अतिरिक्त आय

अतिरिक्त आय
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आर्थिक लगान से क्या आशय है? .
श्रम के उपयोग के बदले किया गया भुगतान पूंजी के उपयोग के बदले में किया गया भुगतान संगठन के उपयोग के बदले में किया गया. भूमि के उपयोग के बदले में किया गया भुगतान
Solution : लगान किसी भी साधन द्वारा उसकी सेवा प्राप्त करने की लागत से अतिरिक्त आय अथवा अधिशेष को कहा जाता हैं। चूकि सम्पूर्ण समाज के लिए कुल भूमि प्रकृति की मुफ्त देन होने के कारण इसे उत्पादन के लिए प्रयोग करने के लिए समाज को कोई लागत उठानी नही पड़ती। इसीलिए भूमि से समस्त आय अथवा लगान सारे समाज के लिए अधिशेष अथवा अतिरिक्त आय हैं। वर्तमान में इस अधिशेष या अतिरिक्त आय को आर्थिक लगान कहा जाता है।
पर्यटक बसों के लिए बुरा समय, लेकिन केएसआरटीसी को एक अतिरिक्त आय, शादियों, यात्राओं की बुकिंग बढ़ी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वडकनचेरी दुर्घटना के बाद, पर्यटक बसों में ध्वनि और प्रकाश प्रणालियों सहित अतिरिक्त फिटिंग को हटा दिया गया और मोटर वाहन विभाग ने निरीक्षण को कड़ा कर दिया, जिससे KSRTC को लाभ हुआ। कई लोगों ने शादियों और टूर ट्रिप के लिए केएसआरटीसी की स्कैनिया और लो फ्लोर एसी बसों की बुकिंग शुरू कर दी है। तिरुवनंतपुरम सेंट्रल डिपो ने पिछले एक महीने में इससे 18 लाख रुपये की आय अर्जित की है। इस दौरान विशेष सेवा के लिए न्यूनतम किराए पर 63 बसें उपलब्ध कराई गईं।पीडब्ल्यूडी मंत्री रियास ने खराब सड़क निर्माण पर अधिकारियों को फटकार लगाई
कोल्लम के मूल निवासी बेंगलुरु के एक अतिरिक्त आय आईटी कर्मचारी हेमंत की शादी के लिए कल दस एसी लो-फ्लोर बसों को किराए पर लिया गया था। दूल्हे के परिवार ने कोल्लम से चंगनास्सेरी पहुंचने के लिए 7 बसें किराए पर लीं और दुल्हन के परिवार ने करुक्काचल से तीन बसें किराए पर लीं। जीएसटी सहित 100 किमी के लिए प्रति बस की दर 18,000 रुपये है। हेमंत ने कहा कि पर्यटक बसों के खिलाफ मौजूदा परिदृश्य केएसआरटीसी बसों की बुकिंग का कारण है और यह निगम को अतिरिक्त आय भी प्रदान करेगा। दस बसों अतिरिक्त आय के किराए के रूप में लगभग 1.80 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।केएसआरटीसी सेंट्रल यूनिट के अधिकारी बीएस शिजू ने कहा, "बहुत से लोग शादियों और टाउट अतिरिक्त आय ट्रिप के लिए बसों के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं।"
अतिरिक्त आय के लिए प्रयास करे परिवहन निगम-दयाशंकर सिंह
लखनऊ-विशेष संवाददाता। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि.
