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शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें?

शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें?

शेयर मार्केट का फंडा क्या है – शेयर बाजार को कैसे समझें?

ज ब कभी बाज़ार में निवेश करने का मुद्दा उठता है तो सवाल यहीं से शुरू होता है कि हम सब रिस्क या खतरा उठाने शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? के लिए कितने तैयार रहते हैं? एक आसान-सा प्रयोग करक देखिए और आपको अपने इस सवाल का जवाब मिल जाएगा। किन्हीं जुड़वां बच्चों से एक ही सवाल पूछिए ‘देखो बच्चों तुम्हारे सामने तीन विकल्प हैं। पहले में तुम्हें 30 रुपए का इनाम निश्चित ही मिलेगा, दूसरे में इनाम में 500 रुपए मिल सकते हैं, लेकिन में मिलने की संभावना 20 फीसदी ही है और तीसरे में 50 रुपए मिलने की 50 प्रतिशत संभावना है। अब बताओ, तुम क्या चुनोगे?’ आपके इस एक ही सवाल के जवाब आपको अलग-अलग मिलेंगे। खतरा उठाने की वृत्ति दो लोगों में, भले वे दोनों एक ही परिवार के हों, बेहद अलग होती है। अलग-अलग व्यक्तियों में, अलग-अलग समय पर खतरा उठाने की अलग-अलग वृत्ति होती है। आज इस लेख में हम जानते हैं कि शेयर मार्केट का फंडा क्या है – शेयर बाजार को कैसे समझें ? आइए विस्तार से जानें :–

शेयर बाजार का खतरा और आपकी प्रकृति

आप खतरा उठाने के लिए जितने तैयार होंगे, उसी अनुसार, आप निवेश के लिए कंपनियों का चुनाव भी करेंगे। निवेश की आपकी पूरी योजना ही रिस्क ले सकने की आपकी वृत्ति पर आधारित होती है। जहां तक निवेश का सवाल है, तो अपने आप से पूछिए कि क्या उसे लेकर आप बहुत संकोची हैं, या बहुत सोच-समझ कर चलने वाले हैं, या आप खुलकर निवेश करते हैं? आपकी इस वृत्ति के आधार पर यह निर्धारित होगा कि आप किस तरह के निवेशक हैं।

1- कम जोखिम वाले शेयर

सबसे पहले बात करते हैं, उन लोगों की जो जरा से जोखिम से घबराकर दुखी हो जाते हैं। वे ऐसा निवेश चाहते हैं, जहां से उन्हें एक निश्चित रकम मिलती रहे। ऐसे निवेशक हमेशा उन उपायों की तलाश में रहते हैं जिनसे इनके निवेश पर कोई खतरा नहीं आए। ये लोग ऐसी कंपनियों को पसंद करते हैं, जहां से ज्यादा से ज्यादा डिविडेंड मिलता है या फिर ऐसी कंपनियां इन्हें आकर्षित करती हैं, जो आनुपातिक रूप से ज्यादा रकम देती हैं। ये लोग ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं, जिनका लाभ कमाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा हो ताकि उनके पास पैसा आने का क्रम वैसा ही बना रहे जैसा तयशुदा बॉण्ड्स से आता है। अपने निवेश की सुरक्षा के प्रति ये इतने सावधान रहते हैं कि ये ऐसी कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं, जिनके शेयरों की कीमत से ज्यादा उनकी बुकवैल्यू होती है। ऐसे शेयरों को ये लोग सस्ता मानते हैं, क्योंकि उन्होंने जितनी कीमत दी है उससे ज्यादा उन्हें मिल रहा होता है। जिन शेयरों की कीमत कम है उन्हें ये ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि उनमें बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

2- जोखिम के साथ अधिक कमाई

दूसरी ओर हैं, समझ-बूझ के साथ चलने वाले निवेशक। वे ऐसी अच्छी कंपनियों की तलाश में रहते हैं जिनकी बिक्री, कमाई और संपत्ति की वृद्धि का प्रमाण लगातार अच्छा रहा हो। ऐसी कंपनियां अच्छी तरह चलाई जाती हैं और उनका प्रबंधन भी व्यवस्थित होता है। जरूरी नहीं कि ऐसे निवेशक सिर्फ डिविडेंड पर ही ध्यान दें। वे यह भी देखते हैं कि कंपनी सारे आर्थिक पैमानों पर विकसित हो रही है या नहीं। कंपनी कितना देगी, इसकी तुलना में वे यह देखते हैं कि शेयर मार्केट में बढ़ती कीमत के कारण होने वाला फायदा क्या है।

