सिल्वर ETF

यानी की यदि कभी शेयर बाजार में मंदी आती है तो उस वक्त सिल्वर में तेजी देखी जा सकती है। इसलिए डायवर्सिफिकेशन के हिसाब से भी इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सिल्वर का होना सही साबित हो सकता है। यदि दो असेट के बीच गहरा पारस्परिक सम्बन्ध हो तो एक समय पर दोनों में एक साथ तेजी या गिरावट देखी जा सकती है लेकिन शेयर बाजार और चाँदी के बीच ऐसा जरूरी नहीं है।
HDFC MF ने लॉन्च किया सिल्वर ETF, जानिए इसकी खास बातें
HDFC Asset Management Company ने 18 अगस्त को सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) लॉन्च करने का ऐलान किया है। यह ओपन-एंडेड ईटीएफ है, जो सिल्वर के परफॉर्मेंस को ट्रैक करेगा। यह न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) 26 अगस्त को बंद हो जाएगा।
एचडीएफसी एएमसी ने कहा है कि इस ईटीएफ का मकसद घरेलू बाजार में फिजिकल चांदी के परफॉर्मेंस के मुताबिक इनवेस्टर को रिटर्न प्रदान करना है। इसका मतलब है कि फ्यूचर में चांदी की कीमतें बढ़ने पर ईटीएफ का रिटर्न अच्छा रहेगा। इसके उलट अगर चांदी की कीमतों में गिरावट आती है तो सिल्वर ईटीएफ का रिटर्न भी घट जाएगा।
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फिजिकल सिल्वर में इनवेस्ट करना और उसे सुरक्षित रखना इनवेस्टर के लिए चैलेंजिंग हो सकता है। एचडीएएफसी एएमसी का सिल्वर ईटीएफ निवेशक को डिजिटल फॉर्म में इनवेस्ट करने का मौका देता है। इसकी मदद से इनवेस्टर्स अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाय कर सकते हैं।
बीते कुछ समय से म्यूचुअल फंड हाउसेज की दिलचस्पी सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने में बढ़ी है। सेबी के म्यूचुअल फंडों को सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने की इजाजत देने के बाद ऐसा हुआ है। सेबी ने पिछले साल सितंबर में म्यूचुअल फंडों को सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने की इजाजत दी थी।
सिल्वर ईटीएफ का फायदा
सिल्वर ईटीएफ का सीधा मतलब है कि जैसे लोग स्टॉक को खरीदते और बेचते हैं, वैसे ही सिल्वर ईटीएफ की खरीद-बिक्री भी हो सकेगी. इससे सिल्वर में कमाई के मौके बढ़ जाएंगे. शेयर या स्टॉक में भी यही होता है कि कोई निवेशक जैसे फायदे का सौदा देखता है, वह बेचकर मुनाफा कमा लेता है. सिल्वर ईटीएफ के साथ भी ऐा ही होगा.
अगर फिजिकल सिल्वर घऱ में रखते हैं तो उसे बेचने के लिए किसी सोनार या ज्वेलरी की दुकान में जाना होगा. सोनार अखबार में चांदी की रेट देखेगा या बुलियन देखकर आपकी चांदी का हिसाब लगाएगा. फिर बिक्री होने पर आपके हाथ में पैसे आएंगे. सिल्वर ईटीएफ में तो झट से सिल्वर ETF बिकवाली और झट से कमाई का पैसा जेब में आ सकता है.
एक और कमॉडिटी में निवेश का मौका
सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि चांदी की खरीद के लिए ईटीएफ का सहारा लिया जा सकता है. पहले ऐसा नहीं था. पहले ज्वेलरी के तहत ही सिल्वर की खरीदारी होती थी. ऐसा सोने का नियम था जिसमें ईटीएफ से गोल्ड की खरीदारी होती थी. अब यह नियम सिल्वर के लिए भी लागू हो गया है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के डायरेक्टर (मैनेजर रिसर्च) कौस्तुभ बेलापुरकर ने ‘मनी9’ को बताया, सिल्वर ईटीएफ की शुरुआत से निवेशकों को एक और कमॉडिटी में निवेश का मौका मिल गया है.
सिल्वर ईटीएफ का नाम दुनिया में वैसा ही है जैसा गोल्ड ईटीएफ का है. बेलापुरकर कहते हैं कि silver etf में निवेशकों को समझदारी के साथ निवेश करना चाहिए. जैसे बाकी कमॉडिटी की कीमतें ऊपर-नीचे या अस्थित होती रहती हैं, वही बात सिल्वर ईटीएफ के साथ भी देखने को मिल सकती है.
नकली चांदी से बच जाएंगे
कुछ ऐसी ही राय नियो मनी के बिजनेस हेड सिल्वर ETF स्वप्निल भास्कर भी जाहिर करते हैं. वे कहते हैं कि चूंकि सिल्वर ईटीएफ से सिक्योरिटी का मार्केट और भी व्यापक होने जा रहा है जिससे निवेशकों को बड़ा मौका मिलेगा. Silver etf के जरिये निवेशक आसानी से चांदी में निवेश कर सकेंगे, आसानी से खरीद-बिक्री कर सकेंगे. ईटीएफ में फर्जीवाड़े की आशंका भी जाती रहेगी क्योंकि फिजिकल ईटीएफ में नकली चांदी मिलने का खतरा होता है. ईटीएफ में ऐसा कोई डर नहीं होगा.
