शेयर बाजार में हेरफेर

हाल में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में पिछले एक महीने में करीब 32 फीसदी का उछाल आया है और मंगलवार को अडानी विल्मर के शेयर अपने लाइफ-टाइम हाई पर पहुंच गए। कंपनी के शेयरों ने लिस्टिंग के बाद पहली बार 500 रुपये के ऊपर के लेवल को छुआ है।
प्राथमिक बाजार (प्राइमरी मार्केट) क्या है ?
प्राथमिक बाजार में, पहली बार निवेशकों को खरीदने के लिए प्रतिभूतियां बनाई जाती हैं। इस बाजार में स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से नई प्रतिभूतियां जारी की जाती हैं, जिससे सरकार के साथ-साथ कंपनियों को भी पूंजी जुटाने में मदद मिलती है।
जब कोई कंपनी अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नए शेयर या डिबेंचर जारी करके सीधे निवेशकों से धन की उगाही करती है तो ऐसा वह कंपनी प्राथमिक बाजार के तहत करती है । कंपनी नए इनीशियल पब्लिक ऑफर प्राथमिक बाजार में लाकर नए शेयर/डिबेंचर जारी करती है।
दूसरे शब्दों में कहें तो प्राइमरी मार्केट वह जगह है, जहाँ सिक्युरिटीज ( प्रतिभूतियों ) को अस्तित्व में लाया जाता है ( जैसे आई.पी. ओ. के द्वारा) | प्राथमिक बाजार के विपरीत द्वितीयक बाजार (सेकंडरी मार्केट) में विभिन्न कंपनियों द्वारा पहले से जारी किए गए शेयर/डिबेंचर या अन्य सिक्यूरिटीज का लेन-देन होता है।
प्राथमिक बाजार के कार्य (Functions of Primary Market)
प्राथमिक बाजार के कार्य कई गुना हैं जिसमें से कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित है :-
- नया मुद्दा प्रस्ताव (New Issue Offer)
- हामीदारी सेवाएं (Underwriting services)
- नए अंक का वितरण (Distribution Of New Issue)
- जनता का मुद्दा (Public issue)
- निजी कार्य नियुक्ति (Private Placement)
- अधिमान्य मुद्दा (Preferential Issue)
- योग्य संस्थागत नियुक्ति (Qualified Institutional Placement)
- अधिकार और बोनस मुद्दे (Rights and Bonus Issues)
सेबी ने 10 कंपनियों पर लगाया 3.42 करोड़ का जुर्माना, IPO के पैसे में हेरफेर का आरोप
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Oct 04, 2022 | 4:09 PM
कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कई कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया है. सेबी की कार्रवाई 10 कंपनियों पर हुई है जिसमें 3.42 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इन कंपनियों में पैसिफिक मेडस्पा और यशोधरा बिरला के नाम हैं. इन दोनों कंपनियों पर लिस्टिंग एग्रीमेंट और पैसे को इधर-उधर करने का आरोप है. बिरला पैसिफिक मेडस्पा लिमिटेड के आईपीओ के पैसे को डायवर्ट करने का आरोप लगा है.
कार्रवाई के तहत सेबी ने बिरला मेडस्पा लिमिटेड पर 1.07 करोड़ रुपये, अभिजीत देसाई पर 32 लाख रुपये, पीवीआर मूर्ति पर 26 लाख रुपये, यशोधरा बिरला, वेंकटेश्वरालू नेलभोटला, मोहनदास अडिगे, अनोज मेनन, राजेश शाह, उपकार सिंह कोहली और तुषार डे पर 25-25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
शेयर के पैसे को शेयर बाजार में हेरफेर किया डायवर्ट
जुर्माने की कार्रवाई तब हुई जब सेबी ने बिरला पैसिफिक मेडस्पा लिमिटेड (बीपीएमएल) के आईपीओ की छानबीन की. यह छानबीन 7 जुलाई से शेयर बाजार में हेरफेर 15 जुलाई, 2011 की अवधि के लिए की गई. बीएसई पर बीपीएमएल स्क्रीप 7 जुलाई, 2011 को लिस्ट हुई थी. उससे पहले जून 20-23, 2011 को सब्सक्रिप्शन के लिए आईपीओ खुला था. आईपीओ खुलने के दिन शेयर के दाम अधिक चढ़े थे. एक शेयर के दाम 25.35 रुपये पर बंद हुए थे जो कि प्रति शेयर 10 रुपये के इश्यू प्राइस से 154 परसेंट की तेजी थी. सेबी ने एक ऑर्डर में यह बात बताई है.
बीपीएमएल को आईपीओ से 65.17 करोड़ रुपये मिले जबकि इस फंड का इस्तेमाल 55 इवॉल्व हेल्थकेयर क्लीनिक खोलने में नहीं किया गया. बीपीएमएल ने अपने प्रोसपेक्टस में कहा था कि कंपनी पूरे देश में हेल्थकेयर क्लीनिक लगाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सचाई ये है कि कंपनी ने 34.91 करोड़ रुपये को किसी दूसरे काम में डायवर्ट कर दिया. जांच में पता चला कि बीपीएमएल ने 31.54 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अलग-अलग कंपनियों में इंटर कॉरपोरेट डिपॉजिट के रूप में किया. 31.54 करोड़ रुपये की राशि में से 18.54 करोड़ रुपये कंपनियों ने बीपीएमएल को नहीं लौटाया. इन कंपनियों से बीपीएमएल को ब्याज के 6.39 करोड़ रुपये भी नहीं मिले.
बीपीएमएल लगे शेयर बाजार में हेरफेर ये बड़े आरोप
सेबी के मुताबिक बीपीएमएल, देसाई और मूर्ति ने एससीआरए (सिक्योरिटीज कांट्रेक्ट्स एंड रेगुलेशन एक्ट) रूल्स के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. आरोप में कहा गया है कि बीपीएमएल ने उन कंपनियों में पैसे लगाए जिन कंपनियों ने आईपीओ लिस्टिंग के दिन स्क्रीप प्राइस में मदद की. इस तरह पीएफयूटीपी (प्रोह्बिशन ऑफ फ्रॉडुलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेस) नियमों का उल्लंघन किया गया.
Gold Price Today: दशहरे से पहले सोने की चमक बढ़ी, आगे कहां पहुंच सकती हैं कीमतें?
कोविड-19: मंदी दे रही है दस्तक, क्या आप तैयार हैं?
व्यवसायों को संचालन बंद करने के लिए मजबूर किया गया है. हर स्तर पर उत्पादन को नुकसान हुआ है. यह एक 'स्टॉप एंड स्टार्ट' यानी रुकने और चलने वाला चक्र नहीं है, क्योंकि असली अर्थव्यवस्था आपस में बहुत घुली-मिली और गुंथी है.
इसे उदाहरण से समझिए और इसकी कल्पना कीजिए. एक रेस्तरां बंद हो गया. उसका कच्चा बाना (सब्जी इत्यादि) बेकार चला जाता है. कर्मचारी काम पर आना बंद कर देते हैं. कुछ की नौकरी चली जाती है. इसलिए, वे आवश्यक चीजों के सिवा कुछ भी नहीं खरीदते हैं.
वहीं, व्यवसाय को अभी भी किराए, बिजली के बिलों का भुगतान करना है. सूखे किराने का पैसा फंसा है. यह तभी निकलेगा जब यह उपभोग की वस्तु में बदलेगा और बेचा जाएगा. कोई राजस्व नहीं है, लेकिन खर्च और नुकसान बढ़ रहे हैं. बही-खाते कमजोर हो रहे हैं. ऐसे व्यवसाय को बैंकों से कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होती है, जो बदले में मुश्किल का सामना करते हैं. यह कठिनाई होती है पैसे की सुस्त रफ्तार की क्योंकि मांग और आपूर्ति दोनों में कमजोरी आती है.
स्टॉक में हेरफेर
Lovepik मुफ्त उच्च-गुणवत्ता स्टॉक में हेरफेर HD रचनात्मक चित्र डाउनलोड प्रदान करता है, यह चित्र प्रारूप JPG है, lovepik संख्या 500512982 है, उपयोग दृश्य वित्तीय है, आकार 3.8 MB है। सभी कॉपीराइट रचनात्मक चित्रों का उपयोग वाणिज्यिक और व्यक्तिगत के लिए किया जा सकता है। व्यापार को बढ़ावा देने में और अधिक आकर्षक बनाने में आपकी सहायता करने के लिए अद्वितीय रचनात्मक छवि प्रेरणा, हम एआई, पीएसडी, सी 4 डी, 3 डी मैक्स और अन्य प्रारूप फाइलों को डाउनलोड करते हैं।
कमोडिटीज के प्राइसेज बढ़ने से अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में तेजी
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कमोडिटीज की कीमतें बढ़ने के कारण अडानी ग्रुप के स्टॉक्स में तेजी आ रही है। पॉम ऑयल के प्राइसेज बढ़ने से ट्रेड ऐक्टिविटीज बढ़ी हैं, जिसका सीधा मतलब है कि अडानी पोर्ट्स के बिजनेस में तेजी आई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉम ऑयल की कीमतें बढ़ने से अडानी विल्मर को अपनी अनसोल्ड इनवेंटरी पर मार्जिन बेनेफिट होगा। इससे कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत होगी, क्योंकि अभी कुछ और समय तक कीमतों में तेजी बनी रह सकती है।
मारवाड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज में इक्विटी रिसर्च के हेड और वाइस प्रेसिडेंट जय ठक्कर का कहना है, 'दुनिया भर में कमोडिटी प्राइसेज बढ़ने से अडानी ग्रुप के स्टॉक्स अपवार्ड मोमेंटम में हैं। पॉम ऑयल के प्राइसेज में बढ़ोतरी से निश्चित रूप से अडानी विल्मर और अडानी पोर्ट्स लिमिटेड के बिजनेस को फायदा होगा। इन कमोडिटीज के प्राइसेज में कुछ समय तक तेजी बनी रहने की उम्मीद है, ऐसे में कंपनी को अनसोल्ड इनवेंटरी पर मार्जिन बेनेफिट होगा। अडानी विल्मर के शेयरों में लगातार 2 दिन अपर सर्किट लगा है और स्टॉक्स ने 420 रुपये के लेवल के ऊपर ब्रेकआउट दिया है। अब यह लेवल निकट भविष्य में स्टॉक के लिए अहम सपोर्ट के रूप में काम करेंगे।'