शुरुआती के लिए विकल्प ट्रेडिंग

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?
India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

RBI ने थोक खंड में डिजिटल रुपये की पायलट परियोजना शुरू की

RBI launches pilot project of Digital Rupee in wholesale segment

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर, 2022 से सरकारी प्रतिभूतियों (G-सेक) में द्वितीयक व्यापार के लिए थोक खंड (e₹-W) में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) या डिजिटल रुपये (e₹) को लागू करने के लिए अपनी पहली पायलट परियोजना शुरू की है।

  • डिजिटल रुपया – खुदरा खंड ( e₹-R ) में पहला पायलट ग्राहकों और व्यापारियों सहित सीमित उपयोगकर्ता समूहों के साथ चुनिंदा क्षेत्रों में एक महीने में शुरू होने के लिए तैयार है।
  • CBDC के साथ, भारत से डिजिटल मुद्राओं को तेजी से आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति करने की उम्मीद है।
  • UPI और QR-आधारित भुगतानों को व्यापक रूप से अपनाने के कारण भारत को प्रौद्योगिकी का प्रारंभिक अपनाने वाला माना जाता है।

डिजिटल रुपया क्या है?

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का एक डिजिटल संस्करण है।

  • इसे इलेक्ट्रॉनिक धन का एक रूप माना जाता है जिसका उपयोग संपर्क रहित लेनदेन में किया जा सकता है।

भारतीय CBDC, जिसे “( e₹ )” के रूप में जाना जाएगा, रुपये का एक डिजिटल संस्करण है और इसे फिएट मुद्रा के लिए एक-एक करके बदला जा सकता है।

नोट: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-23 में भारत में RBI द्वारा डिजिटल मुद्रा की शुरुआत की घोषणा की।

CBDC को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • खुदरा (CBDC-R): खुदरा CBDC संभावित रूप से सभी के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा।
  • थोक (CBDC-W): थोक CBDC चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है।

i.RBI ने डिजिटल रुपया थोक (e₹-W) पायलट परियोजना में भाग लेने के लिए 9 बैंकों को नामित किया है।

  • इन नौ बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, YES बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल हैं।

ii. e₹-W को अपनाने से इंटरबैंक बाजार की दक्षता बढ़ने और लेनदेन लागत कम होने की उम्मीद है।

iii. भारत थोक CBDC पायलट शुरू करने वाली पहली महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, भले ही उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षण (UAT) वातावरण में विश्व स्तर पर कुछ CBDC परीक्षण मामले सामने आए हैं।

डिजिटल मुद्रा के फायदे

i. एक डिजिटल मुद्रा न केवल लेनदेन लागत को कम करेगी, बल्कि सरकारों के लिए अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले सभी लेनदेन तक पहुंचना भी आसान बना देगी।

ii. सरकार भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजना के लिए एक ढांचा बनाने में सक्षम होगी क्योंकि देश में प्रत्येक लेनदेन की जांच प्रासंगिक कानूनों के तहत की जाएगी।

iii. भौतिक (वास्तविक) नोटों की तुलना में, डिजिटल मुद्रा का जीवनकाल अनिश्चित काल तक होगा।

iv. डिजिटल मुद्रा को फाड़ा, जलाया या शारीरिक रूप से क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता है, न ही इसे खोया जा सकता है।

डिजिटल रुपये और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर

i. एक क्रिप्टोकरेंसी एक विकेंद्रीकृत डिजिटल संपत्ति है और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित विनिमय का एक माध्यम है। (उदाहरण: बिटकॉइन और एथेरियम)।

  • हालांकि, यह ज्यादातर अपनी विकेंद्रीकृत प्रकृति के कारण संदिग्ध रहा है, जिसका अर्थ है कि यह बैंकों, वित्तीय संस्थानों या केंद्रीय प्राधिकरण जैसे किसी भी मध्यस्थ के बिना संचालित होता है।

ii. दूसरी ओर, RBI द्वारा जारी CBDC या डिजिटल रुपया (e₹) डिजिटल रूप में सरकार समर्थित कानूनी धन के रूप में कार्य करेगा।

हाल में संबंधित समाचार :

चेनलिसिस के अनुसार, ‘द 2022 ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स: ग्रासरूट एडॉप्शन में इमर्जिंग मार्केट्स लीड, चीन प्रतिबंध के बावजूद सक्रिय रहता है, और क्रिप्टो फंडामेंटल्स स्वस्थ दिखाई देते हैं’, वियतनाम 1 की समग्र सूचकांक रैंकिंग के साथ लगातार दूसरे वर्ष क्रिप्टोकरेंसी गोद लेने में पहले स्थान पर है। भारत 0.663 के सूचकांक स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहा।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के बारे में:

राज्यपाल – शक्तिकांत दास
स्थापना – 1935
मुख्यालय – मुंबई, महाराष्ट्र

क्रिप्टोकरेंसी के बैन होने की खबर के बाद RBI खुद की डिजिटल करेंसी ला कर रही है: खबर पढ़िए

Information of RBI bank

इस बार के बजट सेशन में पार्लियामेंट ने क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक- 2021(Cryptocurrency and Regulation of Digital Official Currency Bill -2021) पेश करने का प्रस्ताव किया है। दरअसल यह “क्रिप्टो-बिल” सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन (Bitcoin) आदि पर बैन लगाने और भारत की अपनी ऑफिशियल व लीगल डिजिटल करेंसी के लिए एक वैध ढ़ांचा बनाने की दिशा में काम करेगा। ऐसे में भारतीय वित्तीय संस्था रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(Reserve Bank Of India,RBI) अपनी घरेलू डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लाने का प्लान बना रही है। जिसे सरकार और RBI दोनों के द्वारा नियमित किया जाएगा।

ऐसे में जो प्रश्न स्वाभाविक हैं वो ये कि – क्रिप्टोकरेंसी क्या है और यह रेग्यूलर करेंसी से कैसे अलग है?, भारत को इसकी क्या ज़रुरत है ? RBI द्वारा खुद की डिजिटल करेंसी क्यो लाई जा रही है?, क्रिप्टोकरेंसी और आरबीआई द्वारा लाई जा रही डिजिटल करेंसी में अंतर क्या है? आइए इस लेख के माध्यम से जाननें का प्रयास करते हैं।

Information of RBI bank

क्रिप्टोकरेंसी और सामान्य करेंसी या नोट में क्या अंतर है?

जब भी क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा कि जाती है तो हमारे मन में उठने वाला पहला सवाल यह होता है कि क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन या फिज़िकली सर्कुलेशन में चल रही रेग्यूलर करेंसी व सामान्य नोट में अंतर क्या है? दरअसल, सामान्य करेंसी या नोट पर RBI या सरकार द्वारा सार्वभौमिक गारंटी (sovereign) दी जाती है। लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी एक प्राइवेट करेंसी है और RBI या किसी सरकार के तहत इसे कोई सोवरेन गारंटी नही मिली होती। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी एक जटिल कम्प्यूटर प्रोग्राइमिंग और इंटरनेट के ज़रिये इस्तेमाल में लाई जाती हैं और रेग्यूलर करेंसी की तरह इस पर किसी एक व्यक्ति का कंट्रोल नही होता है। उदाहरण के तौर पर नोटबंदी के दौरान जैसे हज़ार व पांच सौ के नोट प्रधानमंत्री की अपील पर बंद कर दिये गये थे क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में ऐसा संभव नही है।

यह भी पढ़ें :- नए बजट से लोगों को कुछ ज़्यादा हीं अपेक्षाएं; जानिए इस 2021-22 बजट के बारे में

भारत की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? अपनी डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में काम कर रहा है RBI

इस बार के बजट सेशन में कुल मिलाकर 20 बिल लाये जाएंगें जिनमें से एक बिल के ज़रिये सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने वाली है। ऐसे में RBI अपनी खुद की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी लाने वाली है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो (B P Kanungo, RBI Deputy Governer) के अनुसार – “बिल लाने से लगभग एक हफ्ते पहले से ही RBI डिजिटल लीगल टेंडर (Digital Legal Tender) पर काम करते हुए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? भारत के लिए खुद की डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में प्रयासरत है। इस काम के लिए RBI ने अपनी एक आंतरिक समिति (Internal Panel) भी गठित की है।“

CBDC डिज़िटल करेंसी दिया जाएगा नाम

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाते हुए सरकार उसका कोई विकल्प चाहती है जो सेंट्रल बैंक द्वारा नियमित हों। जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(Central Bank Digital Currency, CBDC) कहा जाएगा। वर्तमान में RBI इसी पर काम कर रहा है और वह खुद की ऐसी डिज़िटल करेंसी डेवलप करना चाहता है जो नोट या यूं कहें प्रिंट फार्मेट में न हो यानि पेपरलैस हो और जिसका इस्तेमाल आप अपने स्मार्टफोन के ज़रिये कर सकें।

CBDC का अर्थ क्या है ?