यह तबका अच्छी कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखता है और अगर बाज़ार में उनके मनपसंद शेयरों की शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? कीमत अचानक ही ज्यादा गिर जाती है तो वे उन शेयरों को खरीदने का अच्छा मौका मानते हैं। उनके पोर्टफोलियो में शेयर हों तो भी वे कम कीमत के ज्यादा शेयर खरीद कर अपने पास मौजूद शेयरों की औसत कीमत को संतुलित करने का प्रयत्न करते हैं। इन लोगों की दिलचस्पी स्मॉल और मिडकैप में भी होती है, क्योंकि इनकी नज़र बाज़ार में उभरने वाली रिलायंस जैसी कंपनियों पर होती है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

3- आक्रामक शेयर धारक

कुछ निवेशक होते हैं जो हमेशा तेज रफ्तार में रहते हैं। वे हमेशा तेज शेयरों को पकड़ते हैं, ये लोग अपना बहुत सारा समय इस अध्ययन में लगाते हैं कि बाज़ार के बड़े शेयरों में उठने-गिरने का सिलसिला कैसा व किस तरह रहा है, और फिर वे सबसे ऊंची लहर पर सवार हो जाते हैं। ये लोग कम कीमत वाले ऐसे शेयरों की खोज में रहते हैं जिनमें कम निवेश से ज्यादा कमाई की संभावना होती है। इस तरह के निवेशक बाज़ार की खबरों पर पैनी नज़र रखते हैं, कंपनियों के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं और इनके मामले मेंअफवाहों का भी शेयरों की कीमत पर असर होता है। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

4- ठंडे दिमाग वाले शेयर धारक

इन तीन तरह के निवेशकों के बीच कहीं वे निवेशक भी आते हैं जो बड़े ठंडे मन से निवेश की योजना बनाते हैं। वे यह तो मानते हैं कि उनके पोर्टफोलियो में शेयर जरूर होने चाहिए और जिसे वे अच्छी कंपनी मानते हैं उनके शेयर खरीदते भी हैं, लेकिन एक बार खरीदने के बाद वे उनका खास कुछ करते नहीं हैं।

शेयर मार्किट के फायदे और नुक्सान को समझें

इन सभी तरह के निवेशों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। कोई कंपनी किसी निवेशक को किसी मामले में अच्छी लगती है, तो दूसरे को नहीं लगती। जो कंपनी अच्छा डिविडेंड देती है, उसे सावधानी से निवेश करने वाला निवेशक पसंद करेगा, लेकिन वह निवेशक पसंद नहीं करेगा जो यह मानता है कि कंपनी का काम शेयर धारकों को नकद पैसे बांटना नहीं है बल्कि कमाई को व्यवसाय में लगाकर, कंपनी का विकास करना है। वह शेयर बाज़ार की तरफ देखता है तो यह देखता है कि कौन से शेयर की कीमत बढ़कर, उसके निवेश पर ज्यादा लाभ देगी। इसी तरह जिन शेयरों में उतार-चढ़ाव ज्यादा तेज होता है, सावधान निवेशक उसे खतरनाक मानता है।

शेयरों की सूची बनाएं और अध्ययन करें

बहरहाल निवेश में खतरे को लेकर आपका रवैया चाहे जो भी हो, जब आप खरीदने के लिए शेयर चुनते हैं तो कुछ सरल, सामान्य नियमों का ध्यान रखें। आप शेयरों की एक सूची बनाइए-‘सबसे तेज चढ़ने वाले’, ‘सबसे अधिक डिविडेंड देने वाले’ या ‘तेज शेयर’। शेयर मार्केट का फंडा क्या है

इंटरनेट पर आपको यह जानकारी बिना किसी खर्च के मिल जाएगी। एक बार आपकी यह सूची बन जाती है तो शेयरों के चयन के सामान्य नियमों का पालन करें। कुछ आधारभूत शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? विशेषताओं को देखिए, जैसे उस कंपनी की बिक्री, लाभ और संपत्ति में वृद्धि कितनी हुई। उसका अच्छा व्यावसायिक ढांचा और अच्छी प्रशासकीय व्यवस्था पहली जरूरत है। उसके पिछले 3 से 5 साल का विवरण देखें तो इसका पूरा अंदाज मिल जाता है कि यह कंपनी वैसे ही पैसा लगाने वाले किसी पूंजीपति का शौक भर है या कि इसके पांव मजबूत हैं।