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन निगम अतिरिक्त आय के लिए विज्ञापन, कोरियर और लगेज इत्यादि की सेवाएं शुरू करें। इनके माध्यम से परिवहन निगम अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है। इसके लिए टेण्डर किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को परिवहन निगम के अनुबंधित ढाबों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए और कहा कि अब भी परिवहन निगम से अनुबंधित ढ़ाबों से शिकायतें मिल रही हैं।
दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 15 हजार बसों को अनुबंधित करने का लक्ष्य परिवहन निगम को दिया है। लक्ष्य तय करके प्राइवेट बसों को परिवहन निगम के साथ अनुबंधित करें। किन रूटों पर कितने बसों को अनुबंध करने की आवश्यकता है, उसी के अनुरूप टेण्डर करें। अनुबंध की शर्तें सरकार और वाहन स्वामी दोनों के हित में होनी चाहिए।
उन्होंने टैक्टर ट्राली की सख्त चेकिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल सवारी ढ़ोने या खनन कार्य के लिए नहीं होना चाहिए। ऐसा पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने प्रवर्तन टीम को निर्देश दिए कि अवैध संचालन और ओवर लोडिंग के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाकर चेकिंग करते रहें। जांच के दौरान पाया गया है कि कुछ जनपदों में ओवरलोडिंग और अवैध संचालन पर पूर्णतः रोक नहीं लग पाई है।
समीक्षा बैठक में मुख्यालय से चेयरमैन परिवहन निगम राजेन्द्र तिवारी, प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, एमडी परिवहन निगम संजय कुमार एवं अपर एमडी अन्नपूर्णा गर्ग मौजूद रहे।
अतिरिक्त आय
अध्याय 12ड़
वितरित आय पर कर से संबंधित विशेष उपबंध
यूनिट धारकों को वितरित आय पर कर
115द. (1) इस अधिनियम के और भारतीय यूनिट ट्रस्ट अधिनियम, 1963 (1963 का 52) की धारा 32 के किसी अन्य उपबंध में किसी बात के होते हुए भी भारतीय यूनिट ट्रस्ट द्वारा अपने यूनिट धारकों को 31 मार्च को या उससे पूर्व वितरित की गर्इ आय की कोर्इ रकम कर के लिए प्रभार्य होगी और भारतीय यूनिट ट्रस्ट ऐसी वितरित आय पर दस प्रतिशत की दर से अतिरिक्त आय-कर का संदाय करने का दायी होगा :
परन्तु इस उपधारा की कोर्इ बात ऐसी निधि से किए किसी वितरण की बाबत खुली साधारण शेयरोन्मुखी निधि के यूनिट धारकों को 1 अप्रैल, 1999 से प्रारंभ होने वाली तीन वर्ष की अवधि के लिए वितरित किसी आय की बाबत अतिरिक्त आय लागू नहीं होगी।
(2) इस अधिनियम के किसी अन्य उपबंध में किसी बात के होते हुए भी, विनिर्दिष्ट कंपनी या किसी पारस्परिक निधि द्वारा अपने यूनिट धारकों को वितरित आय की कोर्इ भी रकम कर से प्रभार्य होगी और ऐसी विनिर्दिष्ट कंपनी या पास्परिक निधिऐसी वितरित आय पर–
46 [(i) किसी ऐसे व्यक्ति को, जो कोर्इ व्यष्टि या कोर्इ हिंदू अविभक्त कुटुंब है, किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या किसी लिक्विड निधि द्वारा वितरित आय पर पच्चीस प्रतिशत;
(ii) किसी व्यक्ति को किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या किसी लिक्विड निधि द्वारा वितरित आय पर तीस प्रतिशत;
(iii) किसी व्यक्ति को साधारण शेयरोन्मुख निधि द्वारा वितरित आय पर दस प्रतिशत;
(iv) किसी ऐसे व्यक्ति को, जो कोर्इ व्यष्टि या कोर्इ हिंदू अविभक्त कुटुंंब है, किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या किसी लिक्विड निधि या किसी साधारण शेयरोन्मुख निधि से भिन्न किसी निधि द्वारा वितरित आय पर पच्चीस प्रतिशत;