CBDC करेंसी का एक इलैक्ट्रानिक रुप है। जो कि एक लीगल करेंसी होगी और जिस पर सेंट्रल बैंक की पूरी तरह से लायबिलिटी होगी जो सोवरेन करेंसी के रुप में उपलब्ध होगी।

RBI द्वारा लाई गई डिजिटल करेंसी को मिली होगी सार्वभौमिक गारंटी

जहां क्रिप्टोकरेंसी की कोई सार्वभौमिक गारंटी (sovereign guarantee) नही होती वहीं RBI का यह कहना है कि उसके द्वारा लाई गई इस डिजिटल करेंसी को पूरी तरह सोवरेन गांरटी मिली होगी क्योंकि इसे देश के सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा। बता दें कि इन तमाम दिशाओं में RBI अभी काम कर रही है।

वर्तमान में देश को डिजिटल करेंसी की आवश्यकता क्यो है

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) का मानना है कि – “पेमेंट इंडस्ट्री(payment industry) में तेज़ी से आते बदलावों, निजी डिजिटल टोकनों के प्रचलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करनें में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से ही आभासी मुद्रा या डिजिटल करेंसी की ज़रुरत महसूस होने लगी है। इसी वजह से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने पर विचार किया जा रहा है। इसी दिशा में तमाम अध्ययन व दिशा-निर्देश तय करने के लिए एक अंतर-विभागीय समिति भी बना दी गई है जो कि CBDC संबंधी सभी फैसले लेगी”

Information of RBI bank

UPI से किस प्रकार भिन्न होगी CBDC

ऐसे डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? में किसी के भी मन में यह सवाल उठना वाजिब है कि भारत में पहले से ही Net Banking व UPI (Unified Digital Interface)के रुप में डिजिटल करेंसी इस्तेमाल हो रही है फिर RBI की इस नई करेंसी का क्या मतलब ? तो उसका आसान सा जवाब इस तरह पाया जा सकता है कि आप UPI के ज़रिये पैसा ट्रांसफर डिजिटल फार्म में करते हैं लेकिन उस पैसे को केश करने वाला व्यक्ति उसे बैंक से प्रिंट रुप में यानि नोट के रुप में निकाल सकता है लेकिन CBDC के अंतर्गत ऐसा संभव नही है वो केवल डिजिटल रुप में ही रहेगी और उसी तरह से आप उसका उपयोग कर पाएंगे। मतलब उसका कोई फिज़िकल रुप नही होगा।

RBI की डिजिटल करेंसी के फायदे

नोटों और सिक्कों की जगह डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से भारत में मुद्रा के ट्रांसजेक्शन में एक नया दौर आएगा और इससे ब्लैक मनी पर भी रोक लगेगी।

जिस ब्लॉकचेन पर चलता है Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी, उसी पर आधारित RBI की डिजिटल करेंसी: जानिए कैसे करेगा काम

अर्थात, ये डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि 'डिजिटल करेंसी' ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी।

RBI, डिजिटल करेंसी, CBDC

RBI की नई डिजिटल करेंसी इसी साल होगी जारी (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bitcoin.Com)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को आम बजट पेश करते हुए बताया कि ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ अपनी एक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)’ को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। बताया गया कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से एक और अधिक दक्ष और सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था देखने में आएगी।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस डिजिटल करेंसी का निर्माण एवं संचालन ब्लॉकचेन सहित अन्य तकनीकों के जरिए किया जाए। 2022-23 से ही इसे जारी कर दिया जाएगा और RBI इसे चालू करेगा। अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना है तो आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में भी जानते होंगे, जिस पर Bitcoin और Ethereum सहित ये सभी कॉइन्स आधारित हैं। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर भी सरकार ने 30% कर वसूलने की बात कही है।

आपके मन में ये सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि ये डिजिटल करेंसी आखिर है क्या? ये CBDC आखिर काम कैसे करेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक CBDC के माध्यम से लीगल टेंडर जारी करेगा। मार्किट में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनमें से कोई भी ‘लीगल टेंडर’ नहीं हैं। अर्थात, मुद्रा के रूप में भारत सरकार ने उन्हें कोई मान्यता नहीं दी है। यह अंतर होगा CBDC और अन्य कॉइन्स में। ये एक ‘फ़िएट’ (Fiat) करेंसी के समान ही होगा, जिसे हम आजकल कागज़ की शक्ल में देखते हैं और प्रयोग करते हैं।

अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि ‘डिजिटल करेंसी’ ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी का जिक्र करते हुए आगाह किया है। आप आजकल सर्कुलेशन में जो देखते हैं, उनमें से अधिकतर ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ हैं।

India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.

