेश की मैच्योरिटी 10 साल तक होती है। अगर आप रुपया निकालना चाहते हैं इसमें लॉक इन पीरियड नहीं होता है जिसकी वजह है शेयर बाजार में ट्रेडिंग होना। अगर निवेशक को किसी वजह से रुपया निकालना चाहता है तो वह एक्सचेंज में अपनी यूनिट बेच सकता है। उसी दिन के हिसाब से जो होगा निवेशक को रुपया मिल जाएगा
इन बातों का ध्यान रखना है काफी जरूरी : इंवेस्टर्स के पास भारत बांड ईटीएफ में निवेश करने का डायरेक्ट ऑप्शन होता है। निवेश फंड हाउस के भारत बांड फंड ऑफ फंड स्कीम में इंवेस्ट कर सकता है। हालांकि, भारत बॉन्ड ईटीएफ सरकारी कंपनियों के बांड में निवेश करता है, लेकिन यह किसी तरह के पक्के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।
गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी, क्या बढ़ती ब्याज दरें हैं कारण?
गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी की गई. जानकारों का मानना है कि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी की वजह से गोल्ड ईटीएफ की निकासी की जा रही है.ईटीएफ क्या है? ईटीएफ क्या है?
Published: August 9, 2022 5:03 PM IST
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से जुलाई, 2022 के दौरान 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. निवेशकों ने अपना पैसा अन्य परिसंपत्ति वर्गों में लगाया जिसके कारण यह निकासी हुई है.
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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में ईटीएफ में 135 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था.
मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक कविता कृष्णन ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने निकासी की है.
उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट ने भी सोने की मांग और आपूर्ति को प्रभावित किया है. यह प्रवृत्ति वैश्विक स्तर पर भी देखी गई है, जिसमें सोने की कम कीमतों के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने निकासी की है.
इस निकासी के साथ गोल्ड ईटीएफ में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां घटकर 20,038 करोड़ रुपये रह गई हैं, जो जून में 20,249 करोड़ रुपये थीं. हालांकि, इस श्रेणी में समीक्षाधीन अवधि में फोलियो की संख्या 37,500 बढ़कर 46.43 लाख पर पहुंच गई.
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स्वर्ण ईटीएफ में पिछले साल 6,657 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित
नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के कारण छाई आर्थिक मंदी तथा अमेरिकी डॉलर में सुस्ती के चलते 2020 में सुरक्षित निवेश के तौर पर स्वर्ण आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेशकों का आकर्षण बढ़ने से गोल्ड- ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपए का भारी-भरकम शुद्ध निवेश किया गया। इससे पहले साल 2019 में स्वर्ण ईटीएफ में महज 16 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश देखने को मिला था।
हालांकि, 2019 में लगातार छह साल की शुद्ध निकासी के बाद इसमें शुद्ध खरीदारी हुई। इससे पहले वे वैश्विक सुस्ती तथा इक्विटी व डेट बाजारों में उथल-पुथल के चलते लगातार निकासी कर रहे थे। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2020 के अंत तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधनाधीन कुल संपत्ति साल भर पहले के 5,768 करोड़ रुपए की तुलना में दो गुना से अधिक बढ़कर 14,174 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। पिछले साल यानी 2020 के दौरान सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश तथा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले साधनों में से एक बनकर उभरा।
इसी कारण निवेशकों ने 2020 में ईटीएफ क्या है? 14 स्वर्ण ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। पूरे 2020 के दौरान देखें तो मार्च और नवंबर महीने को छोड़ शेष सभी महीने के दौरान स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध निवेश देखा गया। शुद्ध निवेश से तात्पर्य ईटीएफ की बिक्री करने वालों के मुकाबले खरीदार अधिक रहे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंधक व सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी, अमेरिका डॉलर में नरमी तथा अमेरिका-चीन के बीच तनाव जैसे कई कारकों के कारण निवेशक स्वर्ण इटीएफ की ओर आकर्षित हुए।
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