एलएक्सएमई की फाउंडर प्रीति राठी गुप्ता के मुताबिक, भारत में लोग कई अलग-अलग तरीके से चांदी में निवेश करते हैं. जैसे कि पारंपरिक ढंग से सिल्वर बार, चांदी के सिक्के गहने आदि. ऐसे लोग जो फिजिकल सिल्वर नहीं खरीदना चाहते, वे सिल्वर को पेपर फॉर्म जैसे कि सिल्वर फ्यूचर, एनएसईएल आदि के जरिये इसमें निवेश कर सकेंगे.
जानें क्या है सिल्वर ETF और इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा?
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान
Updated on: Jan 18, 2022 | 6:20 AM
भारत में गोल्ड और सिल्वर खरीदना काफी शुभ माना जाता है. वहीं बात अगर निवेश की हो, तो गोल्ड में निवेश करना भविष्य के सिल्वर ETF मद्देनजर काफी फायदेमंद माना जाता है. दरअसल लॉन्ग टर्म में अगर निवेश किया जाए तो अच्छा रिटर्न भी मिलता है. गोल्ड के अलावा चांदी में ईटीएफ (ETF) के जरिए निवेश किया जा सकेगा. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) 5 जनवरी, 2022 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. इसके तहत सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF) में 19 जनवरी तक निवेश किया जा सकता है. बता दें इसमें 100 रुपये से लेकर लाखों रुपये तक की चांदी खरीद सकते हैं, वहीं बेचा भी जा सकता है. लेकिन इसमें निवेश करना कितना फायदेमंद रहेगा यह सवाल हर किसी के मन में होगा.
सिल्वर ईटीएफ ( Silver ETF) क्या है?
दरअसल गोल्ड की तरह ही सिल्वर में निवेश किया जा सकता है. इसके तहत आपको शेयर्स की तरह चांदी में निवेश करने का मौका मिलेगा. लेकिन, ईटीएफ के जरिए निवेशकों को फिजिकल सिल्वर में निवेश का मौका नहीं मिलेगा. इसके तहत निवेशक सिल्वर ईटीएफ में पैसा लगा सकेंगे. फिलहाल ऐसा गोल्ड ईटीएफ में होता रहा है.
दरअसल इस दौरान निवेशक को देखना है कि, आने वाले फंड किस सिल्वर को ट्रैक कर रहे हैं, यानी की वह लोकल सिल्वर की कीमतें हैं या फिर इंटरनेशनल सिल्वर की कीमतों सिल्वर ETF को. इस दौरान ध्यान रखे कि, ईटीसीडी में स्कीम के कॉर्पस का 10 फीसदी से ज्यादा निवेश नहीं किया जा सकता है. बता दें, सिल्वर ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गोल्ड ईटीएफ की तरह ही सिल्वर ईटीएफ में भी ज्यादा फर्क नहीं होगा, यानी की अगर बात रिटर्न को लेकर की जाए तो ज्यादा फर्क नहीं रहेगा.
अब गोल्ड के साथ-साथ सिल्वर ETF में भी बिना रिस्क लगा सकेंगे पैसा, जानें क्या है नियम?
By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 28 Nov 2021 02:53 PM (IST)
सिल्वर ईटीएफ (फाइल फोटो)
Silver ETF: सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के लिए नियम आने के साथ अब निवेशक चांदी में अधिक तरल तरीके से निवेश कर सकेंगे और इससे उन्हें पोर्टफोलियो के विविधीकरण में मदद मिलेगी. मार्केट एक्सपर्ट ने यह राय जताई है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कुछ दिन पहले ही चांदी ईटीएफ के लिए परिचालन मानदंड जारी किए हैं. इसके तहत ऐसी निवेश योजना को चांदी और चांदी से संबद्ध सिल्वर ETF उत्पादों में कम से कम 95 फीसदी का निवेश करना होगा. ये मानदंड नौ सिल्वर ETF दिसंबर, 2021 से प्रभावी होंगे.
सिल्वर ईटीएफ में कर सकेंगे निवेश
आपको बता दें वर्तमान में म्यूचुअल फंड इकाइयों को गोल्ड ईटीएफ पेश करने की ही अनुमति है, लेकिन सिल्वर ETF नए प्रावधान आने के बाद सिल्वर ईटीएफ का रास्ता भी खुल गया है.
निवेश की बात: चांदी में निवेश हो सकता है फायदेमंद, सिल्वर ETF और फण्ड और फण्ड में लगा सकते हैं पैसा
सोने और चांदी का इस्तेमाल आभूषणों के अलावा निवेश के लिए भी किया जाता है। पारम्परिक तौर पर भारत में लोग लम्बे समय से सोने और चांदी में निवेश करते आए हैं। वजह यह है कि एक तो लोग सोन- चांदी में निवेश को सुरक्षित मानते हैं और दूसरा क्योंकि इनके दाम सीधे तौर पर महंगाई से जुड़े होते हैं इसलिए महंगाई बढ़ने के साथ-साथ सोने-चांदी के दामों में भी बढ़ौतरी देखी जा सकती है जिसका फायदा निवेशकों को सिल्वर ETF मिलता है।
पिछले कुछ सालों में सोने में निवेश के कई विकल्प खुल गए जैसे कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम, गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फण्ड आदि चांदी में निवेश के लिए अब तक सीमित विकल्प मौजूद थे जैसे कि चांदी के गहने और सिक्के लेकिन सेबी द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद अब सिल्वर ETF और फण्ड और फण्ड का विकल्प भी खुल गया है। पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल आपको इनके बारे में बता रहे हैं।