क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है?

Cryptocurrency: जानें, भारत में लॉन्च होने वाली Digital Currency और क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में क्या फर्क है?
भारत में डिजिटल करेंसी को लेकर काफी समय से प्लानिंग चल रही है
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की चरणबद्ध शुरुआत के लिए कमर कस चुका है, जिसका लक्ष्य इस साल के अंत तक लॉन्च करना है। आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का इस्तेमाल इस समय बहुत बड़े स्तर पर फैल गया है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के हालिया उदय के कारण दुनिया भर के तमाम वित्तीय संस्थान डिजिटल करेंसी पर विचार करने को मजबूर हो गए।
यही वजह है कि केंद्रीय बैंक ने भी अपनी डिजिटल करेंसी लाने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है। CBDC (central bank digital currency) का शुभारंभ भारत के लिए ऐतिहासिक होगा। आरबीआई जैसे केंद्रीय बैंक का ध्यान अनिवार्य रूप से पारंपरिक बैंक के रूप में कार्य करने के बजाय देश में बैंकिंग प्रणालियों का समर्थन करना है।
CNBC से बातचीत में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि दिसंबर 2021 तक डिजिटल करेंसी को लेकर एक ट्रायल प्रोग्राम लॉन्च हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यह ट्रायल सफल रहा तो डिजिटल करेंसी को बड़े स्तर पर लॉन्च किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी और यह क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी मूल रूप से डिजिटल या एक वर्चुअल करेंसी है, जो केंद्रीय बैंक द्वारा टेंडर (tender) के रूप में जारी की जाती है। यह मौजूदा डिजिटल एवं फिएट करेंसी के समान कार्य करता है। इससे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त करेंसी होती है। डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार द्वारा मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है।
डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कॉन्टैक्टलेस पेमेंट करने में किया जाता है। उदाहरण के तौर पर जैसे कि आप जब अपने बैंक अकाउंट से किसी दोस्त के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं या फिर अपने फोन में किसी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। आप इसी पैसे को एटीएम से निकाल लेते हैं, तो वह कैश में तब्दील हो जाता है।
वहीं, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का कोई फिजिकल फॉर्म नहीं होता है। आप इस करेंसी को छू नहीं सकते हैं। यह डीसेंट्रलाइज्ड होती है जो सरकार के नियंत्रण में नहीं होती है। क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है। डिजिटल करेंसी की वैल्यू में क्रिप्टोकरेंसी की तरह उतार-चढ़ाव नहीं होता है।
भास्कर एक्सप्लेनर: कैसा होगा RBI का 'डिजिटल रुपया', क्या ये लेगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जगह? जानिए सब कुछ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC होगी। RBI इस डिजिटल करेंसी को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपया, या CBDC को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा।
ऐसे में आइए जानते हैं कि CBDC क्या है? सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आम लोगों के लिए यह कितना सुरक्षित और फायदेमंद होगा?
सवाल : डिजिटल करेंसी CBDC को कौन लॉन्च करेगा?
जवाब : RBI, जानिए कैसे होगी इसकी लॉन्चिंग.
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, यानी RBI नए फाइनेंशियल ईयर में CBDC को लॉन्च करेगा। नई करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी।
- RBI की ओर से डिजिटल फॉर्म में जारी CBDC एक लीगल टेंडर होगा। सेंट्रल बैंक से जारी करेंसी की तरह ही CBDC भी होगा, लेकिन इसे नोट की तरह आप अपने जेब में नहीं रख सकेंगे।
- यह करेंसी की तरह ही काम करेगा। साथ ही CBDC को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके अकाउंट में दिखाई देगी।
- RBI की रिपोर्ट में पहले बताया गया था कि CBDC से आप कैश के मुकाबले आसानी से और सुरक्षित तरीके से कहीं पर भी खरीदारी कर सकेंगे।
सवाल : क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी होगी?