शेयर मार्किट के उतार चढ़ाव को समझें

शुरू के थोड़े वक्त में ऐसा होता है कि निवेशकों शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? की सामूहिक मनोस्थिति शेयरों की कीमतों में फर्क लाती है। ज्यादातर ऐसा होता है कि अच्छा नतीजा आने से शेयर की कीमत गिर जाती है, क्योंकि बाज़ार में वैसी ही अपेक्षा बनी हुई थी, इसलिए जब ऐसा होता है तो बाज़ार उसे कम करके आंकता है। कोई भी एक नई खबर कीमत को ऊपर या नीचे लाने का कारण बन जाती है। जब किसी प्रतिकूल खबर की आशंका हो तो उससे भी कीमत बढ़ जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इस कंपनी का बुरा वक्त बीत रहा है और अब कुछ अच्छा घटित होगा। भले आपको लगे कि इस बात पर कैसे भरोसा किया जाए पर यह सच है कि बाज़ार में हर निवेशक के नजरिये का संयुक्त असर पड़ता है।

शेयर बाजार की सावधानी

हर सामान्य आदमी इस बाज़ार के बारे में परेशान रहता है, क्योंकि यहां की कोई बात उसे समझ में नहीं आती है। उन सब को मेरी सलाह है कि आप अपने मन की सुनिए। निवेश के बारे में सबसे सही फैसला आपकी अपनी समझ ही कर सकती है। वैसे शेयर न खरीदें, जिन्हें आपकी बुद्धि और समझ पसंद नहीं कर रही हो और इस बात का ध्यान रखें कि आपका सारा पैसा एक ही कंपनी में निवेश न किया गया हो। बाज़ार में उड़ती अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए। अफवाहें बना-बनाया खेल बिगाड़ देती हैं ।।

कंपनी का नाम रखते वक़्त ध्यान रखें यह 3 बातें

कंपनी का नाम रखते वक़्त ध्यान रखें यह 3 बातें

किसी भी कंपनी की पहचान उसके शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? नाम से होती है। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने नाम से ही जानी-पहचानी जाती है। जैसे टाटा का नाम सुनते ही लोगों को विश्वसनियता हो जाती है कि यह प्रोडक्ट अच्छा होगा। तभी टाटा नमक से लेकर,स्टील तक हर प्रोडक्ट केवल टाटा के नाम से ही बिकता है। इसी तरह एप्पल कंपनी केवल अपने नाम से ही जानी जाती है। तभी आज लोग केवल एप्पल नाम सुनकर ही प्रोडक्ट की कीमत और गुणवत्ता का पता लगा लेते हैं। हम शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? अधिकांश शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? प्रोडक्ट को उसकी कंपनी के नाम से ही संबोधित करते हैं क्योंकि नाम ही असली पहचान होती है। बिना नाम के कोई अस्तित्व नहीं होता। इसलिए कंपनी का नाम रखते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए। आपकी एक भी शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? गलती आपकी कंपनी की पूरी इमेज खराब कर सकती है। इसलिए कंपनी का नाम ऐसा होना चाहिए जो आपके प्रोडक्ट को डिफाइन करें। कंपनी के नाम में रचनात्मक होनी चाहिए क्योंकि कंपनी का नाम बार-बार नहीं रखा जाता है। आपकी कंपनी का नाम ही आगे चलकर ब्रांड बनता है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको कुछ अहम बातें बताएंगे जिनका ध्यान रख आप अपनी कंपनी के लिए सही नाम का चुनाव कर सकते हैं।