(v) किसी व्यक्ति को किसी धन बाजार पारस्परिक निधि या किसी नकद निधि या किसी साधारण शेयरोन्मुख निधि से भिन्न किसी निधि द्वारा वितरित आय पर तीस प्रतिशत;]
अतिरिक्त आय-कर का संदाय करने के लिए दायी होगी:
पंरतु जहां कोर्इ आय किसी अनिवासी (जो कोर्इ कंपनी नहीं है) या किसी विदेशी कंपनी को अवसंरचना ऋण निधि स्कीम के अधीन पारस्परिक निधि द्वारा वितरित की जाती है, वहां पारस्परिक निधि इस प्रकार वितरित आय अतिरिक्त आय पर पांच प्रतिशत की दर से अतिरिक्त आय-कर का संदाय करने का दायी होगा:
पंरतु अतिरिक्त आय यह और कि इस उपधारा की कोर्इ बात–
(क) विनिर्दिष्ट उपक्रम के प्रशासक द्वारा यूनिट धारकों को ; या
वितरित किसी आय की बाबत लागू नहीं होगी।
स्पष्टीकरण–इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए,–
(i) "प्रशासक" और "विनिर्दिष्ट कंपनी" का वही अर्थ होगा जो धारा 10 के खंड (35) के स्पष्टीकरण में क्रमश: उनका है;
(ii) "अवसंरचना ऋण निधि स्कीम" अतिरिक्त आय का वही अर्थ होगा जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 (1992 का 15) के अधीन बनाए गए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (पारस्परिक निधि) विनियम, 1996 के विनियम 49ठ के खंड (1) में उसका है
(2क) उपधारा (2) के अनुसार संदेय अतिरिक्त आय-कर का अवधारण करने के प्रयोजनों के लिए, उसमें निर्दिष्ट वितरित आय की रकम, उतनी रकम तक, उपधारा (2) में विनिर्दिष्ट दर पर ऐसी बढ़ार्इ गर्इ रकम पर अतिरिक्त आय-कर को घटाने के पश्चात्, बढ़ा दी जाएगी जो पारस्परिक निधि द्वारा वितरित आय की रकम के बराबर हो।
(3) यथास्थिति, भारतीय यूनिट ट्रस्ट या किसी पारस्परिक निधि द्वारा वितरित आय का संदाय करने के लिए उत्तरदायी व्यक्ति और यथास्थिति, भारतीय यूनिट ट्रस्ट या पारस्परिक निधि के वितरण या संदाय की तारीख से, इनमें जो भी पूर्व हो, चौदह दिन के भीतर केन्द्रीय सरकार के खाते में कर का संदाय करने का दायी होगा।
(4) इस अधिनियम के किसी अन्य उपबंध के अधीन ऐसी किसी आय की बाबत जो उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन कर के लिए प्रभार्य हो गर्इ है भारतीय यूनिट ट्रस्ट या किसी पारस्परिक निधि की कुल कटौती अनुज्ञात नहीं की जाएगी।
46. वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा 1.4.2018 से खंड (i) से खंड (iii) के स्थान पर खंड (i) से खंड (v) प्रतिस्थापित। प्रतिस्थापन से पूर्व खंड (i) से खंड (iii) निम्न प्रकार थे :
"(i) किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या परिनिर्धारित (लिक्विड) निधि द्वारा ऐसे किसी व्यक्ति को, जो व्यष्टि या हिन्दू अविभक्त कुटुंब है वितरित आय पर, पच्चीस प्रतिशत की दर से;
(iक) किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या परिनिर्धारित (लिक्विड) निधि द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को वितरित आय पर, तीस प्रतिशत की दर से;
(ii) किसी ऐसे व्यक्ति को, जो व्यष्टि या हिंदू अविभक्त कुटुंब है, मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या परिनिर्धारित निधि से भिन्न किसी निधि द्वारा वितरित आय पर पच्चीस प्रतिशत की दर से; और
(iii) किसी अन्य व्यक्ति को, किसी मुद्रा बाजार पारस्परिक निधि या परिनिर्धारित निधि से भिन्न किसी निधि द्वारा वितरित आय पर तीस प्रतिशत की दर से,"
47. वित्त अधिनियम, 2018 द्वारा 1.4.2018 से लोप किया गया। लोप किये जाने से पूर्व खंड (ख) निम्न प्रकार था:
"(ख) ऐसी निधियों से किए गए किसी वितरण की बाबत साधारण शेयरोन्मुखी निधियों के किसी यूनिट धारक को,"