जवाब : नहीं, तो फिर कैसी होगी, आइए जानते हैं…
- CBDC क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर होगा।
- इसे RBI जारी करेगा, इसलिए इसमें जोखिम नहीं होगा। इससे देश में आसानी से खरीदारी हो सकेगी।
- ये प्राइवेट वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन से एकदम अलग होगी।
- प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के साथ कई तरह की बाधाएं होती हैं और बिटकॉइन जैसी इन करेंसीज को सभी देशों में मान्यता नहीं मिली है।
- साथ ही प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के किसी सरकार से नहीं जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है।
- प्राइवेट वर्चुअल करेंसी कमोडिटी नहीं हैं। साथ ही इनका कोई आंतरिक मूल्य भी नहीं होता है।
सवाल : क्या बिटकॉइन की ही तरह यह भी जोखिम भरी करेंसी होगी?
जवाब : नहीं, जानिए CBDC कितनी सुरक्षित है।
इन्वेस्टोपीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य आम लोगों को एक लीगल और सुविधाजनक डिजिटल करेंसी मुहैया कराना है, ताकि उन्हें सुरक्षा संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
सरकार की बजट में डिजिटल करेंसी की घोषणा बिटकॉइन और ईथर जैसी अन्य क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी को लेकर मंशा को व्यक्त करती है। RBI कई मौकों पर बिटकॉइन को लेकर चिंता जता चुका है, क्योंकि बिटकॉइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी जैसा खतरा बना रहता है।
ऐसे में इसका इस्तेमाल आतंकवादी संगठन भी कर सकते हैं। इसलिए RBI ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी CBDC लाने की योजना की घोषणा की है।
सवाल : क्या सीबीडीसी अन्य डिजिटल पेमेंट्स से ज्यादा अच्छा है?
जवाब : हां, जानिए कैसे…
मान लीजिए आप एक यूपीआई सिस्टम से अपने बैंक अकाउंट के बजाय CBDC से लेनदेन करते हैं। इसमें कैश को हैंड ओवर करते ही इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं रह जाती। इससे पेमेंट्स सिस्टम से लेनदेन ज्यादा रियल टाइम में और कम लागत में होगा। इससे भारतीय आयातक बिना किसी बिचौलिए के अमेरिकी निर्यातक को रियल क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? टाइम में डिजिटल डॉलर का भुगतान कर सकेंगे।
सवाल : क्या RBI इसे सीधे लॉन्च कर सकेगा?
जवाब : नहीं, जानिए क्या कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी…
आरबीआई भले ही इसे लॉन्च करने को तैयार है। लेकिन यह तब तक नहीं हो सकेगा जबतक कि संसद में क्रिप्टो कानून पारित नहीं हो जाता। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत मौजूदा प्रावधान मुद्रा को भौतिक रूप से ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सिक्का अधिनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में भी संशोधन की आवश्यकता होगी।
सवाल : क्या सीबीडीसी के आने से बैंकों पर असर पड़ेगा?
जवाब : हां, जानिए किस तरह का असर होगा…
सीबीडीसी के आने से बैंक में जमा के लिए लेनदेन की मांग कम होगी। साथ ही सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा। रिस्क फ्री होने के चलते सीबीडीसी बैंक डिपॉजिट को कम करेगा। साथ ही जमा पर सरकारी गारंटी में कटौती करेगा। वहीं यदि बैंक जमा राशि खो देते हैं, तो क्रेडिट बनाने की उनकी क्षमता सीमित हो जाएगी। क्योंकि केंद्रीय बैंक निजी क्षेत्र को लोन प्रदान नहीं कर सकते हैं।
सवाल : क्या अमेरिका, चीन और UK की अपनी डिजिटल करेंसी है
जवाब : नहीं, आइए जानते हैं किन देशों के पास अपनी खुद की डिजिटल करेंसी है।
CBDC किसी भी देश की आधिकारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा। यह पैसों के लेनदेन, आवश्यक सामानों की खरीदारी के पेमेंट्स में भी काम आएगा।
दिसंबर 2021 तक 87 देश (जिनकी वैश्विक GDP में 90% से अधिक की हिस्सेदारी है) CBDC के बारे में रिसर्च कर जानकारी जुटा रहे थे। इनमें से 35 देश मई 2020 में CBDC लाने के प्रोजेक्ट पर विचार कर रहे थे।
इनमें से 9 देश पहले ही CBDC को पूरे तरीके से लॉन्च कर चुके हैं। इनमें बहामास, 7 इस्टर्न कैरिबियन और नाइजीरिया शामिल हैं। कैरिबियन देशों से बाहर नाइजीरिया ने भी हाल में अपनी CBDC ई-नायरा लॉन्च की है। हालांकि, 4 सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों (अमेरिका, यूरोप, जापान और UK) वाले प्रमुख देश अपनी CBDC लॉन्च करने में सबसे पीछे हैं।
चीन और दक्षिण कोरिया सहित 14 देश ऐसे हैं जो अब अपने CBDC के साथ प्रायोगिक चरण में हैं और जल्द ही इसे लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल : क्या डिजिटल करेंसी आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी?
जवाब : हां, जानिए कैसे।
डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। जैसे UAE में एक वर्कर को सैलरी का 50% हिस्सा डिजिटल मनी के रूप में मिलता है। इससे ये लोग अन्य देशों में मौजूद अपने रिश्तेदारों को आसानी से और बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकते हैं।
वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर 7% से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि डिजिटल करेंसी के आने से इसमें 2% तक की कमी आएगी। इससे लो इनकम वाले देशों को हर साल 16 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा पैसे मिलेंगे।
What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
पिछली पोस्ट में हमनें आपको बताया था कि Bitwalking एप्प के जरिये आप केवल पैदल चलकर डिजिटल करेंसी कमा सकते हैं और उसे मनचाहे खर्च भी कर सकते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि ये डिजिटल करेंसी क्या होती है अगर नहीं तो जानिये ये भविष्य की मुद्रा है - What is Digital Currency (Bitcoin) in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी बिटकॉइन
What is Digital Currency in Hindi - क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा
इसके कई नाम हैं ई-मुद्रा भी कह सकते हैं। यानि यह आपके नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है सीधे अापके जेब में नहीं आती है इसलिये इसे डिजिटल करेंसी, क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते हैं, यह 2009 में लॉन्च हुई थी। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये इसे क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) भी कहा जाता है। दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) है। इसको जमा करना माइनिंग (Mining) कहलाता है। क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करेंसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो, रूपया आदि।
What is Bitcoin in Hindi - बिटकॉइन क्या है
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा यानि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) है, आप केवल ऑनलाइन खरीददारी (Online Shopping) और लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे माइनिंग (Mining) द्वारा कमाया जाता है और इसे स्टोर करने के लिये बिटकॉइन वॉलेट (Bitcoin Wallet) की आवश्यकता होती है, इसे सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने बनाया था। आज 1 Bitcoin लगभग क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? 427 अमेरिकी डॉलर (US Dollar) यानि लगभग 28000 भारतीय रुपया(Indian Rupee) के बराबर है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि वर्ष 2014 में 1 Bitcoin की कीमत 1000 अमेरिकी डॉलर से भी ऊपर चली गयी थी। बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है।
What is Cryptography in Hindi - क्रिप्टोग्राफी क्या है
क्रिप्टोग्राफी एक प्रकार का कूट-लेखन (encode) है यानि जिसमें भेजे गये संदेश या बिटकॉइन या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलना होता है, जिससे उसे भेजने वाला या रिसिव करने वाला ही पढ जायें या खोल पायें, उदाहरण के लिये आपमें से जो लोग स्टेनोग्राफी (stenography) का एग्जाम (exam) की तैयारी कर रहे होगें उन्होंने शॉर्टहैंड (Shorthand) जरूर सीखा होगा, इसमें भी एेसा ही होता है कि आप शब्दों को अपने हिसाब से संकेतों में बदल देते हैं, जिससे या तो आप ही उसे पढ पाते हैं या दूसरा कोई व्यक्ति जो शॉर्टहैंड जानता हो, कुछ इसी तरह होती है क्रिप्टोग्राफी, इसमें भी बिटकॉइन के भुगतान हेतु कूट-लेखन द्वारा सुरक्षित किया जाता है।
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क्रिप्टो करेंसी क्या है
प्रत्येक देश की अपनी एक करेंसी अर्थात मुद्रा होती हैं और उसका एक निश्चित नाम भी होता है, जैसे कि भारत में रूपया, अमेरिका में डालर, अरब का रियाल आदि | किसी भी देश की करेंसी के माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है |
इन सभी करेंसी को आप देख सकते है, अपनें पास एकत्र कर सकते है परन्तु आज की इस डिजिटल दुनिया में एक नई तरह की करेंसी आ गयी है, जिसे न ही हम देख सकते है और ना ही हम छू सकते है, क्योंकि यह डिजिटल फॉर्म में होती हैं | इस डिजिटल करेंसी का नाम क्रिप्टोकरेंसी है | क्रिप्टो करेंसी क्या है, क्रिप्टो करेंसी के प्रकार व नाम के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकारी विधिवत रूप से दे रहे है |
क्रिप्टो करेंसी का क्या मतलब होता है ?
Table of Contents
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है | यह एक ऐसी मुद्रा है, जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है | इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है अर्थात यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी द्वारा आप किसी भी तरह की वस्तु या सेवाएं खरीद या बेच सकते हैं।
क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत सबसे पहले जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर नें वर्ष 2009 में की थी और पहली क्रिप्टो करेंसी का नाम बिटकॉइन है | हालाँकि शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली परन्तु कुछ समय बाद यह काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत आसमान छूने लगी और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी |
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार (Types Of Crypto Currency)
वर्तमान समय में लगभग 1 हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उपलब्ध हैं, परन्तु इनमें से कुछ क्रिप्टो करेंसी ऐसी है, जिनका उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है, इनके नाम इस प्रकार है-
बिटकाइन (Bitcoin)
बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है, मुख्य रूप से इसका उपयोग बड़े-बड़े सौदो में किया जाता है|
सिया कॉइन (Sia Coin)
सिया कॉइन को एससी के नाम से भी जाना जाता है, ग्रोथ करने के मामले में बिटकॉइन के बाद सियाकॉइन का नंबर आता है |
लाइटकॉइन (Lite Coin)
लाइटकॉइन का अविष्कार वर्ष 2011 में चार्ल्स ली द्वारा किया गया था, यह क्रिप्टोकरेंसी भी बिटकॉइन की तरह ही हैं, जोकि डीसेंट्रलाइज्ड भी हैं और साथ ही पीर टू पीर टेक्नोलॉजी के तहत कार्य करती हैं |
डैश (Dash)
यह दो शब्दों डिजिटल और कैश को मिलकर बनाया गया है | इस क्रिप्टोकरेंसी को बिटकॉइन की तुलना में अधिक विशेषताओं के साथ शुरू किया गया है | अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपेक्षा इसमें सुरक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है | इसमें एक विशेष प्रकार की एल्गोरिथम और टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाता है |
रेड कॉइन (Red Coin)
रेड कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जिसका उपयोग विशेष अवसरों पर लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)
एसवाईएस कॉइन एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं, जो अन्य क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा बहुत ही तेज गति से कार्य करती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग पैसों के लेनदेन में जैसे संपत्ति को खरीदने या बेचने आदि में किया जाता है | एसवाईएस कॉइन, बिटकॉइन का एक भाग है जो डीप वेब में कार्य करता है।
ईथर और ईथरम (Ether Or Etherm)
इस करेंसी का प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है | यह प्रकार का टोकन होता है, जिसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेन-देन के लिए किया जाता है |
मोनेरो (Monero)
मोनेरो एक अलग तरह की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसमें एक विशेष प्रकार की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसे रिंग सिग्नेचर का नाम दिया गया है | इसका सबसे अधिक प्रयोग डार्क वेब और ब्लॉक मार्केट में किया जाता है | इस करेंसी की सहायता से स्मगलिंग, ब्लैक मार्केटिंग आदि की जाती है |
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): भारत की डिजिटल करेंसी की लॉन्च की तारीख, फायदे और नुकसान
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सबकुछ जो आपको पता होना चाहिए!
- Date : 02/05/2022
- Read: 4 mins Rating : -->
- Read in English: Central Bank Digital Currency (CBDC): All you need to know!
हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2022-2023 में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च की। CBDC को डिजिटल करेंसी के रूप में जाना जाता है, जिसने अपनी घोषणा के बाद से ही राउंड किया है। तो आइए डिजिटल करेंसी और इसे आवश्यक बना देने वाली हर चीज को गहराई में से समझते हैं।
आइए आरबीआई डिजिटल रूपी के बारे में जानते हैं
दुनिया भर की सरकारें इस नई तकनीक के साथ प्रयोग कर रही हैं और आंशिक रूप से ब्लॉकचेन और बिटकॉइन तकनीक के कारण कैशलेस सोसाइटी का निर्माण करने में सक्षम हो रही हैं।
आरबीआई के अनुसार, डिजिटल रुपी या सीबीडीसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे सेंट्रल बैंक ने जारी किया है। आसान शब्दों में, यह भारतीय रूपी का एक डिजिटल रूप है। जैसे ही डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल शुरू होगा, हम इसे सामान्य रूपी की तरह इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे। डिजिटल वॉलेट, आईएमपीएस और एनईएफटी कुछ डिजिटल रूपी के उदाहरण हैं। डिजिटल रूपी से रिटेल और होलसेल ट्रांज़ैक्शन हो सकता है।
डिजिटल रूपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल रूपी लीगल टेंडर और सेंट्रलाइज़्ड होगा। इसका मतलब है कि डिजिटल रूपी को रेगुलेट किया जाएगा। ब्लॉकचेन, क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन जैसी तकनीकें लीगल टेंडर नहीं हैं और सरकारी प्राधिकरण या बैंकों के पास नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसी को एक वर्चुअल एसेट के रूप में देखा जाता है, न कि लीगल टेंडर के रूप में।
डिजिटल रूपी का क्या महत्व है?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रूपये को लॉन्च करने के पीछे का मुख्य कारण यह है कि दुनिया डिजिटल करेंसी की ओर बढ़ रही है, और भारत बाकी दुनिया से पीछे नहीं रहना चाहता है। डिजिटल रूपी को लॉन्च क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? करने का एक अन्य मुख्य कारण यह था कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आतंकवाद, कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग आदि के लिए किया जा सकता है।
डिजिटल रूपी को शुरू करने से भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा। ऐसी भविष्यवाणी की गई है कि मौजूदा करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम की तुलना में डिजिटल करेंसी बहुत कम खर्चीली और अधिक कुशल होगी।
आरबीआई डिजिटल रुपी कब लॉन्च करेगा?
लॉन्च की तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है। हालांकि, 2022-2023 वित्तीय वर्ष में किसी समय डिजिटल रुपया अपना भव्य प्रवेश करेगा
क्या यह सच है कि भारत सरकार ने डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है?
कम से कम हमारे देश में, बिटकॉइन जैसी तकनीक को अभी भी लीगल टेंडर के रूप में मान्यता नहीं मिली है। डिजिटल रूपी डिजिटल करेंसी की ओर बढ़ने का एक तरीका है। टैक्सेशन उद्देश्यों के लिए, वर्चुअल करेंसी बनाना आवश्यक था। दूसरी ओर, टैक्सेशन को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि डिजिटल करेंसी को अब केवल मान्यता दी जा रही है।
हमारे केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा चल रही है और एक बार जब वह समाप्त हो जाएंगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि लीगल टेंडर क्या है और क्या नहीं है।
सीबीडीसी डिजिटल पेमेंट के क्या फायदे और नुकसान हैं?
1. सीबीडीसी के साथ भुगतान अंतिम होगा। इसका मतलब है कि फाइनेंशल सिस्टम के माध्यम से सेटलमेंट का जोखिम कम हो जाएगा।
2. यह रीयल-टाइम पेमेंट की अनुमति देगा।
3. यह किफायती होगा।
4. एक व्यक्ति दुनिया में कहीं भी किसी भी समय भुगतान कर सकता है। उदाहरण के लिए, भारत में एक व्यक्ति रीयल-टाइम में संयुक्त राज्य अमेरिका को डिजिटल पैसा भेज सकता है।
5. टाइम ज़ोन का अब कोई भी कारक नहीं होगा।
नुकसान
1. अभी तक, फाइनेंशल सिस्टम पर सीबीडीसी के प्रभाव के परिणाम का अनुमान लगाना असंभव है।
2. वित्तीय अपराधों पर लगाम लगाने के लिए, सरकार को बहुत अधिक नियंत्रण और निरीक्षण लागू करना होगा।
3. अपराधी अभी भी मौजूद रहेंगे, लेकिन वे बैंकिंग सिस्टम में फिज़िकल रूप से नहीं बल्कि डिजिटल रूप से ऐसा करेंगे।
4. चोरी की भी संभावना है।
आइए आरबीआई डिजिटल रूपी के बारे में जानते हैं
दुनिया भर की सरकारें इस नई तकनीक के साथ प्रयोग कर रही हैं और आंशिक रूप से ब्लॉकचेन और बिटकॉइन तकनीक के कारण कैशलेस सोसाइटी का निर्माण करने में सक्षम हो रही हैं।
आरबीआई के अनुसार, डिजिटल रुपी या सीबीडीसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे सेंट्रल बैंक ने जारी किया है। आसान शब्दों में, यह भारतीय रूपी का एक डिजिटल रूप है। जैसे ही डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल शुरू होगा, हम इसे सामान्य रूपी की तरह इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे। डिजिटल वॉलेट, आईएमपीएस और एनईएफटी कुछ डिजिटल रूपी के उदाहरण हैं। डिजिटल रूपी से रिटेल और होलसेल ट्रांज़ैक्शन हो सकता है।
डिजिटल रूपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल रूपी लीगल टेंडर और सेंट्रलाइज़्ड होगा। इसका मतलब है कि डिजिटल रूपी को रेगुलेट किया जाएगा। ब्लॉकचेन, क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन जैसी तकनीकें लीगल टेंडर नहीं हैं और सरकारी प्राधिकरण या बैंकों के पास नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसी को एक वर्चुअल एसेट के रूप में देखा जाता है, न कि लीगल टेंडर के रूप में।
डिजिटल रूपी का क्या महत्व है?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रूपये को लॉन्च करने के पीछे का मुख्य कारण यह है कि दुनिया डिजिटल करेंसी की ओर बढ़ रही है, और भारत बाकी दुनिया से पीछे नहीं रहना चाहता है। डिजिटल रूपी को लॉन्च करने का एक अन्य मुख्य कारण यह था कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आतंकवाद, कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग आदि के लिए किया जा सकता है।
डिजिटल रूपी को शुरू करने से भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा। ऐसी भविष्यवाणी की गई है कि मौजूदा करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम की तुलना में डिजिटल करेंसी बहुत कम खर्चीली और अधिक कुशल होगी।
आरबीआई डिजिटल रुपी कब लॉन्च करेगा?
लॉन्च की तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है। हालांकि, 2022-2023 वित्तीय वर्ष में किसी समय डिजिटल रुपया अपना भव्य प्रवेश करेगा
क्या यह सच है कि भारत सरकार ने डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है?
कम से कम हमारे देश में, बिटकॉइन जैसी तकनीक को अभी भी लीगल टेंडर के रूप में मान्यता नहीं मिली है। डिजिटल रूपी डिजिटल करेंसी की ओर बढ़ने का एक तरीका है। टैक्सेशन उद्देश्यों के लिए, वर्चुअल करेंसी बनाना आवश्यक था। दूसरी ओर, टैक्सेशन को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि डिजिटल करेंसी को अब केवल मान्यता दी जा रही है।
हमारे केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा चल रही है और एक बार जब वह समाप्त हो जाएंगी, तो यह स्पष्ट हो जाएगा क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी क्या है? कि लीगल टेंडर क्या है और क्या नहीं है।
सीबीडीसी डिजिटल पेमेंट के क्या फायदे और नुकसान हैं?
1. सीबीडीसी के साथ भुगतान अंतिम होगा। इसका मतलब है कि फाइनेंशल सिस्टम के माध्यम से सेटलमेंट का जोखिम कम हो जाएगा।
2. यह रीयल-टाइम पेमेंट की अनुमति देगा।
3. यह किफायती होगा।
4. एक व्यक्ति दुनिया में कहीं भी किसी भी समय भुगतान कर सकता है। उदाहरण के लिए, भारत में एक व्यक्ति रीयल-टाइम में संयुक्त राज्य अमेरिका को डिजिटल पैसा भेज सकता है।
5. टाइम ज़ोन का अब कोई भी कारक नहीं होगा।
नुकसान
1. अभी तक, फाइनेंशल सिस्टम पर सीबीडीसी के प्रभाव के परिणाम का अनुमान लगाना असंभव है।
2. वित्तीय अपराधों पर लगाम लगाने के लिए, सरकार को बहुत अधिक नियंत्रण और निरीक्षण लागू करना होगा।
3. अपराधी अभी भी मौजूद रहेंगे, लेकिन वे बैंकिंग सिस्टम में फिज़िकल रूप से नहीं बल्कि डिजिटल रूप से ऐसा करेंगे।
4. चोरी की भी संभावना है।