1. क्रिएटिव नाम का करें चुनाव

आज जिस तरह से आए दिन स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं उसमें नाम रखने की होड़ भी बढ़ती जा रही है। अपनी कंपनी का सही नाम रखना बहुत चुनौतीपूर्ण काम हो गया है। इसलिए कंपनी का नाम थोड़ा क्रिएटीव होना चाहिए। कंपनी के नाम को सबसे अलग बनाने के लिए आपको थोडा क्रिएटिव होना पड़ेगा, तभी आप एक ऐसे नाम का चुनाव कर पाएंगे जो सबको पसंद आ सके। इसके लिए आप अपने आसपास होने वाली चीज़ों को ध्यान में रखें और देखें कि लोगों की जुबान पर कौन सा नाम सबसे अधिक रहता है या फिर ये देखें कि लोग किस चीज को अपने आसपास पाना चाहते है। आपका नाम बाकियों से थोड़ा अलग और खास होना चाहिए। किसी भी बिज़नेस के नाम से लेकर अन्य रणनीतियों के लिए आप सीईओ कोच (CEO Coach) की मदद ले सकते हैं। आप उन लोगो की नक़ल बिल्कुल न करें जो अपनी कंपनी को अपना दिखने के लिए अपने नाम को ही कंपनी का नाम बना देते है। ध्यान रहें कि आपने कंपनी लोगो के लिए खोली है तो आप नाम भी लोगों की ही पसंद के हिसाब से रखें। जब आप अपनी कंपनी का नाम चुनने बैठते हो तो आपके पास एक नहीं बल्कि कई नाम सामने आते है। आप उनको इक्कठा करके नेट पर सर्च करें और देखें कि कौन सा नाम अधिक चर्चा में आ सकता है। इस तरह आप एक अच्छा और क्रिएटिव नाम अपनी कंपनी के लिए रख सकते हैं।

2. मेमोरेबल नाम रखें

आपकी कंपनी का नाम ऐसा होना चाहिए जो लंबे समय तक लोगों की जुबान पर रहे । जैसे मर्फी रेडियो को लोग आज तक जानते हैं। उसी तरह रिलांयस मोबाइल,ओसवाल ऊन इत्यादि। यह नाम आज भी लोगों की जुबान पर रटे हुए हैं। इसलिए अपनी कंपनी का नाम मेमोबेरल रखना चाहिए क्योंकि ग्राहकों को जटिल नामों को याद रखना चुनौतीपूर्ण लगता है। इसके विपरीत, सरल नाम याद रखने में आसान होते हैं। इसलिए अपनी कंपनी का नाम कभी भी ज्यादा घुमा-फिरा कर न रखें। जैसे कई विदेशी कंपनियां, मैक्डॉनल्ड, डोमिनोज अपने नाम की वजह से जाने जाते हैं। इनके नाम भारत में भी काफी प्रचलित है। इसलिए आपको भी अपनी कंपनी का नाम ऐसा रखना चाहिए जो देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आसानी से बोला जा सके । अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों ने भी अपने नाम खास शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? रखें हैं। तभी हर किसी को यह आसानी से याद हो जाते हैं। इसलिए अपनी कंपनी का नाम आसान और अच्छा रखें। कंपनी के नाम रखने के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप बिज़नेस कोच (Business Coach) डॉ विवेक बिंद्रा जी की ये वीडियो देख सकते हैं-

3. ब्रांड रिकॉल है जरूरी

कंपनी का नाम रखते समय ब्रांड रिकॉल का ध्यान रखना भी जरूरी है। आपकी कंपनी का नाम ही आपके ब्रांड की असली पहचान हैं। इसलिए कंपनी का नाम ऐसा रखना चाहिए कि लोगों को प्रोडक्ट की जरूरत पड़ते ही आपकी कंपनी का नाम याद आ जाए। जैसे घर में यदि नमक खत्म हो जाता है तो अधिकतर लोग यही कहते हैं कि टाटा नमक ले आओ क्योंकि टाटा उनके दिमाग में ब्रांड रिकॉल को जगाता है। उन्हें पता है कि नमक उन्हें टाटा का ही चाहिए। ऐसे ही टूथपेस्ट खत्म होने पर अधिकांश लोग कॉलगेट की बात करते है बेशक वो टूथपेस्ट किसी भी कंपनी का क्यों ना हो। टूथपेस्ट के बाजार में कॉलगेट नाम लोगों के दिमाग में बैठ गया है। ठीक इसी तरह निरमा पाउडर और सर्फ एक्सल आज घर-घर की पहचान बन गया है। कपड़े धोने का पाउडर खत्म होने पर लोग निरमा या सर्फ लाने की ही बात करते हैं फिर वो चाहे किसी भी ब्रांड का हो। इसलिए अपनी कंपनी का नाम रखते समय उसे प्रोडक्ट से जोड़ते हुए ब्रांड रिकॉल का ध्यान रखें।