आखिर ‘डिजिटल करेंसी’ से बदलाव क्या आ जाएगा? लोगों का पूछना है कि इसका लेनदेन कैसे होगा। इन सवालों के जवाब समय के साथ केंद्र सरकार खुद देगी, लेकिन तब तक इतना जान लीजिए कि इसके लेनदेन में समय नहीं लगेगा और ट्रान्जक्शन्स तेजी से होंगे। इसके लिए एक वॉलेट बनाया जा सकता है, या फिर बैंक ही इसकी लेनदेन के लिए खुद को ब्लॉकचेन तकनीक से जोड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि नई प्रौद्योगिकी के प्रति मोदी सरकार के रुझान को भी ये कदम दिखाता है।

डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi | क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है | Digital Currency in India

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) ने डिजिटल करेंसी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है | जहाँ आज से पहले हमारे देश में किसी चीज को खरीदने के लिए अधिकतर नगदी मुद्रा का इस्तेमाल होता रहा है, वही अब देश की मोदी सरकार द्वारा भारत में डिजिटल करेंसी को शुरू कर लेन-देन के तरीके को डिजिटल रूप दे दिया है | आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) टी रवि शंकर का कहना है, कि केंद्रीय बैंक जल्द ही डिजिटल मुद्रा को जारी करने वाली है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है |

RBI ने बहुत पहले ही डिजिटल करेंसी को शुरू करने का संकेत दे दिया था | इसके अतिरिक्त दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक भी अपने-अपने देश में डिजिटल करेंसी को शुरू करने की तैयारी में है | यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी से बिलकुल अलग होगी | इस डिजिटल करेंसी की सबसे खास बात यह होगी की इसे RBI द्वारा विनियमित किया जायेगा, जिससे लोगो को उनके पैसो के डूबने का खतरा भी नहीं होगा | यदि आप भी इस डिजिटल करेंसी के बारे अधिक जानकारी जानना चाहते है, तो इस पोस्ट में आपको डिजिटल करेंसी क्या है in Hindi, क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है, Digital Currency in India आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है |

डिजिटल करेंसी क्या है (What is Digital Currency)

यह डिजिटल करेंसी नगदी का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा,जिसे देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होगी | इस करेंसी को केवल देश की केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ही जारी किया जा सकता है | देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी इसे शामिल किया जायेगा | इस डिजिटल मुद्रा की खास बात यह होगी की इसे सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में भी बदला जा सकेगा तथा यह भारत का डिजिटल रुपया होगा |

यह डिजिटल करेंसी दो तरह से होगी पहला रिटेल (Retail) और दूसरा होलसेल (Wholesale) | रिटेल डिजिटल मुद्रा को आम नागरिक तथा कंपनियों द्वारा प्रयोग में लाया जायेगा, जबकि होल सेल डिजिटल करेंसी को वित्तीय संस्थाओ द्वारा इस्तेमाल किया जायेगा|

नई अपडेट: केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत (INDIA) स्वयं का डिजिटल रुपया लांच करने की तैयारी में है| यह भारत के लिए क्रन्तिकारी कदम हो सकता है, इससे अर्थव्यवस्था में असर देखने को मिलने की उम्मीद है|

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे होगा (How to Use Digital Currency)

भारत की डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी (CBDC) -सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है | लेकिन मिली जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि RBI-बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी को जारी किया जायेगा,जिसके बाद यह आपको मिलेगी | इसके बाद आप जिसे पेमेंट करना चाहते है, उसे इससे भुगतान कर दे यह सीधे उसके अकाउंट में पहुंच जाएगी |

इसमें किसी तरह का वॉलेट नहीं होगा और न ही बैंक खाते की जरूरत होगी | यह बिलकुल नगदी (Cash) की तरह ही उपयोग में लायी जाएगी | फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह टेक्नोलॉजी के माध्यम से डिजिटल रूप में कार्य करेगी | यह नगद का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा |

क्रिप्टो करेंसी किसे कहते है (What is Crypto Currency)

क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मुद्रा का एक रूप होता है | यह किसी सिक्के या नोट के रूप में आपकी जेब में न होकर पूरी तरह डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? ऑनलाइन होती है | यह एक गैर कानूनी करेंसी होती है | जिसे किसी तरह की सरकारी मान्यता नहीं प्राप्त है, और न ही इसे किसी सरकारी या विनियामक अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है | इसमें व्यापार को बिना किसी नियमो के व्यापार किया जाता है |

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर (Difference Between Digital Currency and Cryptocurrency)

डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में सबसे बड़ा अंतर यह है, कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होती है, यह देश की केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है | इसलिए यह पूरी तरह से जोखिमों के अधीन होती है | यह जारी किये गए देश में खरीदारी लेन-देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है | इस करेंसी को सॉवरेन मुद्रा (Sovereign Currency) यानि उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है | वही क्रिप्टो करेंसी में इस तरह की सुविधा नहीं उपलब्ध होती है |

क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी की वैल्यू में किसी तरह का उतार-चढाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो करेंसी में उतार-चढ़ाव होते है, इसका एक उदाहरण बिटकॉइन है | बिटकॉइन की वैल्यू में आपको कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाते है | डिजिटल करेंसी को देश की केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है, वही क्रिप्टो करेंसी में को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है |

रेटिंग: 4.36
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 125
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *