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चरण व्यापार

चरण व्यापार
2. मंदी का चरण:

व्यापार और व्यावसायिक सेवाएं

हमारा खुदरा क्षेत्र पिछले एक दशक में काफी बढ़ा है। उत्तरी ओंटारियो में सबसे बड़े शहर के रूप में, सुदबरी खुदरा के लिए क्षेत्रीय केंद्र है। उत्तर भर के लोग सुदबरी को अपने खरीदारी गंतव्य के रूप में देखते हैं।

कनाडा में क्यूबेक के बाहर तीसरी सबसे बड़ी फ्रैंकोफोन आबादी के साथ, सुदबरी में द्विभाषी कार्यबल है जिसे आपको अपने ग्राहकों को सेवा देने की आवश्यकता है। हमारे द्विभाषी कार्यबल ने सुदबरी को प्रशासनिक कार्यालयों, कॉल सेंटरों और व्यापार मुख्यालय के लिए उत्तर का उपरिकेंद्र बनाया है। हम कनाडा में कनाडा के राजस्व एजेंसी के सबसे बड़े कराधान केंद्र के भी घर हैं।

व्यवसाय समर्थन करता है

आप देख रहे हैं व्यापार की शुरुआत सुदबरी में, हमारी क्षेत्रीय व्यापार केंद्र या हमारे निवेश और व्यवसाय विकास विशेषज्ञ मदद कर सकते हैं। क्षेत्रीय व्यापार केंद्र व्यवसाय योजना और परामर्श, व्यापार लाइसेंस और परमिट, धन, प्रोत्साहन और बहुत कुछ प्रदान करता है। हमारी आर्थिक विकास टीम आपको नियोजन और विकास चरणों, साइट चयन, फंडिंग के अवसरों और बहुत कुछ के माध्यम से नेविगेट करने में मदद कर सकती है।

पर हमारे साथी ग्रेटर सुदबरी चैंबर ऑफ कॉमर्स विभिन्न व्यवसाय नेटवर्किंग घटनाओं, प्रोत्साहन, एक समाचार पत्र और व्यावसायिक सहायता प्रदान करता है।

व्यवसायी सेवाए

उत्तरी ओंटारियो में एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में, ग्रेटर सूडबरी विभिन्न व्यावसायिक सेवाओं, जैसे कानून फर्मों, बीमा कंपनियों, वास्तुशिल्प फर्मों और अधिक के लिए घर है।

श्रम शक्ति के बारे में अधिक जानें जो आपके व्यवसाय, हमारे व्यवसायों की विविधता और हमारे व्यापार को चलाने के लिए लागत का समर्थन करेगी डेटा और जनसांख्यिकी पृष्ठ.

एक विशिष्ट व्यापार चक्र का चरण तेजी (बूम), मंदी, अवसाद (मंदी) है

शब्द "व्यापार चक्र" (या आर्थिक चक्र या बूम-बस्ट चक्र) उत्पादन, व्यापार और सामान्य आर्थिक गतिविधि में अर्थव्यवस्था-व्यापी उतार-चढ़ाव को संदर्भित करता है। एक वैचारिक दृष्टिकोण से, व्यापार चक्र जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के स्तरों के ऊपर और नीचे की ओर गति है और एक दीर्घकालिक विकास प्रवृत्ति के आसपास आर्थिक गतिविधियों (व्यापार में उतार-चढ़ाव) के स्तर में विस्तार और संकुचन की अवधि को संदर्भित करता है।

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व्यापार चक्र में चरण:

​1. समृद्धि चरण:

खुला रुख: ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा भारत के साथ व्यापार समझौते को मंजूरी

एक दशक से अधिक की अवधि में एक विकसित अर्थव्यवस्था के साथ हुए भारत के पहले बड़े मुक्त व्यापार समझौते यानी इस साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए समझौते के पहले चरण के जल्द ही लागू हो जाने की संभावना है। इससे भारतीय सेवाओं और वस्तुओं की ऑस्ट्रेलियाई बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी। अपने पूर्ववर्ती और अब विपक्ष के नेता स्कॉट मॉरिसन द्वारा भारत के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर हस्ताक्षर किए जाने के एक महीने बाद सत्ता संभालने वाले प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के प्रशासन ने ऑस्ट्रेलियाई संसद से इस समझौते पर मुहर लगवाने में कामयाबी हासिल की। इस तरह, भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी को कैनबरा में व्यापक और द्विदलीय समर्थन प्राप्त हुआ है। खासकर उस स्थिति में, जब ऑस्ट्रेलिया विशेष रूप से चीन द्वारा ‘व्यापार का शस्त्रीकरण’ किए जाने से परेशान है। इस साझेदारी ने निश्चित रूप से भारत के अधिक भरोसेमंद भागीदार होने संबंधी भावना को जगाने में काफी मदद की है। दोनों देश जहां पहले से ही हाल ही में गठित चार-राष्ट्रों वाले क्वाड, जोकि त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ी एक सुदृढ़ पहल है और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम (आईपीईएफ) जैसे वैश्विक गुटों का हिस्सा हैं, वहीं यह द्विपक्षीय व्यापार समझौता घिसी-पिटी आपूर्ति श्रृंखलाओं से हटकर ‘चाइना प्लस वन’ की रणनीति की ओर बढ़ रही दुनिया के सामने भारत की साख के संदर्भ में एक मजबूत सकारात्मक संकेत है। विभिन्न व्यापारिक साझेदारों, जिनमें से कुछ भारत के साथ इसी किस्म के समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, की निगाहें भी इन दोनों देशों के बीच एक अपेक्षाकृत अधिक व्यापक संधि को मजबूत करने की दिशा में अगले चरण की बातचीत की रूपरेखा पर जमीं हैं।