जब तक आप एक बड़े ब्रांड नहीं हैं, तब तक बिज़नेस के नाम पर अपने नाम का उपयोग न करें। यह खरीदारों के लिए अच्छा नहीं लगता है। लेकिन एक बार जब आपका ब्रांड बन जाता है तो आप इसे अपने नाम पर भी रख सकते हैं। आपकी कंपनी का नाम रखने में यह 3 बातें आपकी बहुत मदद कर सकती हैं। इनका ध्यान रखकर आप अपनी कंपनी के लिए सही नाम का चुनाव कर सकते हैं।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Business Coaching Program का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं ।

2023 ᐈ स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

किसी व्यापार में अगर निवेश कर रहे हैं तो आपको काफी सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है जिससे कि आपके पैसे को निवेश करने में काफी ज्यादा आसानी हो और Rick फ्री हो कर अपने पैसे को निवेश कर सकते हैं मगर Stock Market में आपको कुछ ज्यादा रिसर्च करनी पड़ती है इसके बाद आप अपने पैसे को शेयर मार्केट में निवेश करते हैं इसका कारण है कि यहां पर काफी सारी कंपनियां डूब जाति हैं उनके साथ आपका पैसा भी डूब जाता है तो आपके रिसर्च और आपकी सूझबूझ से ही यहां पर आपके पैसे से काफी अच्छे रिटर्न मिलते हैं|

2023 - स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले आज हम आपको ऐसे 10 पॉइंट्स बताएंगे जिनको आप को ध्यान में रखकर अपने पैसे को स्टॉक मार्केट में निवेश करना है

1. आप जब शेयर मार्केट में शुरुआत करते हैं तो आपको सभी चीजें Online करने के लिए मिलते हैं इसके जरिए आप अपने स्टोक्स का लेनदेन करेंगे तो हमेशा ध्यान रखें कि अपना डिमैट अकाउंट सही ब्रोकर के साथ ही खोलें भारत के कुछ Most Used Brooker Applications - Zerodha, Angel One etc.

2023 - स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

2. हमेशा ऐसे सेक्टर में निवेश करें जिस सेक्टर की कंपनियों के व्यापार को आप समझते हो और जिनका भविष्य आप समझते हो

2023 - स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

4. जिन कंपनियों के स्टॉक्स में आप निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी का प्रॉफिट भी जरूर चेक करें कि कंपनी कंपनी का प्रॉफिट हर साल बढ़ रहा है या नहीं.

2023 - स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

शेयर खरीदने से पहले क्या देखना चाहिए?

6. हमेशा एक सेक्टर में अपने पैसे को निवेश ना करें अपने पैसे को अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों के स्टॉक्स में लगाएं.

Stock Market में निवेश करने से पहले इन 10 बातों को आत्मसात कर लें

8. मार्केट के नीचे या ऊपर होने से बिल्कुल भी घबराएं नहीं क्योंकि लंबी अवधि के समय में मार्केट नीचे या ऊपर होना आम बात है.

9. जिन कंपनियों के स्टॉक्स में आप अपने पैसे को निवेश करना चाहते हैं पहले उनके बारे में अच्छे से रिसर्च कर ले.

  • पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें
  • शेयर बाजार से पैसा बनाने के कारगर टिप्‍स, निवेश से पहले
  • शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको क्या जानना चाहिए?
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  • Share खरीदने से पहले क्या करना चाहिए?

अगर आपको स्टॉक मार्केट में लंबे समय के लिए पैसे को निवेश करना है तो आपको एक अच्छा इन्वेस्टर पढ़ने के लिए जानकारी एकत्रित करनी होगी जिसके लिए आप किताबों का साथ ले सकते हैं या यूट्यूब पर जानकारी लेकर इसमें महारत हासिल कर सकते हैं.

उफान पर बाजार तो अच्छे शेयरों को बनाएं यार

चढ़ता शेयर बाजार किसे पसंद नहीं। निवेशकों को तो वही सबसे ज्यादा भाता है। भारतीय शेयर बाजार इस समय इतनी तेजी से और इतनी ऊंचाई पर दौड़ रहे हैं, जितनी तेजी और ऊंचाई पहले कभी नहीं देखी गई। उनकी वजह से सूचकांक लगातार नए रिकॉर्ड बना रहे हैं, जिसे देखकर कई नए निवेशक पैसा कमाने की फिराक में बाजार में कूद पड़े हैं।

स्टॉकएज और ईलर्नमार्केट्स के सह-संस्थापक विवेक बजाज कहते हैं, 'महामारी के दौरान कई नए भारतीय खुदरा निवेशक ट्रेडर और निवेशक बनकर शेयर बाजारों में कूद पड़े। इनमें से ज्यादातर युवा हैं और आय के नए जरिये की तलाश में शेयर बाजार को आजमाने की उनकी कोशिश की वजह से देश के निवेश की तस्वीर बहुत जगमगाने लगी।'

मगर शेयरों में निवेश बच्चों का खेल नहीं है और दांव गलत पड़ जाए तो ऐसा घाटा होने का खतरा रहता है, जितना आप सोच भी नहीं सकते। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में इक्विटी डेरिवेटिव्स ऐंड टेक्निकल, ब्रोकिंग ऐंड डिस्ट्रिब्यूशन के उपाध्यक्ष चंदन तापडिय़ा कहते हैं, 'बाजार में उतार-चढ़ाव तो होना ही है, इसलिए निवेशकों और ट्रेडरों को अधिक उतार-चढ़ाव के दौरान होने वाले खतरे के प्रति सतर्कता बरतनी चाहिए। ट्रेडरों को सावधान रहना होगा और नौसिखिये ट्रेडरों को तो ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।' अगर आप बाजार में नए हैं और सीधे शेयरों में पैसा लगाने जा रहे हैं तो ट्रेडिंग करते समय आपको कुछ सावधानी तो बरतनी ही होगी। उनमें से कुछ नीचे बताई जा रही हैं।

आजकल बाजार सरपट भाग रहा है और ऐसे माहौल में संदिग्ध प्रवर्तकों तथा खराब कॉरपोरेट प्रशासन वाली कई घटिया कंपनियां भी बहती गंगा में हाथ धोने चली आती हैं। कई नए निवेशक बाजार से जल्द मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसी कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं और उनमें रकम लगा देते हैं। इसमें बहुत जोखिम है। इसलिए अच्छी कंपनियों पर ही दांव खेलेंगे तो बेहतर होगा। बजाज की सलाह है, 'चढ़ते बाजार में बुनियादी नियम यही है कि धीरे-धीरे बेहतर गुणवत्ता वाले शेयरों की तरफ बढ़ते रहना चाहिए। जब बाजार चढ़ रहा होता है तो अक्सर छोटे निवेशक कंपनी की वित्तीय स्थिति को अनदेखा कर देते हैं।'


चवन्नी शेयरों से दूर रहें

खराब शेयरों से तो दूरी बनानी ही है, चवन्नी शेयरों की ओर भी रुख नहीं करना है। अक्सर आपके दोस्त, रिश्तेदार या निवेश करने वाले समूह टिप के नाम पर ऐसे शेयरों में पैसा लगाने की सलाह देते होंगे मगर आपको उससे तौबा करना चाहिए। बजाज बताते हैं, 'कुछ चवन्नी शेयर बहुत आकर्षक बताए जाते हैं क्योंकि उनमें मूल्य-आय (पी/ई) अनुपात कम होता है। मगर इसमें झांसा हो सकता है। आम तौर पर पी/ई अनुपात कम होने का मतलब है कि उस शेयर में निवेशकों को भरोसा नहीं है। इसलिए कम पी/ई अनुपात के जाल में बिल्कुल न फंसें।'


स्टॉप लॉस का रखें ध्यान

अनुभवी ट्रेडर नियम पर आधारित स्टॉप-लॉस का पूरा ध्यान रखते हैं। कारेाबार शुरू करने के बाद आपको स्टॉप-लॉस ऑर्डर भी देना ही चाहिए। कभीकभार शेयर इतनी तेजी से लुढ़कता है कि निवेशकों विशेषकर अनुभवहीन निवेशक को कुछ करने का वक्त ही नहीं मिलता। स्टॉप-लॉस ऐसी सूरत में आपको बड़े घाटे से बचा सकता है।

जब कोई दांव आपके पैसे डुबा रहा हो तब भावनाओं को हावी होने देना और स्टॉप लॉस को अनदेखा करना बड़ी मुसीबत को दावत देने के बराबर होता है। आशिका वेल्थ के सह-संस्थापक और ग्लोबल ऐसेट क्लास के मुख्य रणनीतिकार अमित जैन कहते हैं, 'जब बाजार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर बैठे हों तो सख्त स्टॉप-लॉस के साथ कारोबार करना और भी जरूरी हो जाता है। अगर बाजार का रुख पलट गया तो शेयरों के भाव एक झटके में औंधे हो सकते हैं और स्टॉप-लॉस का इंतजाम नहीं किया गया तो आपके पोर्टफोलियो को बड़ी चपत लग सकती है।'


