के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता

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Yes Bank और डिश टीवी में क्यों छिड़ी है जंग, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी
यस बैंक, डिश टीवी के MD और डायरेक्टर जवाहर लाल गोयल को हटाना चाहता है
डिश टीवी (Dish TV) की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर यस बैंक (Yes Bank) ने एक्स्ट्रॉऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) बुलाने की मांग की है। यस बैंक के पास डिश टीवी की 25.63 पर्सेंट हिस्सेदारी है। यस बैंक EGM के जरिए डिश टीवी के MD और डायरेक्टर जवाहर लाल गोयल को हटाना चाहता है और उनकी जगह नए इंडिपेंडेट डायरेक्टर्स को नियुक्त करना चाहता है। आइए समझते हैं कि यह पूरा मामला है क्या?
कैसे शुरू हुआ यह विवाद?
मई 2020, में यस बैंक ने डिश टीवी के गिरवी रखे शेयरों को भुना लिया और वह इसकी सबसे बड़ी निवेशक बन गई। इसके बाद फरवरी 2021 में डिश टीवी ने 1,000 करोड़ के राइट इश्यू को जारी करने की मंजूरी दी। यस बैंक ने इस पर आपत्ति जताई और बोर्ड को नए सिरे से गठन करने की मांग की।
डिश टीवी ने दलील दिया कि बोर्ड के स्तर के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता पर नियुक्ति के लिए सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी लेने की जरूरत पड़ती है।
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इससे पहले यस बैंक ने एस्सेल ग्रुप के प्रमोटरों को 3,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था और प्रमोटर इस लोन पर डिफॉल्ट कर गए थे। सुभाष चंद्रा की अगुआई वाली जी ग्रुप के बचाव में तब डिश टीवी के मालिक जवाहर लाल गोयल सामने आए और उन्होंने डिश टीवी में अपने व्यक्तिगत होल्डिंग को बैंक के पास गिरवी रखा दिया । जवाहर गोयल, सुभाष चंद्रा के छोटे भाई हैं।
यस बैंक नए बोर्ड की मांग क्यों कर रहा है?
जाहिर है कि इसका एक कारण यह है कि यस बैंक राइट इश्यू को जारी करने के तरीके से खुश नहीं था। इससे पहले भी कई मुद्दों पर यस बैंक और डिश टीवी की राय नहीं मिली थी। यस बैंक का के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता कहना है कि राइट इश्यू को डिश टीवी में उसके मेजॉरिटी के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता शेयरहोल्डिंग को कम करने किए लाया जा रहा है।
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यस बैंक ने कंपनी को भेजे नोटिस में कहा, "कंपनी कॉरपोरेट गवर्नेंस के मानक का सही पालन नहीं कर रही है और यह अपने शेयरहोल्डरों (यस बैंक सहित दूसरे कई बैंक और वित्तीय संस्थान) का सही प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है, जिनका कंपनी में करीब 45 पर्सेंट हिस्सेदारी है।"
बैंक ने कहा, "डिश टीवी जानबूझकर कुछ मॉइनॉरिटी शेयरहोल्डरों के इशारे पर काम कर रही है, जिनके पास कंपनी की महज 6 पर्सेंट हिस्सेदारी है।" यस बैंक के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता ने कहा कि उसने डिश टीवी को अहम शेयरहोल्डरों से चर्चा के बिना राइट इश्यू को मंजूरी नहीं देने को कहा था। हालांकि बोर्ड ने इसे अनसुना कर दिया और 28 मई 2021 को 1,000 करोड़ के राइट इश्यू लाने की उसकी योजना की सार्वजनिक घोषणा कर दी।
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यस बैंक अब आगे क्या कदम उठा सकती हैं?
डिश टीवी ने 6 सितंबर को यस बैंक को भेजे एक जवाब में कहा कि डायरेक्टर स्तर पर बदलाव करने से पहले सूचना व प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है। ऐसे में बोर्ड से डायरेक्टरों को हटाना और उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव AGM में पेश नहीं किया जा सकता है। डिश टीवी का AGM 27 सितंबर
यस बैंक ने इसके बाद डिश टीवी को कई नोटिस जारी कर आरोप लगाया कि वह डायरेक्टरों को हटाने और नए डायरेक्ट की नियुक्ति का प्रस्ताव पेश करने की जगह अब 27 सितंबर को AGM की बैठक ही टालने में लगी है।
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ऐसे में यस बैंक ने कंपनीज एक्ट के सेक्शन 100 के तहत डिश टीवी को नोटिस जारी EGM बुलाने की मांग की। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक यस बैंक, नए डायरेक्टरों की नियुक्ति के मुद्दे पर कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है। साथ ही यस बैंक ने डिश टीवी के कुछ निवेशों को भी जानने की इच्छा जताई है क्योंकि उसका मानना है कि डिश टीवी ने इन निवेशों से जुड़े संतोषजनक खुलासे नहीं किए गए हैं।
‘₹60 लाख/महीना…’: NDTV ने लोगों को नौकरी छोड़ कर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए उकसाया, विरोध होने पर डिलीट किया ‘पेड ट्वीट’
लेखक हर्ष मधुसूदन ने भी लोगों को अपनी नौकरी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चैनल को लताड़ लगाई। उन्होंने लिखा, “NDTV के ‘पार्टनर’ को इस प्लग के लिए कितना भुगतान किया गया?” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि SEBI, RBI, MoF और MoIB को इसकी जाँच करनी चाहिए और इस तरह के फंडिंग के लिए मानदंड होने चाहिए।
Remarkable journalistic “ethics”. You are encouraging people to leave their jobs for some pie in the sky quasi-Ponzi scheme.
How much did NDTV’s ‘partner’ pay for this plug? I think SEBI, RBI, MoF and MoIB should investigate – and have norms around transparency for such funding. https://t.co/eSpmXNGsS2
— Harsh Madhusudan (@harshmadhusudan) December 27, 2021अन्य लोगों ने भी लोगों को खतरनाक रास्ते पर के लाभ Bitcoin बचाव का रास्ता ले जाने के लिए NDTV और उसके पत्रकारों की आलोचना की और पूछा कि इस तरह के खुलेआम क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने के लिए न्यूज चैनल को उनके पार्टनर से कितना पैसा मिला।
Shameful tweet deleted. That’s the journalistic ethics of NDTV. They are promoting/encouraging people to leave jobs and jump into ponzi scams of crypto. Kitna cut mila NDTV ko? https://t.co/DyUPocwL89
— Gaurav Argade (@gaurav_argade) December 27, 2021
हालाँकि ‘पेड ट्वीट’ को NDTV ने हटा लिया है, लेकिन पूरे शो का वीडियो अभी भी इसके यूट्यूब चैनल पर मौजूद है।
NDTV के ट्वीट और पूरे शो से ऐसा लगता है कि वह क्रिप्टो करेंसी की PR कैंपेनिंग कर रहा है।
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