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भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विभिन्न चरण

उपनिवेशवाद एक विस्तारवादी अवधारणा है जिसके तहत किसी देश का आर्थिक शोषण एवं उत्पीड़न होता है । इसके तहत एक राष्ट्र द्वारा किसी अन्य राष्ट्र की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना पर नियंत्रण किया जाता है । नियंत्रण करने वाला देश मातृ देश कहलाता है । इस तरह उपनिवेश के अंदर बनाई गई चरण व्यापार नीतियों का मुख्य लक्ष्य मातृ देश को लाभ पहुंचाना होता है इस दृष्टि से ब्रिटिश ने अपने भारतीय उपनिवेश से आर्थिक लाभ प्राप्त चरण व्यापार करने के लिए समय-समय पर विभिन्न नीतियां बनाई । भारत में उपनिवेशवाद को तीन चरणों में बांटा जा सकता है-

  1. वाणिज्यिक चरण- 1757 से 1813 तक
  2. उद्योग मुक्त व्यापारिक चरण- 1813 से 1858 तक
  3. वित्तीय पूंजीवाद का चरण- 1860 के बाद

व्यापार मेले की थीम

इसका उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 14 नवंबर को किया था। इस वर्ष के व्यापार मेले का विषय ‘निवेश का अमृतकाल’ है। व्यापार मेले की थीम ‘वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल’ है। इस बार मेले में दर्शकों को आजादी के अमृत महोत्सव की झलक भी देखने को मिल रही है। इस बार अलग-अलग हॉल चरण व्यापार में अलग-अलग राज्यों के पवेलियन बनाए गए हैं। पहली बार 73 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में मेले का आयोजन हो रहा है। इसमें शामिल 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पवेलियन में वहां के हथकरघा और लोक संस्कृति की झलक दिख रहीं है। राज्यों के पवेलियन में हस्तशिल्प के स्टॉल अधिक संख्या में हैं।

इनमें उत्तर प्रदेश की गुलाबी मीनाकारी, राजस्थान की कठपुतली, मिनी पपेट, बिहार की सिकि डालिया, सिंदूरदानी, बक्सा और विलुप्ति के कगार से वापस लौटती काष्ट कला लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही है। वहीं लद्दाख की लोक संस्कृति को दिखाता हुआ केंद्र शासित प्रदेश का पवेलियन पहली बार मेले का हिस्सा बना है।

प्रवेश का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 07.30 बजे

इस संबंध में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) ने जानकारी दी कि आम जनता के लिए मेले में प्रवेश करने का समय आज सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 07:30 बजे तक है। अंतिम दिन 27 नवंबर को प्रवेश का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक रहेगा।

हर दिन मेले में एक बार में 30 से 35 हजार दर्शकों को प्रवेश देने की योजना बनाई गई है। प्रगति मैदान के प्रवेश द्वार पर टिकट की बिक्री नहीं हो रही है। इस संबंध में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन ने कहा है कि आम जनता को असुविधा से बचाने के लिए इसकी अलग से व्यवस्था की गई है।

यहां से टिकट खरीद पाएंगे दर्शक

दरअसल, इस बार दर्शक मेट्रो स्टेशनों और आईटीपीओ की वेबसाइट पर ऑनलाइन टिकट खरीद सकते हैं। इसके लिए टिकट खरीदने की सुविधा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन को छोड़कर 67 चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर इसके लिए टिकट की बिक्री की जा रही है।

67 मेट्रो स्टेशनों पर मिलने वाले ट्रेड फेयर का वीकेंड पर टिकट रेट सामान्य दिनों से अधिक दाम वाला का होगा। वीकेंड पर वयस्कों के लिए टिकट 150 रुपए और बच्चों के लिए 80 रुपए का मिलेगा जबकि सामान्य दिनों पर वयस्कों के लिए 80 रुपए और बच्चों के लिए 40 रुपए का टिकट मिलेगा।

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