बीच-बीच में मुनाफा शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? वसूलें

चढ़ते बाजार में ज्यादातर शेयर पोर्टफोलियो अच्छी बढ़त हासिल कर लेते हैं। इसलिए बीच-बीच में मुनाफावसूली जरूरी है क्योंकि बाजार कभी एक दिशा में नहीं दौड़ते और वक्त-वक्त पर उनमें गिरावट आती रहती है। जैन समझाते हैं, 'जब भी कोई निवेशक के पास रखे शेयर का भाव उसके लक्ष्य तक पहुंच जाता है तो उसे शेयर बेचकर मुनाफा कमा लेना चाहिए। 'अच्छा' शेयर या 'खराब' शेयर जैसा कुछ नहीं होता। शेयर अच्छा या बुरा इस बात से बनता है कि आपने उसे किस वक्त खरीदा और किस वक्त बेचा है। टाटा स्टील के शेयर को ही लीजिए। मार्च, 2020 में उसका भाव 300 रुपये था, जिस पर उसे खरीद ही लेना चाहिए था। मगर आज इसका भाव 1,300 रुपये पर है और कंपनी की हैसियत के लिहाज से यह ठीक भाव है। अगर आज कोई यह शेयर खरीदता है तो उसके लिए जोखिम ज्यादा हो सकता है।'

तापडिय़ा सेक्टर बदलते रहने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं, 'मुनाफावसूली तो इस खेल का हिस्सा है। जब भी कोई शेयर धीमा पड़ जाता है या ऊंचे भाव पर ठहर जाता है तो उसे बेचकर किसी दूसरे सेक्टर का शेयर पकडऩा सही होता है। यहां 'चर्न बनाम होल्ड' का सिद्घांत काम करता है, जिसमें अपने पोर्टफोलियो से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने और तेजडिय़ा बाजार का फायदा उठाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि मुनाफावसूली करो और सेक्टर बदलते रहो।'


जरूरत से ज्यादा ट्रेड नहीं

जब बाजार हिचकोले खाने लगते हैं और कई दांव गलत पड़ जाते हैं। मगर उसी वक्त बाजार में लोग कई तरह के कायदे और सिद्घांत भी समझाने लगते हैं। जरूरत से ज्यादा दलीलें दी जाने लगती हैं। ऐसे में अगर आपके पास कारोबार का शेयरों पर दांव लगाने की दुरुस्त व्यवस्था नहीं है तो आप जरूरत या हैसियत से ज्यादा ट्रेडिंग के शिकार हो सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि आप कितने शेयर सौदे संभाल सकते हैं। अगर आप जरूरत से ज्यादा ट्रेड करते हैं तो आपका खर्च भी ज्यादा होगा।


कर्ज लेकर निवेश नहीं

अगर आपके पास पैसा नहीं है तो कर्ज लेकर निवेश कभी मत करें। अगर आपकी रकम बाजार में डूब गई तो आप पर दोहरी मार पड़ेगी क्योंकि आपको कर्ज भी चुकाना है। जैन कहते हैं, 'निवेशकों को सोच समझकर दांव खेलने चाहिए और कर्ज लेकर निवेश कभी नहीं करना चाहिए। जो निवेशक बहुत जोखिम नहीं उठाना चाहते वे सोने में शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? अपना निवेश बढ़ा सकते हैं ताकि वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव आने पर उनका पैसा महफूज रहे।'


पहले पूरी तैयारी करें

पूंजी बाजार बहुत पेचीदा होते हैं और किसी खास शेयर में निवेश करने से पहले उसकी अच्छी-खासी पड़ताल बहुत शेयर मार्केट में निवेश करते वक्त ये सावधानियां रखें? जरूरी होती है। कोशिश कीजिए कि आप आर्थिक तथा नीतिगत माहौल से अच्छी तरह वाकिफ रहें और उसके बाद सही सेक्टर तथा सही शेयरों का चयन करें। ऐसा करेंगे तो बतौर निवेशक कामयाब होने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

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